शाहरुख़ के बेटे आर्यन ख़ान को ज़मानत क्यों नहीं मिल पा रही है?

  • राघवेंद्र राव
  • बीबीसी संवाददाता
आर्यन ख़ान

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बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को एक क्रूज़ पर हुई कथित रेव पार्टी के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.

क़रीब तीन हफ़्ते बीत जाने के बाद भी ये मामला सुर्खियों में छाया हुआ है और इसकी बड़ी वजह यह है कि आर्यन ख़ान को अब तक अदालत से ज़मानत नहीं मिल पाई है.

20 अक्टूबर को मुंबई की एक विशेष अदालत ने आर्यन ख़ान और दो अन्य अभियुक्तों को ज़मानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया.

ज़मानत की याचिका को ठुकराते हुए अदालत ने यह तो माना कि आर्यन ख़ान के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुए लेकिन साथ ही कहा कि चूँकि ख़ान को इस बात कि जानकारी थी कि उनके दोस्त अरबाज़ मर्चेंट के पास प्रतिबंधित पदार्थ थे और चूंकि वो दोनों साथ थे इसलिए इसे 'कॉन्शियस पज़ेशन' (अपनी जानकारी में ड्रग्स रखना) माना जाएगा.

अरबाज़ मर्चेंट से छह ग्राम चरस की बरामदगी हुई थी.

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ज़मानत न देने का फ़ैसला करते हुए अदालत ने उन व्हॉट्सऐप चैट्स का भी ज़िक्र किया जो एनसीबी ने उसके सामने रखी थी.

अदालत ने कहा कि इन व्हाट्सऐप चैट्स से ये पता चलता है कि आर्यन ख़ान अज्ञात लोगों से ड्रग्स के बारे में चैट कर रहे थे और यह भी दिखता है कि इन चैट्स में ड्रग्स की ज़्यादा मात्रा और हार्ड ड्रग्स की बातें हो रही थीं.

इन आधारों पर अदालत ने कहा कि पहली नज़र में ऐसा लगता है कि आर्यन ख़ान प्रतिबंधित नशीले पदार्थों का कारोबार करने वाले व्यक्तियों के संपर्क में थे और नियमित आधार पर मादक पदार्थों से जुड़ी अवैध गतिविधियों में शामिल थे.

इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि ज़मानत पर रहते हुए ख़ान के समान अपराध करने की आशंका नहीं है.

विशेष अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में पहली नज़र में साज़िश के सबूत हैं और मुक़दमे के दौरान इससे गहराई से निपटा जाएगा.

जहाँ एक तरफ़ बचाव पक्ष का कहना था कि इस मामले में आर्यन ख़ान के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं है वहीं अदालत ने कहा कि मामले के सभी अभियुक्त एक ही धागे से जुड़े हुए हैं और ऐसा लगता है कि वे एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं.

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आर्यन ख़ान को तीन अक्टूबर को एनसीबी ने एक ड्रग्स से जुड़े छापे के सिलसिले में गिरफ़्तार किया था.

एनसीबी ने मुंबई के तट पर एक क्रूज़ जहाज पर छापा मारकर आर्यन ख़ान और कई और लोगों को ड्रग्स के इस्तेमाल और साज़िश के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

आर्यन ख़ान और अन्य अभियुक्तों पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8 (सी) के साथ 20 बी (खरीद), 27 (खपत), 28 (अपराध करने का प्रयास), 29 (उकसाना और साज़िश) और 35 (दोषपूर्ण मानसिक स्थिति का अनुमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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मामले से जुड़े बड़े सवाल

इस मामले में ये सवाल बार-बार उठ रहा है कि जब आर्यन ख़ान के पास से ड्रग्स की कोई बरामदगी नहीं हुई और न ही इस बात का कोई सबूत दिया गया है कि वो ड्रग्स इस्तेमाल करते थे तो किस आधार पर उन्हें ज़मानत नहीं दी जा रही है?

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास सिंह कहते हैं कि मीडिया हाइप और एनसीबी के रवैये के की वजह से आर्यन ख़ान को जमानत नहीं मिल रही है.

वे कहते हैं, "ये क़ानून मुख्यतः अभियुक्त के पास के से ड्रग्स की बरामदगी पर आधारित है. सज़ा भी इस बात से निर्धारित होती है कि किसी अभियुक्त से किस मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी की गई है.''

''इस मामले में अभियुक्त आर्यन ख़ान अगर उपभोक्ता होंगे तो उपभोक्ता के लिए यह ज़मानती अपराध है. एक उपभोक्ता के रूप में उनके ख़िलाफ़ मामला इसलिए कमज़ोर है क्योंकि न तो उनके कब्ज़े से ड्रग्स पाए और न ही उनके खू़न के नमूने या हेयर फॉलिकल्स लिए गए."

ये बात चौंकाने वाली है कि एनसीबी आर्यन ख़ान को मेडिकल जाँच के लिए तो ले गया लेकिन उनके ख़ून, पेशाब और हेयर फ़ॉलिकल्स के नमूने नहीं लिए गए.

ड्रग्स से जुड़े मामलों में अभियुक्त के ख़ून और पेशाब के नमूने लेने के साथ साथ हेयर फॉलिकल टेस्ट के ज़रिए बालों के नमूने से नशीली दवाओं के उपयोग या दुरुपयोग के प्रमाण का पता लगाया जाता है.

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इस स्थिति में जानकारों का मानना है कि एनसीबी का पूरा मुक़दमा इस बात पर केंद्रित है कि आर्यन ख़ान ड्रग्स की तस्करी और साज़िश में शामिल थे और इन आरोपों की वजह से अदालत के लिए उन्हें ज़मानत पर रिहा करना आसान नहीं होगा.

वकील आशिमा मंडला कहती हैं कि ऐसा लग रहा है कि अभियोजन पक्ष के मामले में बहुत सारी खामियां हैं.

वे कहती हैं, "अभियुक्तों पर जो धाराएं लगाई गई हैं वो ड्रग्स के कब्ज़े और इस्तेमाल से संबंधित हैं. लेकिन प्रॉसिक्युशन इन आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया है."

वीडियो कैप्शन, शाहरुख़ ख़ान अपने बेटे आर्यन ख़ान से मिलने जेल पहुंचे

मंडला कहती हैं कि पहले एनसीबी ने कहा कि आर्यन ख़ान के पास से ड्रग्स मिले और बाद में उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया.

फिर यह कहा गया कि वे ड्रग्स का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन इसे साबित करने के लिए उनके पास कोई चिकित्सीय प्रमाण नहीं है.

वो कहती हैं, "तो क्या एनसीबी कह रहा है कि वो पेडलर हैं? अगर यह आरोप है तो बरामद किए गए ड्रग्स की मात्रा का इतना कम होना इस बात को साबित करना मुश्किल बनाता है."

उनके अनुसार ज़मानत का फै़सला केवल अदालत के सामने रखे सबूतों के आधार पर किया जाता है न कि मामले के गुण-दोष के आधार पर.

वो यह भी पूछती हैं कि अगर आरोप कॉन्शियस पज़ेशन का है तो उस क्रूज़ पर बाक़ी लोगों पर ये आरोप क्यों नहीं लगाया गया और इसे सिर्फ़ 20 लोगों तक ही सीमित क्यों रखा गया.

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क्या पूरा मामला व्हॉट्सऐप चैट पर आधारित है?

जानकारों की मानें तो अभी तक इस मामले में जो बातें सामने आई हैं उन्हें देख के ये लगता है कि एनसीबी का इन अभियुक्तों के ख़िलाफ़ मुक़दमा सिर्फ़ व्हॉट्सऐप चैट्स पर आधारित है.

कुछ इसी तरह का घटनाक्रम पिछले साल अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की गिरफ़्तारी के वक़्त भी देखा गया था. कई दिनों चली पूछताछ के बाद एनसीबी ने बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को ड्रग्स से जुड़े एक मामले में पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार भी किया था.

पिछले साल 28 दिन हिरासत में रहने के बाद रिया चक्रवर्ती को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ज़मानत पर रिहा कर दिया था.

आर्यन ख़ान के वकीलों ने भी बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख़ किया है और उनकी ज़मानत याचिका की सुनवाई 26 अक्टूबर को अदालत के सामने रखी जाएगी.

आर्यन ख़ान मामला

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क्या व्हॉट्सऐप चैट्स काफ़ी हैं?

इस मामले में भी अदालत ने आर्यन ख़ान को ज़मानत न देने की वजह के तौर पर उन व्हॉट्सऐप चैट्स का हवाला दिया है, जिनमे कथित तौर पर आर्यन ख़ान अज्ञात लोगों से ड्रग्स के बारे में चैट कर रहे थे.

तो क्या सिर्फ व्हाट्सऐप चैट्स के आधार पर आर्यन ख़ान की ज़मानत नामंज़ूर हो सकती है?

अंग्रेजी अख़बार द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में 15 जुलाई को प्रकाशित एक ख़बर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि व्हॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आदान-प्रदान किए गए संदेशों का कोई प्रमाणिक महत्व नहीं है.

इस ख़बर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सोशल मीडिया पर आजकल कुछ भी बनाया या हटाया जा सकता है और अदालत व्हाट्सऐप संदेशों को कोई महत्व नहीं देती.

आशिमा मंडला कहती हैं कि अगर एनसीबी के पास व्हॉट्सऐप चैट पर आरोपियों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक सबूत हैं तो वो नामों को न बताते हुए चैट्स को सार्वजानिक तौर पर अदालत में पेश कर सकता है और एक स्पष्ट आरोप लगा सकता है.

शाहरुख़ ख़ान

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'मीडिया ट्रायल ज़्यादा, जाँच काम'

वकील विराग गुप्ता कहते हैं कि इस मामले में मुद्दा ये नहीं है कि क़ानून सख़्त है बल्कि ये कि क्या उस क़ानून का इस्तेमाल ठीक से किया जा रहा है.

वो कहते हैं, "इस मामले में ऐसा लगता है कि मीडिया ट्रायल ज़्यादा हो रहा है और एक संगीन अपराध के विभिन्न पहलुओं पर जितनी मुस्तैदी से जांच होनी चाहिए वो नहीं दिख रही है.''

''अगर आर्यन ख़ान अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का हिस्सा हैं तो गिरफ्तार होने के इतने दिन बाद भी उनके सारे ठिकानों पर छापेमारी और बैंक खातों की जांच करनी भी ज़रूरी है, जिसके अभी तक कोई ख़बर नहीं आई है."

गुप्ता के मुताबिक़ चूँकि एनसीबी का आरोप ये है कि आर्यन ख़ान एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के एक बड़े गिरोह का हिस्सा हैं इसलिए इस मामले में ज़मानत मिलना बहुत मुश्किल है.

एनसीबी ज़मानत का विरोध ये कहकर कर रहा है कि अभियुक्त और उसका परिवार प्रभावशाली होने की वजह से सबूतों से छेड़खानी कर सकते हैं.

रिया चक्रवर्ती

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ध्यान खींचने के लिए हाई-प्रोफ़ाइल गिरफ़्तारियाँ?

विराग गुप्ता कहते हैं, "अगर यह दावा सही है तो फिर व्हॉट्सऐप चैट और अभियुक्तों के अपराध मान लेने वाले बयानों के अलावा एनसीबी अन्य सबूत जुटाने के लिए पहल क्यों नहीं कर रही है?''

''सवाल यह है कि आर्यन से जुड़े बैंक खातों को सील करने के साथ घर में छापे मारकर ज़रूरी दस्तावेज़ बरामद क्यों नहीं किए जाते, जिससे इस रैकेट से जुड़े पूरे गिरोह का भंडाफोड़ करके सभी को सजा दिलाई जा सके?

विकास सिंह का मानना है कि एनसीबी हाई-प्रोफ़ाइल गिरफ्तारियां मीडिया का ध्यान खींचने के लिए और कभी-कभी किसी और चीज से ध्यान हटाने के लिए करती हैं.

वो याद दिलाते हैं, "पिछले साल भी एनसीबी ने कई फिल्म स्टार्स को बुलाकर उनसे कई दिनों तक पूछताछ की थी."

विकास सिंह का मानना है कि एनसीबी सिर्फ़ लोगों को परेशान करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहा है.

वो कहते हैं, "एनसीबी का ध्यान उन लोगों के पीछे लगने पर है जो एक तरह से अपराध के शिकार हैं न कि ड्रग्स की आपूर्ति करने वाली बड़ी मछलियों पर."

वीडियो कैप्शन, शाहरुख़ ख़ान के बंगले और अनन्या पांडे के घर पहुंची एनसीबी

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