सऊदी अरब में इमरान ख़ान ने भारत की हार को यूं बताया

सऊदी अरब

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान के न्योते पर रियाद में आयोजित मिडल-ईस्ट ग्रीन इनिशिएटिव (एमजीआई) समिट में शामिल होने गए हैं.

सोमवार को इस समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए इमरान ख़ान ने सऊदी अरब की जमकर तारीफ़ की. लेकिन इन सब से अलग रियाद में ही पाकिस्तान-सऊदी इन्वेस्टमेंट फ़ोरम को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान से प्रधानमंत्री बने इमरान ख़ान रविवार की रात टी-20 वर्ल्ड कप के ग्रुप मैच में भारत पर बड़ी जीत की ख़ुशी छुपा नहीं पाए.

इमरान ख़ान ने इस फ़ोरम को संबोधित करते हुए कहा, ''दुनिया के दो बड़े बाज़ार हमारे पड़ोसी हैं और अफ़ग़ानिस्तान के ज़रिए मध्य एशिया के मार्केट तक भी हमारी पहुँच है.'' इमरान ख़ान दो बड़े बाज़ार के तौर पर चीन और भारत का हवाला दे रहे थे.

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इमरान ख़ान ने कहा, ''चीन के साथ हमारा संबंध बेहतरीन है, लेकिन भारत के साथ भी संबंध सुधारने की ज़रूरत है. पिछली रात क्रिकेट मैच में भारत को पाकिस्तान से बुरी हार मिली है, इसलिए भारत से रिश्ते सुधारने के लिए बात करने का अभी सही वक़्त नहीं है.'' इमरान ख़ान की इस बात पर ख़ूब तालियां बजीं और पीएम ख़ान भी काफ़ी ख़ुश दिख रहे थे.

इमरान ख़ान की यह टिप्पणी पाकिस्तान की भारत के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक जीत के बाद आई है. क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान ने 24 अक्टूबर को भारत को पहली बार हराया था. सात वनडे वर्ल्ड कप और छह टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की यह पहली जीत थी.

इमरान ख़ान ने टी-20 वर्ल्ड कप के ग्रुप मैच में सोमवार को स्कॉटलैंड पर अफ़ग़ानिस्तान की शानदार 130 रनों की जीत की भी बधाई दी है. इमरान ख़ान ने ट्वीट कर कहा है, ''स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ ठोस जीत के लिए अफ़ग़ानिस्तान टीम को बधाई. तमाम मुश्किलों के बावजूद अफ़ग़ानिस्तान के खिलाड़ियों ने बड़ी जीत दर्ज की है.''

अफ़ग़ानिस्तान ने स्कॉटलैंड को 191 रन का लक्ष्य दिया था, लेकिन पूरी टीम 10.2 ओवर में ही महज़ 60 रन बनाकर आउट हो गई.

कश्मीर का मुद्दा

रियाद में बोलते हुए इमरान ख़ान ने कहा कि दोनों देशों के बीच केवल एक मुद्दा है- कश्मीर. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वो इस विवाद को सभ्य पड़ोसियों की तरह सुलझाना चाहते हैं.

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इमरान ख़ान ने कहा, ''यह मानवाधिकार और कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का मामला है. इस अधिकार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 72 साल पहले दिया था.''

इमरान ख़ान ने कहा, ''अगर यह अधिकार दे दिया जाता है तो हमें कोई समस्या नहीं है. इसके बाद दोनों देश सभ्य पड़ोसी की तरह रह सकते हैं. भारत पाकिस्तान के ज़रिए मध्य एशिया के बाज़ार तक अपनी पहुँच बना सकता है.''

इमरान ख़ान ने कहा कि पाकिस्तान का लोकेशन बिज़नेस और निवेश के लिहाज से बहुत ही माकूल है और सऊदी अरब के निवेशक इस मौक़े का फ़ायदा उठा सकते हैं.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने रावी रिवरफ़्रंट अर्बन डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट और सेंट्रल बिज़नेस डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट में सऊदी अरब के निवेशकों को निवेश करने के लिए आमंत्रित किया. इसके अलावा इमरान ख़ान ने सिंधु नदी के पास 300,000 एकड़ उर्वर ज़मीन का भी ज़िक्र किया.

इमरान ख़ान ने कहा कि यहाँ पानी की कमी नहीं है, लेकिन ज़मीन तक पानी पहुँचाने के लिए नहर की ज़रूरत है. पाकिस्तानी पीएम ने कहा, ''नहर में पानी लाने के लिए हमें ऊर्जा की ज़रूरत है और यह पूरा इलाक़ा हरियाली से भर सकता है.''

इमरान ख़ान ने इस प्रोजेक्ट को सऊदी अरब में भविष्य के खाद्य संकट से जोड़ा. पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि इन परियोजनाओं में दोनों देशों के लिए काफ़ी संभावनाएं हैं.

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इमरान ख़ान ने कहा, ''मैं चाहता हूँ कि दोनों देशों के बीच संबंध अगली ऊंचाई पर पहुँचे और इनसे दोनों को फ़ायदा हो. हम अगर साथ आते हैं तो दोनों देशों के पारस्परिक हित सधेंगे. सऊदी के साथ हमारा रिश्ता बहुत ख़ास है. एक कारण यह है कि यहाँ दो पवित्र मस्जिदें हैं और इसलिए यह संबंध और गहरा है. दूसरा कारण यह है कि पाकिस्तान जब भी मुश्किल में फँसा है, सऊदी हमेशा खड़ा रहा. यह मानवीय प्रवृत्ति है कि जो दुख में खड़ा होता है, उसके लिए इंसान कुछ भी करने को तैयार रहता है.''

पाकिस्तानी पीएम ने कहा, ''सऊदी अरब पर जब भी कोई सुरक्षा का ख़तरा आएगा तो पाकिस्तान हर हाल में खड़ा रहेगा. मुझे नहीं पता कि बाक़ी दुनिया क्या करेगी, लेकिन पाकिस्तान तैयार रहेगा.''

इमरान ख़ान ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भी तारीफ़ की.

इमरान ख़ान ने कहा, ''मैं पिछले 30 सालों से सऊदी अरब आ रहा हूँ और मैंने क्राउन प्रिंस के नेतृत्व में सऊदी के बदलाव को महसूस किया है. मैं अंतर देख रहा हूँ. क्राउन प्रिंस में बदलाव लाने का जज़्बा है.''

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सऊदी की चिंता

अगले महीने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में वैश्विक जलवायु परिवर्तन पर समिट होने वाला है. खाड़ी के तेल उत्पादक देशों की चिंता है कि कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कहीं जीवाश्म ईंधन को लेकर कोई प्रस्ताव पास न कर दिया जाए.

सऊदी समेत खाड़ी के देशों की अर्थव्यवस्था जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को रोकने की बात हो रही है. इसी बीच सऊदी अरब ने 2060 तक ज़ीरो-नेट एमिशन का लक्ष्य रखा है.

पिछले हफ़्ते शनिवार को सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी ग्रीन इनिशिएटिव (एसजीआई) के प्रमुख के तौर पर एक पर्यावरण सम्मेलन में इसकी घोषणा की. खाड़ी के देशों में एकता बनाने के लिए ही क्राउन प्रिंस ने मध्य-पूर्व ग्रीन इनिशिएटिव का आयोजन किया है और इमरान ख़ान को भी न्योता दिया है.

क्राउन प्रिंस ने कहा कि सऊदी अरब हर साल 27 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए 186.63 अरब डॉलर के निवेश की ज़रूरत होगी.

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क्राउन प्रिंस ने कहा कि एसजीआई के तहत पहले चरण में साल 2030 तक हर साल कार्बन उत्सर्जन में 278 मेगा टन की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है. इस साल की शुरुआत के एसजीआई समिट में जो लक्ष्य रखा गया था, उसका यह दोगुना से भी ज़्यादा है.

इसके अलावा, सऊदी अरब 'वैश्विक मीथेन संकल्प' में भी शामिल होगा और साल 2030 तक वैश्विक मीथेन उत्सर्जन में 30 फ़ीसदी तक की कमी लाएगा. सऊदी अरब ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में अगले महीने होने वाले वैश्विक जलवायु सम्मेलन से पहले ये घोषणा की है.

ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन और वातावरण से ग्रीनहाउस गैस कम करने के बीच के संतुलन को नेट ज़ीरो इमिशन कहते हैं. इसका मतलब, ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन का पैमाना सेट करना है.

(कॉपी - रजनीश कुमार)

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