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ताजमहल में डांस और रोमांस के वीडियो बना रहे सैलानी, इंतजामिया कमेटी ने की ये मांग

ताजमहल मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने माल रोड स्थित एएसआई के कार्यालय में जाकर पुरातत्व अधीक्षक राज कुमार पटेल से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन और वीडियो की सीडी सौंपी.

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ताजमहल में डांस और रोमांस के वीडियो बना रहे सैलानी
ताजमहल में डांस और रोमांस के वीडियो बना रहे सैलानी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूरी दुनिया में ताजमहल से होती है आगरा की पहचान
  • प्रतिनिधि मंडल ने ASI के अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन
  • वीडियोग्राफी प्रतिबन्धित क्षेत्र है ताजमहल की मुख्य इमारत

देश में पर्यटन की राजधानी आगरा की पहचान पूरी दुनिया में ताजमहल से होती है और कई बार इसे लेकर कुछ विवाद भी सामने आते रहते हैं. लेकिन इस बार ताजमहल मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने एएसआई के अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर ताजमहल की मुख्य इमारत पर डांस और रोमांस के वीडियो बनाए जाने पर रोक लगाने की मांग की है.

दरअसल, इस तरह के वीडियो ताजमहल परिसर के वीडियोग्राफी प्रतिबन्धित क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं. जिसे लेकर यह ज्ञापन सौंपा गया है. बता दें कि कुछ दिन पहले एमपी के एक मंदिर में लड़की के डांस वीडियो बनाए जाने को लेकर भी बवाल हो गया था. जबकि पिछले साल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था. 

ताजमहल मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने माल रोड स्थित एएसआई के कार्यालय में जाकर पुरातत्व अधीक्षक राज कुमार पटेल से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन और वीडियो की सीडी सौंपी. सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि ताजमहल की मुख्य इमारत यानी मकबरे और मस्जिद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. और वह ताजमहल परिसर का वीडियोग्राफी प्रतिबन्धित क्षेत्र है. जहां पर्यटकों को भी अपने मोबाइल बंद रखने का आदेश है. लेकिन ताजमहल परिसर के उसी हिस्से में स्थित मस्जिद और शाहजहां मुमताज के मकबरे पर टिक-टॉक जैसे शॉर्ट वीडियोज बनाए जा रहे हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है.

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जैदी ने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल पर फिल्मी नाच-गानों के वीडियो नहीं बनाये जा सकते. ताजमहल परिसर में कब्र वाला एरिया और मस्जिद एक पवित्र धार्मिक स्थल है. जहां पर नमाज भी होती है. ताजमहल परिसर में ऐसे वीडियोज के बनाये जाने और उन्हें वायरल किये जाने से मुस्लिम समाज में भी रोष व्याप्त है.

ताजमहल परिसर में एएसआई द्वारा मुख्य द्वार के प्लेटफार्म से ही वीडियोग्राफी करने की स्वीकृति प्रदत्त की गई है. वीडियो प्लेटफार्म के आगे वीडियोग्राफी और मोबाइल फोन पूर्णतः प्रतिबन्धित हैं. इस आदेश को एएसआई ने वीडियो प्लेटफार्म पर एक शिला पर सूचना के तौर पर अंकित भी किया हुआ है. जिस पर साफ लिखा है कि ‘‘विडियोग्राफी और फिल्म की अनुमति यहीं तक है. यही नहीं पर्यटकों को दिए जाने वाले निर्देश प्रपत्र पर भी साफ-साफ उल्लेख है कि ताजमहल परिसर में अपना मोबाइल बन्द रखें.

एएसआई अधीक्षक को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि ताजमहल की सुरक्षा इतनी सख्त है कि कोई परिन्दा भी कहीं से पर न मार सके, कर्मचारी इतने मुस्तैद है कि कोई भी गलत कार्य न होने पाए. इसके बावजूद भी ऐसा होना सवाल तो पैदा करता ही है. क्योंकि सरकार ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था, रख-रखाव और नियमों के पालन हेतु करोड़ों रुपया खर्च करती है. इसके बाबजूद सुरक्षा व्यवस्था तोड़कर वीडियोग्राफी प्रतिबन्धित क्षेत्र में नाच-गाने, किसिंग आदि के विडियो शूट कर वायरल करना निंदनीय है.

ज्ञापन में इस कृत्य को बंद कराने की मांग की गई. प्रतिनिधि मंडल ने अधीक्षक से इस संबंध में संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करने की मांग की. इब्राहिम जैदी के मुताबिक एएसआई आगरा सर्किल के अधीक्षक ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है. ज्ञापन की प्रतिलिप ताज महल की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के कमांडडेंट, जिलाधिकारी और एसएसपी को भी भेजी गई है. ज्ञापन देने वालों में जैदी के अलावा नईमुद्दीन, रेहान, शादाब, तौसीफ, फैसल जाफरी आदि शामिल थे.

आपको बताते चलें कि पिछले महीने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक मंदिर में लड़की के डांस के वीडियो पर बवाल मच गया था. मंदिर परिसर में एक लड़की फिल्मी गाने पर नाच रही थी. लड़की ने ये वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर डाला था, लेकिन अब हिंदू वादी संगठनों ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया था. शहर के शिवहरी कोतवाली में बजरंग दल की ओर से लड़की के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी.

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सोशल मीडिया में वायरल होने वाले ऐसे शॉर्ट वीडियोज का क्रेज बढ़ते देख फरवरी 2020 में पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में टिक-टॉक जैसे वीडियोज बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

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