पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रविवार को अपने कैबिनेट का ऐलान कर दिया। कैबिनेट का ऐलान होते ही पंजाब कांग्रेस में सिर फुटव्वल शुरू हो गया है। नए कैबिनेट में 15 विधायकों को जगह दी गई है जिसमें से 7 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं। वहीं पूर्ववर्ती अमरिंदर सरकार में शामिल रहे कई नेताओं को इस बार हुए कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं दी गई। कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिलने से नाराज पूर्व मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही पत्रकारों के सामने रोने लगे और कहने लगे कि आखिर मेरा कसूर क्या था जो मुझसे मंत्रिमंडल छीन लिया गया।

पूर्ववर्ती अमरिंदर सिंह की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि कोरोना काल में मैंने रात दिन काम किया। मेरे काम की प्रशंसा प्रधानमंत्री मोदी ने भी की. लोगों की सेवा करते करते मेरा पूरा परिवार कोरोना पीड़ित हो गया। आज कई विधायक मंत्री बन रहे हैं। मैं मंत्री बनने वाले सभी विधायकों को बधाई देता हूं लेकिन मैं आलाकमान से यह पूछना चाहता हूं कि मेरा क्या कसूर था जो मुझे कैबिनेट से बाहर कर दिया गया।

इस दौरान बलबीर सिंह सिद्धू ने भावुक होते हुए कहा कि मेरी तीन पीढ़ी इस पार्टी की सेवा में लगी रही। करीब 30 साल मैंने इस पार्टी को दिया। पार्टी से जुड़े होने की वजह से मेरे पर ऊपर केस तक दर्ज किए गए और इन्क्वारी बैठाई गई। इसलिए मैं यह जानना चाहता हूं कि मेरा कसूर क्या है. किसी को फांसी की सजा भी दी जाती है तो उससे आखिरी ख्वाहिश पूछी जाती है, मुझसे भी पूछ लेते। अगर मुझसे पहले रिजाइन देने को कहा जाता तो मैं भी पहले ही इस्तीफा दे देता।  

वहीं कैबिनेट विस्तार में शामिल नहीं किए जाने की वजह से कुछ नेताओं की नाराजगी की खबर सामने के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने इसपर संज्ञान लिया है। हरीश रावत ने कहा कि जो लोग मंत्रिमंडल में स्थान नहीं पा पाए हैं उनको पार्टी और सरकार की व्यवस्था में जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। किसी को छोड़ा नहीं गया है। इस मंत्रिमंडल विस्तार में युवा चेहरों और सामाजिक एवं क्षेत्रीय संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है।