इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती ने इस्लाम छोड़ अपनाया हिंदू धर्म
Sukmawati Sukarnoputri इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। सुकर्णो सुकमावती सुकर्णोपुत्री सेंटर बाली में आयोजित सुधी वडानी समारोह में सुकमावती ने हिंदू धर्म स्वीकार किया।
जकार्ता (एएनआई)। इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। सुकर्णो सुकमावती सुकर्णोपुत्री सेंटर बाली में आयोजित सुधी वडानी समारोह में सुकमावती ने हिंदू धर्म स्वीकार किया। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए कई वीडियो में वह धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करती हुई नजर आईं। आयोजन के बाद उन्होंने एक प्रेस कान्फ्रेंस भी की। सोशल मीडिया यूजर इसे दक्षिण पूर्व एशिया में सनातम धर्म का प्रसार बता रहे हैं।
वीडियो में पुजारी को मंत्र पढ़ते और सुकमावती के ऊपर पवित्र जल छिड़कते हुए देखा जा सकता है। उनकी परंपरागत तरीके से आरती भी उतारी गई और अन्य मान्यताओं का पालन भी करवाया गया। सुकमावती हिंदू धर्म की सभी सिद्धांतों और परंपराओं से जानती हैं। बाली में हिंदू धर्म से जुड़े कई मंदिर हैं और दुनियाभर से लोग इसे देखने आते हैं।
उनके धर्मपरिवर्तन की एक खास बात ये भी है कि उनके इस कदम का उनके भाइयों, गुंटूर सोएकर्णोपुत्र और गुरुह सोएकर्णोपुत्र, और बहन मेगावती सोकर्णोपुत्री ने भी समर्थन किया है। इतना ही नहीं, उनके इस कदम का स्वागत उनके बच्चों यानी मुहम्मद पुत्र परवीरा उतामा, प्रिंस हर्यो पौंड्राजरना सुमौत्रा जीवनेगारा और गुस्ती राडेन आयु पुत्री सिनिवती ने भी स्वागत किया है।
हालांकि देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए इस समारोह में आम जनता को शामिल न होने का आग्रह किया गया। हालांकि, हिंदू धर्म अपनाने के इस समारोह के लिए कुछ खास लोगों को निमंत्रण कार्ड भेजा गया है। इसके अलावा इस समारोह में उनके परिवार के और करीबी लोग शामिल होंगे।
इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का आयोजन बाली के बाले अगुंग सिंगराजा बुलेलेंग रेजेंसी के सुकर्णो सेंटर हेरिटेज एरिया में किया गया। बता दें कि सुकमावती सुकर्णपुत्री सुकर्णो की तीसरी बेटी और पूर्व राष्ट्रपति मेघावती सुकर्णपुत्री की छोटी बहन हैं। बता दें कि वर्ष 2018 में इंडोनेशिया के कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों ने उनके खिलाफ ईश निंदा की शिकायत दर्ज कराई थी। संगठनों की तरफ से कहा गया था कि उन्होंने एक कविता पाठ के जरिए इस्लाम का अपमान किया। इन संगठनों की मांग थी कि सुकमावती इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। इसके बाद सुकमावती ने माफी भी मांग ली थी। इसकी जानकारी भी वहां की स्थानीय मीडिया ने ही दी थी। गौरतलब है कि इंडोनेशिया दुनिया में सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है।
सुकमावती के इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने की खबर ने कई लोगों को हैरान कर दिया है। हालांकि, उनके बारे में कहा जाता है कि वो काफी समय से हिंदू धर्म से प्रभावित रही हैं। कई बार उन्होंने हिंदुओं के सार्वजनिक समारोह में भी हिस्सा लिया है। कई बार वो हिंदू धर्म के धार्मिक प्रमुखों के साथ बातचीत करती भी दिखाई दी हैं।