चांसलर पद के उम्मीदवार ने की ऐसी गलती
२६ सितम्बर २०२१जर्मनी में रविवार को आम चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं. लेकिन इस दौरान सीडीयू-सीएसयू के चांसलर उम्मीदवार और जर्मनी के सबसे बड़े प्रांत नॉर्थ राइन लेस्टफेलिया के मुख्यमंत्री मतदान के दौरान एक बड़ी भूल कर बैठे. उन्होंने मतपत्र को ऐसे मोड़ा कि उसे मतपेटी के अंदर डालने के दौरान साफ दिखा कि उन्होंने किसे वोट दिया है. इसे वोटिंग के दौरान खींची गई तस्वीर में भी देखा जा सकता है.
आर्मिन लाशेट ने पश्चिमी जर्मनी के शहर आखेन के अपने चुनाव केंद्र में वोट डाला. इस तस्वीर के सामने आने के फौरन बाद सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई. यही नहीं, लाशेट के तुरंत बाद वोट देने वाली उनकी पत्नी के मतपत्र में भी दिख रहा है कि उन्होंने किसे वोट डाला है. इसके बाद ट्विटर पर बहस छिड़ गई कि मुख्यमंत्री लाशेट ने सही तरीके से वोट डाला है या नहीं.
लाशेट का इस तरह से वोट डालना मतदान की गोपनीयता का उल्लंघन है. जर्मनी में मतदान की गोपनीयता का इतना महत्व है कि यहां गोपनीयता को पूरी तरह बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई थी और मतदान पुराने तरीके से पेपर वाले मतपत्र से ही होता है.
जर्मनी के संघीय चुनाव अधिकारी के वेबपेज पर मतदान की प्रक्रिया के तहत स्पष्ट रूप से लिखा है कि मतपत्र को इस तरह मोड़ा जाना चाहिए कि पता न चले कि मत किसे दिया गया है. इस नियम के तहत मतदान केंद्र के चुनाव अधिकारी को लाशेट को अपना मतपत्र मतपेटी में डालने से रोकना चाहिए था.
स्वाभाविक है कि संघीय चुनाव अधिकारी के पास सवालों की झड़ी लग गई. डॉयचे वेले ने भी चुनाव अधिकारी से इस बारे में सवाल पूछा जिसके बारे में चुनाव अधिकारी ने ट्वीट पर जवाब दिया. इसमें आर्मिन लाशेट का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन कहा गया है कि इस नियम का मकसद यह है कि मतदाताओं को प्रभावित न किया जा सके.
चुनाव कार्यालय का कहना है कि मौजूदा मामले को मतदान को प्रभावित करने का मामला नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि "देश भर में विख्यात राजनीतिज्ञ ने उम्मीद के अनुरूप खुद अपनी पार्टी को वोट दिया है." तस्वीर में देखा जा सकता है कि लाशेट ने अपने दोनों वोट अपनी पार्टी सीडीयू को दिए हैं, जिसके वे अध्यक्ष भी हैं.
इस मामले का वोटों की गणना पर कोई असर नहीं होगा. चुनाव अधिकारी का कहना है कि मतपत्र को मोड़ने में गड़बड़ी होने पर मतकेंद्र का चुनाव अधिकारी नया मतपत्र देता है. अगर मतपत्र को मतपेटी में डाल दिया जाता है तो उसे अलग करना संभव नहीं है और वह वैध है. लाशेट ने अपना मतपत्र रोके जाने से पहले ही मतपेटी में डाल दिया था.
इस तरह का एक ममाला 2005 में भी हुआ था जब बवेरिया की सीएसयू पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री एडमुंड श्टोइबर की भी मतपत्र को मोड़ते हुए तस्वीर ले ली गई थी.एक महिला ने इसकी वजह से चुनाव परिणामों पर सवाल उठाए थे और नतीजों को निरस्त करने की मांग की थी. चुनाव जांच आयोग ने इस अपील को यह कह कर खारिज कर दिया था कि यह चुनावी गलती नतीजों पर असर डालने वाली नहीं है. श्टोइबर ने रोके जाने के बाद भी अलग तरह से वोट नहीं दिया होता.
एमजे/एके (डीडब्ल्यू, डीपीए)