दिल्ली विश्वविद्यालय में साथ पढ़ाई करने वाले टिल्लू और गोगी की कहानी बिल्कुल फिल्मी है। रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार दोपहर हुई गोलीबारी में मारे गए जितेंद्र गोगी और विरोधी पक्ष टिल्लू ताजपुरिया कॉलेज के जमाने में गहरे दोस्त थे। लेकिन जब यह दोस्ती दुश्मनी में बदली तो शुक्रवार को एक दोस्त के अंत के रूप में सामने आई।

दिल्ली विश्वविद्यालय के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान ही टिल्लू ताजपुरी और जितेंद्र उर्फ गोगी एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए और वर्चस्व की जंग में शामिल हो गए। कॉलेज में सिर्फ धाक जमाने के लिए दोनों बदमाशी करते थे। जितेन्द्र और टिल्लू ने गैंग बना लिया और मौका मिलने पर एक- दूसरे की पिटाई करने लगे। इसके बाद गैंगवार का सिलसिला शुरू हो गया। हालात यह है कि दोनों गैंग के बीच अब तक 20 से अधिक बार गैंगवार हो चुकी है, जिसमें 20 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

शुक्रवार को अदालत परिसर में अचानक हुए इस वारदात की बुनियाद काफी पहले रखी जा चुकी थी। जिस गैंग के शूटरों ने जितेंद्र गोगी को मारा है वह टिल्लू के आदमी बताए जा रहे हैं। हालांकि टिल्लू अभी जेल में बंद है, उस पर हत्या, लूट जैसे गंभीर दर्जनों मामले दर्ज हैं। इन दोनों दोस्तों के बीच विवाद का कारण था वर्चस्व कायम करना। दोनों पर कई लाख के इनाम घोषित है। बीते साल स्पेशल सेल ने गोगी को फिल्मी स्टाइल में ही गिरफ्तार किया था।

जितेंद्र गोगी का खौफ एनसीआर के अलावा पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी था। दिल्ली के अलीपुर के रहने वाले इस बदमाश पर दोनों जगह हत्या और लूट के कई मामले दर्ज थे। गोगी को पुलिस ने पिछले साल गुरुग्राम से काबू किया था, तब उस पर करीब सात लाख रुपए का इनाम था। गोगी इस कदर बेखौफ था कि जब चाहें वह किसी की हत्या कर या फिर करवा देता था।

पानीपत (हरियाणा) की रहने वाली गायिका हर्षिता दहिया की हत्या भी किसी अपने के कहने पर कर दी थी। दोनों ही प्रॉपर्टी और रंगदारी के कारण पिछले कुछ सालो से चर्चा में रहे और फिर इनके बीच एक दूसरे के काम में दखल से दुश्मनी शुरू हो गई। इन गैंगवारों में दर्जनों बदमाशों की मौत भी हुई। बताया जाता है कि टिल्लू के एक करीबी राजू की हत्या के बाद से ये दुश्मनी और अधिक हो गई। तिहाड़ में रहने के दौरान गोगी ने दुबई के कारोबारी से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी थी।