योगी आदित्यनाथ ने रविवार को किए गए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद आज नवनियुक्त मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा, "उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में कल शामिल हुए सभी नए सदस्यों को आज विभागों का दायित्व प्राप्त हो गया है.
मुझे विश्वास है कि आप सभी के कुशल, अनुभवी एवं कर्मठ नेतृत्व में संबंधित विभाग विकास की नई ऊंचाइयों को स्पर्श करेंगे.
आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल हेतु अनंत शुभकामनाएं."
कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद जी को प्राविधिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
राज्य मंत्री पल्टू राम जी को सैनिक कल्याण, होमगार्ड, प्रान्तीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, राज्य मंत्री डॉ. संगीता बलवंत को सहकारिता विभाग, धर्मवीर प्रजापति को औद्योगिक विकास विभाग का आवंटन किया गया है.
राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार जी को राजस्व विभाग, राज्य मंत्री संजीव कुमार को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, राज्य मंत्री दिनेश खटीक को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का दायित्व मिला है.
किसान आंदोलन अराजनैतिक फिर विपक्ष का समर्थन क्यों?
ReutersCopyright: Reuters
कांग्रेस नेता अनिल चौधरी सोमवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर अपने समर्थकों के साथ सड़क पर थे.
चौधरी कांग्रेस के कई दूसरे नेताओं की तरह संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बुलाए गए 'भारत बंद' के प्रति समर्थन जताने आए थे.
किसान मोर्चा ने तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के एक साल पूरा होने पर भारत बंद का एलान किया था.
चौधरी जब सड़क पर धरना देने के लिए बैठे तो ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने उनसे गुजारिश की कि वो 'दिल्ली लौट जाएं.'
एक किसान नेता ने कहा, "ठीक है आप समर्थन कर रहे हैं. हमारे मंच पर आकर मीडिया का आप जो लाभ लेना चाह रहे हैं... प्लीज़ आपसे रिक्वेस्ट है, आप खड़े हो जाइए. आपका पूरा सम्मान है."
ब्रेकिंग न्यूज़'आकाश प्राइम' मिसाइल का डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण
आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण का सोमवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि ये परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में शाम साढ़े चार बजे के करीब किया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 'आकाश प्राइम' ने एक मानवरहित एरियल टारगेट को अपने पहले ही फ़्लाइट टेस्ट में हवा में ही ध्वस्त कर दिया.
अधिकारी ने कहा, "मौजूदा आकाश मिसाइल की तुलना में देखें तो 'आकाश प्राइम' एक्टिव 'रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर' फीचर से लैस है. इसमें कुछ और विशेषताएं भी जोड़ी गई हैं, जैसे ऊंची जगहों पर ठंडे तापक्रम में भी भरोसेमंद प्रदर्शन कर सकता है."
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट (डीआरडीओ), भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और अन्य स्टेकहोल्डर्स को 'आकाश प्राइम' मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए शुभकामनाएं दी हैं.
उन्होंने कहा कि फ़्लाइट टेस्ट से विश्व स्तरीय मिसाइल सिस्टम डिजाइन करने और उसे विकसित करने में डीआरडीओ की काबिलियत साबित होती है.
जर्मनी चुनाव में SPD मामूली अंतर से जीती पर ये होंगे किंगमेकर
जर्मनी की सेंटर-लेफ़्ट सोशल डेमोक्रेट्स (SPD) ने बेहद मामूली अंतर से जर्मनी की चांसलर एंगेला मार्केल की पार्टी को देश के संघीय चुनावों में हरा दिया है.
SPD ने 25.7% वोट हासिल किए हैं. वहीं सत्तारुढ़ कंज़रवेटिव गठबंधन CDU/CSU ने 24.1% वोट हासिल किए हैं.
ग्रीन्स पार्टी ने अपने इतिहास में सबसे बड़ा परिणाम हासिल करते हुए तीसरे स्थान पर क़ब्ज़ा किया है और 14.8% वोट हासिल किए हैं.
हालांकि, सरकार बनाने के लिए एक गठबंधन ज़रूर बनाना होगा.
यूपीएससी टॉपर: जागृति अवस्थी ने बताया अपनी कामयाबी का मंत्र
यूपीएससी-2020 में दूसरा स्थान हासिल करने वाली भोपाल की जागृति अवस्थी ने अपना सक्सेस मंत्र शेयर किया है और बताया है कि उन्होंने किस तरह से तैयारी की थी.
उन्होंने यूपीएससी क्लियर करने की इच्छा रखने वालों को टिप्स भी दिए हैं.
देखिए बीबीसी हिंदी के लिए शुरैह नियाज़ी से उनकी ख़ास बातचीत.
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर क्या बोला विदेशी मीडिया?
अमेरिका दौर पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ मुलाक़ात की है.
इस दौरे में जो सबसे अहम चीज़ थी, वो क्वॉड की व्हाइट हाउस में प्रस्तावित बैठक जो कि शुक्रवार को हुई.
इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री के अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने साथ मिलकर बैठक की.
अमेरिका में पीएम मोदी की मौजूदगी को क्या अमेरिकी मीडिया ने तवज्जो दी है?
तालिबान को मान्यता देने से क्यों हिचकते हैं चीन, रूस और पाकिस्तान
"अगर उन्होंने सभी गुटों को शामिल नहीं किया, तो आज नहीं तो कल वहाँ गृह युद्ध होगा. इसका मतलब एक अस्थिर और अराजक अफ़ग़ानिस्तान." - इमरान ख़ान,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
"चीन उम्मीद करता है कि अफ़ग़ानिस्तान के सभी पक्ष वहाँ के लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों के मुताबिक फ़ैसले करेंगे. एक खुला और सबको साथ लेकर चलने वाला राजनीतिक ढाँचा तैयार करेंगे." - चीनी विदेश मंत्रालय
"सबसे महत्वपूर्ण ये सुनिश्चित करना है कि जो वादे उन्होंने सार्वजनिक रूप से किए हैं, उन्हें पूरा किया जाए और हमारे लिए यह सर्वोच्च प्राथमिकता है.''- सर्गेई लवरोफ़, रूस के विदेश मंत्री
ये बयान उन तीन देशों के हैं जिनकी अफ़ग़ान-तालिबान शांति वार्ता, तालिबान की अंतरिम सरकार के गठन और तालिबान के समर्थन में अहम भूमिका रही है.
लेकिन, तालिबान को खुले समर्थन और दुनिया को नए तालिबान का भरोसा दिलाने के बावजूद इन तीनों देशों ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है.
40 से ज़्यादा किसान संगठनों ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था. जो सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक जारी रहा.
दिल्ली और उससे सटे राज्यों में बंद का व्यापक असर दिखा. गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर ज़बरदस्त जाम रहा. हालात देखते हुए दिल्ली के कई रास्तों पर ट्रैफ़िक को डायवर्ट किया गया. प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-अमृतसर हाइवे बंद कर दिया.
कई किसान रेलवे की पटरियों पर बैठ गए, जिससे कई जगह रेल सेवाओं पर असर पड़ा. कितना कामयाब रहा ये भारत बंद, बता रहे हैं बीबीसी संवाददाता सलमान रावी.
भारत बंद की वजह से 50 ट्रेनों की सर्विस पर असर पड़ा: रेलवे
ANICopyright: ANI
केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के कारण सोमवार को 50 रेलगाड़ियों के आवागमन पर असर पड़ा.
रेलवे के अधिकारियों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि दोपहर में रेलवे की पटरी पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों को हटाए जाने के बाद रेलवे सेवाएं फिर से शुरू हो सकीं.
भारत बंद के कारण देशभर में ख़ासकर उत्तर भारत में आम जनजीवन पर असर पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने हाईवे और सड़कें जाम कर दी थीं. वे कई जगहों पर रेल पटरियों पर बैठ गए.
देश भर के 40 किसान संगठनों का साझा मंच 'संयुक्त किसान मोर्चा' ने इस भारत बंद का आह्वान किया था. बंद शाम चार बजे तक के लिए लाया गया था.
उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता ने बताया, "दिल्ली, अंबाला, फिरोज़पुर डिविजन में 20 से ज़्यादा जगहों पर रेलवे ट्रैफिक बाधित किया गया था. इसकी वजह से 50 से ज़्यादा ट्रेनों के आवागमन पर असर पड़ा. शाम साढ़े चार बजे से गाड़ियों का परिचालन सामान्य हो गया है."
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली अमृतसर शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस, नई दिल्ली-मोगा एक्सप्रेस, पुरानी दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस, नई दिल्ली से कटरा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के परिचालन पर भारत बंद के कारण असर पड़ा.
ब्रेकिंग न्यूज़ईरान का परमाणु कार्यक्रम अपनी हद पार कर गया है, इसराइल उसे परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा: नफ्ताली बेनेट
EPA/JOHN MINCHILLOCopyright: EPA/JOHN MINCHILLO
इसराइल के प्रधानमंत्री नफ़्ताली बेनेट ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपने पहले संबोधन में कहा इसराइल आज़ादी की उम्मीद है और इसका समर्थन करना नैतिक रूप से सही है.
उन्होंने कहा, "इसराइल पर हमला करने से आप नैतिक रूप से ऊंचे पायदान पर नहीं खड़े हो जाते हैं. मध्य पूर्व के एकलौते लोकतांत्रिक देश से लड़ने से आप जागृत नहीं कहे जाएंगे. इसराइल के बारे में बुनियादी बात जाने बगैर कोई राय बनाना, सिर्फ़ आलस ही कहा जाएगा. इस इमारत में हर सदस्य देश के पास चुनने के लिए एक विकल्प है. ये कोई राजनीतिक फ़ैसला नहीं है. ये एक नैतिक फ़ैसला है. ये अंधेरे और उजाले के बीच चुनने जैसा है."
प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने बार-बार ये बात दोहराई कि इसराइल तूफ़ान से घिरे समदंर में लाइटहाउस की तरह है. इसके लोकतंत्र में विविधता है और ये दुनिया में अपनी खोज और अनुसंधानों से योगदान देता है.
पिछले हफ़्ते नस्लवाद के उन्मूलन पर हुए वैश्विक कॉन्फ्रेंस की 20वीं सालगिरह थी. इस मौके पर आयोजित डर्बन IV कॉन्फ्रेंस में 38 देशों ने हिस्सा नहीं लिया. नफ़्ताली बेनेट ने इसका जिक्र करते हुए कहा, "ये कॉन्फ्रेंस वास्तव में नस्लवाद के ख़िलाफ़ शुरू हुआ था लेकिन बीते कुछ सालों में ये कॉन्फ्रेंस इसराइल और यहूदी लोगों के ख़िलाफ़ नस्लवाद का कॉन्फ्रेंस बन गया है."
इसराइली प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ख़ासतौर पर अमेरिका की दोस्ती के लिए शुक्रिया कहा.
EPA/Sarahbeth ManeyCopyright: EPA/Sarahbeth Maney
पड़ोसी देशों के साथ इसराइल के संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "लंबे समय तक इसराइल की पहचान युद्ध और उसके पड़ोसियों से की जाती रही है. लेकिन इसराइल ऐसा नहीं है. इसराइल के लोग सुबह उठकर जंग के बारे में सोचना नहीं शुरू कर देते हैं. वे भी एक अच्छी ज़िंदगी जीना चाहते हैं, अपने परिवार की देखभाल करना चाहते हैं और अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं. लेकिन इसका ये भी मतलब है कि ज़रूरत पड़ने पर हमें अपना काम और घर परिवार छोड़कर देश की रक्षा के लिए मैदान-ए-जंग में उतरना पड़ता है. ठीक हमारे दोस्तों की तरह और हमें भी ये करना होता है. उनके बारे में इस वजह से राय नहीं बनाई जानी चाहिए."
ईरान के मुद्दे पर नफ्ताली बेनेट ने कहा, "ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है. वे सभी हदें पार कर गए हैं. जांच को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है. नेकनियती की भावनाएं गलत साबित हुई हैं. ईरान इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी के साथ हुए सुरक्षा समझौते का उल्लंघन कर रहा है."
"ईरान 60 फीसदी तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा है. हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने से वो बस एक कदम दूर है. दुनिया इस सिलसिले में सारे सबूतों को नज़रअंदाज कर रही है. ईरान का कार्यक्रम अपने टर्निंग प्वॉयंट पर पहुंच गया है और हमारी सहने की क्षमता भी अब अपने आख़िरी हद पर है. केवल बयानबाज़ी से ईरान की परमाणु गतिविधि रुकने वाली नहीं है."
उन्होंने ये साफ़ तौर पर कहा कि इसराइल ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा.
किसानों का 'भारत बंद', जनता हुई तंग
दिल्ली-गुरुग्राम के रास्ते पर गाड़ियों की ये क़तार किसानों के ‘भारत बंद’ का असर है. जिसने सोमवार सवेरे दफ़्तर जाने वालों को मुसीबत में डाल दिया.
दिल्ली-NCR के अलग-अलग रास्तों पर लंबा ट्रैफ़िक जाम लगा. दरअसल 40 से ज़्यादा किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया.
इस वजह से कई रास्ते बंद हो गए थे और दूसरे रास्तों पर वाहनों का बोझ आ गया. गुरुग्राम से दिल्ली की ओर आने वाली सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें दिखीं. घंटों तक लोग जाम में फंसे रहे.
यही हाल नोएडा-दिल्ली सीमा पर भी दिखा. डीएनडी फ्लाईओवर पर गाड़ियां रेंगती नज़र आईं.
भारत बंद के समर्थन में ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने भी आवाज़ बुलंद की.
यूएन में भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान का कड़ा बयान
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के आरोपों का जवाब दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूएन में भाषण के बाद शनिवार को पाकिस्तानी प्रतिनिधि साइमा सलीम राइट टू रिप्लाई के तहत बोलीं.
उन्होंने भारत पर आतंकवाद का प्रायोजक और वित्तपोषक होने का आरोप लगाया. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को टूल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
यूएन में पीएम मोदी के भाषण पर चीन को लेकर उठे सवाल
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण दिया. उनके भाषण की समीक्षा की जा रही है. कई लोग तारीफ़ कर रहे हैं तो कई लोग विषय वस्तु को लेकर आलोचना कर रहे हैं.
इस भाषण में पीएम मोदी ने लोकतंत्र से लेकर आतंकवाद, अफ़ग़ानिस्तान और कोरोना वायरस वैक्सीन तक पर अपने विचार व्यक्त किए.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र की 76वीं आम सभा को संबोधित करते हुए भारत का नाम लेते हुए हमला बोला था. लेकिन पीएम ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना निशाना साधा.
उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान का सीधे-सीधे नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने ये ज़रूर कहा कि "पीछे ले जाने वाली सोच के साथ जो देश आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक उपकरण के तौर पर कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा ख़तरा है. ये तय करना बहुत ज़रूरी है कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो."
राजस्थान में 26 सितंबर को राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) के लगभग 31 हज़ार पदों के लिए राज्य और बाहरी राज्यों के क़रीब 13 लाख युवा उम्मीदवार शामिल हुए.
परीक्षा को देखते हुए किसी तरह की नकल की कोशिशों को रोकने के लिए राज्य भर में 12 घंटे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं, लेकिन सरकारी कोशिशों से पार पाने के लिए उम्मीदवारों ने अलग-अलग नुस्खे आजमाए.
इसमें कान में ब्लूटूथ के साथ चप्पल में ब्लूटूथ डिवाइस लगाना तक शामिल है. बीकानेर पुलिस ने परीक्षा पूर्व ही बड़े नकल गिरोह को पकड़ कर चौंकाने वाले खुलासे किए.
बीकानेर की पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा के निर्देशन में गंगाशहर थाना इलाक़े से परीक्षा पूर्व (25 सितंबर) को ब्लूटूथ डिवाइस से नकल करने वाले गिरोह और परिक्षार्थियों समेत पांच लोगों को गिरफ़्तार किया.
राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा को देखते हुए किसी तरह की नकल की कोशिशों को रोकने के लिए राज्य भर में 12 घंटे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं, लेकिन सरकारी कोशिशों से पार पाने के लिए उम्मीदवारों ने अलग-अलग नुस्खे आजमाए.
भवानीपुर उपचुनाव: BJP ने कहा, चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक लगे धारा 144
ANICopyright: ANI
पश्चिम बंगाल के भवानीपुर उपचुनाव से पहले सियासी बयानबाज़ी ज़ोरों पर है. आज इस उपचुनाव के लिए प्रचार थम गया लेकिन दिन भर इस विधानसभा क्षेत्र माहौल गर्माया रहा.
यहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बीजेपी की प्रियंका तिबरवाल चुनौती दे रही हैं.
हाल ही में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी, शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं. अब वे राज्य की मुख्यमंत्री हैं और विधायक बनने के लिए मैदान में हैं.
अब बंगाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मांग की है कि भवानीपुर में चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक धारा 144 लागू की जाए.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने पत्रकारों को बताया, "जब तक चुनावी प्रक्रिया पूरी न हो, हम भवानीपुर में धारा 144 लागू करने की मांग करते हैं. साथ ही वोटिंग बूथ पर केंद्रीय पुलिस बनों की तैनाती की भी मांग करते हैं. पोलिंग बूथ पर सीसीटीवी का लिंक सीधा चुनाव आयोग तक होना चाहिए."
आज भवानीपुर में बीजेपी के प्रचार के दौरान हुई धक्का-मुक्की के लिए पार्टी नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है.
पार्टी नेता शिशिर बजोरिया ने कहा, "ये देखा गया कि आज हमारी पार्टी पर हमला करने वालों में से आठ का ताल्लुक टीएमसी नेता मदन मित्रा से है. हमारे नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा बलों ने बचाया. ऐसी घटनाओं से लोगों का हौसला टूटता है."
भवानीपुर उपचुनाव का प्रचार थमा, दिलीप घोष का आरोप- TMC के गुंडों की थी मुझे मारने की साज़िश
ANICopyright: ANI
पश्चिम बंगाल के भवानीपुर उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार का आख़िरी दिन काफी गहमागहमी और राजनीतिक हंगामे से भरपूर रहा.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि उनके साथ बदसलूकी की गई तो पार्टी सांसद अर्जुन सिंह के ख़िलाफ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 'गो बैक' के नारे लगाए.
बीजेपी के ये नेता भवानीपुर उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदवार प्रियंका तिबरवाल के लिए प्रचार कर रहे थे जहां उनका मुक़ाबला राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ है.
भवानीपुर में 30 सितंबर को वोटिंग होनी है. दिलीप घोष के साथ कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उस वक़्त धक्का-मुक्की की जब वे भवानीपुर के जोडुबाबर बाज़ार के एक टीकाकरण केंद्र में गए.
दिलीप घोष ने घटना के बाद कहा, "राज्य में आम आदमी की ज़िंदगी कितनी सुरक्षित हो सकती है जब भवानीपुर में जन प्रतिनिधियों पर हमले किए जाते हों? भवानीपुर के जोडुबाबर बाज़ार में मुझ पर किया गया सुनियोजित हमला तृणमूल के गुंडों और बदमाशों द्वारा मेरी जान लेने के लिए की गई साज़िश थी. ये सत्तारूढ़ पार्टी के घृणित चरित्र को दिखलाता है. इस तरह की घटना के बाद क्या निष्पक्ष चुनाव हो सकते हैं?"
दिलीप घोष के आरोप के बाद तृणमूल कांग्रेस ने अपने जवाब में कहा कि उनके बॉडीगार्ड ने हथियार दिखाकर लोगों को डराने की कोशिश की थी. मौके पर मौजूद तृणमूल समर्थकों ने कथित तौर पर घोष को वहां से हटाने की कोशिश की और उनके ख़िलाफ़ नारे लगाए.
तृणमूल समर्थकों का कहना है कि दिलीप घोष एक सरकारी टीकाकरण केंद्र में प्रचार कर रहे थे. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, घोष के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर से बाहर निकाला और उनकी कार तक सुरक्षित पहुंचाया.
नाराज़ दिलीप घोष ने संवाददाताओं से कहा, "तृणमूल कांग्रेस ने बिना किसी उकसावे के, उनपर हमला किया है. हम इस मामले को निर्वाचन आयोग के पास ले जाएंगे. ये किस तरह का चुनाव है."
इसराइल ने की यूएई, बहरीन से बातचीत, यूएन में उठ सकता है ईरान का मुद्दा
इसराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से पहले संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के वरिष्ठ मंत्रियों से रविवार को न्यूयॉर्क में मुलाकात की है.
माना जा रहा है कि इसराइली प्रधानमंत्री अपने भाषण में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का आह्वान करेंगे.
पिछले साल अमेरिका की मध्यस्थता में संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के साथ इसराइल के नए कूटनीतिक संबंधों का एलान किया गया था. इस नए बने समीकरण की वजह से तीनों के साझा दुश्मन ईरान को घेरने में इसराइल को मदद मिली है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासभा में सोमवार को इसराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ईरान की परमाणु गतिविधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर सकते हैं ताकि उसे परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके.
ईरान इन आरोपों से इनकार करता है कि वो परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है. साल 2015 से वो वैश्विक शक्तियों से वो यूरेनियम संवर्धन के काम को रोकने के लिए बातचीत कर रहा है ताकि उस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को ढील दी जा सके.
बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातिफ़ बिन रशीद अल ज़यानी और संयुक्त अरब अमीरात के उप विदेश मंत्री खलीफ़ा शाहीन अमरार के साथ बातचीत में नफ्ताली बेनेट ने कहा कि इसराइल दोनों देशों के साथ संबंध मजबूत करना चाहता है.
प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के कार्यालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, "हम अपनी बात पर कायम हैं और हमें इस रिश्ते पर भरोसा है और हम ज़हां तक मुमकिन हो सके, इसे आगे ले जाना चाहते हैं."
साल 2018 में राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने ईरान के साथ हुए परमाणु करार से अपने हाथ खींच लिए थे. ये बात इसराइल को बहुत रास आई थी. अमेरिका के तेहरान के साथ हुए समझौते से बाहर निकलने के बाद ईरान की अर्थव्यवस्था लगातार लड़खड़ा रही है.
कई बार इस बात की आशंका भी जताई गई कि ईरान कहीं अपनी परमाणु हद लांघ न दे. बाइडन प्रशासन ने ईरान के साथ वियना में अप्रत्यक्ष रूप से बातचीत शुरू की थी लेकिन जून में कट्टरपंथी नेता इब्राहिम रईसी के सत्ता में आने के बाद वो बातचीत में रोक दी गई है.
लाइव रिपोर्टिंग
time_stated_uk
Post update
बीबीसी के लाइव पेज से जुड़ने के लिए आपका शुक्रिया. यह लाइव पेज अब यहीं बंद हो रहा है. 28 सितंबर, मंगलवार के अपडेट्स के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट विस्तार के बाद नए मंत्रियों को सौंपे विभाग
योगी आदित्यनाथ ने रविवार को किए गए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद आज नवनियुक्त मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा, "उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में कल शामिल हुए सभी नए सदस्यों को आज विभागों का दायित्व प्राप्त हो गया है. मुझे विश्वास है कि आप सभी के कुशल, अनुभवी एवं कर्मठ नेतृत्व में संबंधित विभाग विकास की नई ऊंचाइयों को स्पर्श करेंगे. आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल हेतु अनंत शुभकामनाएं."
कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद जी को प्राविधिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
राज्य मंत्री पल्टू राम जी को सैनिक कल्याण, होमगार्ड, प्रान्तीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, राज्य मंत्री डॉ. संगीता बलवंत को सहकारिता विभाग, धर्मवीर प्रजापति को औद्योगिक विकास विभाग का आवंटन किया गया है.
राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार जी को राजस्व विभाग, राज्य मंत्री संजीव कुमार को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, राज्य मंत्री दिनेश खटीक को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का दायित्व मिला है.
किसान आंदोलन अराजनैतिक फिर विपक्ष का समर्थन क्यों?
कांग्रेस नेता अनिल चौधरी सोमवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर अपने समर्थकों के साथ सड़क पर थे.
चौधरी कांग्रेस के कई दूसरे नेताओं की तरह संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बुलाए गए 'भारत बंद' के प्रति समर्थन जताने आए थे.
किसान मोर्चा ने तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के एक साल पूरा होने पर भारत बंद का एलान किया था.
चौधरी जब सड़क पर धरना देने के लिए बैठे तो ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने उनसे गुजारिश की कि वो 'दिल्ली लौट जाएं.'
एक किसान नेता ने कहा, "ठीक है आप समर्थन कर रहे हैं. हमारे मंच पर आकर मीडिया का आप जो लाभ लेना चाह रहे हैं... प्लीज़ आपसे रिक्वेस्ट है, आप खड़े हो जाइए. आपका पूरा सम्मान है."
किसान आंदोलन: मोदी सरकार का विपक्ष पर निशाना
किसानों के भारत बंद को विपक्ष का बिना शर्त समर्थन. बीजेपी का आरोप किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं विपक्षी दल.
और पढ़ेंब्रेकिंग न्यूज़'आकाश प्राइम' मिसाइल का डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण
आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण का सोमवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. अधिकारियों ने बताया कि ये परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में शाम साढ़े चार बजे के करीब किया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 'आकाश प्राइम' ने एक मानवरहित एरियल टारगेट को अपने पहले ही फ़्लाइट टेस्ट में हवा में ही ध्वस्त कर दिया.
अधिकारी ने कहा, "मौजूदा आकाश मिसाइल की तुलना में देखें तो 'आकाश प्राइम' एक्टिव 'रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर' फीचर से लैस है. इसमें कुछ और विशेषताएं भी जोड़ी गई हैं, जैसे ऊंची जगहों पर ठंडे तापक्रम में भी भरोसेमंद प्रदर्शन कर सकता है."
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट (डीआरडीओ), भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और अन्य स्टेकहोल्डर्स को 'आकाश प्राइम' मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए शुभकामनाएं दी हैं.
उन्होंने कहा कि फ़्लाइट टेस्ट से विश्व स्तरीय मिसाइल सिस्टम डिजाइन करने और उसे विकसित करने में डीआरडीओ की काबिलियत साबित होती है.
जर्मनी चुनाव में SPD मामूली अंतर से जीती पर ये होंगे किंगमेकर
जर्मनी की सेंटर-लेफ़्ट सोशल डेमोक्रेट्स (SPD) ने बेहद मामूली अंतर से जर्मनी की चांसलर एंगेला मार्केल की पार्टी को देश के संघीय चुनावों में हरा दिया है.
SPD ने 25.7% वोट हासिल किए हैं. वहीं सत्तारुढ़ कंज़रवेटिव गठबंधन CDU/CSU ने 24.1% वोट हासिल किए हैं.
ग्रीन्स पार्टी ने अपने इतिहास में सबसे बड़ा परिणाम हासिल करते हुए तीसरे स्थान पर क़ब्ज़ा किया है और 14.8% वोट हासिल किए हैं.
हालांकि, सरकार बनाने के लिए एक गठबंधन ज़रूर बनाना होगा.
जर्मनी चुनाव में SPD मामूली अंतर से जीती पर ये होंगे किंगमेकर
जर्मनी में हुए चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है लेकिन SPD ने 25 फ़ीसदी से अधिक वोट हासिल किए हैं.
और पढ़ेंयूपीएससी टॉपर: जागृति अवस्थी ने बताया अपनी कामयाबी का मंत्र
यूपीएससी-2020 में दूसरा स्थान हासिल करने वाली भोपाल की जागृति अवस्थी ने अपना सक्सेस मंत्र शेयर किया है और बताया है कि उन्होंने किस तरह से तैयारी की थी.
उन्होंने यूपीएससी क्लियर करने की इच्छा रखने वालों को टिप्स भी दिए हैं.
देखिए बीबीसी हिंदी के लिए शुरैह नियाज़ी से उनकी ख़ास बातचीत.
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर क्या बोला विदेशी मीडिया?
अमेरिका दौर पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ मुलाक़ात की है.
इस दौरे में जो सबसे अहम चीज़ थी, वो क्वॉड की व्हाइट हाउस में प्रस्तावित बैठक जो कि शुक्रवार को हुई.
इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री के अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने साथ मिलकर बैठक की.
अमेरिका में पीएम मोदी की मौजूदगी को क्या अमेरिकी मीडिया ने तवज्जो दी है?
तालिबान को मान्यता देने से क्यों हिचकते हैं चीन, रूस और पाकिस्तान
"अगर उन्होंने सभी गुटों को शामिल नहीं किया, तो आज नहीं तो कल वहाँ गृह युद्ध होगा. इसका मतलब एक अस्थिर और अराजक अफ़ग़ानिस्तान." - इमरान ख़ान,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
"चीन उम्मीद करता है कि अफ़ग़ानिस्तान के सभी पक्ष वहाँ के लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों के मुताबिक फ़ैसले करेंगे. एक खुला और सबको साथ लेकर चलने वाला राजनीतिक ढाँचा तैयार करेंगे." - चीनी विदेश मंत्रालय
"सबसे महत्वपूर्ण ये सुनिश्चित करना है कि जो वादे उन्होंने सार्वजनिक रूप से किए हैं, उन्हें पूरा किया जाए और हमारे लिए यह सर्वोच्च प्राथमिकता है.''- सर्गेई लवरोफ़, रूस के विदेश मंत्री
ये बयान उन तीन देशों के हैं जिनकी अफ़ग़ान-तालिबान शांति वार्ता, तालिबान की अंतरिम सरकार के गठन और तालिबान के समर्थन में अहम भूमिका रही है.
लेकिन, तालिबान को खुले समर्थन और दुनिया को नए तालिबान का भरोसा दिलाने के बावजूद इन तीनों देशों ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है.
तालिबान को मान्यता देने से क्यों हिचकते हैं चीन, रूस और पाकिस्तान
चीन, रूस और पाकिस्तान ने तालिबान सरकार का खुलकर समर्थन तो किया है लेकिन उसे मान्यता नहीं दी है.
और पढ़ेंभारत बंद: उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक दिखा असर
40 से ज़्यादा किसान संगठनों ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था. जो सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक जारी रहा.
दिल्ली और उससे सटे राज्यों में बंद का व्यापक असर दिखा. गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर ज़बरदस्त जाम रहा. हालात देखते हुए दिल्ली के कई रास्तों पर ट्रैफ़िक को डायवर्ट किया गया. प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-अमृतसर हाइवे बंद कर दिया.
कई किसान रेलवे की पटरियों पर बैठ गए, जिससे कई जगह रेल सेवाओं पर असर पड़ा. कितना कामयाब रहा ये भारत बंद, बता रहे हैं बीबीसी संवाददाता सलमान रावी.
भारत बंद की वजह से 50 ट्रेनों की सर्विस पर असर पड़ा: रेलवे
केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के कारण सोमवार को 50 रेलगाड़ियों के आवागमन पर असर पड़ा.
रेलवे के अधिकारियों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि दोपहर में रेलवे की पटरी पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों को हटाए जाने के बाद रेलवे सेवाएं फिर से शुरू हो सकीं.
भारत बंद के कारण देशभर में ख़ासकर उत्तर भारत में आम जनजीवन पर असर पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने हाईवे और सड़कें जाम कर दी थीं. वे कई जगहों पर रेल पटरियों पर बैठ गए.
देश भर के 40 किसान संगठनों का साझा मंच 'संयुक्त किसान मोर्चा' ने इस भारत बंद का आह्वान किया था. बंद शाम चार बजे तक के लिए लाया गया था.
उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता ने बताया, "दिल्ली, अंबाला, फिरोज़पुर डिविजन में 20 से ज़्यादा जगहों पर रेलवे ट्रैफिक बाधित किया गया था. इसकी वजह से 50 से ज़्यादा ट्रेनों के आवागमन पर असर पड़ा. शाम साढ़े चार बजे से गाड़ियों का परिचालन सामान्य हो गया है."
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली अमृतसर शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस, नई दिल्ली-मोगा एक्सप्रेस, पुरानी दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस, नई दिल्ली से कटरा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के परिचालन पर भारत बंद के कारण असर पड़ा.
ब्रेकिंग न्यूज़ईरान का परमाणु कार्यक्रम अपनी हद पार कर गया है, इसराइल उसे परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा: नफ्ताली बेनेट
इसराइल के प्रधानमंत्री नफ़्ताली बेनेट ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपने पहले संबोधन में कहा इसराइल आज़ादी की उम्मीद है और इसका समर्थन करना नैतिक रूप से सही है.
उन्होंने कहा, "इसराइल पर हमला करने से आप नैतिक रूप से ऊंचे पायदान पर नहीं खड़े हो जाते हैं. मध्य पूर्व के एकलौते लोकतांत्रिक देश से लड़ने से आप जागृत नहीं कहे जाएंगे. इसराइल के बारे में बुनियादी बात जाने बगैर कोई राय बनाना, सिर्फ़ आलस ही कहा जाएगा. इस इमारत में हर सदस्य देश के पास चुनने के लिए एक विकल्प है. ये कोई राजनीतिक फ़ैसला नहीं है. ये एक नैतिक फ़ैसला है. ये अंधेरे और उजाले के बीच चुनने जैसा है."
प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने बार-बार ये बात दोहराई कि इसराइल तूफ़ान से घिरे समदंर में लाइटहाउस की तरह है. इसके लोकतंत्र में विविधता है और ये दुनिया में अपनी खोज और अनुसंधानों से योगदान देता है.
पिछले हफ़्ते नस्लवाद के उन्मूलन पर हुए वैश्विक कॉन्फ्रेंस की 20वीं सालगिरह थी. इस मौके पर आयोजित डर्बन IV कॉन्फ्रेंस में 38 देशों ने हिस्सा नहीं लिया. नफ़्ताली बेनेट ने इसका जिक्र करते हुए कहा, "ये कॉन्फ्रेंस वास्तव में नस्लवाद के ख़िलाफ़ शुरू हुआ था लेकिन बीते कुछ सालों में ये कॉन्फ्रेंस इसराइल और यहूदी लोगों के ख़िलाफ़ नस्लवाद का कॉन्फ्रेंस बन गया है."
इसराइली प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ख़ासतौर पर अमेरिका की दोस्ती के लिए शुक्रिया कहा.
पड़ोसी देशों के साथ इसराइल के संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "लंबे समय तक इसराइल की पहचान युद्ध और उसके पड़ोसियों से की जाती रही है. लेकिन इसराइल ऐसा नहीं है. इसराइल के लोग सुबह उठकर जंग के बारे में सोचना नहीं शुरू कर देते हैं. वे भी एक अच्छी ज़िंदगी जीना चाहते हैं, अपने परिवार की देखभाल करना चाहते हैं और अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं. लेकिन इसका ये भी मतलब है कि ज़रूरत पड़ने पर हमें अपना काम और घर परिवार छोड़कर देश की रक्षा के लिए मैदान-ए-जंग में उतरना पड़ता है. ठीक हमारे दोस्तों की तरह और हमें भी ये करना होता है. उनके बारे में इस वजह से राय नहीं बनाई जानी चाहिए."
ईरान के मुद्दे पर नफ्ताली बेनेट ने कहा, "ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है. वे सभी हदें पार कर गए हैं. जांच को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है. नेकनियती की भावनाएं गलत साबित हुई हैं. ईरान इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी के साथ हुए सुरक्षा समझौते का उल्लंघन कर रहा है."
"ईरान 60 फीसदी तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा है. हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने से वो बस एक कदम दूर है. दुनिया इस सिलसिले में सारे सबूतों को नज़रअंदाज कर रही है. ईरान का कार्यक्रम अपने टर्निंग प्वॉयंट पर पहुंच गया है और हमारी सहने की क्षमता भी अब अपने आख़िरी हद पर है. केवल बयानबाज़ी से ईरान की परमाणु गतिविधि रुकने वाली नहीं है."
उन्होंने ये साफ़ तौर पर कहा कि इसराइल ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा.
किसानों का 'भारत बंद', जनता हुई तंग
दिल्ली-गुरुग्राम के रास्ते पर गाड़ियों की ये क़तार किसानों के ‘भारत बंद’ का असर है. जिसने सोमवार सवेरे दफ़्तर जाने वालों को मुसीबत में डाल दिया.
दिल्ली-NCR के अलग-अलग रास्तों पर लंबा ट्रैफ़िक जाम लगा. दरअसल 40 से ज़्यादा किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया.
इस वजह से कई रास्ते बंद हो गए थे और दूसरे रास्तों पर वाहनों का बोझ आ गया. गुरुग्राम से दिल्ली की ओर आने वाली सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें दिखीं. घंटों तक लोग जाम में फंसे रहे.
यही हाल नोएडा-दिल्ली सीमा पर भी दिखा. डीएनडी फ्लाईओवर पर गाड़ियां रेंगती नज़र आईं.
भारत बंद के समर्थन में ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने भी आवाज़ बुलंद की.
यूएन में भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान का कड़ा बयान
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के आरोपों का जवाब दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूएन में भाषण के बाद शनिवार को पाकिस्तानी प्रतिनिधि साइमा सलीम राइट टू रिप्लाई के तहत बोलीं.
उन्होंने भारत पर आतंकवाद का प्रायोजक और वित्तपोषक होने का आरोप लगाया. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को टूल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
यूएन में पीएम मोदी के भाषण पर चीन को लेकर उठे सवाल
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण दिया. उनके भाषण की समीक्षा की जा रही है. कई लोग तारीफ़ कर रहे हैं तो कई लोग विषय वस्तु को लेकर आलोचना कर रहे हैं.
इस भाषण में पीएम मोदी ने लोकतंत्र से लेकर आतंकवाद, अफ़ग़ानिस्तान और कोरोना वायरस वैक्सीन तक पर अपने विचार व्यक्त किए.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र की 76वीं आम सभा को संबोधित करते हुए भारत का नाम लेते हुए हमला बोला था. लेकिन पीएम ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना निशाना साधा.
उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान का सीधे-सीधे नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने ये ज़रूर कहा कि "पीछे ले जाने वाली सोच के साथ जो देश आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक उपकरण के तौर पर कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा ख़तरा है. ये तय करना बहुत ज़रूरी है कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो."
आज का कार्टून: ये इतना बड़ा हो गया?
किसानों के जारी प्रदर्शन पर आज का कार्टून.
आज का कार्टून: ये इतना बड़ा हो गया?
किसानों के जारी प्रदर्शन पर आज का कार्टून.
और पढ़ेंबीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 27 सितंबर 2021
सुनिए फ़ैसल मोहम्मद अली के साथ
राजस्थान शिक्षक भर्ती परीक्षा: नकल के लिए चप्पलों में ब्लूटूथ का इस्तेमाल
राजस्थान में 26 सितंबर को राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) के लगभग 31 हज़ार पदों के लिए राज्य और बाहरी राज्यों के क़रीब 13 लाख युवा उम्मीदवार शामिल हुए.
परीक्षा को देखते हुए किसी तरह की नकल की कोशिशों को रोकने के लिए राज्य भर में 12 घंटे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं, लेकिन सरकारी कोशिशों से पार पाने के लिए उम्मीदवारों ने अलग-अलग नुस्खे आजमाए.
इसमें कान में ब्लूटूथ के साथ चप्पल में ब्लूटूथ डिवाइस लगाना तक शामिल है. बीकानेर पुलिस ने परीक्षा पूर्व ही बड़े नकल गिरोह को पकड़ कर चौंकाने वाले खुलासे किए.
बीकानेर की पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा के निर्देशन में गंगाशहर थाना इलाक़े से परीक्षा पूर्व (25 सितंबर) को ब्लूटूथ डिवाइस से नकल करने वाले गिरोह और परिक्षार्थियों समेत पांच लोगों को गिरफ़्तार किया.
राजस्थान शिक्षक भर्ती परीक्षा: नकल के लिए चप्पलों में ब्लूटूथ का जुगाड़
राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा को देखते हुए किसी तरह की नकल की कोशिशों को रोकने के लिए राज्य भर में 12 घंटे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं, लेकिन सरकारी कोशिशों से पार पाने के लिए उम्मीदवारों ने अलग-अलग नुस्खे आजमाए.
और पढ़ेंभवानीपुर उपचुनाव: BJP ने कहा, चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक लगे धारा 144
पश्चिम बंगाल के भवानीपुर उपचुनाव से पहले सियासी बयानबाज़ी ज़ोरों पर है. आज इस उपचुनाव के लिए प्रचार थम गया लेकिन दिन भर इस विधानसभा क्षेत्र माहौल गर्माया रहा.
यहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बीजेपी की प्रियंका तिबरवाल चुनौती दे रही हैं.
हाल ही में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी, शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं. अब वे राज्य की मुख्यमंत्री हैं और विधायक बनने के लिए मैदान में हैं.
अब बंगाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मांग की है कि भवानीपुर में चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक धारा 144 लागू की जाए.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने पत्रकारों को बताया, "जब तक चुनावी प्रक्रिया पूरी न हो, हम भवानीपुर में धारा 144 लागू करने की मांग करते हैं. साथ ही वोटिंग बूथ पर केंद्रीय पुलिस बनों की तैनाती की भी मांग करते हैं. पोलिंग बूथ पर सीसीटीवी का लिंक सीधा चुनाव आयोग तक होना चाहिए."
आज भवानीपुर में बीजेपी के प्रचार के दौरान हुई धक्का-मुक्की के लिए पार्टी नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है.
पार्टी नेता शिशिर बजोरिया ने कहा, "ये देखा गया कि आज हमारी पार्टी पर हमला करने वालों में से आठ का ताल्लुक टीएमसी नेता मदन मित्रा से है. हमारे नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा बलों ने बचाया. ऐसी घटनाओं से लोगों का हौसला टूटता है."
भवानीपुर उपचुनाव का प्रचार थमा, दिलीप घोष का आरोप- TMC के गुंडों की थी मुझे मारने की साज़िश
पश्चिम बंगाल के भवानीपुर उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार का आख़िरी दिन काफी गहमागहमी और राजनीतिक हंगामे से भरपूर रहा.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि उनके साथ बदसलूकी की गई तो पार्टी सांसद अर्जुन सिंह के ख़िलाफ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 'गो बैक' के नारे लगाए.
बीजेपी के ये नेता भवानीपुर उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदवार प्रियंका तिबरवाल के लिए प्रचार कर रहे थे जहां उनका मुक़ाबला राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ है.
भवानीपुर में 30 सितंबर को वोटिंग होनी है. दिलीप घोष के साथ कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उस वक़्त धक्का-मुक्की की जब वे भवानीपुर के जोडुबाबर बाज़ार के एक टीकाकरण केंद्र में गए.
दिलीप घोष ने घटना के बाद कहा, "राज्य में आम आदमी की ज़िंदगी कितनी सुरक्षित हो सकती है जब भवानीपुर में जन प्रतिनिधियों पर हमले किए जाते हों? भवानीपुर के जोडुबाबर बाज़ार में मुझ पर किया गया सुनियोजित हमला तृणमूल के गुंडों और बदमाशों द्वारा मेरी जान लेने के लिए की गई साज़िश थी. ये सत्तारूढ़ पार्टी के घृणित चरित्र को दिखलाता है. इस तरह की घटना के बाद क्या निष्पक्ष चुनाव हो सकते हैं?"
दिलीप घोष के आरोप के बाद तृणमूल कांग्रेस ने अपने जवाब में कहा कि उनके बॉडीगार्ड ने हथियार दिखाकर लोगों को डराने की कोशिश की थी. मौके पर मौजूद तृणमूल समर्थकों ने कथित तौर पर घोष को वहां से हटाने की कोशिश की और उनके ख़िलाफ़ नारे लगाए.
तृणमूल समर्थकों का कहना है कि दिलीप घोष एक सरकारी टीकाकरण केंद्र में प्रचार कर रहे थे. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, घोष के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर से बाहर निकाला और उनकी कार तक सुरक्षित पहुंचाया.
नाराज़ दिलीप घोष ने संवाददाताओं से कहा, "तृणमूल कांग्रेस ने बिना किसी उकसावे के, उनपर हमला किया है. हम इस मामले को निर्वाचन आयोग के पास ले जाएंगे. ये किस तरह का चुनाव है."
इसराइल ने की यूएई, बहरीन से बातचीत, यूएन में उठ सकता है ईरान का मुद्दा
इसराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से पहले संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के वरिष्ठ मंत्रियों से रविवार को न्यूयॉर्क में मुलाकात की है.
माना जा रहा है कि इसराइली प्रधानमंत्री अपने भाषण में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का आह्वान करेंगे.
पिछले साल अमेरिका की मध्यस्थता में संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के साथ इसराइल के नए कूटनीतिक संबंधों का एलान किया गया था. इस नए बने समीकरण की वजह से तीनों के साझा दुश्मन ईरान को घेरने में इसराइल को मदद मिली है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासभा में सोमवार को इसराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ईरान की परमाणु गतिविधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर सकते हैं ताकि उसे परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके.
ईरान इन आरोपों से इनकार करता है कि वो परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है. साल 2015 से वो वैश्विक शक्तियों से वो यूरेनियम संवर्धन के काम को रोकने के लिए बातचीत कर रहा है ताकि उस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को ढील दी जा सके.
बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातिफ़ बिन रशीद अल ज़यानी और संयुक्त अरब अमीरात के उप विदेश मंत्री खलीफ़ा शाहीन अमरार के साथ बातचीत में नफ्ताली बेनेट ने कहा कि इसराइल दोनों देशों के साथ संबंध मजबूत करना चाहता है.
प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के कार्यालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, "हम अपनी बात पर कायम हैं और हमें इस रिश्ते पर भरोसा है और हम ज़हां तक मुमकिन हो सके, इसे आगे ले जाना चाहते हैं."
साल 2018 में राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने ईरान के साथ हुए परमाणु करार से अपने हाथ खींच लिए थे. ये बात इसराइल को बहुत रास आई थी. अमेरिका के तेहरान के साथ हुए समझौते से बाहर निकलने के बाद ईरान की अर्थव्यवस्था लगातार लड़खड़ा रही है.
कई बार इस बात की आशंका भी जताई गई कि ईरान कहीं अपनी परमाणु हद लांघ न दे. बाइडन प्रशासन ने ईरान के साथ वियना में अप्रत्यक्ष रूप से बातचीत शुरू की थी लेकिन जून में कट्टरपंथी नेता इब्राहिम रईसी के सत्ता में आने के बाद वो बातचीत में रोक दी गई है.