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लाइव रिपोर्टिंग

रिपोर्टर- अभिजीत श्रीवास्तव, पवन सिंह अतुल और वात्सल्य राय

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  1. झारखंडः जज उत्तम आनंद की कथित हत्या मामले में सीबीआई ने दाख़िल किया आरोप-पत्र

    जज उत्तम आनंद

    केंद्रीय जॉंच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड में धनबाद के जज उत्तम आनंद की कथित हत्या के मामले में दो अभियुक्तों के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाख़िल किया है.

    यह जानकारी सीबीआई के अधिकारियों ने दी.

    इस साल 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद को एक ऑटो-रिक्शा ने कुचल दिया था. इससे उनकी मौत हो गई थी. उन्हें कुचलने की यह घटना पास में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हो गई थी.

    सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में दिखता है कि जज उत्तम आनंद धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास की चौड़ी सड़क के किनारे टहल रहे थे. उसी दौरान एक भारी ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मारकर भाग गया.

    समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सीबीआई अधिकारियों ने बताया है कि ऑटो-रिक्शा के चालक लखन वर्मा और उनके साथी राहुल वर्मा के खिलाफ आरोप-पत्र दाख़िल किया गया है. ये दोनों अभियुक्त फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

    इस मामले के काफी चर्चित होने के बाद झारखंड सरकार ने इसकी जॉंच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने मामले की जॉंच के लिए अपने अनुभवी अधिकारी वीके शुक्ल के नेतृत्व में 20 सदस्यों की एक टीम धनबाद भेजी थी. वीके शुक्ल को हाल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सर्वश्रेष्ठ जॉंचकर्ताओं के रूप में सम्मानित किया गया था.

    जज आनंद कई संगीन मामलों की सुनवाई कर रहे थे. इनमें झरिया के रंजय सिंह की हत्या का मामला और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष वैभव सिन्हा के मामले का ट्रायल भी इसी कोर्ट में चल रहा था. इसके अलावा उन्होंने दो अन्य मामलों में तीन लोगों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.

  2. बांग्लादेश हिंसा पर अमेरिका की पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड बोलीं- टूट गया दिल

    तुलसी गबार्ड
    Image caption: तुलसी गबार्ड

    अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में हुई हिंसा की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार से 'हिंदुओं समेत सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों' को सुरक्षा देने की मांग की है.

    तुलसी गबार्ड ने ट्विटर पर करीब 40 सेकेंड का एक वीडियो पोस्ट किया है और बांग्लादेश में हुई हिंसा पर दुख जाहिर किया है.

    तुलसी ने अपने वीडियो संदेश में कहा है, "बांग्लादेश में भगवान के भक्तों के प्रति ऐसी नफ़रत और हिंसा देखकर मेरा दिल टूट गया. "

    बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान कुरान के कथित अपमान की अफवाह पर हिंसा भड़क गई थी. इसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हुई थी.

    नाराज़ भीड़ ने नोआखाली के इस्कॉन मंदिर समेत देश के कई शहरों में मंदिरों को निशाना बनाया था. कई मूर्तियों को तोड़ा गया और घरों में आग लगा दी गई.

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    तुलसी गबार्ड ने हिंसा करने वालों की मानसिकता पर सवाल उठाया और कहा, "ये जिहादी, जो मानते हैं कि मंदिरों और एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जैसे संत पुरुष की मूर्ति को आग लगाने और तोड़ने से गॉड खुश हो जाएंगे, ये दिखाता है कि वो वास्तव में ईश्वर से कितने दूर हैं."

    उन्होंने अपने संदेश में बांग्लादेश की सरकार की 'धर्मनिरपेक्षता के प्रति निष्ठा' को भी निशाने पर लिया

    तुलसी ने कहा, "ये वो वक़्त है जब बांग्लादेश की कथित धर्म निरपेक्ष सरकार हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों समेत देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नफ़रत की जिहादी ताक़तों से सुरक्षा मुहैया कराएं. "

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    तुलसी गबार्ड हिंदू धर्म पर होने वाले हमलों को लेकर मुखर रहती हैं. तुलसी का भारत से कोई नाता नहीं है. उनके माता-पिता भी भारतीय मूल के नहीं हैं.

    लेकिन वो हिंदू धर्म को मानती हैं और उनके नाम अमेरिकी संसद में पहुंचने वाली पहली हिंदू होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. उन्हें अमरीका में रह रहे भारतीय समुदाय का समर्थन भी मिलता रहा है.

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  3. ब्रेकिंग न्यूज़जलवायु परिवर्तन पर शिखर सम्मेलन में नहीं जाएँगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन

    व्लादिमीर पुतिन

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जलवायु परिवर्तन पर ग्लासगो में होने वाले सीओपी-26 सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. यह जानकारी रूस की सरकार (क्रेमलिन) ने बुधवार को दी.

    व्लादिमीर पुतिन के सम्मेलन में भाग न लेने के फ़ैसले का कोई कारण नहीं बताया गया है. हालांकि क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन रूस की एक "अहम" प्राथमिकता है.

    मालूम हो कि सीओपी-26 (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज का 26वां शिखर सम्मेलन) का आयोजन स्कॉटलैंड के सबसे बड़े शहर ग्लासगो में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच होना है.

    रूस का यह फ़ैसला, दुनिया के बढ़ते तापमान को रोकने के लिए एक नए सौदे पर बातचीत करने के प्रयासों के लिए एक झटका माना जा रहा है.

    क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, "दुर्भाग्य से व्लादिमीर पुतिन ग्लासगो के लिए उड़ान नहीं भरेंगे." हालांकि उन्होंने ये कहा कि जलवायु परिवर्तन "हमारी विदेश नीति की सबसे अहम प्राथमिकताओं में से एक है."

    व्लादिमीर पुतिन ने इस आधिकारिक घोषणा पर कोई बयान नहीं दिया है. हालांकि मॉस्को में 13 अक्टूबर को एक अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन में उन्होंने कहीं यात्रा न करने के अपने फ़ैसले की वजह कोरोना को बताया था.

    उन्होंने कहा था, "मुझे अभी भी नहीं मालमू कि सीओपी-26 सम्मेलन में मैं निजी तौर पर भाग लूंगा, पर ये भी तय है कि मैं इसमें भाग लूंगा."

    सीओपी-26

    क्यों महत्वपूर्ण है यह सम्मेलन

    चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भी इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना नहीं है. हालांकि चीन के अधिकारियों ने कथित तौर पर योजनाओं में बदलाव से पूरी तरह इनकार नहीं किया है.

    इससे पहले अक्टूबर में, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के उस बयान की काफी आलोचना हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो इस शिखर सम्मेलन को छोड़ सकते हैं. हालांकि बाद में उन्होंने कहा की कि वो इसमें भाग लेंगे.

    2015 के पेरिस के ऐतिहासिक बातचीत के बाद सीओपी-26 जलवायु परिवर्तन पर सबसे बड़ा सम्मेलन है.

    दुनिया के लगभग 200 देशों से 2030 तक, उत्सर्जन में कटौती करने की अपनी योजना देने को कहा जा रहा है.

    जानकारों की नज़र इस बात पर लगी होगी कि कैसे रूस और दुनिया के अन्य प्रमुख जीवाश्म ईंधन उत्पादक, इस ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने को तैयार हो पाएंगे?

  4. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर माइकल स्लेटर पर घरेलू हिंसा का आरोप, गिरफ़्तार

    माइकल स्लेटर

    ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर माइकल स्लेटर को घरेलू हिंसा के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.

    स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक स्टेलर को बुधवार को उनके सिडनी स्थित घर से गिरफ़्तार किया गया और पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

    ऑस्ट्रेलिया में न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने स्लेटर की गिरफ़्तारी की पुष्टि की और बताया कि कथित घरेलू हिंसा का ये मामला बीते हफ़्ते का है.

    पुलिस ने इस मामले में कोई और जानकारी नहीं दी है. स्लेटर पर अभी कोई अभियोग नहीं लगाया गया. इस मामले में उन्होंने कोई बयान जारी नहीं किया है.

    स्लेटर साल 1993 से 2001 तक ऑस्ट्रेलिया टीम के सदस्य थे. उन्होंने इस दौरान 74 टेस्ट मैच खेले. 51 साल के हो चुके स्लेटर क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद से कमेंट्री करने लगे.

    ऑस्ट्रेलिया के चैनल सेवन ने बीते हफ़्ते आर्थिक दिक्कतों का हवाला देते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं. स्लेटर के तीन बच्चे हैं.

    स्कॉट मॉरिसन

    स्लेटर इस साल मई में भी चर्चा में थे. तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के कोरोना प्रबंधन पर सवाल उठाए थे और कहा था कि पीएम के 'हाथों में ख़ून लगा है.'

    इसके बाद ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भारत से लौट रहे ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों पर दो हफ़्ते की पाबंदी लगा दी थी.

    स्लेटर उस वक़्त आईपीएल में कमेंट्री करने के लिए भारत में ही थे.

  5. बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 20 अक्टूबर 2021, सुनिए फ़ैसल मोहम्मद अली से

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  6. कश्मीर में हुए हालिया हमलों को लेकर क्या बोले ग़ुलाम नबी आज़ाद

    ग़ुलाम नबी आज़ाद

    कांग्रेस नेता और ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में बीते तीन दशक से ज़्यादा वक़्त के दौरान चरमपंथ से जुड़ी घटनाओं में उतार- चढ़ाव देखा गया है.

    उन्होंने कहा कि बीते 30 सालों में चरमपंथियों ने लोगों की जान लेने और चरमपंथी गतिविधियों के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए हैं.

    अक्टूबर के महीने में कश्मीर घाटी में संदिग्ध चरमपंथियों के हमले बढ़े हैं. इन हमलों में कश्मीरी पंडितों, सिखों और बाहर से काम करने घाटी आए लोगों को निशाना बनाया गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव करीब होते हैं तो कश्मीर में हमले बढ़ जाते हैं.

    इसे लेकर पूछे गए सवाल पर जम्मू कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि वो इस मामले का 'राजनीतिकरण नहीं करना चाहते.'

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    ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "मैं इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहता. जम्मू कश्मीर में अलग-अलग दौर रहे हैं. इसके मायने ये नहीं है कि कोई ख़ास नेता या सिस्टम चरमपंथी के समर्थन में रहा हो.".

    उन्होंने कहा, "सुरक्षा बलों को ऐसे एक-दो लोगों को पकड़ना चाहिए जो जानते हों कि चरमपंथी किस तरह काम कर रहे हैं. तभी समाधान मिल सकता है. ये जल्दी होना चाहिए."

    हालिया हमलों के बाद विपक्ष जम्मू कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार पर हमलावर है. बीजेपी और दूसरे दलों के कई नेता आरोप लगा रहे हैं कि हालिया हमलों में पाकिस्तान का हाथ है.

    इसे लेकर ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के साथ मैच को रद्द करने की मांग भी उठ रही है. ये मांग करने वालों बीजेपी के नेता भी शामिल हैं.

  7. तालिबान प्रवक्ता - भारत अफ़ग़ानिस्तान की मानवीय मदद को तैयार

    अब्दुल सलाम हनफ़ी

    रूस बुधवार को मास्को में तालिबान के साथ एक वार्ता की मेजबानी कर रहा है. 'मॉस्को फॉर्मेट' वार्ता नाम से हो रही इस बैठक में चीन, पाकिस्तान समेत 10 देशों के अधिकारी शामिल हो रहे हैं.

    अगस्त में अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता में आने के बाद तालिबान के लिए सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक है.

    तालिबान के प्रवक्ता ज़बिउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि मॉस्को में चल रही 'मॉस्को फ़ोर्मेट' की बैठक में भारत ने अफ़गानिस्तान को मानवीय सहायता देने की हिमायत की है.

    ज़बिउल्लाह ने कहा ट्वीट किया, “मॉस्को में भारत के राजदूत ने मॉस्को फ़ोर्मेट मीटिंग में कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायती चाहिए क्योंकि वो देश मुश्किल वक़्त से गुज़र रहा है.”

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    मॉस्को में यह बैठक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस चेतावनी के बाद हो रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाके पूर्व सोवियत संघ के देशों में अस्थिरता फ़ैलाने के लिए अफ़ग़ानिस्तान में इक्ट्ठा हो रहे हैं.

    रूस ने इस बैठक में साफ़ किया है कि तालिबान को मानवाधिकारों के मसले पर अंतरराष्ट्रीय उम्मीदों पर खरा उतरना होगा.

    मॉस्को फ़ोर्मेट बैठक
    Image caption: मॉस्को फ़ोर्मेट बैठक में तालिबान की डेलिगेशन और दस देशों के प्रतिनिधि मिल रहे हैं.

    रूस के प्रतिनिधि ज़मीर काबुलोव ने कहा है कि तालिबान तभी मान्यता मिलेगी जब वो मानवाधिकारों के मुद्दे पर अंतराराष्ट्रीय समुदाय की आशाओं को पूरा करेंगे.

    बैठक में तालिबान के प्रतिनिधि ने काबुलोव को बताया कि वे सरकार के संचालन और मानवाधिकारों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

    तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उनके प्रति भेदभाव का रवैया ख़त्म कर, अफ़ग़ान लोगों की मदद के लिए एकजुट होने की अपील की है.

    इस मीटिंग में तालिबान ने कहा, “अफ़ग़ानिस्तान की नई सरकार को देश का हर व्यक्ति पसंद नहीं करता, लेकिन हम सरकार को इसकी सज़ा देकर, दरअसल सारे मुल्क को सज़ा दे रहे हैं.”

  8. उत्तर प्रदेश में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी-समाजवादी पार्टी साथ साथ आए

    अनंत झणाणे

    लखनऊ से, बीबीसी हिंदी के लिए

    ओम प्रकाश राजभर

    उत्तर प्रदेश के ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करेगी.

    इस बारे में ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट किया है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि अब की बार, भाजपा साफ़.

    यह समझौता किस रूप में हुआ है और ओम प्रकाश राजभर को सपा कितनी सीटें देंगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आयी है.

    मौजूदा विधानसभा में ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक हैं.

    वे पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ थे. इस बार वे लगातार कहते रहे हैं कि जो भी उनकी मांगें मानेगा वे उनके साथ होंगे. ऐसे में देखना होगा कि समाजवादी पार्टी उन्हें कितनी सीटें ऑफ़र करती हैं.

    हालांकि ओम प्रकाश राजभर के समाजवादी पार्टी होने के कयास सोमवार से ही लगने लगे थे जब उनके विधायकों ने विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को अपना वोट दिया था.

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    सुहेलदेव पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर हमेशा से यह दावा करते आये हैं कि राजभर बिरादरी पूर्वांचल में वो 150 से अधिक सीटों पर प्रभाव रखती है.

    उत्तर प्रदेश के वाराणसी मंडल, देवीपाटन मंडल, गोरखपुर मंडल, आजमगढ़ मंडल की विधानसभा सीटों पर राजभर की पार्टी का चुनाव में असर देखने को मिल सकता है.

    राजभर की पार्टी बंसी, आरख, अर्कवंशी, खरवार, कश्यप, पाल, प्रजापति, बिन्द, बंजारा, बारी, बियार, विश्वकर्मा, नाई और पासवान जैसी उपजातियों में अपनी लोकप्रियता का दावा करती है.

  9. सिंघु बॉर्डर हत्या केस की जांच करेगी एसआईटी: पंजाब पुलिस

    सरबजीत

    पंजाब पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की है.

    पंजाब पुलिस महानिदेशक के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक एसआईटी की अगुवाई ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन के डॉयरेक्टर वरिंदर कुमार करेंगे. दिल्ली- हरियाणा की सीमा सिंघु बॉर्डर पर बीते शुक्रवार को लखबीर सिंह नाम के व्यक्ति का शव एक बैरिकेड से लटका मिला था.

    सरबजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति ने इस मामले की ज़िम्मेदारी लेते हुए आत्मसमर्पण कर दिया था.

    उन्होंने बीबीसी से कहा था, "मुझे इस घटना पर कोई अफसोस नहीं है. जो किया है मैंने किया है और बिलकुल सही किया है."

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    पुलिस ने इस मामले में तीन और लोगों को गिरफ़्तार किया है.

    पंजाब पुलिस के मुताबिक इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी में फिरोजपुर रेंज के डीआईजी इंदरबीर सिंह और तरन तारन के एसएसपी वरिंदर कुमार को भी रखा है.

    लखबीर सिंह तरनतारन के ही रहने वाले थे. वो दलित समुदाय से जुड़े थे. लखबीर का शव जिस जगह पर मिला वहां करीब 10 महीने से किसान तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ धरना दे रहे हैं.

    हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा ने इस घटना से ख़ुद को अलग कर लिया था.

  10. रूस में दस देशों के प्रतिनिधि मिल रहे हैं तालिबान सरकार से, क्या है एजेंडा?

    मास्को में तालिबान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप-प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफ़ी कर रहे हैं
    Image caption: मास्को में तालिबान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप-प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफ़ी कर रहे हैं

    रूस बुधवार को मास्को में तालिबान के साथ एक वार्ता की मेजबानी कर रहा है. 'मॉस्को फॉर्मेट' वार्ता नाम से हो रही इस बैठक में चीन, पाकिस्तान समेत 10 देशों के अधिकारी शामिल हो रहे हैं.

    अगस्त में अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान के लिए सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक है.

    यह बैठक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस चेतावनी के बाद हो रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाके पूर्व सोवियत संघ के देशों में अस्थिरता फ़ैलाने के लिए अफ़ग़ानिस्तान में इक्ट्ठा हो रहे हैं.

    रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस बैठक को संबोधित करेंगे तो मॉस्को में तालिबान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व तालिबान के वरिष्ठ नेता और उप-प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफ़ी कर रहे हैं.

    बीते हफ़्ते ही उन्होंने यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ बातचीत में भी तालिबान का नेतृत्व किया था. फिर राजधानी अंकारा में तुर्की के साथ तालिबान की बातचीत हुई.

    रूस के मुताबिक़ इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के बाद वहाँ पुनर्निर्माण के कार्यों में तेज़ी और मानवीय सहायता के लिए सहयोग बढ़ाना के साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों को मजबूत बनाना है.

    रूस ने यह भी कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में एक 'समावेशी सरकार का गठन' इस बातचीत के एजेंडे में होगा. दरअसल, तालिबान ने समावेशी सरकार बनाने का वादा किया था लेकिन अंतरिम सरकार में उसे नहीं निभाया गया.

    इस वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान भी जारी किए जाने की उम्मीद जताई.

    तालिबान

    तालिबान और रूस के संबंध

    रूस ने तालिबान की तरफ़ बातचीत का हाथ तो बढ़ाया है लेकिन अफ़ग़ानिस्तान पर उसकी हुकूमत को उसने अब तक मान्यता नहीं दी है. साथ ही तालिबान अब तक एक चरमपंथी संगठन के रूप में रूस में प्रतिबंधित है.

    हालांकि बीते कुछ वर्षों के दौरान रूस कई बार तालिबान और उसके प्रतिनिधियों की मेज़बानी कर चुका है. अगस्त में अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद जब अधिकांश पश्चिमी देश अपने राजनयिकों को वहां से हटा रहे थे और तो रूस ने काबुल स्थित अपने दूतावास को खुला रखा.

    लेकिन रूस ने साथ ही इस बात लेकर भी आगाह किया है कि अफ़ग़ानिस्तान में जारी राजनीतिक अस्थिरता का फ़ायदा उठाते हुए वहां सक्रिय चरमपंथी गुटों के सदस्य सरहद पार कर दूसरे देशों में पनाह ले सकते हैं.

    साथ ही तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता में आने के बाद रूस ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास कर चुका है. इन दोनों मुल्कों की सरहद अफ़ग़ानिस्तान से सटी है.

    रूस और तालिबान के बीच रिश्ते में उतार चढ़ाव की मुख्य वजह यह रही है कि मध्य एशिया के देशों को अफ़ग़ान चरमपंथी अतीत में अपना निशाना बनाते रहे हैं. हालांकि तालिबान ने अपनी तरफ़ से ये स्पष्ट किया है कि मध्य एशिया के देशों को उससे कोई ख़तरा नहीं है.

  11. आर्यन ख़ान को नहीं मिली जमानत

    आर्यन ख़ान

    अभिनेता शाहरूख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान की जमानत याचिका ख़ारिज हो गई है. मुंबई की एक कोर्ट में उनकी जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई थी.

    आर्यन ख़ान को क्रूज़ पर हुई कथित ड्रग्स पार्टी के दौरान हिरासत में लिया गया था और बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया. आर्यन पर आरोप हैं कि उन्होंने ड्रग्स ख़रीदे और उनका सेवन किया था.

    केस से जुड़े वकीलों के मुताबिक आर्यन ख़ान की जमानत के लिए अब बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी.

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    जमानत याचिका मुंबई की विशेष एनडीपीएस कोर्ट में दाखिल की गई थी.

    कोर्ट ने अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धमीचा को भी जमानत नहीं दी है. इन सभी को दो-तीन अक्टूबर की रात रेड के दौरान हिरासत में लिया गया और बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया.

    आर्यन ख़ान को मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया है.

    आर्यन ख़ान और शाहरूख ख़ान

    मुंबई की सेशन्स कोर्ट ने इसके पहले आर्यन ख़ान को सात दिन के लिए एनसीबी की रिमांड में भेजा था और उसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया था.

    आर्यन ख़ान की जमानत के लिए विशेष कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.

  12. हरीश रावत- कैप्टन ने अपने भीतर के 'सेक्युलर' अमरिंदर सिंह को मार दिया

    हरीश रावत

    पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था. उन्होंने ये भी कहा था कि अगर किसानों के मुद्दे का हल निकल जाता है तो उनकी नई पार्टी बीजेपी के साथ गठजोड़ कर सकती है.

    नई पार्टी बनाने के ऐलान के बाद कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत समेत पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं ने पूर्व सीएम पर हमला किया है.

    कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने आज दिल्ली में कहा, "दस महीने से किसानों को बॉर्डर पर बिठाए रखने वाली बीजेपी को कौन माफ़ कर सकता है? क्या पंजाब उन्हें माफ़ कर सकता है? उनका बयान हैरान करने वाला है. लगता है कि उन्होंने अपने भीतर मौजूद 'सेक्युलर' अमरिंदर को मार दिया है."

    उधर पंजाब कांग्रेस की ओर से सख़्त टिप्पणियां सामने आ रही हैं.

    पंजाब की कांग्रेस सरकार के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि कैप्टन ने बीजेपी के सीटों के समझौते की बातकर खुद को बर्बाद कर लिया है.

    जीएस रंधावा

    रंधावा ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी का साथ देने की घोषणा करके ख़ुद बर्बाद कर लिया है. क्योंकि वे हमेशा उन्हें बुरा-भला कहते रहे थे. बीजेपी को अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ जांच बिठा कर पता करना चाहिए कि वे 1984 में इस्तीफ़ा देने के बाद कहां गायब रहे थे और उनके पाकिस्तान के साथ कैसे संबंध हैं.

    रंधावा ने कहा कि ये संभव है कि कैप्टन पर कोई दवाब हो क्योंकि उनके और उनके बच्चों पर कई केस दर्ज हैं.

    लेकिन कांग्रेस नेता ने साफ़ किया कि उन्हें अमरिंदर सिंह के पार्टी बनाने के फ़ैसले से कोई डर नहीं है.

    इसके अलावा, पंजाब के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वढिंग ने भी कप्तान पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा के लिए उनका प्यार आखिरकार सामने आ गया है.

    कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा भाजपा से हाथ मिलाकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के बारे में पूछे जाने पर रंधावा ने कहा, ''अगर उन्हें नुकसान पहुंचाना संभव था तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से क्यों हटाया? हम उनके साथ रहे हैं. हम कैप्टन अमरिंदर सिंह को अरसे से जानते हैं."

    पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सत्तारूढ़ कांग्रेस बीते दो महीनों से काफ़ी उथल-पुथल के दौर से गुज़र रही है. सीएम के पद से अमरिंदर सिंह को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया. फिर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया.

  13. लखीमपुर खीरी: यूपी सरकार को SC की फटकार, अगली सुनवाई 26 अक्तूबर को होगी

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में यूपी सरकार को स्टेटस रिपोर्ट देर से दाखिल करने के लिए फटकार लगाई है.

    मामले की सुनवाई की शुरुआत में जब यूपी सरकार के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. तो चीफ़ जस्टिस ने कहा कि कल हमने स्टेटस रिपोर्ट के लिए देर रात तक इंतज़ार किया था.

    चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली वाली तीन जजों की सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने लखीमपुर खीरी मामले की सुनवाई की.

    लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में तीन किसान और एक पत्रकार समेत आठ लोग मारे गए थे. किसान संगठनों का आरोप है कि किसानों को मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा की थार जीप के नीचे रौंद कर मारा गया है.

    आज अदालत में क्या हुआ?

    उत्तर प्रदेश के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि सभी अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और वो सभी जेल में हैं. साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मामले में अब तक कुल 10 अभियुक्त गिरफ़्तार किए गए हैं.

    जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इन सभी लोगों की मौजूदा स्थिति क्या है तो साल्वे ने बताया, "4 शख़्स पुलिस हिरासत में हैं और 10 न्यायिक हिरासत में."

    सुप्रीम कोर्ट ने साल्वे से यह भी सवाल किया कि क्या गवाहों और पीड़ित परिवारों की सुरक्षा की जा रही है या नहीं. इस पर साल्वे ने हां में जवाब दिया.

    सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी की जांच मेें देरी करना बंद करना होगा.

    फिर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 अक्तूबर की तारीख़ तय की है.

    हालांकि, यूपी सरकार की ओर से और डिटेल रिकॉर्ड में लाने के लिए अधिक समय की मांग की गई थी.

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाहों और पीड़ितों के 164 के तहत बयान जल्द से जल्द दर्ज कराए जाएं. साथ ही गवाहों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए.

  14. भारत

    इसराइल के दौरे पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को एक इसराइली एयरबेस का दौरा किया था, जहां पर उन्होंने भारतीय वायु सेना के दल से मुलाक़ात की.

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  15. आसाराम के बेटे नारायण साईं को जेल से मिले अवकाश पर SC ने लगाई रोक

    नारायण साईं

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आसाराम बापू के पुत्र नारायण साईं को जेल से दी गई दो सप्ताह की छुट्टी रद्द कर दी है. नारायण साई साल 2014 के रेप मामले में उम्र क़ैद की सज़ा काट रहे हैं.

    जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ, गुजरात सरकार की स्पेशल लीव पेटिशन पर सुनवाई कर रही है.

    गुजरात सरकार ने गुजरात हाई कोर्ट के सिंगल जज बैंच के नारायण साई को दो सप्ताह का अवकाश देने का विरोध किया था.

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेल से अवकाश, बिना कारण बताए एक तय वक़्त के बाद ही दिया जा सकता है.

    लेकिन अदालत ने ये भी साफ़ किया कि बिना वजह बताए क़ैदी छुट्टी तो मांग सकते हैं लेकिन ये उनका ‘पूर्ण अधिकार’ नहीं है.

    नारायण साई, विवादास्पद आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू के पुत्र हैं. उन्हें सूरत की एक अदालत ने अप्रैल 2019 में रेप का दोषी पाया था.

    उस मामले में साईं के करीबी सहयोगियों- गंगा, जमुना और रसोइये हनुमान को दस-दस साल की सज़ा सुनाई गई थी. नारायण साईं के ड्राइवर रमेश मल्होत्रा को छह महीने क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी.

  16. सीरिया: दमिश्क में पुल पर जा रही सेना की बस पर हमला, कई सैनिक मरे

    बस पर हमला

    सीरिया के सरकारी मीडिया के अनुसार आज सुबह राजधानी दमिश्क में एक फ़ौजी बस को निशाना बनाकर किए गए विस्फोट में कई लोग मारे गए.

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक विस्फोट में कम से कम 13 लोग मारे गए हैं.

    सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी 'सना' ने बताया कि जिसर अल-रईस पुल पर बस को दो विस्फोटक उपकरणों के ज़रिए एक "आतंकवादी" हमले ने निशाना बनाया है.

    रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना ने घटनास्थल पर मिले एक अन्य विस्फोटक उपकरण को नष्ट कर दिया है.

    सना की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कथित तौर पर हमले के बाद जली हुई बस दिखाई दे रही है.

    रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक की वेबसाइट ने बताया कि बस में सवार 14 सैनिक मारे गए है.

    संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सीरिया के गृहयुद्ध में बीते दस वर्षों में कम से कम 350,000 लोगों मारे गए. लेकिन राजधानी दमिश्क में धमाके कम ही होते हैं क्योंकि यहां राष्ट्रपति बशर अल-असद की वफ़ादार सेना का पूरा नियंत्रण है.

    रूस की सैन्य उपस्थिति और ईरान की मदद से मदद वाले शिया मिलिशिया के सहारे बशर अल असद अब देश के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करते हैं.

  17. बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले को लेकर बोला अमेरिका

    अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस
    Image caption: अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस

    बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के मौक़े पर हिन्दुओं के घरों और पूजा स्थलों पर हमले की अमेरिका ने निंदा की है.

    अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि वे दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हिन्दू मंदिरों और उनके घरों पर हमले की निंदा करते हैं.

    नेड प्राइस ने कहा है, ''हमारी संवेदना हिन्दू समुदाय के साथ है. हम प्रशासन ने आग्रह करते हैं कि पूरे मामले की ठीक से जाँच की जाए. धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा बहुत अहम है.''

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    अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा किसी ख़ास मज़हब तक सीमित नहीं है.

    इस बीच, बांग्लादेश हिंदू समुदाय के एक सदस्य प्राणेश हल्दर ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि बांग्लादेश के तंगहाल हिंदुओं को और नुक़सान ना पहुँचे.

    उन्होंने अमेरिका स्थित वाचडॉग समूहों और मीडिया कंपनियों से बांग्लादेश में हिंसा की गंभीरता को उजागर करने का आग्रह किया.

    बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा और हिंदू घरों और मंदिरों में तोड़फोड़ के विरोध में बांग्लादेशी हिंदू प्रवासियों ने वॉशिंगटन में बांग्लादेश दूतावास के सामने प्रदर्शन किया.

    बीते शुक्रवार को ढाका में जुमे की नमाज़ के बाद हिंसा हुई
    Image caption: बीते शुक्रवार को ढाका में जुमे की नमाज़ के बाद हिंसा हुई

    अमेरिका स्थित एक हिंदू एडवोकेसी ग्रुप हिंदूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, "यह देखना वाक़ई बहुत भयावह है कि नोआखली में हिंदुओं पर इस तरह से हमला किया जा रहा है. अक्तूबर 1946 में वहां 12 हज़ार हिंदुओं को मार डाला गया और 50 हज़ार को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया था."

    हिंदूपैक्ट ने कहा कि बांग्लादेश में स्थानीय हिंदू संगठन नफ़रत और भेदभाव का निशाना बने हुए हैं, जहां अल्पसंख्यकों की आबादी 1940 के 28 प्रतिशत से घटकर अब नौ फ़ीसद रह गई है.

    हिंदूपैक्ट ने कहा कि, "हिंसा की यह लहर स्थानीय हिंदू जिस तरह के ख़तरों का सामना कर रहे हैं उसकी पुष्टि करती है. हिंदुओं को उनके मज़हब की वजह से टारगेट किया जा रहा है, उनमें से लगभग 28 लाख लोग बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई के दौरान मार दिए गए थे और क़रीब एक करोड़ बेसहारा हो गए थे जिन्हें 1971 में पाकिस्तानी सेना ने शरणार्थी बना दिया था."

  18. अफ़ग़ानिस्तान: ज़ल्मय ख़लीलज़ाद इस्तीफ़े के बाद पहली बार बोले

    Zalmay Khalilzad, ज़ल्मय ख़लीलज़ाद

    अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के साथ राजनीतिक समाधान के लिए जिस वार्ता की शुरुआत की थी, उसमें ज़ल्मय ख़लीलज़ाद को विशेष प्रतिनिधि बनाया था. अब उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

    ज़ल्मय ख़लीलज़ाद ने तालिबान के साथ अमेरिकी वार्ता का नेतृत्व किया था लेकिन महीनों की कूटनीतिक वार्ता के बावजूद वो इस समूह को अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने से रोकने में नाकाम रहे.

    अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि ख़लीलज़ाद की जगह उनके डिप्टी रहे थॉमस वेस्ट अब इस पद को संभालेंगे.

    ज़ल्मय ख़लीलज़ाद ने अपने इस्तीफ़े की जानकारी ट्वीट करके भी दी. जिसमें उन्होंने लिखा, "आज मैं अफ़ग़ानिस्तान शांति समझौते के विशेष प्रतिनिधि के पद से इस्तीफ़ा देता हूं. अमेरिकी लोगों की फिर से सेवा करना सम्मान की बात है."

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    "अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना बाहर निकल चुकी है और यूएस के लिए युद्ध समाप्त हो गया है लेकिन यह अंतिम चैप्टर नहीं है. अफ़ग़ान लोगों के सामने अर्थव्यवस्था और सुरक्षा समेत बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है."

    "मैं अफ़ग़ानिस्तान और इस बड़े क्षेत्र में शांति और खुशहाली की संभावना के लिए प्रतिबद्ध हूं. यह वो ही है जो अफ़ग़ानिस्तान के लोग बीते 40 वर्षों से भी अधिक समय से चाहते थे. अमेरिका उनके साथ खड़ा है."

    "मैं टॉम वेस्ट का अफ़ग़ानिस्तान के लिए विशेष प्रतिनिधि की भूमिका में स्वागत करता हूं क्योंकि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफ़ग़ान नेताओं को आगे ले जाने के लिए वचनबद्ध है."

    "मैं विदेश विभाग, पेंटागन और ख़ुफ़िया समुदाय के अपने सभी सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस मिशन में मेरा साथ दिया."

    ज़ल्मय ख़लीलज़ाद

    कौन हैं ख़लीलज़ाद?

    70 वर्षीय ख़लीलज़ाद अफ़ग़ानिस्तान में पैदा हुए और काबुल में पले बढ़े. वे एक अनुभवी अमेरिकी राजनयिक हैं, जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों जॉर्ज बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अपने पद पर बने रहे.

    तालिबान के साथ वार्ता में जो उनकी भूमिका रही है, उसकी आलोचना होती है. आलोचकों का कहना है कि पिछले तीन सालों में ख़लीलज़ाद की रणनीति कहीं काम नहीं आई और तालिबान चुनी हुई सरकार को बेदख़ल कर ख़ुद ही सत्ता पर क़ाबिज़ हो गए.

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2020 में तालिबान के साथ हुए समझौते की आलोचना की थी. ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें विशेष दूत के पद से हटा दिया जाएगा.

    लेकिन बाइडन ने हटाया नहीं. ख़लीलज़ाद अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका के राजदूत रहे हैं और उन्होंने इस इलाक़े में 20 सालों तक काम किया है.

    उन्होंने 2020 के समझौते के लिए अपने से पहले वालों पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा था कि 2018 में उन्हें इसलिए नियुक्त किया गया था क्योंकि अमेरिका जो हासिल करना चाहता था, वो नहीं मिल पाया था.

    ख़लीलज़ाद ने एक इंटरव्यू में कहा था कहा, ''मुझसे ज़्यादा उम्मीद थी लेकिन मैं जो कर सकता था, उसे किया है. मैंने हालात के हिसाब से चीज़ों को सुलझाने की कोशिश की.''

    उन्होंने तालिबान के साथ बातचीत की अगुवाई की जिसके बाद बीते वर्ष फ़रवरी में तथाकथित दोहा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और उसके मुताबिक अमेरिकी सैनिकों की अफ़ग़ानिस्तान से वापसी की तारीख़ तय की गई.

  19. उत्तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ से कम से कम 47 लोगों की मौत

    उत्तराखंड में भारी बारिश

    उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मंगलवार को भारी बारिश के कारण कई घर ढह जाने से 42 और लोगों के मारे जाने की ख़बर है, इसके साथ ही बारिश से जुड़ी आपदाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है.

    अधिकारियों ने बताया कि ख़राब मौसम के बीच नैनीताल से संपर्क बहाल कर दिया गया है.

    समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डीआईजी नीलेश आनंद भरने ने बताया कि, "अकेले कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 को पार कर गई है."

    अधिकारी ने बताया कि नैनीताल ज़िले में 28, अल्मोड़ा और चंपावत में छह-छह, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर ज़िले में एक-एक लोग मारे गए हैं.

    उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

    उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश से प्रभावित इलाक़ों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावितों से बात भी की.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम धामी से फ़ोन पर बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

    रुद्रप्रयाग, नैनीताल और उधमपुर नगर ज़िलों में इस आपदा से प्रभावित लोगों से बातचीत में धामी ने कहा कि उन्हें इस संकट की इस घड़ी में धैर्य रखने की ज़रूरत है.

    मुख्यमंत्री ने बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की.

    डीआईजी भरने ने बताया कि ख़राब मौसम और लगातार बारिश के बावजूद नैनीताल के रास्ते में बंद सड़कों को खोलने में सफलता मिल गई है.

    उन्होंने बताया कि यातायात बहाल होने के साथ ही फंसे हुए पर्यटक कालाढूंगी और हल्द्वानी के रास्ते अपनी मंज़िल के लिए रवाना हो गए हैं.