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अविरल, श्रेया, तनुज, रश्मि, समीना, रिंकू... ये हैं बाराबंकी की सियासत के नए 'उत्तराधिकारी'

बाराबंकी की सियासत में नई पीढ़ी कदम रखने को बेताब है. जिले की सियासत में एक या दो नेता नहीं कई नेता हैं, जिन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने बच्चों को उतारा है.

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अविरल सिंह गोप, श्रेया वर्मा, तनुज पुनिया और रिंकू सिंह
अविरल सिंह गोप, श्रेया वर्मा, तनुज पुनिया और रिंकू सिंह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बेटों-बेटियों ने संभाली राजनीतिक जिम्मेदारी
  • बाराबंकी की अलग-अलग सीटों पर दावेदारी

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी की सियासत में नई पीढ़ी कदम रखने को बेताब है. पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. बेनी प्रसाद वर्मा की पोती श्रेया वर्मा समाजवादी पार्टी महिला सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनीं तो वहीं यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप के बेटे अविरल भी सियासत के मैदान में अपनी ताल ठोक रहे हैं.

इसके अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया भी चुनावी मैदान में हैं. यही नहीं, पूर्व मंत्री रहे बीजेपी नेता संग्राम सिंह वर्मा की इकलौती बेटी रश्मि सिंह पिंकी भी अपने पिता की इच्छा पर चुनावी मैदान में कूदने की तैयारी में हैं. जिले की सियासत में एक या दो नेता नहीं कई नेता हैं, जिन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने बच्चों को उतारा है.

बेनी बाबू की पोती बनीं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष 

बाराबंकी में स्व. बेनी प्रसाद वर्मा को सियासत का पितामह कहा जाता था. कईयों को बेनी वर्मा ने फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया, लेकिन जब अपने बेटे राकेश वर्मा को मैदान मे उतारा तो काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ा था. फिर भी राकेश को जिताकर कैबिनेट मंत्री बनवा दिया. अब बेनी बाबू की पोती श्रेया वर्मा सियासत के मैदान में कूद पड़ी हैं.

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सपा की महिला सभा ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है. श्रेया ने 'हर इंडिया' एनजीओ बनाकर महिलाओं के विकास, उत्थान, उनकी शिक्षा-दीक्षा समेत कई कार्यों में काम करना शुरू कर दिया है. श्रेया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. दिल्ली में रह कर कई एनजीओ में महिलाओं की शिक्षा के लिए काम किया है.

दिल्ली से लौटकर अब श्रेया वर्मा बाराबंकी में सपा के परचम को बुलंद करने में जुट गई हैं. इस बाबत श्रेया वर्मा का कहना है कि समाजवादी पार्टी से महिलाएं काफी संख्या में जुड़ रही हैं, हमारी टीम मेहनत कर रही है और इसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को होगा और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनेंगे.

पिता-पति के साथ समीना भी सियासी मैदान में

यहीं नही श्रेया वर्मा के साथ बाराबंकी सियासत में एक नया नाम और जुड़ गया समीना खालिद का. समीना पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ सियासत में अपने पति और पिता के साथ बहुत एक्टिव हैं. सपा महिला सभा ने इन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया है. समीना के पिता शहाब खालिद ज़िले के पुराने नेता हैं. कभी बेनी तो कभी गोप के खास रहे हैं. समीना के पति अमीर समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं.

'महिलाओं के हक की लड़ाई के लिए हमेशा आगे रहूंगी, हमारा मकसद सपा की नीतियां बताकर उन्हें जोड़ना है.'

समीना खालिद, राष्ट्रीय महासचिव, सपा महिला सभा

गोप के बेटे अविरल ने भी सियासत में ठोकी ताल 

छात्र राजनीति से मशहूर हुए अरविंद सिंह गोप प्रदेश की सियासत में बड़ा नाम हैं. पहला चुनाव प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह के खिलाफ लड़ा. समाजवादी सरकार में कई बार मंत्री रहे. संघर्ष का जीवन रहा, लेकिन अपनी अलग पहचान बनाते हुए सियासत में आगे बढ़ते रहे. अब इसी सियासती सफर को उनके बेटे अविरल आगे बढ़ाने में लगे है.

अविरल अभी 21 साल के हैं. हरियाणा से ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी से BA. (फिलॉसफी) के अंतिम वर्ष के छात्र हैं. सामाजिक कार्यो में बहुत आगे रहते हैं. रामनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अकेले जाकर राहत सामग्री बांटना भी चर्चा में रहा. अविरल कहते हैं कि मुझे पिताजी को देख कर राजनीति में बचपन से आने का बड़ा शौक था, अभी जनता के बीच जाकर उनकी सेवा करना है. वहीं गोप के भतीजे हर्षित भी सियासत में कदम बढ़ा रहे हैं. 

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पीएल पुनिया के बेटे तनुज भी चुनावी मैदान में 

तनुज पुनिया कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीएल पुनिया के इकलौते बेटे हैं. पिता के सियासती सफर से प्रेरित होकर केमिकल इंजीनियर (B-Tech) करने के बाद राजनीति में आ गए. तनुज यंग हैं, इसलिए जनता को इनसे ज़्यादा उम्मीदें है. इस बार तनुज ज़ैदपुर विधानसभा से फिर टिकट की दावेदारी कर सीट कांग्रेस की झोली में डालने की तैयारी में हैं.

बता दें कि पूर्व आईएएस अधिकारी रहे पीएल पुनिया ने रिटायरमेंट के बाद बाराबंकी से सियासत में कदम रखा. सांसद बने, केंद्र में मंत्री रहे, कम वक्त में देश के बड़े राजनेता बन गए. कांग्रेस ने इनको राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया है.

भाजपा के संग्राम की बेटी रश्मि सिंह पिंकी मैदान में 

भाजपा के कद्दावर नेता और कई बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे संग्राम सिंह वर्मा की बेटी रश्मि सिंह पिंकी भी सियासत के मैदान में हैं. पिंकी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट किया है. बाराबंकी सदर सीट से भाजपा के टिकट की दावेदारी कर रही हैं. रश्मि सिंह कहती हैं कि पिता और चाचा की इच्छा है कि मैं सदर सीट से चुनाव लडूं.

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पूर्व मंत्री राजा राजीव कुमार के बेटे रिंकू सिंह भी मैदान में 

बाराबंकी की दरियाबाद विधानसभा के पूर्व मंत्री राजा राजीव कुमार सिंह 26 साल तक विधायक रहे हैं. अब उनके बेटे रितेश कुमार सिंह उर्फ रिंकू पहली बार सपा से चुनाव मैदान में उतरने की दावेदारी कर रहे हैं. रिंकू एमए की पढ़ाई करने के बाद लगातार क्षेत्र की जनता के साथ हर वक़्त खड़े रहते हैं.

 

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