किसानों के भारत बंद का दिल्ली एनसीआर सहित कई राज्यों में व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। दिल्ली-गुरुग्राम में जहां सड़कों पर गाड़ियों की लंबी लाइनें लगी हुईं हैं, तो वहीं कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।

इस बंद की वजह से अब तक दिल्ली से जुड़ी कई ट्रेनें को रद्द कर दिया गया है। रद्द होने वाली ट्रेनों में नई दिल्ली अमृतसर- शान ए पंजाब ट्रेन, नई दिल्ली-मोगा, पुरानी दिल्ली- पठानकोट, अमृतसर शताब्दी, कालका शताब्दी का नाम शामिल है। वहीं वंदे भारत एक्सप्रेस जो नई दिल्ली से कटरा को जाती है , सुबह नई दिल्ली से 6 बजे तो चली लेकिन पानीपत पहुंचते ही इस ट्रेन को स्टेशन पर कर दिया गया है।

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों के भारत बंद को देखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किए गए हैं। किसानों के इस बंद को कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है।

किसानों के इस भारत बंद का असर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और कर्नाटक समेत कई राज्यों में किसान आज सड़कों पर उतर आए हैं। कई राज्यों में राजनीतिक पार्टियां भी इस आंदोलन के सपोर्ट में सड़कों पर उतर आई हैं।

किसानों के इस बंद को समर्थन देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है, लेकिन शोषण-कार सरकार को ये नहीं पसंद है इसलिए आज भारतबंद है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन नए कृषि कानूनों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आज सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है। यह बंद आज सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा।

हरियाणा में किसानों ने कई जगहों पर हाईवे को जाम कर दिया है। दिल्ली-जींद-पटियाला राष्ट्रीय राजमार्ग को जींद के पास किसानों ने बंद कर दिया है। चंडीगढ़-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग को भी किसानों ने बंद कर दिया है। साथ ही फतेहाबाद जिले में भी सड़क को जाम कर दिया गया है। सड़के के साथ-साथ रेलवे ट्रैक पर भी किसान बैठे हैं।

कर्नाटक में किसानों के बंद के समर्थन में विभिन्न संगठनों ने कलबुर्गी सेंट्रल बस स्टेशन के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। वहीं पंजाब में भी किसानों का भारत बंद शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। अमृतसर में जिन जगहों पर किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। वहां सुबह पांच बजे से सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने कहा कि किसानों का विरोध शांतिपूर्ण है, इसलिए बलों से भी कहा गया है कि उनके साथ अभद्र व्यवहार न करें और कुछ होने पर मेरे संज्ञान में मामला लाएं।

बिहार में किसानों के समर्थन में राजद नेता भी सड़कों पर उतर आए हैं। बंद को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि एम्बुलेंस, डॉक्टर या आपात स्थिति में जाने वाले लोगों को बंद के दौरान नहीं रोका जाएगा। हमने कुछ भी सील नहीं किया है, हम सिर्फ एक संदेश भेजना चाहते हैं। हम दुकानदारों से अपील करते हैं कि वे अपनी दुकानें अभी बंद रखें और शाम 4 बजे के बाद ही खोलें। बाहर से यहां कोई किसान नहीं आ रहा।

बंद के दौरान, एसकेएम ने सरकारी और निजी कार्यालयों, शैक्षणिक और अन्य संस्थानों, दुकानों, उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद करने का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि बंद को स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण तरीके से लागू किया जाएगा।

किसानों के इस भारत बंद को कई पार्टियों से भी समर्थन मिला है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जहां किसानों के भारत बंद को समर्थन दिया है, वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि वह देशव्यापी बंद में हिस्सा लेंगे। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों ने भी बंद को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह सोमवार को विरोध-प्रदर्शन में शामिल होगी।

वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि पिछले 10 महीनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 10 साल तक आंदोलन करने को तैयार हैं, लेकिन काले कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। टिकैत ने किसानों से कहा- “अपने ट्रैक्टर तैयार रखो, “दिल्ली में कभी भी इनकी आवश्यकता हो सकती है।”

टिकैत पानीपत में किसानों द्वारा आयोजित महापंचायत में बोल रहे थे। टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत कई वरिष्ठ किसान नेताओं ने इस महापंचायत को संबोधित किया।

महापंचायत को संबोधित करते हुए गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि हम समाज के सभी वर्गों से भारत बंद में शामिल होने का आग्रह करते हैं। यह आंदोलन सभी के लिए है। वहीं पगड़ी संभल जट्टा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मंदीप नाथवान ने कहा ने इस महापंचायत में कहा कि हमने आंदोलन के हिस्से के रूप में सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए फतेहाबाद, सिरसा और हिसार में 12 मुख्य बिंदुओं की पहचान की है।