scorecardresearch
 

तालिबान को लेकर पुतिन ने दिया बड़ा बयान, उठा सकते हैं ये कदम

रूस में अफगानिस्तान के हालातों को लेकर हुई मॉस्को फॉर्मेट बैठक के बाद अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तालिबान को लेकर बड़ा बयान दिया है. पुतिन ने कहा है कि तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाना संभव है. रूस ने साल 2003 में तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित किया था.

Advertisement
X
व्लादिमीर पुतिन, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
व्लादिमीर पुतिन, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान को आतंकी संगठन की लिस्ट से हटा सकते हैं पुतिन
  • साल 2003 में रूस ने तालिबान को घोषित किया था आतंकी संगठन

रूस में अफगानिस्तान के हालात को लेकर हुई मॉस्को फॉर्मेट बैठक के बाद अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तालिबान को लेकर बड़ा बयान दिया है. पुतिन ने कहा है कि रूस तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा सकता है. हालांकि, उन्होंने साथ ही जोर देकर ये भी कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के स्तर पर ऐसा होना चाहिए. 

समाचार एजेंसी तास के मुताबिक, पुतिन ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय वल्दाई डिस्कशन क्लब की बैठक में ये बात कही है. उन्होंने कहा कि 'हम सभी उम्मीद करते हैं कि तालिबान, जो निश्चित तौर पर अफगानिस्तान में स्थिति को नियंत्रित कर रहे हैं, ये सुनिश्चित करेंगे कि वहां हालात सकारात्मक हों. हम तालिबान से जुड़े आम फैसलों के संबंध में एकजुटता बनाए रखेंगे और इन्हें आतंकवादी संगठनों की इस सूची से हटाने के निर्णय पर विचार करेंगे. गौरतलब है कि रूस ने साल 2003 में तालिबान को एक आतंकी संगठन घोषित किया था.

तालिबान के साथ संपर्क में रहेंगे: पुतिन

पुतिन ने आगे कहा कि 'मुझे ऐसा लग रहा है कि 'हम तालिबान को आतंकवाद की सूची से बाहर निकालने के फैसले के करीब हैं. रूस इस दिशा में प्रगति करना चाहता है. लेकिन ये फैसला उसी प्रक्रिया के हिसाब से होना चाहिए जिससे तालिबान को आतंकवादी संगठन की लिस्ट में शामिल किया गया था.'

Advertisement

तालिबान को आतंकी संगठनों की लिस्ट से बाहर करने के बारे में उन्होंने ये भी कहा कि रूस इस फैसले में अकेला नहीं है. उन्होंने कहा कि 'हम तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ सहयोग कर रहे हैं. हमने उन्हें मास्को में आमंत्रित किया और हम अफगानिस्तान में भी उनके साथ संपर्क में रहेंगे.'

एक तरफ जहां पुतिन ने तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाने का संकेत दिया है, दूसरी तरफ, इसी हफ्ते रूस की मेजबानी में हुई मॉस्को फॉर्मेट वार्ता में भी तालिबान की सरकार को अफगानिस्तान की नई हकीकत बताया गया है.

लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉस्को फॉर्मेट वार्ता के बाद जारी किए गए बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान के साथ संबंध में इस देश की नई वास्तविकता को भी ध्यान में रखना होगा और अफगानिस्तान की नई सच्चाई ये है कि इसे तालिबान का प्रशासन चला रहा है.

बता दें कि मॉस्को वार्ता में रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के विशेष प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने मौजूदगी दर्ज कराई थी. साल 2017 से चली आ रही मॉस्को फॉर्मेट वार्ता में अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंता जाहिर की गई थी और अफगानिस्तान को मानवीय तौर पर सपोर्ट करने के लिए भारत समेत कुछ देशों ने हामी भरी है. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता तो नहीं मिली है लेकिन रूस के राष्ट्रपति का ये बयान तालिबान की सरकार को काफी राहत देने वाला है.


 

Advertisement
Advertisement