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आतंकियों की खैर नहीं! J-K जा रहे अमित शाह, हालात पर गृह मंत्रालय की पैनी नजर

सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर की पूरी स्थिति को काफी करीब से मॉनिटर कर रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी 23 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहे हैं, जहां पर वे सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. 

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (PTI)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कश्मीर में आतंकी कर रहे टारगेट किलिंग
  • 23 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर शाह
  • घाटी में पूरे हालात पर गृह मंत्रालय की करीब से नजर

जम्मू-कश्मीर में इस महीने की शुरुआत से ही गैर-स्थानीय लोग आतंकवादियों के निशाने पर हैं. यूपी-बिहार से लेकर कश्मीरी पंडितों तक की आतंकियों ने हत्या कर दी है. घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर केंद्र सरकार की करीब से नजर है. आतंकी आम नागरिकों को टारगेट किलिंग के जरिए से निशाना बना रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय पूरी स्थिति को काफी करीब से मॉनिटर कर रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी 23 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहे हैं, जहां पर वे सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. 

सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर के दौरे की शुरुआत 23 अक्टूबर से हो रही है, जिसमें वे मनोज सिन्हा, डीजीपी, आईबी, सेना के वरिष्ठ अधिकारी और सीएपीएफ के अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा मामलों की समीक्षा करेंगे. हालांकि, गृह मंत्री का यह दौरा केंद्र सरकार के आउटरीच प्रोग्राम के तहत हो रहा है. इस प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार के 70 मंत्रियों को अलग-अलग समय में जम्मू-कश्मीर के इलाकों का दौरा करना है, लेकिन गृह मंत्री अमित का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब गैर-स्थानीय लोगों को टारगेट कर निशाना बनाया जा रहा है.

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वहीं, दौरे से पहले सोमवार को अमित शाह ने आईबी दफ्तर में देशभर के सभी राज्यों के डीजीपी के साथ आंतरिक सुरक्षा पर बैठक की है. गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में, पहले ही सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह जो कि एनआईए के भी डीजी हैं, उनको भेजा जा चुका है. इसके अलावा, आईबी, एनआईए, सीएपीएफ के कई वरिष्ठ अधिकारी पहले से ही जम्मू-कश्मीर में कैंप कर रहे हैं.

दस दिनों में 13 से ज्यादा आतंकी J-K में ढेर

पिछले 10 दिनों में सुरक्षा बलों ने अलग-अलग आतंकी मुठभेड़ों में 13 से ज्यादा आतंकियों को एंटी-टेरर ऑपरेशन में सफाया किया है. इसके चलते ही आतंकियों में बौखलाहट है. यही वज़ह है कि आतंकी टारगेटेड किलिंग करके लोगों में डर का माहौल पैदा करना चाहते हैं. वहीं, बॉर्डर पर कड़ी निगरानी के चलते सीमा पार से आतंकी घुसपैठ भी नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से दहशतगर्दों की बौखलाहट और बढ़ गई है. वहीं, खुफिया रिपोर्ट की मानें तो POK में आतंक के नए ट्रेनिंग कैम्प 20 की संख्या में खोले गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन ट्रेनिंग कैम्प में पाकिस्तानी आर्मी के एसएसजी कमांडो ट्रेनिंग दे रहे हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि आतंकी एलओसी के उस पार 35 लॉन्च पैड पर इकठ्ठे किए गए हैं, जिनका मकसद घुसपैठ करना है. 

छोटे हथियारों का इस्तेमाल कर रहे आतंकवादी

सूत्रों के मुताबिक, आतंकी बदली रणनीति के तहत छोटे हथियारों का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं. कई घटनाओं में पाया गया है कि इन आतंकवादियों को हमले के लिए काम दिया गया और कोई टेररिस्ट रिकॉर्ड नहीं था. ऐसे खतरनाक आतंकवादियों को 'हाइब्रिड आतंकी' कहा जा रहा है. जो हमला करते हैं और भाग जाते हैं. सुरक्षा एजेंसियां इस बात को लेकर के माथापच्ची कर रही हैं कि आखिर इन आतंकवादियों को ढूंढा कैसे जाए और इन को कैसे ट्रैक किया जाए. सीटीसीआर डिवीजन ऐसे आतंकी के ट्रैक को ढूंढने में जुटी हुई है. इस साल जनवरी से लेकर अब तक के आंकड़ों के मुताबिक जहां 132 से ज्यादा आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑल आउट में मारा है. वहीं, 254 आतंकियो को गिरफ्तार किया गया है.

आंकड़ों के मुताबिक इस साल 30 सिप्तबर तक 105 AK-47 राइफेल, 126 पिस्टल और 276 हैंड ग्रेनेड बरामद किए जा चुके हैं. 126 की संख्या में बरामद पिस्टल से साफ पता चलता है कि आतंकी हमले के लिए छोटे हथियार जैसेकि पिस्टल का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले साल आतंकियों के पास से 163 पिस्टल बरामद हुए थे, जबकि साल 2019 में 48 और 2018 में कुल 27 पिस्टल आतंकियो से जब्त किए गए थे. इस साल 38 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक हमला बोल घटना की जगह से फरार हो गए.

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