बहुत कम लोगों को पता होगा कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह अनुभवी राजनेता के साथ-साथ ज्योतिषी और शतरंज के अच्छे खिलाड़ी भी हैं। खास यह है कि वह राजनीति की पिच पर अब तक 42 से ज्यादा बार (छोटे-बड़े सब मिलाकर) उतर (चुनाव लड़ना) चुके हैं, लेकिन एक बार भी उन्हें मात नहीं मिली है।

राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ‘अमित शाह और भाजपा की यात्रा’ किताब पर बोलते हुए यह बात सार्वजनिक की थी। तब उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए कहा था, ‘शाह ‘नरेंद्र मोदी के लिए हनुमान’ और ‘राजनीति के चाणक्य’ भी हैं। बम्बई (अब मुंबई) में 22 अक्टूबर 1964 को जन्में अमित शाह की गिनती ऐसे बिरले नेताओं में होती है, जिनके ड्राइंग रूम में चाणक्य की तस्वीर रहती है।

अमित शाह बचपन से ही शतरंज के शौकीन रहे हैं। उन्होंने गुजरात स्टेट चेस एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए यह कोशिश भी की कि बच्चों को शतरंज जरूर सिखाया जाए। अमित शाह शतरंज खेलने के अलावा क्रिकेट के भी शौकीन हैं। यही नहीं, उनकी संगीत में भी गहरी रुचि है।

शतरंज की तरह वह संगठन और प्रबंधन के भी माहिर खिलाड़ी हैं। अमित शाह के लिए मशहूर है कि वह बूथ से चुनाव मैदान तक के प्रबंधन और प्रचार की ऐसी सधी बिसात बिछाते हैं कि मंझे से मंझा राजनीतिक खिलाड़ी भी अक्सर मात खा जाता है।

शाह को राजनीति का माहिर रणनीतिकार माना जाता है। अमित शाह 1989 से लेकर अब तक 42 से ज्यादा छोटे-बड़े चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें से वह कभी कोई चुनाव नहीं हारे। विधानसभा चुनाव की बात करें तो अमित शाह ने पहली बार 1997 में सरखेज से विधानसभा उपचुनाव लड़ा था।

उसके बाद से अमित शाह 2007 तक लगातार चार बार वहां से विधायक चुने गए। साल 2012 में वह नारानपुरा से विधायक चुने गए। साल 2019 में उन्होंने गांधीनगर लोकसभा सीट जीती।

सरखेज की जीत ने अमित शाह को गुजरात में युवा और तेजतर्रार नेता के रूप में स्थापित किया। उस जीत के बाद वह भारतीय जनता पार्टी में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए।

अमित शाह ने 2003 से 2010 तक गुजरात सरकार में गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। हालांकि, उन्हें इस बीच कई सियासी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। अमित शाह के बेटे जय शाह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव हैं।