अमिताभ बच्चन ने यूं तो अपने करियर में कई हिट फिल्मों में काम किया है, लेकिन उनके करियर में ‘ज़ंजीर’ मील का पत्थर साबित हुई थी। इससे पहले भी अमिताभ ने कई फिल्मों में काम किया था। इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था। ज़ंजीर को सलीम खान ने लिखा था। उन्होंने बताया था कि इस फिल्म के कैरेक्टर और स्क्रीनप्ले में जावेद अख्तर का कोई योगदान नहीं था। बल्कि वो तो उस समय पार्टनर भी नहीं थे।

एक पुराने इंटरव्यू में ‘ETC’ को सलीम खान बताते हैं, ‘ज़ंजीर के एंग्री यंग मैन इमेज की अवधारणा पूरी तरह मेरी थी। यहां तक कि जब मैंने इस फिल्म को लिखा था तो जावेद अख्तर मेरे पार्टनर भी नहीं थे। ये फिल्म बिक जाने के बाद जावेद मेरे पार्टनर बने थे। मुझे इस बात पर पूरा विश्वास है कि अगर आप खुद उनसे पूछेंगे तो वो आपको बताएंगे कि इसमें उनका ऐसा कोई योगदान ही नहीं था। लेकिन आज तक लोग इस बात को सोचते हैं कि ये फिल्म सलीम-जावेद की है।’

अमिताभ को मिली थी फिल्म: सलीम खान कहते हैं, ‘अगर अमिताभ बच्चन को याद नहीं है तो मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि उनकी दो सुपरहिट फिल्में मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ थी और इन दोनों फिल्मों को मैंने ही लिखा था। मैंने ही सबसे पहले अमिताभ बच्चन को जूहू होटल में मनमोहन देसाई को मिलवाया था। उस समय मैं फिल्म चाचा भतीजा की स्क्रिप्ट पर चर्चा करने के लिए होटल गया था। प्रकाश मेहरा उस दौरान फिल्म प्यार की कहानी की शूटिंग राजकमल में कर रहे थे। मैंने अमिताभ को फोन कर सेट पर बुलाया था और प्रकाश मेहरा से उन्हें मिलवाया था।’

सलीम खान और जावेद अख्तर ने साल 1982 में अलग होने का फैसला कर लिया था। दोनों की जोड़ी ने एक नहीं बल्कि कई हिट फिल्में हिंदी सिनेमा को दी है। इसमें शोले, डॉन और मिस्टर इंडिया का नाम शामिल है। सलीम खान ने एक किस्सा साझा करते हुए बताया था, ‘एक बार मैं जावेद साहब के साथ बैठा हुआ था तो उन्होंने अचानक कहा कि मैं अलग होना चाहता हूं तो मुझे लगा कि ये कुछ अलग करना चाहते हैं, लेकिन जब उन्होंने कहा कि मैं काम अलग करना चाहता हूं तो मैं हिल गया। मैंने कहा कि आपको पहले बता देना चाहिए था और उस कमरे से निकलकर बाहर आ गया।’