मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक किसानों के मसले पर अक्सर अपने तीखे तेवर और बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ जब देशभर के किसान गोलबंद हुए और धरने पर बैठ गए तब भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी के कयास लगाए जाने। उसी दरम्यान टिकैत का एक भावुक वीडियो वायरल हुआ, जिसने खासकर पश्चिमी यूपी के किसानों को उनके पक्ष में और गोलबंद कर दिया था।

उस दौरान सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जब उन्हें टिकैत की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट के बारे में पता चला तो उन्होंने फोन कर गिरफ्तारी रुकवा दी थी। अब एक इंटरव्यू में मलिक ने कहा है कि उस दरम्यान टिकैत के गांव में भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। महापंचायत होने वाली थी और दंगा भड़क सकता।

‘एक दिन टाल दो गिरफ्तारी’: ‘दैनिक भास्कर’ को दिए इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि आप ने दावा किया था कि आपने टिकैत की गिरफ्तारी रुकवा दी थी, आपने किससे कहकर यह काम किया था? इसके जवाब में मलिक ने कहा, ‘इस बात की गहराई में नहीं जाएं, लेकिन उस गिरफ्तारी से सरकार को नुकसान होता। दंगा भड़क सकता था। मैंने किसी को सुझाव दिया कि टिकैत को आज गिरफ्तार मत करो…।’

खुद की है खेती, जानता हूं दिक्कतें: कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन पर मलिक ने कहा कि मैं दोनों पक्षों (किसान और सरकार) की मदद कर सकता हूं और हमेशा तैयार हूं। इस मामले का हल निकलना ही चाहिए। मैं तो चौधरी चरण सिंह का शिष्य रहा हूं, उनसे राजनीति सीखी है और किसानों की समस्या को जानता हूं। जब मैं छोटा था तभी पिता जी गुजर गए थे, मैंने खुद खेती की है इसलिए तमाम चीजें जानता हूं।

किसानों की बात नहीं मानी तो हो जाएंगे साफ: उधर, सत्यपाल मलिक ने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर सरकार को लगे कि मेरे बोलने से उनको कोई नुकसान हो रहा है तो मुझे इशारा भी कर देंगे तो मैं छोड़ दूंगा, लेकिन अपनी बात नहीं छोडूंगा। राजदीप सरदेसाई से बात करते हुए सत्यपाल मलिक ने दो टूक कहा कि अगर किसानों की बातें नहीं मानी जातीं तो पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सफाया हो जाएगा।

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