पंजाब में कांग्रेस ने भले ही मुख्यमंत्री बदल दिया हो, कैप्टन की जगह पर चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बन गए हों, लेकिन विवाद अभी भी थमता दिख नहीं रहा है। कैप्टन के बागी तेवर के बीच कांग्रेस अभी तक पंजाब के लिए नए कैबिनेट पर मुहर नहीं लगा पाई है।

पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को एक बार फिर से दिल्ली से बुलावा आ गया है। चन्नी, दिल्ली से कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक करके वापस लौटे ही थे कि फिर से शुक्रवार को एक और दौर की बैठकों के लिए उन्हें दिल्ली बुला लिया गया।

कांग्रेस ने अभी तक कैबिनेट मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप नहीं दिया है। सूत्रों ने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच सकते हैं। इससे पहले चन्नी को गुरुवार को दिल्ली बुलाया गया था, जहां उन्होंने दो बैठकें कीं। पहली बैठक वो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल, पंजाब प्रभारी हरीश रावत और अजय माकन के साथ की तो दूसरी राहुल गांधी के साथ, जो 2 बजे तक चली थी।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के राहुल गांधी से मुलाकात के बाद फिर से चन्नी को दिल्ली बुलाया गया है। बैठक से जुड़े सूत्रों ने कहा कि राहुल और जाखड़ ने इस बात पर चर्चा की, कि 2022 से पहले पंजाब में कांग्रेस को कैसे मजबूत किया जाए। उन्होंने सरकार के साथ-साथ पार्टी संगठन में जाखड़ की भूमिका पर भी चर्चा की।

सूत्रों ने बताया कि राज्य मंत्रिपरिषद में कुछ नये चेहरे दिखने की संभावना है। परगट सिंह, राज कुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, संगत सिंह गिलजियान, सुरजीत धीमान, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और कुलजीत सिंह नागरा के नामों की चर्चा चल रही है। परगट सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाते हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विश्वस्तों राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी (खेल मंत्री) और साधु सिंह धर्मसोत(सामाजिक न्याय आधिकारिता मंत्री) को मंत्रिपरिषद से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।