ग्यारह देशों के पैसिफिक ट्रेड ग्रुप में सदस्यता के आवेदन की ताइवान की घोषणा के बाद चीन ने गुरुवार को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए उसकी तरफ़ 19 लड़ाकू विमान भेजे.
दिल्ली दंगों की निगरानी के लिए बनी विशेष जांच समिति
राजधानी दिल्ली में पिछले साल हुए दंगों
से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष जांच समिति बनाई गई है.
कई अधिकारियों के ताबदले के
चलते मामलों की क़ानूनी प्रक्रियाओं में बाधा ना आए इसकी देखरेख के लिए इस समिति
का गठन किया गया है.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता
चिनमय बिस्वाल ने बीबीसी संवाददाता सलमान रावी को बताया कि कई अधिकारियों का तबादला होने के कारण पिछले
साल हुए दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष जांच समिति बनाई गई
है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली
पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मामले समय पर अदालत पहुंचे.
चिनमय बिस्वाल ने कहा, “क़रीब 700 मामले ऐसे हैं जिनमें
सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने की ज़रूरत है. विशेष समिति ये सुनिश्चित करेगी कि
अधिकारियों के तबादले के चलते क़ानूनी औपचारिकताओं पर प्रभाव न पड़े.”
बिस्वाल
ने कहा कि विशेष जांच समिति का संचालन सेंट्रल ज़ोन के विशेष आयुक्त करेंगे. इसमें
उत्तर पूर्व डीसीपी के अलावा पूर्वी क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त और कम से कम
15 अधिकारियों की एक अतिरिक्त टीम शामिल होगी.
राज्य प्रायोजित आतंकवाद अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभाव बढ़ाता है: यूएन में भारत
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद
से समाज में असामंजस्य पैदा होता है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव बढ़ता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को संयुक्त
राष्ट्र महासभा की एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि एक आपस में जुड़ी हुई दुनिया में मीडिया के नए रूप विशेषकर सोशल मीडिया
नस्लीय घृणा और भेदभावपूर्ण
विचारों को बढ़ाने के एक मंच के रूप में उभरे हैं.
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "हमारे समय में, हमने देखा है कि कैसे भेदभाव, नस्लीय या दूसरे, आतंकवाद
को अपनाने के बहाने के तौर इस्तेमाल किए जा रहे हैं."
"राज्य प्रायोजित आतंकवाद और आतंकवाद
के लिए अनुकूल हिंसक उग्रवाद समाजों में असामंजस्य पैदा करता है और अल्पसंख्यकों के
ख़िलाफ़ भेदभाव में बढ़ोतरी करता है."
तुरुमूर्ति
ने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र निकायों से यह सुनिश्चित
करने का आह्वान करते हैं कि आतंकवादको किसी भी आधार पर उचित ना ठहराया
जाए."
पिछले
हफ़्ते संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 48वें सत्र में भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया गया था.
भारत ने कहा था कि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर एक ऐसे देश के तौर पर जाना
जाता है जो खुले तौर पर ‘राज्य नीति के मामलों’ के नाम पर आतंकवादियों का समर्थन, प्रशिक्षण, वित्तपोषण करता है और उन्हें हथियार मुहैया कराता है.
कम्युनिस्ट चीन को वापस साम्यवाद की तरफ़ क्यों ले जा रहे हैं शी जिनपिंग
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चीन ने पिछले कई दशकों तक पूंजीवाद के अपने वर्जन को फलने-फूलने की पूरी छूट दे रखी थी और वहां ज़िंदगी की गाड़ी इसी के इर्द-गिर्द चल रही थी.
भले ही चीन तकनीकी तौर पर एक 'साम्यवादी' देश है लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अर्थव्यवस्था के उस मॉडल पर भरोसा जताया जिसमें अमीर उद्योगपतियों को इस उम्मीद से प्रोत्साहित किया जाता है ताकि उसका फ़ायदा समाज के मध्य वर्ग और निचले तबकों तक पहुंचे.
चीन को लगा कि रईस लोगों को और दौलतमंद होने की इजाजत देने से समाज के सभी तबकों का फायदा होगा और चेयरमैन माओ की सांस्कृतिक क्रांति के दलदल से जितनी जल्दी संभव हो सके, उन्हें निकाल लिया जाएगा.
कुछ हद तक चीन की ये सोच कामयाब भी रही. देश में एक बड़ा मध्य वर्ग उभरा और समाज के सभी तबकों के लोगों के जीवन स्तर में पहले की तुलना में काफी सुधार देखा गया.
सत्तर के दशक की आर्थिक निष्क्रियता के दौर से उबर कर चीन उस मुकाम पर पहुंच गया, जहां वो दुनिया की आर्थिक महाशक्ति अमेरिका को चुनौती दे रहा है. लेकिन इसके लिए उसे क़ीमत भी चुकानी पड़ी. चीन में आर्थिक ग़ैरबराबरी की खाई गहरी होती चली गई.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में
एक पटाखा गोदाम में धमाका होने से दो लोगों की जान चली गई. ये हादसा शहर के पुराने हिस्से में
भीड़भाड़ वाले थरगुपेट इलाक़े में बने एक गोदाम में हुआ.
यहां दिवाली के लिए बनाए गए पटाखों
के दो बक्से गोदाम के बाहर गिर गए थे.
ये दो बक्से उन 80 बक्सों का
हिस्सा था जो शिवकाशी फैक्ट्री से आने के बाद लोड किए जा रहे थे. इन्हें कर्नाटक में
अलग-अलग जगहों पर पहुंचाया जाना था.
डीसीपी (दक्षिण) हरीश पांडे ने
बीबीसी हिंदी को बताया, "गोदाम के बाहर दो बक्से छह फीट की
ऊंचाई से गिरे. अच्छा है कि ये बक्से गोदाम के बाहरी हिस्से में गिरे और बाकी बचे
78 बक्से धमाके की चपेट में नहीं आए. वरना ये बड़ा हादसा बन सकता था. फिर भी इसमें
दो लोगों की जान चली गई."
पटाखों को लोड कर रहे एक कामगार
मनोहर की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, पड़ोस की पंक्चर की दुकान पर बैठे असलम पाशा
की भी इसमें जान चली गई.
धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत दुर्घटना नहीं, हत्या थी: सीबीआई
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धनबाद में जज रहे उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट को गुरुवार को बताया कि इस केस में गिरफ़्तार किए गए ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने जानबूझ कर अपनी गाड़ी से उन्हें धक्का मारा था.
सीबीआई ने हाई कोर्ट को बताया कि इस साज़िश में शामिल सभी लोगों को पकड़ने के लिए जांच की जा रही है.
49 वर्षीय जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास जॉगिंग के लिए निकले थे तभी एक बड़ी ऑटोरिक्शा ने उन्हें कथित रूप से टक्कर मारी थी.
सीबीआई के ज़ोनल डायरेक्टर शरद अग्रवाल ने कोर्ट में दायर की गई रिपोर्ट में कहा है कि उनकी मौत दुर्घटना का मामला नहीं है
शरद अग्रवाल ने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ को बताया कि सीबीआई के अधिकारी इस घटना के पीछे के सच को उजागर करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं.
इस पर बेंच ने कहा, "इस केस ने न्यायपालिका के मनोबल को हिलाकर रख दिया है. जांच समय हो, ये ज़रूरी है. जांच में जितना ज़्यादा वक़्त लगेगा, सच का सामने आना उतना ही मुश्किल होता जाएगा."
नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में ताज़ा वीडियो से उठे सवाल, आत्महत्या पर संदेह गहराया
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार ने सिफ़ारिश की है लेकिन उनकी मौत का रहस्य गहराता ही जा रहा है.
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के तुरंत बाद के एक वीडियो से उनके आत्महत्या करने पर संदेह और गहरा हो गया है. महंत को क़रीब से जानने वाले और अखाड़ों से जुड़े साधु-संत पहले से ही इस पर संदेह जता रहे थे और उनकी हत्या की आशंका जता रहे थे.
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद का क़रीब एक मिनट 45 सेकंड के इस वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह ठीक उस समय का है जब पुलिस वहां पहुंची थी.
उससे पहले वहां मौजूद लोगों ने कमरे का दरवाज़ा तोड़कर कथित तौर पर फांसी पर लटके महंत को नीचे उतार लिया था.
ईरान के इस शरणार्थी ने ब्रिटेन में घुसने के लिए क्या कुछ नहीं कर दिया
ब्रिटेन में शरण लेने के लिए छोटी नाव से इंग्लिश चैनल पार करना आजकल आम बात हो गई है. इस साल अब तक 12 हज़ार से अधिक लोग इस ख़तरनाक सफ़र पर गए.
यह संख्या साल 2020 के कुल आंकड़ों से अधिक है. यहां आने वाले अधिकतर लोग ईरान से हैं. हमने एक ईरानी शरणार्थी एलेक्स के साथ करीब एक साल कैले बीच पर बिताया.
क्या उसे चैनल को पार कर ब्रिटेन पहुंचने में कामयाबी मिलेगी?
देखिए, जूलियन गौडिकॉ और डेज़ी वाल्श की रिपोर्ट.
आज का कार्टून: गुप्त दान
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पीएम केयर्स फंड पर हाई कोर्ट में सरकार के जवाब पर आज का कार्टून.
जातिवार जनगणना के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा मोदी सरकार ने
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महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की जनगणना कराए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा है कि इस पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए क्योंकि पिछड़े वर्ग के लोगों की जनगणना प्रशासनिक रूप से मुश्किल है और ये संपूर्णता और शुद्धता के पैमाने पर खरे नहीं उतरेंगे.
महराष्ट्र सरकार ने अपनी याचिका में अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों की जनगणना कराए जाने की मांग रखी थी जिसकी सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ़्तों के लिए स्थगित कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि सात जनवरी, 2020 को एक अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें 2021 की जनगणना के लिए मांगी जाने वाली सूचनाओं का जिक्र था. इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित सूचनाओं का जिक्र था लेकिन अन्य किसी जाति वर्ग के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया था.
केंद्र सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि आगामी जनगणना में किसी अन्य जाति के बारे में कोई और सूचना नहीं लेने का फ़ैसला सोच समझकर बनाई गई नीति का हिस्सा है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वो जनगणना विभाग को साल 2021 की जनगणना के लिए ग्रामीण भारत के पिछड़ी जातियों के सामाजिक-आर्थिक आंकड़े जुटाने के लिए कोई दिशानिर्देश न जारी करे.
केंद्र सरकार का कहना है कि ऐसा करना अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के सेक्शन 8 के तहत लिए गए नीतिगत फ़ैसले में दखल देने जैसा होगा.
कर्नाटक के कोप्पल ज़िले के मियापुर गांव में दो साल के एक बच्चे के मंदिर चले जाने के बाद उसके पिता पर अगड़ी जाति के लोगों ने 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.
असम में 'अवैध अतिक्रमण' हटाने गए प्रशासन और अतिक्रमणकारियों के बीच हुई झड़प में दो लोगों के मारे जाने की ख़बरें आ रही हैं.
यह घटना दरंग जिले के तीन नंबर धौलपुर गांव की है. जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पुलिस ने सरकारी जमीन से अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने के लिए गुरुवार को एक अभियान चलाया था.
दरंग जिले के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा सरमा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अतिक्रमणकारियों ने बेदखली अभियान का विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया था.
उन्होने कहा कि पुलिस के नौ जवान घायल हुए है और दो घायल नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं.
हालांकि पुलिस ने खबर लिखे जाने तक किसी के भी मरने की पुष्टि नहीं की है.
क्या कह रहे हैं लोग?
दरंग जिले में मौजूद ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के सलाहकार आइनुद्दीन अहमद ने घटना की जानकारी देते हुए बीबीसी से कहा,"आज सुबह करीब पांच हजार से भी अधिक लोग सरकार द्वारा किए जा रहे बेदखली अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे.”
“जिला प्रशासन के अधिकारी जेसीबी से लोगों के घर तोड़ रहे थे. इस बीच दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद झड़प हुई और पुलिस ने फायरिंग कर दी. अबतक दो लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से भी ज्यादा लोग घायल हुए है."
असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अतिक्रमणकारियों पर पुलिस की फायरिंग को बर्बरता वाली कार्रवाई बताया है.
कांग्रेस ने कहा सरकार की मनमानी
कांग्रेस नेता ने एक बयान जारी कर कहा है कि कोविड महामारी के इस संकट के समय गुवाहाटी हाई कोर्ट ने बेदखली अभियान को स्थगित रखने का निर्देश दिया था लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की मनमानी के चलते 1970 के दशक से धौलपुर में बसे लोगों से जमीन खाली करवाई जा रही है. जबकि बेदखल करने से पहले सरकार को इन लोगों को फिर से कहीं और बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी.
असल में असम सरकार के एक आदेश के बाद 20 सितंबर को दरंग जिले के सिपाझार में प्रशासन ने एक अभियान चलाकर लगभग 4,500 बीघा भूमि पर कब्जा करने वाले कम से कम 800 परिवारों को बेदखल कर दिया था.
जबकि करीब दो सौ परिवार के खिलाफ गुरुवार सुबह फिर से बेदखली अभियान चलाया गया था और तभी यह फायरिंग की घटना हुई.
असम सरकार ने 'अवैध अतिक्रमण' के नाम पर जिन सैकड़ों लोगों के खिलाफ बेदखली अभियान चलाया है वे सारे मुसलमान है. एक जानकारी के अनुसार सरकारी जमीन खाली कराने के बाद सैकड़ों लोगों ने नदी के किनारे शरण ले रखी है.
इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके पुलिस कार्रवाई की आलोचना की.
उन्होंने लिखा, “असम में राज्य प्रायोजित आग लगी है. मैं राज्य में
अपने भाइयों और बहनों के साथ खड़ा हूं. भारत की किसी भी संतान के साथ ऐसा नहीं
होना चाहिए.”
महाराष्ट्र में नाबालिग़ से रेप के मामले में 26 गिरफ़्तार, SIT करेगी जांच
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महाराष्ट्र के डोंबिवली में एक
नाबालिग़ लड़की से रेप के आरोप में 26 अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. नाबालिग़ की शिकायत पर 29 लोगों के
ख़िलाफ़ मानपाड़ा पुलिस थाने में कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
डोंबिवली मुंबई से सटे ठाणे ज़िले में है. अब ठाणे पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के
मुताबिक पीड़िता के साथ आठ-नौ महीने तक जनवरी से सितंबर के बीच रेप किया गया. पीड़िता
ने बताया कि अभियुक्त उसके परिचित और दोस्त थे.
पुलिस के मुताबिक पीड़िता ने 29
लोगों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है.
बीबीसी से बात करते हुए अतिरिक्त
पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय कराले ने बताया, “लड़की के बयान के मुताबिक उसके साथ डोम्बिवली, बदलापुर, रबाले और मुरबाद जैसी
जगहों पर चार से पांच बार रेप किया गया.”
उन्होंने बताया, “पीड़िता की उम्र 15 साल है इसलिए पुलिस ने पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया है. पकड़े
गए अभियुक्तों में से भी दो नाबालिग हैं.”
पीड़िता का आरोप है कि उसके प्रेमी
ने उनका एक अंतरंग वीडियो बना लिया था जिसके बाद प्रेमी के दोस्तों ने उस वीडियो
के ज़रिए ब्लैकमेल करके पीड़िता के साथ रेप किया.
दत्तात्रेय कराले ने बताया,“लड़की की शिकायत पर जांच शुरू कर
दी गई है. इन आरोपों की जांच की जा रही है.”
इस मामले के लिए एक विशेष जांच दल का
गठन किया गया है. इसकी जांच एक महिला अधिकारी करेंगी.
पुलिस के मुताबिक फिलहाल पीड़िता
का इलाज चल रहा है और बचे हुए अभियुक्तों की तलाश जारी है.
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फडणवीस ने की सख़्त सजा की मांग
इस मामले पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करके सख़्त सजा देने की मांग की है.
उन्होंने लिखा, “डोम्बिवली जैसे इलाक़ों में ये घटनाएं बहुत गंभीर हैं. आरोपी को सख़्त सजा दी जानी चाहिए. इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए राज्य सरकार को तत्काल और गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.”
एनसीपी विधायक विद्या चौहाण भी अपने समर्थकों के साथ मानपाड़ा पुलिस थाने पहुंची. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोपियों को उन्हें सौंपने और सबक सिखाने की बात कही.
ख़बरों के अनुसार इस मामले में डोंबिवली की रहने वाली पीड़िता को नौ महीने से ब्लैकमेल किया जा रहा था और अलग-अलग जगहों पर ले जाकर उसके साथ रेप किया गया.
करीब नौ महीनों तक ये सब झेलने के बाद पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई.
बीजेपी मुंबई में साकीनाका रेप
मामले के बाद महिलाओं पर अत्याचार का मसला उठा रही है.
बीजेपी की महिला विधायकों ने
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात की थी जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव
ठाकरे को पत्र लिखकर महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा के लिए दो दिवसीय
सम्मेलन बुलाने का निर्देश दिया था.
उद्धव ठाकरे ने जवाब दिया था कि महिलाओं
के ख़िलाफ़ बढ़ते अत्याचार और हत्याएं एक राष्ट्रव्यापी मुद्दा हैं और इस पर राष्ट्रीय
स्तर पर चर्चा होनी चाहिए.
बीजेपी नेता चित्रा वाग ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र और मुंबई में महिलाओं और लड़कियों के साथ रेप
के मामले बढ़ रहे हैं. जब भी हम इन मामलों पर बात करते हैं तो ये कहा जाता है कि
बीजेपी राजनीति कर रही है. ये हमारा काम है, हमें आपसे सवाल पूछने होंगे.”
अमेरिका ने साफ़ किया - AUKUS में किसी और देश को शामिल नहीं किया जाएगा
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अमेरिका ने भारत या जापान को ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ हाल ही में हुए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ऑकस (AUKUS) रक्षा समझौते में जोड़ने से इंकार किया है.
गौरतलब है कि 15 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ऑकस की घोषणा की थी. इसी के तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का एक बेड़ा भी मिलेगा.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बुधवार को कहा, "पिछले हफ्ते हुई ऑकस की घोषणा में ऐसा कोई संकेत नहीं था कि इसमें कोई और देश भी शामिल हो सकता है. राष्ट्रपति बाइडन ने यही संदेश फ़्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों को भी भेजा था. इंडो-पैसेफ़िक क्षेत्र की सिक्यूरिटी में किसी और देश को सम्मिलित नहीं किया जाएगा."
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फ्रांस ने इस गठबंधन से, उसे अलग रखने की आलोचना की थी. व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने आगे कहा, "बेशक, यह फ्रांस के साथ बातचीत में एक महत्वपूर्ण विषय है."
प्रवक्ता से सवाल किया गया था कि क्या भारत और जापान इस नए सिक्यूरिटी ग्रुप का हिस्सा होंगे. भारत और जापान के नेता पहले ही क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में हैं.
क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. अमेरिका 24 सितंबर को वॉशिंगटन में होने वाले क्वाड सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है.
यूएन में ब्रिटेन के पीएम ने क्यों की इमरान ख़ान की तारीफ़
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संयुक्त राष्ट्र
महासभा में अपने भाषण के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जलवायु
परिवर्तन के ख़तरे से निपटने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के
प्रयासों की तारीफ़ की.
उन्होंने बुधवार को अपने भाषण में पाकिस्तान
की 10 अरब पेड़ लगाने की परियोजना की प्रशंसा की और दुनिया के नेताओं को इसे एक
उदाहरण की तरह अपनाने के लिए कहा.
बोरिस जॉनसन ने
कहा, “मैं सभी को इमरान ख़ान
के उदाहरण का अनुसरण के लिए आमंत्रित करता हूं जिन्होंने पाकिस्तान में 10 अरब
पेड़ लगाने का संकल्प लिया है.”
उन्होंने कहा कि ये बहुत अहम है कि विकसित देश, कम विकसित देशों की मदद करने के
अपने दायित्व को पहचानें.
जॉनसन ने कहा कि अगर दुनिया को वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के अपने लक्ष्य को पूरा करना है तो ये अभी होगा या फिर कभी
नहीं.
पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों कम करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान
ख़ान ने अपने कार्यकाल में 10 अरब पेड़ लगाने की परियोजना की शुरुआत की है. उनका कार्यकाल
साल 2023 में पूरा होना है. पहले चरण में तीन अरब से ज़्यादा पेड़ लगाए जाने हैं.
फ़्रांस क्या केवल कुछ अरब डॉलर की डील हाथ से निकलने के कारण कह रहा है कि उसकी पीठ में छुरा भोंका गया है या असली वजह कहीं बड़ी है. जानिए अमेरिका ने भी फ़्रांस की परवाह क्यों नहीं की.
लाइव रिपोर्टिंग
रिपोर्टर- भूमिका राय, पवन सिंह अतुल और कमलेश मठेनी
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चीन ने ताइवान को ताक़त का ज़ोर दिखाने के लिए भेजे 19 लड़ाकू विमान
ग्यारह देशों के पैसिफिक ट्रेड ग्रुप में सदस्यता के आवेदन की ताइवान की घोषणा के बाद चीन ने गुरुवार को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए उसकी तरफ़ 19 लड़ाकू विमान भेजे.
और पढ़ेंदिल्ली दंगों की निगरानी के लिए बनी विशेष जांच समिति
राजधानी दिल्ली में पिछले साल हुए दंगों से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष जांच समिति बनाई गई है.
कई अधिकारियों के ताबदले के चलते मामलों की क़ानूनी प्रक्रियाओं में बाधा ना आए इसकी देखरेख के लिए इस समिति का गठन किया गया है.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिनमय बिस्वाल ने बीबीसी संवाददाता सलमान रावी को बताया कि कई अधिकारियों का तबादला होने के कारण पिछले साल हुए दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष जांच समिति बनाई गई है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मामले समय पर अदालत पहुंचे.
चिनमय बिस्वाल ने कहा, “क़रीब 700 मामले ऐसे हैं जिनमें सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने की ज़रूरत है. विशेष समिति ये सुनिश्चित करेगी कि अधिकारियों के तबादले के चलते क़ानूनी औपचारिकताओं पर प्रभाव न पड़े.”
बिस्वाल ने कहा कि विशेष जांच समिति का संचालन सेंट्रल ज़ोन के विशेष आयुक्त करेंगे. इसमें उत्तर पूर्व डीसीपी के अलावा पूर्वी क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त और कम से कम 15 अधिकारियों की एक अतिरिक्त टीम शामिल होगी.
राज्य प्रायोजित आतंकवाद अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभाव बढ़ाता है: यूएन में भारत
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद से समाज में असामंजस्य पैदा होता है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव बढ़ता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि एक आपस में जुड़ी हुई दुनिया में मीडिया के नए रूप विशेषकर सोशल मीडिया नस्लीय घृणा और भेदभावपूर्ण विचारों को बढ़ाने के एक मंच के रूप में उभरे हैं.
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "हमारे समय में, हमने देखा है कि कैसे भेदभाव, नस्लीय या दूसरे, आतंकवाद को अपनाने के बहाने के तौर इस्तेमाल किए जा रहे हैं."
"राज्य प्रायोजित आतंकवाद और आतंकवाद के लिए अनुकूल हिंसक उग्रवाद समाजों में असामंजस्य पैदा करता है और अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभाव में बढ़ोतरी करता है."
तुरुमूर्ति ने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र निकायों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि आतंकवादको किसी भी आधार पर उचित ना ठहराया जाए."
पिछले हफ़्ते संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 48वें सत्र में भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया गया था.
भारत ने कहा था कि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर एक ऐसे देश के तौर पर जाना जाता है जो खुले तौर पर ‘राज्य नीति के मामलों’ के नाम पर आतंकवादियों का समर्थन, प्रशिक्षण, वित्तपोषण करता है और उन्हें हथियार मुहैया कराता है.
कम्युनिस्ट चीन को वापस साम्यवाद की तरफ़ क्यों ले जा रहे हैं शी जिनपिंग
चीन ने पिछले कई दशकों तक पूंजीवाद के अपने वर्जन को फलने-फूलने की पूरी छूट दे रखी थी और वहां ज़िंदगी की गाड़ी इसी के इर्द-गिर्द चल रही थी.
भले ही चीन तकनीकी तौर पर एक 'साम्यवादी' देश है लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अर्थव्यवस्था के उस मॉडल पर भरोसा जताया जिसमें अमीर उद्योगपतियों को इस उम्मीद से प्रोत्साहित किया जाता है ताकि उसका फ़ायदा समाज के मध्य वर्ग और निचले तबकों तक पहुंचे.
चीन को लगा कि रईस लोगों को और दौलतमंद होने की इजाजत देने से समाज के सभी तबकों का फायदा होगा और चेयरमैन माओ की सांस्कृतिक क्रांति के दलदल से जितनी जल्दी संभव हो सके, उन्हें निकाल लिया जाएगा.
कुछ हद तक चीन की ये सोच कामयाब भी रही. देश में एक बड़ा मध्य वर्ग उभरा और समाज के सभी तबकों के लोगों के जीवन स्तर में पहले की तुलना में काफी सुधार देखा गया.
कम्युनिस्ट चीन को वापस समाजवाद की राह पर ले जा रहे शी जिनपिंग
सत्तर के दशक की आर्थिक निष्क्रियता के दौर से उबर कर चीन उस मुकाम पर पहुंच गया, जहां वो दुनिया की आर्थिक महाशक्ति अमेरिका को चुनौती दे रहा है. लेकिन इसके लिए उसे क़ीमत भी चुकानी पड़ी. चीन में आर्थिक ग़ैरबराबरी की खाई गहरी होती चली गई.
और पढ़ेंबेंगलुरु में पटाखे के बक्से गिरने से हुआ धमाका, दो की मौत
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक पटाखा गोदाम में धमाका होने से दो लोगों की जान चली गई. ये हादसा शहर के पुराने हिस्से में भीड़भाड़ वाले थरगुपेट इलाक़े में बने एक गोदाम में हुआ.
यहां दिवाली के लिए बनाए गए पटाखों के दो बक्से गोदाम के बाहर गिर गए थे.
ये दो बक्से उन 80 बक्सों का हिस्सा था जो शिवकाशी फैक्ट्री से आने के बाद लोड किए जा रहे थे. इन्हें कर्नाटक में अलग-अलग जगहों पर पहुंचाया जाना था.
डीसीपी (दक्षिण) हरीश पांडे ने बीबीसी हिंदी को बताया, "गोदाम के बाहर दो बक्से छह फीट की ऊंचाई से गिरे. अच्छा है कि ये बक्से गोदाम के बाहरी हिस्से में गिरे और बाकी बचे 78 बक्से धमाके की चपेट में नहीं आए. वरना ये बड़ा हादसा बन सकता था. फिर भी इसमें दो लोगों की जान चली गई."
पटाखों को लोड कर रहे एक कामगार मनोहर की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, पड़ोस की पंक्चर की दुकान पर बैठे असलम पाशा की भी इसमें जान चली गई.
धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत दुर्घटना नहीं, हत्या थी: सीबीआई
धनबाद में जज रहे उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट को गुरुवार को बताया कि इस केस में गिरफ़्तार किए गए ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने जानबूझ कर अपनी गाड़ी से उन्हें धक्का मारा था.
सीबीआई ने हाई कोर्ट को बताया कि इस साज़िश में शामिल सभी लोगों को पकड़ने के लिए जांच की जा रही है.
49 वर्षीय जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास जॉगिंग के लिए निकले थे तभी एक बड़ी ऑटोरिक्शा ने उन्हें कथित रूप से टक्कर मारी थी.
सीबीआई के ज़ोनल डायरेक्टर शरद अग्रवाल ने कोर्ट में दायर की गई रिपोर्ट में कहा है कि उनकी मौत दुर्घटना का मामला नहीं है
शरद अग्रवाल ने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ को बताया कि सीबीआई के अधिकारी इस घटना के पीछे के सच को उजागर करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं.
इस पर बेंच ने कहा, "इस केस ने न्यायपालिका के मनोबल को हिलाकर रख दिया है. जांच समय हो, ये ज़रूरी है. जांच में जितना ज़्यादा वक़्त लगेगा, सच का सामने आना उतना ही मुश्किल होता जाएगा."
झारखंड के धनबाद में एक जज की मौत का क्या है पूरा मामला
बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 23 सितंबर 2021
सुनिए वात्सल्य राय से
नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में ताज़ा वीडियो से उठे सवाल, आत्महत्या पर संदेह गहराया
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार ने सिफ़ारिश की है लेकिन उनकी मौत का रहस्य गहराता ही जा रहा है.
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के तुरंत बाद के एक वीडियो से उनके आत्महत्या करने पर संदेह और गहरा हो गया है. महंत को क़रीब से जानने वाले और अखाड़ों से जुड़े साधु-संत पहले से ही इस पर संदेह जता रहे थे और उनकी हत्या की आशंका जता रहे थे.
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद का क़रीब एक मिनट 45 सेकंड के इस वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह ठीक उस समय का है जब पुलिस वहां पहुंची थी.
उससे पहले वहां मौजूद लोगों ने कमरे का दरवाज़ा तोड़कर कथित तौर पर फांसी पर लटके महंत को नीचे उतार लिया था.
नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में ताज़ा वीडियो से उठे सवाल, आत्महत्या पर संदेह गहराया
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद के क़रीब एक मिनट 45 सेकंड के इस वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह ठीक उस समय का है जब पुलिस वहां पहुंची थी.
और पढ़ेंईरान के इस शरणार्थी ने ब्रिटेन में घुसने के लिए क्या कुछ नहीं कर दिया
ब्रिटेन में शरण लेने के लिए छोटी नाव से इंग्लिश चैनल पार करना आजकल आम बात हो गई है. इस साल अब तक 12 हज़ार से अधिक लोग इस ख़तरनाक सफ़र पर गए.
यह संख्या साल 2020 के कुल आंकड़ों से अधिक है. यहां आने वाले अधिकतर लोग ईरान से हैं. हमने एक ईरानी शरणार्थी एलेक्स के साथ करीब एक साल कैले बीच पर बिताया.
क्या उसे चैनल को पार कर ब्रिटेन पहुंचने में कामयाबी मिलेगी?
देखिए, जूलियन गौडिकॉ और डेज़ी वाल्श की रिपोर्ट.
आज का कार्टून: गुप्त दान
पीएम केयर्स फंड पर हाई कोर्ट में सरकार के जवाब पर आज का कार्टून.
आज का कार्टून: गुप्त दान
पीएम केयर्स फंड पर हाई कोर्ट में सरकार के जवाब पर आज का कार्टून.
और पढ़ेंजातिवार जनगणना के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा मोदी सरकार ने
महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की जनगणना कराए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा है कि इस पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए क्योंकि पिछड़े वर्ग के लोगों की जनगणना प्रशासनिक रूप से मुश्किल है और ये संपूर्णता और शुद्धता के पैमाने पर खरे नहीं उतरेंगे.
महराष्ट्र सरकार ने अपनी याचिका में अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों की जनगणना कराए जाने की मांग रखी थी जिसकी सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ़्तों के लिए स्थगित कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि सात जनवरी, 2020 को एक अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें 2021 की जनगणना के लिए मांगी जाने वाली सूचनाओं का जिक्र था. इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित सूचनाओं का जिक्र था लेकिन अन्य किसी जाति वर्ग के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया था.
केंद्र सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि आगामी जनगणना में किसी अन्य जाति के बारे में कोई और सूचना नहीं लेने का फ़ैसला सोच समझकर बनाई गई नीति का हिस्सा है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वो जनगणना विभाग को साल 2021 की जनगणना के लिए ग्रामीण भारत के पिछड़ी जातियों के सामाजिक-आर्थिक आंकड़े जुटाने के लिए कोई दिशानिर्देश न जारी करे.
केंद्र सरकार का कहना है कि ऐसा करना अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के सेक्शन 8 के तहत लिए गए नीतिगत फ़ैसले में दखल देने जैसा होगा.
कर्नाटक: दलित बच्चे के मंदिर जाने और पिता पर जुर्माना लगाने का क्या है पूरा मामला
इमरान क़ुरैशी
बीबीसी हिंदी के लिए, बेंगलुरु से
कर्नाटक के कोप्पल ज़िले के मियापुर गांव में दो साल के एक बच्चे के मंदिर चले जाने के बाद उसके पिता पर अगड़ी जाति के लोगों ने 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.
और पढ़ेंअसमः 'अवैध अतिक्रमण' हटाने के दौरान हुई झड़प के बाद फायरिंग, दो लोगों के मरने की ख़बर
दिलीप कुमार शर्मा
गुवाहाटी से, बीबीसी हिंदी के लिए
असम में 'अवैध अतिक्रमण' हटाने गए प्रशासन और अतिक्रमणकारियों के बीच हुई झड़प में दो लोगों के मारे जाने की ख़बरें आ रही हैं.
यह घटना दरंग जिले के तीन नंबर धौलपुर गांव की है. जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पुलिस ने सरकारी जमीन से अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने के लिए गुरुवार को एक अभियान चलाया था.
दरंग जिले के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा सरमा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अतिक्रमणकारियों ने बेदखली अभियान का विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया था.
उन्होने कहा कि पुलिस के नौ जवान घायल हुए है और दो घायल नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं.
हालांकि पुलिस ने खबर लिखे जाने तक किसी के भी मरने की पुष्टि नहीं की है.
क्या कह रहे हैं लोग?
दरंग जिले में मौजूद ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के सलाहकार आइनुद्दीन अहमद ने घटना की जानकारी देते हुए बीबीसी से कहा,"आज सुबह करीब पांच हजार से भी अधिक लोग सरकार द्वारा किए जा रहे बेदखली अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे.”
“जिला प्रशासन के अधिकारी जेसीबी से लोगों के घर तोड़ रहे थे. इस बीच दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद झड़प हुई और पुलिस ने फायरिंग कर दी. अबतक दो लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से भी ज्यादा लोग घायल हुए है."
असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अतिक्रमणकारियों पर पुलिस की फायरिंग को बर्बरता वाली कार्रवाई बताया है.
कांग्रेस ने कहा सरकार की मनमानी
कांग्रेस नेता ने एक बयान जारी कर कहा है कि कोविड महामारी के इस संकट के समय गुवाहाटी हाई कोर्ट ने बेदखली अभियान को स्थगित रखने का निर्देश दिया था लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की मनमानी के चलते 1970 के दशक से धौलपुर में बसे लोगों से जमीन खाली करवाई जा रही है. जबकि बेदखल करने से पहले सरकार को इन लोगों को फिर से कहीं और बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी.
असल में असम सरकार के एक आदेश के बाद 20 सितंबर को दरंग जिले के सिपाझार में प्रशासन ने एक अभियान चलाकर लगभग 4,500 बीघा भूमि पर कब्जा करने वाले कम से कम 800 परिवारों को बेदखल कर दिया था.
जबकि करीब दो सौ परिवार के खिलाफ गुरुवार सुबह फिर से बेदखली अभियान चलाया गया था और तभी यह फायरिंग की घटना हुई.
असम सरकार ने 'अवैध अतिक्रमण' के नाम पर जिन सैकड़ों लोगों के खिलाफ बेदखली अभियान चलाया है वे सारे मुसलमान है. एक जानकारी के अनुसार सरकारी जमीन खाली कराने के बाद सैकड़ों लोगों ने नदी के किनारे शरण ले रखी है.
इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके पुलिस कार्रवाई की आलोचना की.
उन्होंने लिखा, “असम में राज्य प्रायोजित आग लगी है. मैं राज्य में अपने भाइयों और बहनों के साथ खड़ा हूं. भारत की किसी भी संतान के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए.”
फोर्ड के कारोबार समेटने के ऐलान पर कर्मचारियों से बातचीत
ऑटो कंपनी फोर्ड ने भारत से कारोबार समेटने का ऐलान किया है. गुजरात के साणंद में कर्मचारियों से बात कर रहे हैं बीबीसी संवाददाता तेजस वैद्य.
महाराष्ट्र में नाबालिग़ से रेप के मामले में 26 गिरफ़्तार, SIT करेगी जांच
महाराष्ट्र के डोंबिवली में एक नाबालिग़ लड़की से रेप के आरोप में 26 अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. नाबालिग़ की शिकायत पर 29 लोगों के ख़िलाफ़ मानपाड़ा पुलिस थाने में कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
डोंबिवली मुंबई से सटे ठाणे ज़िले में है. अब ठाणे पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पीड़िता के साथ आठ-नौ महीने तक जनवरी से सितंबर के बीच रेप किया गया. पीड़िता ने बताया कि अभियुक्त उसके परिचित और दोस्त थे.
पुलिस के मुताबिक पीड़िता ने 29 लोगों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है.
बीबीसी से बात करते हुए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय कराले ने बताया, “लड़की के बयान के मुताबिक उसके साथ डोम्बिवली, बदलापुर, रबाले और मुरबाद जैसी जगहों पर चार से पांच बार रेप किया गया.”
उन्होंने बताया, “पीड़िता की उम्र 15 साल है इसलिए पुलिस ने पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया है. पकड़े गए अभियुक्तों में से भी दो नाबालिग हैं.”
पीड़िता का आरोप है कि उसके प्रेमी ने उनका एक अंतरंग वीडियो बना लिया था जिसके बाद प्रेमी के दोस्तों ने उस वीडियो के ज़रिए ब्लैकमेल करके पीड़िता के साथ रेप किया.
दत्तात्रेय कराले ने बताया,“लड़की की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है. इन आरोपों की जांच की जा रही है.”
इस मामले के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है. इसकी जांच एक महिला अधिकारी करेंगी.
पुलिस के मुताबिक फिलहाल पीड़िता का इलाज चल रहा है और बचे हुए अभियुक्तों की तलाश जारी है.
फडणवीस ने की सख़्त सजा की मांग
इस मामले पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करके सख़्त सजा देने की मांग की है.
उन्होंने लिखा, “डोम्बिवली जैसे इलाक़ों में ये घटनाएं बहुत गंभीर हैं. आरोपी को सख़्त सजा दी जानी चाहिए. इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए राज्य सरकार को तत्काल और गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.”
एनसीपी विधायक विद्या चौहाण भी अपने समर्थकों के साथ मानपाड़ा पुलिस थाने पहुंची. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोपियों को उन्हें सौंपने और सबक सिखाने की बात कही.
ख़बरों के अनुसार इस मामले में डोंबिवली की रहने वाली पीड़िता को नौ महीने से ब्लैकमेल किया जा रहा था और अलग-अलग जगहों पर ले जाकर उसके साथ रेप किया गया.
करीब नौ महीनों तक ये सब झेलने के बाद पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई.
बीजेपी मुंबई में साकीनाका रेप मामले के बाद महिलाओं पर अत्याचार का मसला उठा रही है.
बीजेपी की महिला विधायकों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात की थी जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा के लिए दो दिवसीय सम्मेलन बुलाने का निर्देश दिया था.
उद्धव ठाकरे ने जवाब दिया था कि महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अत्याचार और हत्याएं एक राष्ट्रव्यापी मुद्दा हैं और इस पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होनी चाहिए.
बीजेपी नेता चित्रा वाग ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र और मुंबई में महिलाओं और लड़कियों के साथ रेप के मामले बढ़ रहे हैं. जब भी हम इन मामलों पर बात करते हैं तो ये कहा जाता है कि बीजेपी राजनीति कर रही है. ये हमारा काम है, हमें आपसे सवाल पूछने होंगे.”
पंजाब के नए मुख्यमंत्री ने एक समारोह में जमकर किया भांगड़ा
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक विश्वविद्यलाय के समारोह में जमकर भांगड़ा किया.
ये समारोह आईके गुजराल टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कपूरथला में एक जॉब फेयर के दौरान आयोजित किया गया था.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस राज्य स्तरीय मेगा जॉब फेयर के सम्मान समारोह की अध्यक्षता की.
साथ ही बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर संग्रहालय की आधारशिला रखी.
अमेरिका ने साफ़ किया - AUKUS में किसी और देश को शामिल नहीं किया जाएगा
अमेरिका ने भारत या जापान को ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ हाल ही में हुए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ऑकस (AUKUS) रक्षा समझौते में जोड़ने से इंकार किया है.
गौरतलब है कि 15 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ऑकस की घोषणा की थी. इसी के तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का एक बेड़ा भी मिलेगा.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बुधवार को कहा, "पिछले हफ्ते हुई ऑकस की घोषणा में ऐसा कोई संकेत नहीं था कि इसमें कोई और देश भी शामिल हो सकता है. राष्ट्रपति बाइडन ने यही संदेश फ़्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों को भी भेजा था. इंडो-पैसेफ़िक क्षेत्र की सिक्यूरिटी में किसी और देश को सम्मिलित नहीं किया जाएगा."
फ्रांस ने इस गठबंधन से, उसे अलग रखने की आलोचना की थी. व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने आगे कहा, "बेशक, यह फ्रांस के साथ बातचीत में एक महत्वपूर्ण विषय है."
प्रवक्ता से सवाल किया गया था कि क्या भारत और जापान इस नए सिक्यूरिटी ग्रुप का हिस्सा होंगे. भारत और जापान के नेता पहले ही क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में हैं.
क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. अमेरिका 24 सितंबर को वॉशिंगटन में होने वाले क्वाड सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है.
यूएन में ब्रिटेन के पीएम ने क्यों की इमरान ख़ान की तारीफ़
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जलवायु परिवर्तन के ख़तरे से निपटने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के प्रयासों की तारीफ़ की.
उन्होंने बुधवार को अपने भाषण में पाकिस्तान की 10 अरब पेड़ लगाने की परियोजना की प्रशंसा की और दुनिया के नेताओं को इसे एक उदाहरण की तरह अपनाने के लिए कहा.
बोरिस जॉनसन ने कहा, “मैं सभी को इमरान ख़ान के उदाहरण का अनुसरण के लिए आमंत्रित करता हूं जिन्होंने पाकिस्तान में 10 अरब पेड़ लगाने का संकल्प लिया है.”
उन्होंने कहा कि ये बहुत अहम है कि विकसित देश, कम विकसित देशों की मदद करने के अपने दायित्व को पहचानें.
जॉनसन ने कहा कि अगर दुनिया को वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के अपने लक्ष्य को पूरा करना है तो ये अभी होगा या फिर कभी नहीं.
पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों कम करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने कार्यकाल में 10 अरब पेड़ लगाने की परियोजना की शुरुआत की है. उनका कार्यकाल साल 2023 में पूरा होना है. पहले चरण में तीन अरब से ज़्यादा पेड़ लगाए जाने हैं.
AUKUS: ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने फ़्रांस की परवाह क्यों नहीं की?
फ़्रांस क्या केवल कुछ अरब डॉलर की डील हाथ से निकलने के कारण कह रहा है कि उसकी पीठ में छुरा भोंका गया है या असली वजह कहीं बड़ी है. जानिए अमेरिका ने भी फ़्रांस की परवाह क्यों नहीं की.
और पढ़ेंपीएम मोदी पहुंचे अमेरिका,क्वाड समिट और यूएन की आम सभा में हिस्सा लेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंच गए, इस मौक़े पर उनका स्वागत करने के लिए भारतीय और भारतीय मूल के लोग भी पहुंचे थे.