scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

WHO की ये गाइडलाइंस पहले आती, तो कोरोना से बच सकती थी लाखों लोगों की जान

WHO New Air Quality Guidelines
  • 1/9

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने (WHO) वायु गुणवत्ता को लेकर नई गाइडलाइंस बनाई हैं. अगर इन गाइडलाइंस का पालन सभी देश करें तो हर साल लाखों लोगों को मौत के मुंह में नहीं जाते. उनकी असामयिक मौत को टाला जा सकता है. 15 साल से इस  नई गाइडलाइंस का इंतजार था. ऐसा दावा किया जा रहा है कि अगर यह गाइडलाइंस पहले बनी होती तो कोरोना काल में लाखों लोगों को बचाया जा सकता था. (फोटोःगेटी)

WHO New Air Quality Guidelines
  • 2/9

प्रदूषण के सबसे छोटे कण यानी PM 2.5 जिन्हें पर्टिकुलेट मैटर कहा जाता है. ये बेहद घातक होते हैं. ये आपके फेफड़ों के ऊतक यानी टिश्यू तक प्रवेश कर सकते हैं. साथ ही खून की नसों में भी. इनकी वजह से लोगों को दमा, दिल संबंधी बीमारियां और अन्य सांस संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. नई गाइडलाइंस को 15 सालों से अपडेट नहीं किया गया था. (फोटोः गेटी)

WHO New Air Quality Guidelines
  • 3/9

नई गाइडलाइंस  में कहा गया है कि PM 2.5 को घटाकर 10 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर से पांच माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर पर लाना होगा. साल 2016 में पूरी दुनिया में 41 लाख से ज्यादा असामयिक मौतें हुई थीं. इनमें से आधी मौतें खराब वायु गुणवत्ता, वायु प्रदूषण और PM 2.5 की वजह से हुई थीं. अगर साल 2021 की नई गाइडलाइंस लागू होती हैं तो उससे PM 2.5 की मात्रा में 80 फीसदी की गिरावट होगी. हर साल करीब 33 लाख लोगों को मरने से बचाया जा सकेगा.

Advertisement
WHO New Air Quality Guidelines
  • 4/9

इस नई गाइडलाइन में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं कि जिसमें अलग-अलग देशों की सरकारें अपने मुताबिक कुछ परिवर्तन भी कर सकती हैं. नियमों में बदलाव अपने देश के पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए किये जा सकते हैं. इसमें घर के बाहर के प्रदूषण और घर के अंदर का प्रदूषण भी शामिल है. साथ ही PM 10 जो कि पीएम 2.5 से बड़ा होता है, ओजोन, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड पर भी नजर रखी जा सके. (फोटोः रॉयटर्स)

WHO New Air Quality Guidelines
  • 5/9

ये गाइडलाइन 76वीं संयुक्त राष्ट्र आमसभा में जारी की गई. इस सभा में कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा हो रही थी. नई गाइडलाइन बनाने वाली टीम की टेक्नीकल प्रमुख डोरोटा जारोसिन्सका इस नई गाइडलाइंस के सहारे हम तीन मोर्चों पर सफलता हासिल करेंगे. पहला तो लोगों की सेहत सुधरेगी. दूसरा वायु गुणवत्ता में सुधार आएगा. इसके अलावा तीसरा मोर्चा होगा जलवायु संकट से संघर्ष में फायदा. (फोटोःगेटी)

WHO New Air Quality Guidelines
  • 6/9

डोरोटा जारोसिन्सका ने सीएनएन से बात करते हुए कहा कि दुनिया भर को तत्काल इन गाइडलाइंस को लागू करना चाहिए. इसकी वजह से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है. साथ ही कोरोनावायरस और कोविड-19 संक्रमण से लड़ने में तेजी से सफलता पाई जा सकती है. क्योंकि कोविड-19 संक्रमण में वायु प्रदूषण एक महत्वपूर्ण कारण बनकर सामने आया था. जिसका जिक्र कई स्टडीज में किया जा चुका है. (फोटोः रॉयटर्स)

WHO New Air Quality Guidelines
  • 7/9

PM 2.5 और PM 10 जीवाश्म ईंधन यानी पेट्रोल, डीजल आदि जलने, जंगली आग, कृषि से बचे हुए पदार्थों आदि से निकलता है, जिसकी वजह से दमा, दिल संबंधी बीमारियां, क्रोनिक ब्रोनकाइटिस समेत कई तरह की सांस संबंधी दिक्कतें होती हैं. इन समस्याओं के साथ अगर किसी को कोविड-19 का संक्रमण होता है तो उसकी स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है. (फोटोः रॉयटर्स)

WHO New Air Quality Guidelines
  • 8/9

हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक अमेरिका में लगी जंगली आग की वजह से साल 2020 में कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ था. क्योंकि हवा में पर्टिकुलेट मैटर की मात्रा बढ़ गई थी. खास तौर से पश्चिमी अमेरिका में क्योंकि वहीं पर सबसे ज्यादा आग लगी थी. सबसे ज्यादा तापमान भी रिकॉर्ड किया गया था. यह स्टडी साइंस एडवांसेस नाम के जर्नल में प्रकाशित हुई थी. (फोटोः रॉयटर्स)

WHO New Air Quality Guidelines
  • 9/9

स्क्रिप्स इंस्टीट्यूशन ऑफ ओशियानोग्राफी के क्लाइमेट चेंज एपिडेमियोलॉजिस्ट तारिक बेनमार्निया ने कहा कि इस बात के कई प्रमाण है कि कम से कम प्रदूषण में भी घातक पीएम 2.5 का स्तर बढ़ा हुआ रहता है. काफी ज्यादा नाइट्रोजन डाईऑक्साइड भी निकलता है, जो कि सेहत के लिए नुकसानदेह है. इसलिए जरूरी है कि वायु गुणवत्ता को लेकर नई गाइडलाइन को जल्द से जल्द दुनियाभर में लागू किया जाए. (फोटोः WHO)

Advertisement
Advertisement
Advertisement