बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। मायावती ने साफ कर दिया है कि इस बार उनकी पार्टी किसी बाहुबली को टिकट नहीं देगी। वह सत्तारूढ़ बीजेपी और सपा पर भी लगातार हमलावर हैं। इसी बीच उनका एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है, जिसमें वे देश के प्रधानमंत्रियों के बारे में बात करती दिखाई पड़ रही हैं। इस इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने जब उनसे प्रधानमंत्रियों के बारे में एक सवाल किया तो वह कहती हैं, ‘हिंदुस्तान की बेटी का नाम अब प्रधानमंत्री के लिए शुरू हो गया है…।’

इस पुराने इंटरव्यू में यूपी की पूर्व सीएम कहती हैं, ‘मुझे चार बार सरकार चलाने का मौका मिला है। मैंने सर्वसमाज के हितों के लिए हमेशा काम किया है। कांग्रेस और बीजेपी के लोगों को ये बात अच्छी तरह मालूम है कि जैसे यूपी की जनता को मैंने बेहतरीन सरकार दी है। अगर मायावती देश की प्रधानमंत्री बन जाती हैं तो इन दोनों पार्टियों को लंबा इंतजार न करना पड़ जाए। जब यूपी की सीएम मैं बनी तो ये लोग मुझे नहीं रोक पाए तो अब ये लोग कैसे मुझे रोक लेंगे?’

इस बीच प्रभु चावला, मायावती से पूछते हैं, ‘देश में अब तक हुए सभी प्रधानमंत्रियों में सबसे अच्छा कौन लगा?’ इस पर वह कहती हैं, ‘अगर देश में प्रधानमंत्रियों ने इतना अच्छा ही काम किया होता तो हमें बीएसपी बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। ये सभी लोग एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। हम लोगों को लगता है कि आज कोई दूसरा कुर्सी पर बैठा है, लेकिन ये सभी काम एक ही तरीके से करते हैं। हम लोगों के पास सरकार बनाने का नजरिया है, इसलिए जनता हमें पसंद करती है।’

सीबीआई से डराने का लगाया था आरोप: प्रभु चावला सवाल करते हैं, ‘आपके खिलाफ लगे चार्ज के बाद कहा गया कि दलित की बेटी कुछ ही सालों में इतनी अमीर हो गई।’ मायावती कहती हैं, ‘सीबीआई का एफिडेविट पूरी तरह फर्जी है। इस मामले पर हमारा वकील जब पक्ष रखेगा तो सभी चीजें निकलकर सामने आ जाएंगी। मेरे ऊपर राजनीतिक दबाव बनाने के लिए जानबूझकर केंद्र सरकार द्वारा ऐसा किया जा रहा है। लेकिन जनता इन्हें चुनाव में इसका जवाब जरूर देगी।’

बता दें, साल 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इन चुनाव में बीएसपी को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। जबकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मायावती की पार्टी बीएसपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। यूपी चुनाव से पहले मायावती ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी और इस बार वह गठबंधन करने पर ज्यादा ध्यान नहीं देगी।