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रोटी, कपड़ा और 'काम तमाम'! गरीबी जीने नहीं देती... आतंकवाद रहने नहीं देता

रोटी, कपड़ा और 'काम तमाम'! गरीबी जीने नहीं देती... आतंकवाद रहने नहीं देता

बिहार के मजदूरों को रोटी की चिंता में कश्मीर तक जाना पड़ता है और कश्मीर में आतंकवाद का डर उन्हें रहने नहीं देता है. ये कहानी है उस रोटी, कपड़ा और आतंकवाद के कारण जिंदगी खत्म होने की, जहां कश्मीर में गोलगप्पे बेचकर, आइस्क्रीम बेचकर, रेहड़ी लगाकर, ईंट भट्टे पर काम करके घर चलाने के लिए बिहार के मजदूर पहुंचते हैं. लेकिन कश्मीर में गैर कश्मीरी और गरीब मजदूरों को चुनकर आतंकवादी मारने लगते हैं. 16 दिन के भीतर ग्यारह लोग कश्मीर में आतंकियों के हाथों मारे गए. इनमें बिहार के चार मजदूर हैं, जिनकी मौत के बाद यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के गरीब कश्मीर से अपना बोरिया बिस्तर बांधकर जान बचाने के लिए घर लौटने लगे. देखिए 10 तक का ये एपिसोड.

The labourers of Bihar have to migrate to Kashmir to earn bread but the fear of terrorism in Kashmir does not allow them to stay. Within 16 days, eleven people have been shot dead by terrorists in Kashmir. Among them are four labourers from Bihar. Migrants have now started to leave Kashmir and returning to their native states. Watch this episode of 10 Tak.

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