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जम्मू-कश्मीर: सैयद अली शाह गिलानी के पोते को सरकारी नौकरी से निकाला गया

अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए सैयद अली शाह गिलानी के पोते अनीस उल इस्लाम को उसकी सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.

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सईद अली शाह गिलानी के पोते को सरकारी नौकरी से निकाला गया
सईद अली शाह गिलानी के पोते को सरकारी नौकरी से निकाला गया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सैयद अली शाह गिलानी के पोते पर एक्शन
  • सरकारी नौकरी से निकाला गया
  • आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का आरोप

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में घाटी में आतंकी घटनाओं में तेजी देखने को मिली है. कई आम कश्मीरियों को भी मारा गया है. इस बीच अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए सैयद अली शाह गिलानी के पोते अनीस उल इस्लाम को उसकी सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.

सैयद अली शाह गिलानी के पोते पर एक्शन

अनीस उल इस्लाम जम्मू कश्मीर में शेर ए कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर रिसर्च अफसर काम कर रहा था. लेकिन अब उस सर्विस से ही उसे टर्मिनेट कर दिया गया है. उसके अलावा जम्मू-कश्मीर के डोडा स्थित स्कूल के एक टीचर फारूक अहमद भट्ट को भी नौकरी से बाहर कर दिया गया है. उसका भाई मोहम्मद अमीन भट्ट एक सक्रिय LeT आतंकवादी है जो पाक अधिकृत कश्मीर से काम कर रहा है. ऐसी जानकारी मिली थी कि फारूक अपने भाई के इशारे पर एक आतंकी हमला करने वाला था.

बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत दोनों अनीस और फारूक को बर्खास्त कर दिया गया है. अभी तक प्रशासन द्वारा कोई स्पष्ट कारण तो नहीं बताया गया है, लेकिन खबर है कि दोनों अनीस और फारूक पर आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का आरोप था. उसी वजह से समय रहते दोनों के खिलाफ ये सख्त एक्शन लिया गया.

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घाटी में बढ़ रहा तनाव, पलायन का सता रहा डर

जानकारी के लिए बता दें कि इसी साल 1 सितंबर को अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन हो गया था. उनके निधन के बाद ऐसे कयास लगाए गए थे कि घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है. लेकिन क्योंकि प्रशासन और सेना मुस्तैद रही, ऐसे में कोई हिंसा भी नहीं हुई और काफी शांतिपूर्ण तरीके से हुर्रियत नेता को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.

अब तब तो हिंसा नहीं हुई लेकिन अक्टूबर के महीने में माहौल बदला है. आतंकी गतिविधियों में भी इजाफा देखने को मिला है और कई आम कश्मीरियों को मार दिया गया है. ऐसे में घाटी में स्थिति तनावपूर्ण देखने को मिल रही है. अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग तो जम्मू की तरफ पलायन करने को भी मजबूर हो गए हैं.

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