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लाइव रिपोर्टिंग

रिपोर्टर- भूमिका राय, पवन सिंह अतुल और अभिजीत श्रीवास्तव

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  1. शेख रशीद और फ़वाद चौधरी

    न्यूज़ीलैंड की क्रिकेट टीम पाकिस्तान पहुंची थी लेकिन रावलपिंडी स्टेडियम में मैच शुरू होने के चंद मिनट पहले ही सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उन्होंने मैच खेलने से इनकार कर दिया था.

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  2. विजयन ने आंकड़े पेश करके ‘नारकोटिक्स जिहाद’ को बताया निराधार

    विजयन

    इमरान क़ुरैशी

    बीबीसी हिंदी के लिए

    कैथोलिक ईसाइयों की संस्था 'साइरो-मालाबार कैथोलिक चर्च' की पलाई इकाई के बिशप पाला जोसेफ़ कल्लारांगट के ‘नारकोटिक्स जिहाद’ के दावे को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पूरी तरह निराधार बताया है.

    विजयन ने कहा कि बिशप पर माफ़ी मांगने के लिए ज़ोर नहीं डाला जा सकता है लेकिन उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए क्योंकि समाज में जब सामान्य तौर पर आपका विरोध हो रहा हो तो यह ज़रूरी है कि आप अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करें.

    विजयन ने नशीली दवाओं से जुड़े आंकड़ों के आधार पर ये कहा है.

    उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेस (NDPS) एक्ट के तहत 2020 में केरल में 4,941 मामले दर्ज किए गए जिनमें 5,422 अभियुक्त थे.

    इनमें से 2,700 (49.80%) हिंदू, 1,869 (34.47%) मुस्लिम और 853 (15.73%) ईसाई समुदाय से संबंध रखते थे.

    विजयन ने कहा कि यह सबूत दिखाता है कि ड्रग तस्करी धर्म के आधार पर नहीं होती है.

    क्या है मामला

    बिशप मार जोसेफ़ कल्लारांगट
    Image caption: बिशप मार जोसेफ़ कल्लारांगट

    बिशप मार जोसेफ़ कल्लारांगट ने अपने एक धार्मिक उपदेश में कहा था, ''जिहादी ग़ैर-मुसलमान नौजवानों को बर्बाद करने के लिए ड्रग्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे कई जगहों से काम करते हैं. इनमें ज़्यादातर आइसक्रीम पार्लर और रेस्तरां प्रमुख हैं."

    बिशप कल्लारांगट ने 'लेंट ऑफ़ सेंट मैरी' (ईसाइयों का एक धार्मिक कार्यक्रम) के आठवें दिन कुराविलंगाड में एक धार्मिक उपदेश के दौरान कहा, "दुनिया के दूसरे हिस्सों की तरह, केरल में मुसलमानों का एक तबका समुदायों के बीच मज़हब के आधार पर घृणा और वैमनस्यता फैलाना चाहता है.''

    उन्होंने कहा, ''जिहादी इस्लाम के प्रसार के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं और वे ग़ैर-मुस्लिम लड़कियों को इस इरादे से टारगेट कर रहे हैं."

  3. Video content

    Video caption: महज कुछ सेकेंड में धूल में मिल गई ये इमारत

    ये वीडियो गुजरात में सूरत के मजूरा गेट फ़ायर स्टेशन इलाक़े का है. यहां मजूरा गेट फ़ायर स्टेशन को गिराया जा रहा है.

  4. Video content

    Video caption: तालिबान सरकार ने लड़कियों के स्कूल जाने पर क्या कहा?

    अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद से ही महिलाओं के अधिकारों लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.

  5. सरकार से क्यों नाराज़ हैं जम्मू के व्यापारी?

    जम्मू बंद

    मोहित कंधारी

    बीबीसी हिंदी के लिए, जम्मू से

    बुधवार को जम्मू के विभिन्न इलाकों में सरकार की व्यापारिक नीतियों के ख़िलाफ़ एक दिन के सांकेतिक बंद का व्यापक असर देखने को मिला.

    जम्मू ज़िले के आसपास के इलाकों अखनूर, साम्बा, उधमपुर, नौशेरा, पूँछ के भी मुख्य बाज़ारों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. यहां तक कि दवा विक्रेताओं ने भी अपनी दुकान जगह-जगह बंद रखी.

    चेंबर ऑफ़ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री, जम्मू की ओर से बुलाए गए बंद को कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, अपनी पार्टी, एकजुट जम्मू संगठन, जम्मू वेस्ट असेंबली मूवमेंट और दूसरे सामाजिक संगठनों का साथ मिला. बार एसोसिएशन जम्मू ने भी कोर्ट परिसर में कामकाज बंद रखा.

    जम्मू बंद

    जम्मू बंद क्यों था?

    जम्मू के व्यापारी पिछले कुछ समय से सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ लामबंद हो रहे थे लेकिन हाल ही में जब सरकार ने रिलायंस स्टोर खोलने के लिए इजाज़त देनी शुरू की तो जम्मू के व्यापारियों को लगने लगा इसका सीधा असर उनके व्यापार पर पड़ेगा और इसके विरोध के चलते इस बंद का आह्वान किया गया.

    जम्मू चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के प्रमुख अरुण गुप्ता ने बीबीसी हिंदी को बताया, "सरकार में बैठे कुछ लोग किसी न किसी तरीक़े से जम्मू की ट्रेड और इंडस्ट्री को डिस्टर्ब करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरा किसी सियासी जमात से कोई रिश्ता नहीं है. मेरा सिर्फ़ एक ही एजेंडा है जम्मू के ट्रेड और इंडस्ट्री को आगे ले जाना और उनको पेश आ रही मुश्किलों को सरकार के सामने रख उनका समाधान ढूंढने का प्रयास करना."

    जम्मू बंद

    बंद पर सरकार की नज़र

    मंगलवार देर शाम तक सरकार ने इस बंद को विफल करने के लिए व्यापारियों को अलग-अलग बुलाकर बातचीत करने की कोशिश की. बंद पड़े बारों को तुरंत प्रभाव से खुलवाने का आदेश पास करते हुए उन्हें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने के लिए तीन महीने का समय देने की घोषणा भी की गई.

    जम्मू वाइन ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता चरणजीत सिंह ने कहा, "सरकार अपनी तरफ़ से इस बंद को विफल करने का प्रयास कर रही थी लेकिन व्यापारी वर्ग सरकार के सामने नहीं झुका."

    ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट के प्रधान दीपक गुप्त ने कहा, "एक ओर सरकार कहती है कि बड़े स्टोर खुलेंगे तो युवाओं को रोज़गार मिलेगा. एक स्टोर खोलने से 100 लोगों को रोज़गार मिलता है तो उस एक स्टोर की वजह से जो 100 दुकानें बंद होंगी और 500 लोग बेरोज़गार होंगे, उसका ज़िम्मेदार कौन होगा?"

    रघुनाथ मंदिर, जम्मू

    बंद के समर्थन में विपक्ष

    विपक्षी पार्टी के नेताओं ने जम्मू बंद के कॉल को अपना समर्थन दिया और आम जनता के बीच यह सन्देश देने का प्रयास भी किया की एक ओर भाजपा के केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में बाहरी राज्यों के लोगों का स्वागत कर रही और जम्मू के हितों को नज़रअंदाज़ कर उनकी रोज़ी-रोटी छीन रही है.

    वहीं दूसरी ओर अपने बचाव में जम्मू कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा, "जम्मू के व्यापारी देशभक्त हैं और हमेशा से उन्होंने राष्ट्रवादी ताक़तों का साथ दिया है. हमने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से व्यापारियों की जायज़ मांगों पर चर्चा की है और हम भी चाहते हैं जल्दी उनका हल निकाला जाय."

    जम्मू बंद

    व्यापारियों का गुस्सा ऐसे समय में फूटा है जब जम्मू कश्मीर की सरकार देशभर के निवेशकों को लुभाने के लिए 'रेड कारपेट' बिछा उनका स्वागत कर रही है. हालांकि अभी ज़मीनी स्तर पर कितना नया निवेश हुआ है, इसको लेकर व्यापारी वर्ग सवाल उठा रहा है.

  6. सिद्धू पर कैप्टन का ज़ोरदार हमला, बोले- उनके ख़िलाफ़ मज़बूत प्रत्याशी खड़ा करेंगे

    कैप्टन अमरिंदर सिंह

    पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से तल्खी एक बार फिर खुलकर सामने आई है. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद कैप्टन पहली बार सिद्धू पर जमकर बरसे.

    कैप्टन पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए किसी भी कुर्बानी के लिए तैयार हैं. कैप्टन ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू को हराने के लिए उनके ख़िलाफ़ एक मज़बूत प्रत्याशी खड़ा करेंगे.

    कैप्टन ने कहा कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर रखा जाता है तो सबसे बड़ी बात ये देखने वाली होगी कि क्या कांग्रेस के सीटों की संख्या पंजाब में दहाई के आंकड़े को भी पार करेगी?

    एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तारीफ़ की लेकिन सिद्धू को सुपर सीएम बताया.

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    'चरणजीत सिंह चन्नी बतौर सीएम अच्छा करेंगे'

    उन्होंने कहा, "चरणजीत चन्नी क़रीब चाढ़े चार साल मेरे कैबिनेट में मंत्री रहे हैं और उनके पास अच्छा अनुभव है. उनके पास तकनीकी शिक्षा है, अच्छी तरह शिक्षित हैं, उन्होंने अच्छा काम किया है तो बतौर सीएम वे अच्छा करेंगे."

    बुधवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने पूर्व मुख्यमंत्री का बयान अपने ट्विटर हैंडल पर जारी किया.

    नवजोत सिंह सिद्धू

    राहुल-प्रियंका पर क्या बोले कैप्टन अमरिंदर?

    कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं जीतने के बाद राजनीति छोड़ने के लिए तैयार था लेकिन हार के बाद कभी नहीं.

    उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को उन्होंने अपने इस्तीफ़े की पेशकश की थी लेकिन उन्हें अपने पद पर बने रहने के लिए कहा गया था.

    वे कहते हैं, "अगर उन्होंने (सोनिया गांधी ने) फ़ोन किया होता और मुझे पद छोड़ने के लिए कहा होता, तो मैं इस्तीफ़ा दे देता."

    कैप्टन ने कहा, "प्रियंका गांधी और राहुल गांधी मेरे बच्चों की तरह हैं. यह इस तरह ख़त्म नहीं होना चाहिए था. मैं दुखी हूं. वास्तव में भाई-बहन अनुभवहीन हैं और उनके सलाहकार स्पष्ट रूप से उन्हें गुमराह कर रहे हैं."

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    कैप्टन ने ये भी कहा कि, ''केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला कैसे तय कर सकते हैं कि किसके लिए कौन सा मंत्रालय सही रहेगा. जब मैं सीएम था तो अपने मंत्रियों को मैंने उनकी जाति के आधार पर नहीं बल्कि उनके प्रभाव के आधार पर नियुक्त किया.''

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  7. जम्मू-कश्मीर में छह लोग सरकारी नौकरी से बर्खास्त, चरमपंथियों से संबंधों का आरोप

    पुलिस

    जम्मू कश्मीर सरकार ने छह कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. समाचार एजेंसियों के मुताबिक इन्हें चरमपंथियों के साथ कथित संबंध के कारण बर्खास्त किया गया है.

    इन छह लोगों में दो पुलिस कांस्टेबल भी शामिल हैं.

    संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (सी) के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार को यह अधिकार है कि वो किसी भी कर्मचारी को बिना जाँच कमेटी का गठन किए नौकरी से बर्ख़ास्त कर सकती है.

    जम्मू-कश्मीर में सरकार ने 'राज्य की सुरक्षा' के ख़िलाफ़ गतिविधियों के संदेह में सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ़) का गठन कर रखा है. बुधवार को हुई ये बर्खास्तगी इसी टास्क फोर्स से मंजूरी के बाद की गई है.

    इन कर्मचारियों के चरमपंथियों से लिंक होने और उनके लिए बतौर ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) काम करने के कारण सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया गया है.

    कश्मीर

    हामिद वानी

    इनमें अनंतनाग के बिजबेहरा निवासी हामिद वानी भी शामिल हैं जो बतौर शिक्षक कार्यरत थे. अधिकारियों का आरोप है कि सरकारी सेवा में आने से पहले वे अब ख़त्म हो चुके चरमपंथी संगठन अल्लाह टाइगर्स के ज़िला कमांडर थे.

    यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के प्रभाव का लाभ उठाकर उन्होंने बिना किसी चयन प्रक्रिया का सामना किए ही रोज़गार हासिल किया.

    साथ ही यह भी कहा गया है कि वे प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर बॉय बुरहन वानी की मौत के बाद 2016 में किए गए उग्र प्रदर्शनों में बतौर आयोजक और मुख्य वक्ता शामिल हुए थे. उन पर अलगाववादी विचारधारा के प्रचार का आरोप भी है.

    जफर हुसैन बट्ट

    अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ निवासी पुलिस कांस्टेबल जफर हुसैन बट्ट को बंदूक चलाने के एक मामले में पुलिस ने गिरफ़्तार किया था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आरोपपत्र दाखिल किए थे.

    फिलहाल जमानत पर चल रहे बट्ट पर अपनी कार हिज़बुल मुजाहिदीन के चरमपंथियों को मुहैया कराने और उनकी सुरक्षित आवाजाही में मदद करने का आरोप है. इसका ज़िक्र एनआईए ने अपनी चार्जशीट में किया है.

    मोहम्मद रफ़ी बट्ट

    अधिकारियों ने बताया कि सड़क एवं भवन विभाग में बतौर जूनियर असिस्टेंट कार्यरत किश्तवाड़ निवासी मोहम्मद रफ़ी बट्ट को हिज़्बुल मुजाहिदीन के चरमपंथियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट और आतंकी योजनाओं को अंजाम देने के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया कराने के लिए नौकरी से बर्खास्त किया गया है. एनआईए के एफआईआर में उनका नाम भी दर्ज है.

    प्रतीकात्मक तस्वीर
    Image caption: प्रतीकात्मक तस्वीर

    लियाकत अली काकरू

    अधिकारियों ने बताया कि, उत्तर कश्मीर के बारामुला में 1983 से बतौर शिक्षक कार्यरत लियाक़त अली काकरू को 2001 में गिरफ़्तार किया गया था, उसके बाद पता चला कि वे एक स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित आतंकवादी थे. उनके पास से विस्फोटक सामग्री बरामद हुआ और उन पर जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें दोनों मामले में अदालत ने बरी कर दिया था.

    तारिक़ महमूद कोहली

    पूंछ निवासी तारिक़ महमूद कोहली वन विभाग में बतौर रेंज ऑफिसर कार्यरत थे. उन्हें कथित तौर पर अवैध हथियारों, गोला बारूद, विस्फ़ोटकों सहित ड्रग्स और पाकिस्तान से नकली भारतीय नोट की तस्करी में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त किया गया है.

    उन पर सक्रिय चरमपंथियों के संपर्क में रहने का आरोप भी है और पुलिस रिकॉर्ड में उनका नाम ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के रूप में दर्ज है.

    शौकत अहमद ख़ान

    बडगाम के रहने वाले एक और पुलिस कॉन्स्टेबल शौकत अहमद ख़ान पर एक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) के घर से हथियार लूटने का आरोप है. वे एमएलसी के घर पर बतौर पीएसओ तैनात थे. अधिकारियों के बताया कि उन्हें 2019 में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत गिरफ़्तार किया गया था.

  8. SC में केंद्र का हलफ़नामा, रखा कोविड से मरने वालों के परिवार को 50 हज़ार के मुआवज़े का प्रस्ताव

    कोविड 19

    केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दायर कर, कोविड के कारण मरने वाले व्यक्ति के परिवार को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने का प्रस्ताव रखा.

    केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा, "यह राशि राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से राज्य देंगे."

    सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले गौरव कुमार बंसल ने मृतक व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को मुआवज़े के रूप में 4 लाख रुपये की मांग की थी.

    लेकिन केंद्र ने 50 हज़ार देने की पेशकश की है.

    सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार के इस हलफ़नामे पर कल अपने विचार व्यक्त कर सकता है.

    केंद्र ने ये हलफ़नामा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए किया है.

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  9. किस देश के डिफेंस मिनिस्टर ने कहा - फेंक दें चीनी फ़ोन

    फ़ोन

    यूरोपीय देश लिथुएनिया की डिफ़ेंस मिनिस्ट्री ने कहा है कि उपभोक्ताओं को अपने चीनी फ़ोन फेंक देने चाहिए. और नए चीनी फ़ोन खरीदने से बचना चाहिए.

    देश के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने चीनी निर्माताओं के 5G मोबाइल फ़ोनों का परीक्षण कर, एक रिपोर्ट तैयार की है.

    रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने पाया कि शियोमी के एक फ़ोन में बिल्ट-इन सेंसरशिप टूल थे जबकि ख्वावे (Huawei) के एक मॉडल में साइबर हमलों से निपटने की पर्याप्त क्षमता नहीं थी.

    इसके बाद ख़्वावे ने कहा कि किसी यूज़र्स का डेटा, लिथुएनिया से बाहर नहीं भेजा जा सकता है.

    देश के रक्षा उप मंत्री मार्गिरिस अबुकेविसियस ने कहा, "हमारी सिफ़ारिश है कि नए चीनी फ़ोन न खरीदें और पहले से खरीदे गए फ़ोनों से जल्द से जल्द छुटकारा पाएं."

    शियोमी के फ़्लैगशिप फ़ोन Mi 10T में एक ऐसा सॉफ़्टवेयर है जो कुछ जुमलों को सेंसर कर देता है. मसलन आप उसमें ‘फ़्री तिब्बत’, तैवान ज़िंदाबाद’ या ‘लोकतांत्रिक आंदोलन’ वगैहरा नहीं लिख सकते.

    रिपोर्ट में कहा गया है कि शियोमी के इस फ़ोन में ऐसे ही 449 जुमले को सेंसर किया जा सकता है.

    यूरोप में उपलब्ध शियोमी के इस फ़ोन में ये फ़ीचर हटा दिया गया है लेकिन लिथुएनिया की रिपोर्ट के अनुसार इसे किसी भी वक़्त कंपनी एक्टिवेट कर सकती है.

    बीबीसी ने शियोमी से इस बारे में सवाल किए थे लेकिन फ़िलहाल उनका जवाब नहीं आया है.

  10. अफ़ग़ानिस्तान: अज्ञात बंदूकधारियों की गोलीबारी में तीन की मौत

    प्रतीकात्मक तस्वीर
    Image caption: प्रतीकात्मक तस्वीर

    पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने तालिबान के दो लड़ाके और एक नागरिक की गोली मार कर हत्या कर दी है.

    बीते महीने अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद हाल में हो रहे ऐसे हमलों की सिरीज़ में यह सबसे ताज़ा घटना है.

    दक्षिण एशिया संपादक जिल मैक्गिवरिंग की रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ हथियारबंद लोग जलालाबाद के एक इलाके में तालिबान की चौकी के पास एक गाड़ी में पहुंचे और बहुत क़रीब से गोलीबारी की.

    तालिबान के अधिकारियों ने इस हमले की पुष्टि की है लेकिन यह भी कहा कि मारे गए सभी लोग नागरिक थे.

    जलालाबाद नंगरहार प्रांत की राजधानी है, जो इस्लामिक चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) का अहम गढ़ है.

    अफ़ग़ानिस्तान पर नियंत्रण के बाद से तालिबान के लिए आईएस परेशानी का सबब बन चुका है.

    बीते शनिवार को उसने बताया कि हाल ही में हुए दो बम धमाकों के पीछे उसका हाथ है. इनमें से एक बम धमाका नंगरहार में हुआ था जिसमें दो लोग मारे गए थे जबकि दूसरा विस्फोट राजधानी काबुल में किया गया था.

  11. MCC ने बदला नियम, अब बैट्समैन नहीं बैटर कहे जाएंगे बल्लेबाज़

    मिताली राज, Mithali Raj

    क्रिकेट में महिला और पुरुष बल्लेबाज़ों के लिए एक ही नाम का उपयोग हो इसके लिए नियमों में संशोधन किया गया है.

    अब बल्लेबाज़ों को बैट्समैन की जगह बैटर और बैट्समेन की जगह बैटर्स कहा जाएगा. यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है.

    मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की कमेटी ने अपनी क़ानून विशेषज्ञों की सब कमेटी के साथ शुरुआती चर्चा के बाद इन बदलावों का अनुमोदन कर दिया है.

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    एमसीसी का मानना है कि जेंडर न्यूट्रल शब्द के उपयोग से क्रिकेट को एक समावेशी खेल के रूप में और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.

    "यह बदलाव पहले से किए गए कार्यों के साथ साथ इस खेल के प्रति एमसीसी की वैश्विक ज़िम्मेदारी का एक अनिवार्य हिस्सा है."

    "कई देश और मीडिया संस्था पहले से ही बैटर शब्द का उपयोग कर रहे हैं. हम क़ानूनों में यह बदलाव करके इस शब्द के उपयोग की दूसरों से भी अपेक्षा करते हैं और उन्हें इस शब्द को इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं."

  12. हैदराबाद सनराइज़र्स का खिलाड़ी कोरोनो पॉज़िटिव, बाक़ी खिलाड़ियों के रिपोर्ट निगेटिव

    आईपीएल

    इंडियन प्रीमियर लीग ने एक ट्वीट कर जानकारी दी है कि सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम के खिलाड़ी टी नटराजन को कोरोना से संक्रमित पाया गया है. हालांकि उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है और फिलहाल वे आइसोलेशन में हैं.

    सनराइजर्स ने बताया कि नटराजन के संपर्क में आए बाकी सदस्यों समेत पूरी टीम का आज सुबह पांच बजे RT-PCR टेस्ट किया गया और उन सभी के रिपोर्ट निगेटिव आए हैं. लिहाजा, आज सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल के बीच मुक़ाबला खेला जाएगा.

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    आईपीएल ने प्रेस रिलीज़ में कहा, "सनराइज़र्स हैदराबाद के खिलाड़ी टी नटराजन कोरोना से पॉज़िटिव पाए गए हैं. उन्हें अलग कर दिया गया है. इस समय उन्हें कोरोनो के कोई लक्षण नहीं हैं."

    नटराजन के साथ निकट संपर्क में आए सनराइजर्स के छह खिलाड़ियों/स्टाफ को भी आइसोलेशन में रखा गया है. ये हैं, विजय शंकर (प्लेयर), विजय कुमार (टीम मैनेजर), श्याम सुंदर (फिजियोथेरेपी), अंजना वन्नन (डॉक्टर), तुषार खेड़कर (लॉजिस्टिक मैनेजर) और पेरियासमी गणेशन (नेट बॉलर).

  13. कार्तिक त्यागी

    पंजाब किंग्स के हाथ में मैच था, लेकिन एक ओवर ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. और इसके पीछे था एक गेंदबाज़ का आख़िरी ओवर.

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  14. ड्रोन से भेजी जाएगी कोविड-19 वैक्सीन

    दूर-दराज़ के इलाक़ों में कोरोना वैक्सीन भेजने के लिए अब ड्रोन की मदद ली जा रही है.

    3000 मीटर की ऊंचाई तक अंडमान और निकोबार द्वीप, मणिपुर, नागालैंड में ड्रोन की मदद से वैक्सीन उपलब्ध कराने की अनुमति दे दी गई है.

    पीआईबी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है.

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    ट्वीट के अनुसार, आईसीएमआर को प्रयोग के तौर पर बियॉन्ड विज़ुअल लाइन ऑफ़ साइट के तहत वैक्सीन वितरण के लिए अनुमति दे दी गई है.

    राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के अंतर्गत अब तक 82.65करोड़ वैक्सीन की खुराकें लगाई गई हैं.

  15. भारत में लगी कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन ने दी मान्यता, विवाद पर विराम

    वैक्सीन

    ब्रिटेन की नई ट्रेवल एडवाइज़री में एस्ट्रा ज़ेनेका की वैक्सीन, कोविशील्ड को अप्रूव्ड वैक्सीन बताया गया है. अब भारत से ब्रिटेन जाने की इच्छा रखने वालों को कोई दिक्कत नहीं होगी.

    इससे पहले ब्रिटेन ने भारत में लगने वाली दोनों वैक्सीन को मान्यता न देने की बात कही थी. इस वजह से दोनों देशों में तकरार की स्थिति आ गई थी.

    कांग्रेस सांसद शशि थरूर लेकर विदेश मंत्रालय तक ने, इसपर सख़्त ऐतराज़ जताया था.

    ब्रिटेन की सरकारी वेबसाइट पर एडवाइज़री पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    ब्रिटेन की एडवाइज़री

    भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने मंगलवार को कहा था कि कोविड वैक्सीन की दो डोज़ लगवा चुके लोगों को ब्रिटेन में वैक्सीनेटेड न माना जाना भेदभावपूर्ण है.

    उन्होंने कहा, "हम देख रहे हैं कि इस मामले का निबटारा कैसे होता है. अगर कोई संतोषजनक हल नहीं निकला तो भारत के पास भी ब्रिटेन के ख़िलाफ़ ऐसा ही कदम उठाने का अधिकार है."

    बुधवार को कोविशील्ड को मान्यता की बात ब्रिटेन कीसरकारी वेबसाइट पर प्रकाशितकी गई है.

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  16. इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीक़ी को उत्तर प्रदेश की एटीएस ने गिरफ़्तार किया

    समीरात्मज मिश्रा

    बीबीसी हिंदी के लिए

    कलीम सिद्दिकी

    इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीक़ी और उनके तीन साथियों को यूपी एटीएस की टीम ने मंगलवार को मेरठ से से गिरफ़्तार कर लिया है. गिरफ़्तार करने के बाद उन लोगों को लखनऊ ले जाया गया है.

    हालांकि एटीएस की ओर से इस बारे में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी से इस गिरफ़्तारी की पुष्टि की है.

    बताया जा रहा है कि मौलाना कलीम की गतिविधियां संदिग्ध होने के शक़ में उन्हें गिरफ़्तार किया गया है. मौलाना कलीम क़रीब दो हफ़्ते पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे और पिछले दिनों पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री सना ख़ान का निकाह कराने को लेकर भी चर्चा में थे.

    64 वर्षीय मौलाना कलीम सिद्दीकी मंगलवार शाम क़रीब सात बजे कुछ अन्य धर्मगुरुओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हुमायूंनगर की मस्जिद के इमाम के आवास पर एक कार्यक्रम में आए थे.

    रात नौ बजे जब वे अपने साथियों के साथ गाड़ी से वापस मुज़फ़्फ़रनगर अपने घर के लिए रवाना हो गए. इस दौरान उनका मोबाइल फ़ोन बंद आने पर उनकी तलाश की गई और बड़ी संख्या में लोग लिसाड़ी गेट पर जुट गए.

    देर रात तक हंगामा चलने के बाद पता चला कि एटीएस उन्हें हिरासत में लेकर लखनऊ चली गई है. हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई कि एटीएस ने उन्हें हिरासत में लिया है और क्यों लिया है.

    मुज़फ़्फ़रनगर के खतौली क्षेत्र के फूलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी की पहचान बड़े इस्लामिक विद्वानों में की जाती है. सात सितंबर को मुंबई में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ओर से आयोजित ‘राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र सर्वोपरि’ कार्यक्रम में भी वे शामिल हुए थे.

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    मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बरक ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, यह ग़लत है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, भाजपा सरकार के पास मुसलमानों को परेशान करने के अलावा कोई काम नहीं.

  17. अखाड़ों की कहानी

    अखाड़ा

    आम तौर पर 'अखाड़ा' शब्द सुनते ही पहलवानी और कुश्ती का ध्यान आता है लेकिन साधु-संतों के कई अखाड़े हैं. कुंभ में उनके बीच ज़ोर-आज़माइश दिखती रही है, लेकिन धार्मिक वर्चस्व के लिए.

    शाही सवारी, रथ, हाथी-घोड़े की सजावट, घंटा-बाजे, नागा-अखाड़ों के करतब और यहाँ तक कि तलवार और बंदूक तक का प्रदर्शन होता है.

    अखाड़े एक तरह से हिंदू धर्म के मठ कहे जा सकते हैं.

    अखाड़ा

    शुरु में केवल चार प्रमुख अखाड़े थे, लेकिन वैचारिक मतभेद की वजह से उनका बंटवारा होता गया और आज 13 प्रमुख अखाड़े हैं.

    अखाड़े अपनी-अपनी परंपराओं में शिष्यों को दीक्षित करते हैं और उन्हें उपाधि देते हैं.

    अखाड़ा

    श्रद्धालु जहाँ पुण्य कमाने की इच्छा लिए संगम पर पहुँचते हैं, वहीं साधुओं का दावा है कि वे कुंभ पहुंचते हैं गंगा को निर्मल करने के लिए. उनका कहना है कि गंगा धरती पर आने को तैयार नहीं थीं, जब उन्होंने धरती को पवित्र किया, तब गंगा आईं.

    माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने सदियों पहले बौद्ध धर्म के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए अखाड़ों की स्थापना की थी. कहा जाता है कि जो शास्त्र से नहीं माने, उन्हें शस्त्र से मनाया गया.

    लेकिन कहीं इस बात के ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं मिलते कि आदि शंकराचार्य ने अखाड़ों की शुरुआत की. आदि शंकराचार्य का जीवनकाल आठवीं और नवीं सदी में था, अखाड़ों की स्थापना के बारे में तरह-तरह की कहानियां और दावे हैं, लेकिन पुख्ता तौर पर कुछ कहना मुश्किल है.

    अखाड़ा

    आवाह्‍न अखाड़ा, अटल अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, दशनामी, निरंजनी और जूना अखाड़ों का भी कई सदियों का इतिहास है. सभी अखाड़ों के अपने-अपने विधि-विधान और नियम हैं.

    मोटे तौर पर 13 अखाड़े तीन समूहों में बँटे हुए हैं- शैव अखाड़े जो शिव की भक्ति करते हैं, वैष्णव अखाड़े विष्णु के भक्तों के हैं और तीसरा संप्रदाय उदासीन पंथ कहलाता है. उदासीन पंथ के लोग गुरु नानक की वाणी से बहुत प्रेरित हैं, और पंचतत्व यानी धरती, अग्नि, वायु, जल और आकाश की उपासना करते हैं.

    अखाड़ा

    अखाड़े जहां खुद को हिंदू धर्म के रक्षक के तौर पर देखते हैं, उनमें अनेक बार आपस में हिंसक संघर्ष हुए हैं, यह संघर्ष अक्सर इस बात को लेकर होता है कि किसका तंबू कहाँ लगेगा, या कौन पहले स्नान करेगा.

    1954 के कुंभ में मची भगदड़ के बाद, टकराव और अव्यवस्था को टालने के लिए अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई, जिसमें सभी 13 मान्यता-प्राप्त अखाड़ों के दो-दो प्रतिनिधि होते हैं, और आपस में समन्वय का काम इसी परिषद के ज़रिए होता है.

    देश भर में बहुत सारे बाबा-संत-महंत और धर्मगुरू ऐसे हैं जिन्हें अखाड़ा परिषद मान्यता नहीं देता, अखाड़ा परिषद फ़र्ज़ी बाबाओं और स्वयंभू शंकराचार्यों की सूची जारी की थी और उन्हें ढोंगी बताया था.

    इन अखाड़ों का ठिकाना कई तीर्थों और शहरों में है लेकिन जहां कहीं भी कुंभ लगता है, वे एक साथ जुटते हैं.

  18. SC का NDA में महिलाओं के प्रवेश को मई 2022 तक टालने से इंकार

    तनिशा शेरगिल

    सुप्रीम कोर्ट ने इस साल नवंबर महीने में आयोजित होने वाली एनडीए परीक्षा में महिला उम्मीदवारों को अनुमति देने के अपने अंतरिम आदेश को रद्द करने से इनक़ार कर दिया है.

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा देने के लिए महिला उम्मीदवारों को अनुमति देने के अपने फ़ैसले को रद्द नहीं कर सकता है.

    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि महिला उम्मीदवारों को नवंबर में होने वाली एनडीए प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए.

    सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि एनडीए में महिला उम्मीदवारों की दावेदारी को एक साल के लिए टाल दिया जाए.

    आदेश वापस लेने से इंकार

    जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने कहा, "हम अपने पहले के आदेश को वापस नहीं ले सकते."

    जस्टिस कौल की बेंच ने महिलाओं की नियुक्ति को एक साल के लिए स्थगित करने के सरकार के तर्क को स्वीकार करने से इनक़ार कर दिया.

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "नहीं, हम महिला उम्मीदवारों को इस साल एनडीए की प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति के अपने अंतरिम आदेश को रद्द नहीं कर सकते."

    सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना कि सेना किसी भी तरह की आपातस्थिति से निपटने के लिए सबसे अच्छी रेस्पॉन्स टीम है. कोर्ट ने उम्मीद जताई की एनडीए में महिलाओं को शामिल करने से जुड़ी सारी कार्रवाई सुचारू रुप से की जाएगी.