झारखंड धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में सीबीआई ने बुधवार को पहली चार्जशीट दाखिल की है. हालांकि हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान अदालत सुस्त जांच प्रक्रिया पर निराशा जता चुकी है. उसने पिछले महीने यहां तक कहा कि सीबीआई अब तक दो गिरफ्तारियों से आगे नहीं बढ़ सकी है.
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने ऑटोरिक्शा ड्राइवर लखन वर्मा और राहुल वर्मा पर भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या (302), झूठी जानकारी (201) और 34 (कॉमन इंटेंशन) का मामला दर्ज किया है. सीबीआई अभी भी "बड़ी साजिश" की जांच कर रही है.
इन दोनों आरोपियों को सबसे पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने जब अगस्त में जांच अपने हाथ में जांच ली तो उन्हें इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.
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जज आनंद की पत्नी ने हत्या का मामला दर्ज कराया था. बाद में इस मामले को सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया.
सीबीआई ने सीएफएसएल गांधीनगर में नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग के जरिए गहन जांच की है. दोनों पर ऑटोरिक्शा चोरी करने का आरोप लगाया गया था.
कब हुई थी हत्या
28 जुलाई को मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला जज को एक ऑटो रिक्शा ने टक्कर मार दी थी. सीसीटीवी में ऑटोरिक्शा को बाईं ओर घुमाते हुए और जज को मारते हुए दिख रहा है.
पिछले महीने झारखंड हाईकोर्ट में, सीबीआई ने अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट कहा था कि जज को जानबूझकर मारा गया और उनकी जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
सीबीआई ने अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट में बताया कि अब तक जिस दिशा में जांच चल रही है, उसमें कई अहम सुराग मिले हैं. हालांकि, हाईकोर्ट ने गुरुवार को भी नाराजगी जताते हुए कहा कि सीबीआई अब तक दो गिरफ्तारियों से आगे नहीं बढ़ सकी है.