बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का केस अभी भी विवादों में हैं। इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें आर्यन खान एक ऑफिस में बैठे दिखाई दे रहे हैं।

इस वीडियो के कैप्शन में राउत ने लिखा कि NCB ने गवाह से सादे कागज पर दस्तखत करवाए, ये हैरान करने वाला है। इसके अलावा रिपोर्ट्स ये भी हैं कि इस मामले में बड़ी रकम की मांग की गई। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ये महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश है। इसमें ये भी कहा गया है कि पुलिस को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।

इस मामले में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि सत्य ही जीतेगा ..सत्यमेव जयते। मलिक बीते कई दिनों से NCB अधिकारी समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाते आ रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले आर्यन खान से जुड़े ड्रग्स मामले में एक ट्विस्ट आ गया था। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी एनसीबी की तरफ से गवाह बनाए गए एक शख्स ने दावा किया था कि उन्होंने जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को 8 करोड़ रुपए देने की बात सुनी है। हालांकि जांच एजेंसी एनसीबी ने गवाह के आरोपों से इनकार किया था।

न्यूज चैनल एनडीटीवी के अनुसार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तरफ से गवाह बनाए गए प्रभाकर सेल ने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े और दूसरे गवाह केपी गोसावी के खिलाफ मिलीभगत और पैसों के सौदे का दावा किया है।

प्रभाकर सेल ने अपने हलफनामे में कहा है कि वह केपी गोसावी का अंगरक्षक है। उसने केपी गोसावी और सैम डिसूजा नाम के शख्स के बीच 18 करोड़ के डील की बात सुनी है। जिसमें से 8 करोड़ एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को दिए जाने थे। साथ ही उसने हलफनामे में यह भी कहा कि उसने केपी गोसावी से कैश लिया था और जाकर सैम डिसूजा को दिया था।

इसके अलावा प्रभाकर सेल ने यह भी दावा किया कि एनसीबी की छापेमारी के बाद उसने शाहरुख़ की मैनेजर पूजा ददलानी, केपी गोसावी और सैम डिसूजा को एक नीले रंग की मर्सिडीज कार में एक साथ बैठे देखा था। जिसके बाद गोसावी ने उसे गवाह बनने के लिए कहा और एनसीबी ने उससे सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए।

हालांकि एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने गवाह के दावों को खारिज करते हुए कहा कि वह इसका करारा जवाब देंगे। वहीं एजेंसी के सूत्रों ने भी इस दावे को निराधार बताते हुए कहा कि अगर पैसे का लेनदेन हुआ होता तो कोई जेल में क्यों होता। साथ ही सूत्र ने यह भी कहा कि यह दावा सिर्फ एजेंसी की छवि को ख़राब करने के लिए किया गया है। हालांकि खुलासा करने वाला गवाह प्रभाकर सेल ने कहा है कि उसे अपनी जान का खतरा है। इसलिए उसने हलफनामा दायर किया है।