'आर्यन खान मामले में ऐसी कोई चीज नहीं कि बेल से इनकार किया जा सके' : NDTV से मशहूर वकील प्रशांत भूषण

प्रशांत भूषण ने कहा, 'पुलिस बार बार कहती है हमे कस्‍टोडियल इंटरोगेशन करना है, कस्‍टोडियल इंटरोगेशन की  हमारे संविधान में अनुमति ही नहीं है.

नई दिल्‍ली :

Cruise Drugs case:'आर्यन खान (Aryan Khan)  से जुड़े क्रूज शिप ड्रग्‍स मामले (Cruise Drugs case) में कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसके आधार पर उसको बेल मना की जा सके. बेल (जमानत) से इनकार करने के तीन आधार होते हैं. पहला ये कि उसको बेल दे दी गई तो वो भाग जाएगा फिर ट्रायल फेस करने के लिए नहीं आएगा तो अभी तो मामले में इन्‍वेस्‍टीगेशन ही चल रहा है. दूसरा ये कि अगर उसको बेल दे दी गई तो वो गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ करेगा और तीसरा यह कि उसने कोई बहुत संगीन अपराध किया है अगर बेल दे दी गई तो ये अपराध फिर से करेगा. आर्यन ख़ान के केस में इन तीनों में से कोई एसी चीज़ नहीं थी जिसके आधार पर ये कहा जाए कि अगर बेल दे दी गई तो भाग जाएगा, ट्रायल के लिए ही नहीं आएगा अगर  इसको चार्जशीट किया गया या  इन्वेस्‍टीगेशन में सहयोग नहीं करेगा. दूसरी बात यह कि सबूत तो सारे उसकी चैट में हैं. चैट वाले  सबूत तो पुलिस के पास मौजूद हैं तो वह सबूतों से क्या छेड़छाड़ करेगा.' यह बात मशहूर वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने NDTV से विशेष बातचीत में कही. 

प्रशांत भूषण ने कहा, ' 'तीसरा ये कि बहुत संगीन अपराध ...इस मामले में तो अपराध ऐसा है कि अगर  मान लो साबित हो भी जाता है तब भी एक साल की सज़ा ही हो सकती है. इसमे तो पोजेशन है भी नहीं लेकिन अगर पोजेशन होता भी 14 ग्राम चरस या गांजे का तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा एक साल की सज़ा हो सकती है. ऐसे में बेल से इनकार करने का कोई आधार नहीं बनता.'उन्‍होंने कहा, 'अब अगर प्रोसिक्यूशन या अभियोजन पक्ष कुछ भी कहानी बना दे  कि ये ट्रेफिकिंग में शामिल था तो इसका कोई भी सबूत नहीं है. अगर प्रोसिक्यूशन कुछ भी ऐसा कह दे फिर भी कोर्ट के लिए ये मानना बहुत संगीन अपराध है अगर बेल दे दी गई तो ये अपराध फिर से करेगा, ये मेरी राय में बिलकुल गलत होगा.' प्रशांत भूषण ने कहा कि पर्सनल लिर्बटी को हमारे संविधान में बहुत अहम माना गया है और न्यायपालिका ने भी इस बारे में कई बार बोला है.

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उन्‍होंने कहा, 'पुलिस बार बार कहती है हमे कस्‍टोडियल इंटरोगेशन करना है, कस्‍टोडियल इंटरोगेशन की  हमारे संविधान में अनुमति ही नहीं है. जो अपराधी था, वो एनसीबी में क्या कर रहा था? उसके साथ क्या सांठगांठ थी, पता नहीं.  ये संगीन अपराध हैं. एनसीबी का विटनेस ये बात कह रहा है, इस पर तुरंत जांच होनी चाहिए. वसाबी तो भाग ही गया. बगैर रीढ़ की हड्डी के लोग हो गए हैं. प्रशांत ने कहा, 'जैसे शाहरुख को टारगेट किया वैसे ही उन्हें भी डर है कि टारगेट किया जाएगा. जो भी खुलकर बोलेगा उसे टारगेट किया जा रहा है.लोगों की रीढ़ की हड्डी खत्म हो गई है.' आर्यन खान क्रूज ड्रग्‍स मामले में प्रशांत भूषण ने कहा, ' मुझे उम्मीद है कि हाईकोर्ट से बेल मिलेगी. '