प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष योशिहिदे सुगा ने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और अफगानिस्तान समेत हाल के वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान प्रदान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मेजबानी में होने जा रही क्वॉड की प्रथम प्रत्यक्ष बैठक से पहले मोदी और सुगा ने स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता की एक बार फिर पुष्टि की।

जापानी विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी समेत रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।

बयान के मुताबिक, ‘दोनों नेताओं ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में आर्थिक दबाव और यथास्थिति को जबरन बदलने के एकतरफा प्रयासों का कड़ा विरोध किया।’ विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कहा, ‘चीन के बड़े वैश्विक ताकत के रूप में उभरने के मुद्दे पर बातचीत हुई।’ दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-जापान के बीच बढ़ते आर्थिक संपर्क का भी स्वागत किया।

दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि हम कम उत्सर्जन प्रौद्योगिकी साझेदारी के साथ आगे बढ़ने पर सहमत हुए। इस साझेदारी के माध्यम से हाइड्रोजन विकास, कम लागत वाले सौर कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
 ताकि ऊर्जा क्षेत्र में आ रहे बदलाव का समर्थन किया जा सके। मॉरिसन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर वार्ता जारी रखकर यह सुनिश्चित करना है कि विकसित से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रौद्योगिकी का स्थानांतरण हो।

‘ऑकस’ समझौते का क्वॉड सदस्यों की आगामी बैठक पर असर संबंधी एक सवाल पर मॉरिसन ने कहा कि आॅस्ट्रेलिया की कई देशों के साथ भागीदारी है और उनका देश क्वॉड और ऑकस की त्रिपक्षीय भागीदारी को पूरक की तरह देखता है।