इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला सोमवार को उन कंपनियों के एलीट ग्रुप में शामिल हो गई है, जिनकी मार्केट वैल्यू कम से कम 1 ट्रिलियन डॉलर है। इस उपलब्धि के साथ एलन मस्क ने मार्केट वैल्यू के मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल सोमवार को कंपनी के शेयर में 12 प्रतिशत की उछाल देखने को मिली। इस बढ़त के साथ कंपनी के सीईओ एलन मस्क की नेटवर्थ में 36.2 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है।

बता दें कि जून 2010 के बाद इस कंपनी को यह मुकाम हासिल करने के लिए 11 साल का समय लगा। वहीं फेसबुक ने इसे तेजी से हासिल किया था। लेकिन बीते दो महीनों में फेसबुक के स्टॉक बिकने से इसकी मार्केट वैल्यू 1 ट्रिलियन डॉलर से कम है। ट्रिलियन-डॉलर क्लब के अन्य यूएस-सूचीबद्ध सदस्यों में Apple, Microsoft, Alphabet और Amazon भी शामिल हैं।

मेगाकैप प्रौद्योगिकी के ग्रुप में टेस्ला के अलावा कई मोटर वाहन उद्योग बड़े पैमाने पर परिवर्तन के कगार पर हैं। दरअसल वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के गैस से चलने वाली वाली कारों की जगह लेने की उम्मीद है। इस बदलाव के पीछे टेस्ला कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ एलन मस्क को एक प्रेरक के रूप में देखा जा रहा है।

टेस्ला के शेयरों में आए उछाल के पीछे सोमवार को दो पॉजिटिव खबरों को कारण माना जा रहा है। दरअसल Hertz ने 100,000 टेस्ला कारों को अपने बेड़े में शामिल का ऑर्डर दिया है। इसके साथ ही Morgan Stanley ने टेस्ला के शेयर का टारगेट प्राइस बढ़ाकर 1,200 डॉलर कर दिया है।

इन खबरों का असर यह हुआ कंपनी के शेयरों में तेजी से उछाल देखने को मिला और टेस्ला का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ डॉलर के पार जा पहुंचा। हालांकि यह दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी एप्पल (Apple) के आधे से भी कम है। बता दें कि एप्पल का मार्केट कैप 2.5 लाख करोड़ डॉलर है।

उल्लेखनीय है कि एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कारों को काफी पसंद किया जा रहा है। इसका असर उनके कारोबार पर साफ तौर पर भी देखा जा रहा है। अमेरिकी उद्यमी एलन ने साल 2004 में इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की बुनियाद रखी थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि “आने वाले भविष्य में सब कुछ इलेक्ट्रिक पर आधारित होगा।”

भारत में ऑटो इंडस्ट्री भी पेट्रोल-डीजल से आगे निकलकर इलेक्ट्रिक कारों की तरफ रुख कर रही है। इसका सबसे बड़ा कारण तेल की बढ़ती कीमतें और प्रदूषण माना जा रहा है। भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनाने वाली कई विदेशी कंपनियां भारत आने की तैयारी में हैं। जिसकी शुरुआत टेस्ला ने कर दी है। गौरतलब है कि आधिकारिक रूप से कंपनी ने बेंगलुरु में पंजीकरण किया है। कंपनी का ऑफिस बेंगलुरु क्लब के सामने रिचमंड सर्कल जंक्शन पर स्थित है।