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UP: कुशीनगर में कल मनेगा अभिधम्म दिवस, पीएम मोदी भी होंगे शामिल

20 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अभिधम्म दिवस (Abhidhamma Day) का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री भी शिरकत करेंगे. इस दिन 2500 साल बाद लोग महात्मा बुद्ध (Mahatma Buddha) के वास्तविक अवशेषों को देख पाएंगे.

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abhidhamma Day in kushinagar up (Photo- Aajtak)
abhidhamma Day in kushinagar up (Photo- Aajtak)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2500 साल बाद महात्मा बुद्ध के वास्तविक अवशेषों को देख पाएंगे
  • अवशेष का एक हिस्सा 30 सेमी के ताबूत में रखा हुआ है

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आश्विन पूर्णिमा के दिन यानी 20 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अभिधम्म दिवस (Abhidhamma Day) का आयोजन कर रहा है. इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शामिल होंगे. इसमें श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, नेपाल, भूटान, कंबोडिया और विभिन्न देशों के राजदूतों के बौद्ध भिक्षु भी शामिल होंगे. अभिधम्म दिवस (Abhidhamma Day) के दिन 2500 साल बाद लोग महात्मा बुद्ध के वास्तविक अवशेषों को देख पाएंगे.

उत्तर प्रदेश का प्राचीन शहर कुशीनगर गौतम बुद्ध का अंतिम विश्राम स्थल है, जहां उन्होंने अपनी शरीर का त्याग कर परम धाम की प्राप्ति की थी.  यह प्राचीन काल से बौद्धों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है. कहते हैं कुशीनगर में भगवान बुद्ध ने सबसे ज्यादा समय व्यतीत किया था. यहां से पुरात्विक खोजों ने हमेशा से बुद्ध धर्म के अनुयायियों को अपनी और आकर्षित किया है. 20 अक्टूबर को ही बौद्ध भिक्षुओं के वर्षावास का भी अंत हो रहा है. बता दें, वर्षावास में बौध भिक्षु तीन महीने तक एक ही जगह पर रहकर ध्यान लगाते हैं और वहीं पर प्रार्थना करते हैं.

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इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण, श्रीलंका से लाए जा रहे पवित्र बुद्ध अवशेष की प्रदर्शनी है. बता दें, साल 1898 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पुरातत्वविदों ने सिद्धार्थनगर जिले के पिपराहवा में ब्रिटिश जमींदार विलियम क्लैक्सटन पेप्पे की संपत्ति में एक बड़े टीले की खुदाई की. उन्हें यहां एक बड़ा पत्थर का बक्सा मिला और इस पत्थर के बक्से के अंदर कुछ ताबूत थे, जिनमें से एक ताबूत पर ये शब्द अंकित थे 'इयांगसलीलानिधाने बुद्धसभगवथेसकियानसुकिथिबहथानांभागिनिकाथनसासुनादलता.'

ताबूत से मिले अवशेषों को भेजा थाईलैंड और बर्मा

पुरातत्व दल की मदद कर रहे श्रीलंका के वास्काडुवा मंदिर के सुभूति महानायके थेरो ने इन शब्दों का अनुवाद किया. ताबूत से मिले अवशेषों को जमा करके अवशेषों एक हिस्सा थाईलैंड के राजा को भेजा गया और दूसरा हिस्सा बर्मा के राजा को भेजा गया. वहीं, ताबूत से मिले अवशेषों का एक भाग सुभूति महानायके को प्रतीक के रूप में दिया गया क्योंकि उनकी मदद से ही ताबूतों का असल रहस्य सुलझ पाया था.

PM मोदी करेंगे पवित्र अवशेष की पूजा

उसी अवशेष का एक हिस्सा 30 सेमी के ताबूत में रखा हुआ है, जिसे सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए कुशीनगर लाया जा रहा है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पवित्र अवशेष की पूजा करेंगे और बुद्ध की लेटी हुई मूर्ति पर फूल चढ़ाने के लिए महापरिनिर्वाण मंदिर भी जाएंगे. इसके साथ ही इस प्रदर्शनी में, अजंता फ्रेस्कोस की पेंटिंग, बौद्ध सूत्र सुलेख, वडनगर और गुजरात के अन्य स्थलों से खुदाई की गई बौद्ध कलाकृतियां भी प्रदर्शित की जाएंगी. ये प्रदर्शनी समझाएगी की बौद्ध धर्म की यात्रा कैसे पूर्व से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक दुनिया में विभिन्न दिशाओं में फैल गई.

 

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