पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने कैबिनेट का विस्तार कर दिया है। कैबिनेट विस्तार में कई बड़े दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को जगह दी गई है। ब्रह्म महिंद्रा, अरुणा चौधरी और राणा गुरजीत सिंह समेत 15 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। इसके अलावा 7 नए चेहरों को भी चन्नी कैबिनेट में शामिल किया गया है।

इसके अलावा कांग्रेस विधायक सुखबिंदर सिंह सरकारिया, रजिया सुल्ताना, मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिंदर बाजवा, विजय इंदर सिंगला ने भी कैबिनेट मंत्रियों की शपथ ली। कांग्रेस विधायक भारत भूषण आशू , रणदीप सिंह नाभा, राजकुमार वेरका और संगत सिंह गिलजियान को भी नई कैबिनेट में जगह दी गई है। वहीं भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कैप्टन और दो बार के कांग्रेस विधायक प्रगट सिंह को भी चन्नी कैबिनेट में शामिल किया गया है। साथ ही पंजाब कांग्रेस के युवा चेहरे और गिदर्भा से विधायक अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को भी पंजाब सरकार की कैबिनेट में शामिल किया गया है।

वहीं अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, साधु सिंह धर्मसोत, बलबीर सिंह सिद्धू, गुरप्रीत सिंह कांगड़ और सुंदर शाम अरोड़ा को नए मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिली। हालांकि अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री रहे  ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अरुणा चौधरी, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, रजिया सुल्ताना, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशु को फिर से मंत्रिपरिषद में जगह दी गई।

कैबिनेट विस्तार में कुछ नेताओं के शामिल नहीं होने की वजह से नाराजगी की खबर सामने के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि जो लोग मंत्रिमंडल में स्थान नहीं पा पाए हैं उनको पार्टी और सरकार की व्यवस्था में जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। किसी को छोड़ा नहीं गया है। इस मंत्रिमंडल विस्तार में युवा चेहरों और सामाजिक एवं क्षेत्रीय संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू से लंबे समय तक टकराव के बाद अमरिंदर सिंह ने त्यागपत्र दे दिया था, जिसके बाद दलित समुदाय से आने वाले चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उपमुख्यमंत्री बनाए गए सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी ने सोमवार को शपथ ली थी। पंजाब में मुख्यमंत्री समेत कुल 18 विधायक मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकते हैं और अब एक पद भी रिक्त नहीं है।