आर्यन की परवरिश पर नसीहत:मौलाना शहाबुद्दीन का दावा- बेटे को मदरसे में पढ़ाते शाहरुख खान तो उसे पता होता इस्लाम में नशा करना हराम है

3 वर्ष पहले
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जब से शाहरुख का बेटा आर्यन NCB की गिरफ्त में आया है। तब से उनके लिए देश के लोगा और उनके फैन्स दो हिस्सों में बंट गए हैं। अब बरेली के तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने दावा कर दिया है कि अगर शाहरुख खान अपने बेटे को मदरसे में तालीम दिलाते तो उन्हें ये दिन नहीं देखने पड़ते।

मौलाना रजवी ने और क्या-क्या कहा
मौलाना के मुताबिक-शाहरुख खान ने यदि अपने बेटे को कुछ दिन मदरसे में शिक्षा दिलाई होती तो उसे इस्लाम के नियमों के बारे में पता होता। क्योंकि इस्लाम में किसी भी तरह का नशा करना हराम है। उन्होंने आगे कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग इस्लाम के आदेशों से नावाकिफ हैं। इस्लाम में नशा हराम है। यह बात मदरसे में पढ़ाई और समझाई भी जाती है।

मदरसा नहीं मिला तो मस्जिद के इमाम से सीखते
बकौल मौलाना- "इस्लाम में यह भी कहा गया है कि अगर बच्चा गलत संगत में पड़ जाए तो मां-बाप उसे प्यार से समझाकर सही रास्ते पर लाने की कोशिश करें। शाहरुख खान यदि खुद मदरसे में कुछ दिन पढ़े होते तो उन्हें इस बात का एहसास होता। भले ही कुछ दिन मगर, धार्मिक शिक्षा भी ग्रहण करनी चहिए। शाहरुख को मदरसा नहीं मिला था तो घर के पास किसी मस्जिद के इमाम से धार्मिक शिक्षा ले लेते। उन्हें अपने बेटे को भी इस्लाम के नियमों से रूबरू करवाना चाहिए था।"

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

आर्यन की जमानत पर 20 अक्टूबर को होगा फैसला
गौरतलब है कि क्रूज ड्रग्स पार्टी केस में गिरफ्तार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान इन दिनों मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। मुंबई की स्पेशल NDPS कोर्ट ने गुरुवार को आर्यन की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी। आर्यन खान के साथ अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमीचा समेत अन्य आरोपियों को जेल में ही रहना होगा। जेल में आर्यन को कैदी नंबर 956 का बैच मिला है।

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