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Pitru Paksha 2021: हमारे पितरों की आत्मा तभी तृप्त होगी जब हम स्वस्थ रहते हुए कर्मकांड करेंगे

ध्यान रहे कि हमारे पितरों की आत्मा तभी तृप्त होगी जब हम स्वस्थ रहते हुए कर्मकांड करेंगे। कोरोना अभी तो नियंत्रण में है। आगे तीज-त्योहारों का जोर रहेगा। ऐसे में ध्यान देना होगा कि पर्व मनाएं परंतु कोरोना गाइडलाइन का कतई उल्लंघन न हो।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 02:40 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 02:42 PM (IST)
Pitru Paksha 2021: हमारे पितरों की आत्मा तभी तृप्त होगी जब हम स्वस्थ रहते हुए कर्मकांड करेंगे
धर्मनगरी के वाशिंदे कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन में सहयोग दे रहे हैं। फाइल

पटना, स्टेट ब्यूरो। धार्मिक अनुष्ठानों और पर्वो का सिलसिला शुरू हो चुका है। आगे शादी-विवाह भी शुरू होने हैं, परंतु यह ध्यान देना होगा कि सरकार ने कोरोना गाइडलाइन के दायरे में ही सारे कामों को करने की छूट दी है। इसलिए इसे पूर्ण स्वतंत्रता न समझा जाए। हमारी मामूली भूल-चूक फिर बड़े खतरे को आमंत्रण दे सकती है। मोक्षनगरी गया में एहतियात बरतते हुए सरकार ने इस साल भी पितृपक्ष मेला के आयोजन की अनुमति नहीं दी है।

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दरअसल धार्मिक नगरी में पंडा समाज, कारोबारी और व्यवसायी और पूरे साल इस उम्मीद में रहते हैं कि पखवाड़े भर के मेले से उन्हें इतनी आय हो जाएगी कि पूरे साल आराम से गुजारा हो सकेगा। दो साल से मेला न लगने से उन्हें मायूसी तो रही है, परंतु जान की कीमत पर जोखिम नहीं लिया जा सकता। यह बात अब सभी समझ चुके हैं। इसीलिए पंडा समाज, व्यवसायी, कारोबारी और धर्मनगरी के वाशिंदे कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन में सहयोग दे रहे हैं।

सरकार ने कोरोना गाइडलाइन के साथ कर्मकांड करने पर रोक नहीं लगाई है। औपचारिक रूप से बाहरी श्रद्धालुओं से पितृपक्ष के दौरान गया न आने की अपील की गई है जिससे भीड़ न हो। फिर भी अपने पितरों को मोक्ष देने लोग आ रहे हैं तो उनके लिए कोरोना गाइडलाइन के तहत धर्मशालाओं, होटलों और गेस्ट हाउस में रुकने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

यह जरूर कहा गया है कि लोग टीकाकरण का सर्टिफिकेट लेकर यहां आएं। गया में हर साल भादो की पूर्णिमा से ही मोक्षदायिनी फल्गु के तट पर पितरों को तर्पण और पिंडदान का सिलसिला शुरू हो जाता है। सोमवार को पहले दिन सूर्योदय होते ही पिंडदानी कर्मकांड को लेकर देवघाट पर जुटे। पुरुषों के साथ महिलाएं भी पिंडदान के लिए आई हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों से पिंडदानी पहुंचे हैं। उम्मीद यही की जानी चाहिए कि ये कोरोना की भयावहता को जेहन में रखते हुए कोई ऐसी गलती न करें जिससे वायरस को बल मिले। 


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