तालिबान ने क्रिकेट बोर्ड के सीईओ को हटाया, सिराज के हक्कानी के भाई को बनाया नया चीफ़
Getty ImagesCopyright: Getty Images
समाचार एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने अफ़गानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ हामिद शिनवारी को बर्ख़ास्त
कर दिया है.
इतना ही नहीं तालिबान ने उनकी जगह
कुख्यात हक्कानी नेटवर्क के ही एक सदस्य अनस हक्कानी को बोर्ड का नया प्रमुख मना
दिया है.
अनस हक्कानी तालिबान सरकार के
गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के छोटे भाई हैं. वो तालिबान के वरिष्ठ अधिकारी भी
हैं.
अपने पिछले शासनकाल में तालिबान ने
क्रिकेट और अन्य खेलों समेत मनोरंजन के लगभग सभी माध्यमों पर प्रतिबंध लगा दिया
था.
उस दौरान स्टेडियम का इस्तेमाल का
इस्तेमाल लोगों को सार्वजनिक रूप से सज़ा देने के लिए किया जाता था.
पिछले शासनकाल में महिलाओं को किसी
भी तरह के खेल में हिस्सा लेने पर पाबंदी थी.
हालाँकि इस बार महिलाओं के खेल को
लेकर तालिबान ने कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़संयुक्त राष्ट्र में बोले बाइडन- एक और शीत युद्ध नहीं चाहते, अपनी नाकामी का नतीजा भुगत चुके
ReutersCopyright: Reuters
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने
कहा है कि अमेरिकी ऐसे किसी भी देश के साथ काम करने के लिए तैयार है जो शांतिपूर्ण
प्रस्तावों का अनुसरण करने के लिए तैयार है.
बाइडन ने यह बात राष्ट्रपति बनने
के बाद संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले सम्बोधन में कही.
उन्होंने कहा, “हम एक और शीत युद्ध नहीं चाहते जिसमें
दुनिया विभाजित हो क्योंकि हम सभी अपनी असफलताओं के नतीजे भुगत चुके हैं.”
संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए
अपने भाषण में बाइडन ने कहा, “आज हम आतंकवाद के
ख़तरे का सामना कर रहे हैं,. हमने अफ़गानिस्तान में 20
साल से चल रहे संघर्ष
को ख़त्म कर दिया है और हम कूटनीति के दरवाजे खोल रहे हैं.”
भारत सरकार ने एयर मार्श वीआर चौधरी को एयर स्टाफ़ चीफ़ के
तौर पर नियुक्त करने का फ़ैसला लिया है.
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए
बयान जारी किया है.
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरके भदौरिया इसी महीने
की 31 तारीख़ को रिटायर हो रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ ने कहा- यूपी में 'गौमाता को छेड़ने वाला' सुरक्षित महसूस नहीं करेगा
ANICopyright: ANI
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ राज्य में विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमले बोल रहे हैं.
अपने बयानों में वो उत्तर प्रदेश
की सत्ता में रही समाजवादी पार्टी और यादव परिवार को ख़ासकर निशाना बना रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपनी
सरकार की तारीफ़ करते हुए संभल में सपा को आड़े हाथों लिया.
उन्होंने कहा, “सपा का चेहरा महिला, दलित और हिंदू विरोधी
है. तालिबान किस तरह अफ़ग़ानिस्तान में बर्बरता कर रहा है ये किसी से छुपा हुआ नहीं
है लेकिन सपा तालिबान का समर्थन कर रही है.”
योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो भारत और महिला
विरोधी गतिविधियों में समर्थन करेगा उसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा, “यह वही प्रदेश है
जहाँ 2017 के पहले कोई गौमाता सुरक्षित नहीं रहती थी और आज गौ माता को छेड़ने वाला
अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं करता होगा.”
योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी भरी लहज़े में कहा, “याद रखो, यदि यूपी में निर्दोष व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को जलाओगे तो ऐसा भुगतान करना पड़ेगा कि आने वाली पीढ़ी याद रखेगी.”
कुछ दिनों पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पिछली सरकारें एक समुदाय का तुष्टीकरण किया करती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है.
उन्होंने कहा था, “पहले राशन अब्बाजान कहने वाले निगल जाते थे. गोरखपुर का राशन बांग्लादेश चला जाता था लेकिन अब ग़रीबों का राशन कोई नहीं निगल सकता.”
योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर काफ़ी विवाद हुआ था और इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया गया था.
'ऑकस तनाव' के बीच पीएम मोदी और इमैनुएल मैक्रों ने की बात, क्या हुई चर्चा?
PASCAL ROSSIGNOL/AFP via Getty ImagesCopyright: PASCAL ROSSIGNOL/AFP via Getty Images
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
और फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम
करने पर प्रतिबद्धता जताई है.
फ़ोन पर हुई बातचीत में दोनों नेताओं
ने कहा कि वो मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी
बयान के अनुसार दोनों ने अफ़गानिस्तान के हालात, आतंकवाद,
महिला और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर भी बातचीत की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस
बारे में ट्वीट करके जानकारी दी.
उन्होंने लिखा, “अपने मित्र इमैनुएल मैक्रों से अफ़गानिस्तान की स्थिति के
बारे में बात की. हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और फ़्रांस के साझा प्रयासों
पर भी चर्चा की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत हम फ़्रांस के साथ अपनी रणनीतिक
साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं.”
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों
का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और ब्रिटेन के ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बी
तकनीक दिए जाने को लेकर विवाद जारी है.
इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी को भरोसा दिलाया कि फ़्रांस भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को मज़बूत बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
मैक्रों ने भारतीय प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित फ़्रांस-भारत के साथ करीबी रिश्ते के मद्देनज़र फ़्रांस भारतीय तकनीक और उद्योग को मज़बूती देना भी जारी रखेगा.
इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक़ भारत और फ़्रांस की साझा कोशिशें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और क़ानून के पालन को बढ़ावा देने और एकाधिकार को ख़त्म करने की होंगी.
फ़्रांसीसी राष्ट्रपति की पीएम मोदी की यह बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ तय बातचीत से पहले हुई है.
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन हाल में ऑकस नाम का एक समूह बनाया है जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वालीपनडुब्बी बनाने की तकनीक दी जाएगी.
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ़्रांस के साथ 4,000 डॉलर करोड़ डॉलर की डील निरस्त कर दी.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद फ़्रांस के अमेरिका और ब्रिटेन के साथ रिश्तों में दरार आई है.
वहीं, भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने आज ही एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि अगर यह पनडुब्बी सचमुच सिर्फ़ परमाणु ऊर्जा से चलती है और इसमें परमाणु हथियार नहीं है तो यह परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते का उल्लंघ नहीं है.
NDA में महिलाओं के प्रवेश की तैयारियां मई 2022 तक पूरी हो जाएंगी - केंद्र सरकार
Getty ImagesCopyright: Getty Images
केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय के
हवाले से सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि महिलाओं को नेशनल डिफ़ेंस एकेडमी (एनडीए)
में दाख़िला लेने के लिए ज़रूरी सभी इंतज़ाम अगले साल मई तक पूरे हो जाएंगे.
रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट
में एक हलफ़नामा दायर करके बताया है कि 2022 के बैच के लिए केंद्रीय लोक सेवा आयोग के
एनडीए की प्रवेश परीक्षा का नोटिफ़िकेशन जारी से पहले सारी ज़रूरी तैयारियाँ पूरी
कर ली जाएंगी.
पत्रकार सुचित्र मोहंती के मुताबिक हलफ़नामे में लिखा है, “अतिरिक्त वॉशरूम, हॉस्टल और केबिन बनाने, नए प्रशिक्षुओं के
लिए पाठ्यक्रम और अन्य चीज़ें तैयार करने में कुछ समय लगेगा.”
हलफ़नामे में यह भी बताया गया है
कि सरंचनागत ढाँचे और व्यवस्था में बदलाव के लिए विशेषज्ञों का एक समूह भी गठित किया गया है जो
महिलाओं के एनडीए में आने को लेकर अपने सुझाव देगा.
Sanchit Khanna/Hindustan Times via Getty ImagesCopyright: Sanchit Khanna/Hindustan Times via Getty Images
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में एनडीए में महिलाओं की एंट्री का रास्ता साफ़ किया था.
अब तक एनडीए में सिर्फ़ पुरुष ही प्रशिक्षण लेते रहे हैं और महिलाओं को इसकी प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं थी.
अदालत ने महिलाओं को एनडीए की परीक्षा में नहीं बैठने देने की केंद्र सरकार की "पुरानी मानसिकता" की आलोचना की थी.
कोर्ट ने कहा था कि यह एक नीतिगत फ़ैसला है जो लैंगिक असमानता के आधार पर बना है.
महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की माँग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यह फ़ैसला सुनाया था.
Getty ImagesCopyright: Getty Images
एनडीए में प्रशिक्षण लेने के लिए 12वीं कक्षा के बाद राष्ट्रीय स्तर की एक कठिन परीक्षा होती है जिसमें सफल होने पर कैडेट्स को सेना में अफ़सर रैंक के लिए तैयार किया जाता है.
महिलाएं सेना में डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर, संकेतक, एडमिनिस्ट्रेटर और वकील के तौर पर काम करती रही हैं.
उन्होंने जंग के मैदान में सैनिकों का इलाज किया है, विस्फोटकों को हैंडल किया है. माइन खोजे और निष्क्रिय किये हैं और संचार के लिए लाइने बिछाई हैं.
जानकारों का कहना है कि लड़ाई के अलावा महिलाओं ने लगभग सबकुछ किया है. उन्हें इंफेंटरी और बंख़्तबंद सेवा से दूर रखा गया है.
साल 2019 में सरकार ने महिलाओं को स्थायी कमिशन देने की इजाज़त दी थी लेकिन उम्रदराज़ महिलाओं की शारीरिक परेशानियों को देखते हुए सरकार ने कहा था कि ये केवल उन अफ़सरों पर लागू होगा तो जिन्होंने 14 साल से कम की सेवा दी है.
तालिबान मान्यता पाने के लिए क्या करे? इस पर बोले क़ुरैशी
ReutersCopyright: Reuters
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद
क़ुरैशी ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में नए तालिबान शासन को समझना चाहिए कि अगर वे
मान्यता और युद्धग्रस्त देश को फिर से बनाने में मदद चाहते हैं तो उन्हें अधिक
संवेदनशील और अंतरराष्ट्रीय नियम क़ायदों को लेकर अधिक संवेदनशील होना होगा.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें
अधिवेशन में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क गए क़ुरैशी ने पत्रकारों से ये बातें कही
हैं.
उन्होंने मंगलवार को कहा कि
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता देने से पहले विभिन्न देश ये देख रहे
हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में कैसे चीज़ें घट रही हैं.
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता
है कि इस स्तर पर कोई मान्यता देने की जल्दी में है और तालिबान को उस पर नज़र रखनी
चाहिए.
तालिबान को दिया जवाब
Getty ImagesCopyright: Getty Images
उन्होंने कहा कि अगर तालिबान मान्यता
चाहता है तो ‘उसे अंतरराष्ट्रीय राय को लेकर अधिक
संवेदनशील और स्वीकार करने वाला बनना होगा.’
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि
पाकिस्तान का अफ़ग़ानिस्तान में उद्देश्य शांति और स्थिरता है और वो लक्ष्य पाना
है जो ‘हम अफ़ग़ान लोगों को बताना चाहेंगे कि
उनकी एक समावेशी सरकार हो.’
उन्होंने कहा कि तालिबान के शुरुआती
बयान बताते हैं कि वे इस विचार के ख़िलाफ़ नहीं हैं तो आगे देखते हैं कि क्या होता
है.
क़ुरैशी ने उम्मीद जताई कि अफ़ग़ान
तालिबान अपने वादों पर क़ायम रहेंगे और लड़कियों और महिलाओं को स्कूल, कॉलेज और
विश्वविद्यालय जाने की अनुमति देंगे.
इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका और दूसरे
देशों से निवेदन किया कि वो पूर्व अफ़ग़ान सरकार को देने वाले पैसे को जारी करें क्योंकि
ये अफ़ग़ानिस्तान का पैसा है जो अफ़ग़ानिस्तान के लोगों पर ख़र्च होगा.
योगी आदित्यनाथ का यादव परिवार पर निशाना, बोले- सिर्फ़ अपना और सैफ़ई ख़ानदान का विकास
Prateek Kumar?ANICopyright: Prateek Kumar?ANI
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव
से पहले विपक्षी पार्टियों पर लगातार हमला बोल रहे हैं.
अब उन्होंने समाजवादी पार्टी और यादव परिवार को निशाना
बनाया है.
मंगलवार को योगी आदित्यनाथ ने तंज़ कसते हुए ट्वीट किया, “विपक्ष के विधायकों को विकास से कोई मतलब ही नहीं है. उनके लिए
विकास का मतलब केवल 'स्वयं का विकास' और 'सैफई खानदान'
का विकास होता है.
उन्होंने कहा, “अच्छी सरकार विकास की सोच और संकल्प लेकर आती है. इसके विपरीत
जब स्वार्थी, दंगा भड़काने वाली भ्रष्ट प्रवृत्ति की सरकार आती
है तो आम जनमानस का जीना दुश्वार हो जाता है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश
की जेलें अवैध वसूली करने वालों का इंतजार करती हैं.
उन्होंने दावा किया, “पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के कारण गोवंश
की क्षति के बारे में शिकायत मिलती थी लेकिन आज ऐसा नहीं है.अब जो ऐसा दुस्साहस करेगा, वह ख़ामियाजा भी भुगतने को
तैयार रहे.”
योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी भरी लहज़े में कहा, “याद रखो, यदि यूपी में निर्दोष व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को जलाओगे तो ऐसा भुगतान करना पड़ेगा कि आने वाली पीढ़ी याद रखेगी.”
कुछ दिनों पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पिछली सरकारें एक समुदाय का तुष्टीकरण किया करती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है.
उन्होंने कहा था, “पहले राशन अब्बाजान कहने वाले निगल जाते थे. गोरखपुर का राशन बांग्लादेश चला जाता था लेकिन अब ग़रीबों का राशन कोई नहीं निगल सकता.”
योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर काफ़ी विवाद हुआ था और इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया गया था.
पश्चिम बंगाल में हमारी लड़ाई 'तालिबानीकरण' से है: बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सुकांता मजुमदार
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नए
अध्यक्ष सुकांता मजुमदार ने ममता बनर्जी की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर ज़ोरदार हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि टीएमसी राजनीतिक
पार्टी की आड़ में एक परिवार की के मालिकाना हक़ वाली संपत्ति बन गई है.
मजुमदार ने कहा, “बीजेपी एक ऐसी पार्टी
है जो आम लोगों को ज़िम्मेदारी देती है. मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करता हूँ जो
पश्चिम बंगाल को अफ़गानिस्तान बनने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं.”
सुकांता मजुमदार ने कहा कि अगर कुछ लोगों को लगता है कि
उनके बीजेपी छोड़ने से पार्टी ख़त्म हो जाएगी, तो ऐसा नहीं होने वाला है.
उनका इशारा गायक और नेता बाबुल सुप्रियो पर था जो हाल ही
में बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
मजुमदार ने कहा, “हमारी लड़ाई
पश्चिम बंगाल में 'तालिबानीकरण' से है. अगर टीएमसी में हिम्मत है तो वो बिना केंद्रीय
बलों के स्थानीय निकाय के चुनाव कराए. फिर हम उन्हें दिखा देंगे कि बीजेपी क्या कर
सकती है.”
सुकांता मजुमदार एक ही दिन पहले पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष बने हैं. पार्टी ने राज्य में बड़ा बदलाव करते हुए उन्हें यह ज़िम्मेदारी सौंपी है.
पश्चिम बंगाल के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष को अब पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया है.
यूरोपियन कोर्ट ने कहा - लित्विनेन्को की मौत के लिए रूस ज़िम्मेदार
Getty ImagesCopyright: Getty Images
यूरोपियन कोर्ट ने कहा है कि पोलोनियम ज़हर के कारण लंदन में मरने वाले रूसी जासूस एलेक्ज़ेंडर लित्विनेन्को की मौत के लिए रूस ज़िम्मेदार है.
लित्विनेन्को एफ़एसबी के पूर्व अधिकारी थे और उनका नाम पुतिन के मुखर आलोचकों में शुमार किया जाता था.
साल 2006 में एलेक्ज़ेंडर लित्विनेन्को को लंदन में ज़हर देकर मार दिया गया था. ये ज़हर रेडियोएक्टिव पदार्थ पोलोनियम था. ब्रिटेन ने लितविनेंको को शरण दी थी और रूस में उन्हें गद्दार कहा जाता था.
यूरोपियन कोर्ट ने कहा, "अदालत ने पहली नज़र में पाया कि लित्विनेंको को ज़हर देने में दो रूसी एजेंट लुगोवॉइ और कोवतुन शामिल थे."
अदालत ने कहा कि रूसी सरकार द्वारा इन आरोपों का खंडन नहीं किया जाना इस बात का संकेत है कि वही इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.
लुगोवॉइ और कोवतुन नाम के दोनों रूसी एजेंट इस घटना में शामिल होने से इंकार करते रहे हैं.
Getty ImagesCopyright: Getty Images
ब्रिटेन में भी इसकी आधिकारिक जांच हुई और इसकी रिपोर्ट में कहा गया कि लित्विनेन्को की हत्या को संभवतः पुतिन और एफ़एसबी के तत्कालीन प्रमुख निकोलाई पात्रुशेव ने मंजूरी दी थी.
रूस ने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया और नेशनल हीरो का दर्जा रखने वाले सांसद आंद्रेई लुगोवोई को लितविनेंको की हत्या का प्रमुख संदिग्ध बताया.
एलेक्ज़ेंडर लित्विनेन्को ने एफ़एसबी पर एक खुफिया दस्ता चलाने का आरोप लगाया था जिसका काम दुश्मनों का क़त्ल करना था.
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच हुए ऑकस समझौते ने इस हक़ीकत को को शीशे की तरह साफ़ कर दिया कि अब अमेरिका की कभी ताक़तवर रहे संगठन नेटो में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं रह गई है.
भारतीय सेना का चीता हेलीकाप्टर जम्मू में दुर्घटनाग्रस्त, दोनों पायलटों की मौत
मोहित कंधारी
जम्मू से बीबीसी हिंदी के लिए
MOHIT KANDHARI/BBCCopyright: MOHIT KANDHARI/BBC
जम्मू क्षेत्र में उधमपुर ज़िले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पटनी टॉप के ऊपरी इलाके शिवगढ़ धार के पास भारतीय सेना का चीता हेलीकाप्टर मंगलवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
प्राप्त सूचना के अनुसार, इस दुर्घटना में हेलीकाप्टर के पायलट और को-पायलट गंभीर रूप से घायल हुए थे. बाद में दोनों की मौत हो गई है.
भारतीय सेना की नॉर्दर्न कमांड के प्रमुख जनरल जोशी ने दुर्घटना में मरने वाले पायलटों - मेजर रोहित कुमार और और मेजर अनुज राजपूत - के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.
जम्मू में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने एक आधिकारिक ब्यान जारी कर बताया, "मंगलवार सवेरे एक ट्रेनिंग उड़ान के दौरान सेना का हेलीकाप्टर उधमपुर के शिवगढ़ धार इलाके में क्रैश कर गया."
MOHIT KANDHARI/BBCCopyright: MOHIT KANDHARI/BBC
स्थानीय नागरिकों की मदद से सेना और स्थानीय पुलिस ने गंभीर रूप से घायल पायलटों को दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर से निकाल कर अस्पताल पहुँचाया था, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई है.
घटना का कारण इलाके में भारी बारिश और कोहरा बताया जा रहा है. लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
भारतीय सेना की नॉर्दर्न कमांड ने ट्वीटर पर मरने वाले दोनों पायलटों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.
राज कुंद्रा पॉर्नोग्राफ़ी मामले में ज़मानत के बाद जेल से छूटे
पॉर्नोग्राफ़ी फ़िल्म बनाने के मामले में गिरफ़्तार किए गए कारोबारी राज कुंद्रा को मजिस्ट्रेट कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद मंगलवार को जेल से छोड़ दिया गया है.
दो महीने पहले पॉर्नोग्राफ़ी फ़िल्म बनाने के मामले में उन्हें गिरफ़्तार किया गया था.
जेल अधिकारी ने बताया कि राज कुंद्रा को आर्थर रोड जेल से मंगलवार साढ़े 11 बजे छोड़ दिया गया है.
चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपाले ने सोमवार को 50,000 रुपये के बॉण्ड पर राज कुंद्रा की ज़मानत याचिका मंज़ूर कर लिया था.
इसी मामले में राज कुंद्रा के साथ गिरफ़्तार किए गए रेयान थोर्पे को भी कोर्ट ने ज़मानत दे दी है.
उन्हें 19 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया था.
46 वर्षीय कारोबारी राज कुंद्रा आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में रखे गए थे.
राज कुंद्रा पर मुंबई पुलिस ने आईपीसी, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऐक्ट और स्त्री अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम (प्रोहिबिशन ऑफ़ इंडीसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ वीमन ऐक्ट) के तहत केस दर्ज किया है.
हाई कोर्ट जजों के बड़े पैमाने पर फेरबदल की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की सिफ़ारिश
चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुवाई वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने आठ हाई कोर्ट जजों को देश के अलग-अलग उच्च न्यायालयों के चीफ़ जस्टिस पद पर प्रमोट किए जाने की सिफारिश की है.
प्रमोशन के लिए जिन जजों के नामों की सिफ़ारिश की गई है, उनमें कलकत्ता हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ़ जस्टिस राजेश बिंदल भी शामिल हैं.
कॉलेजियम की ये बैठक 16 सितंबर को हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुचित्र मोहंथी ने बताया कि इसके साथ ही पांच उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के तबादले की सिफारिश की गई है.
इनके अलावा हाई कोर्ट के 28 जजों का तबादले की सिफारिश की गई है.
इनमें त्रिपुरा हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस अकील क़ुरैशी भी शामिल हैं. उनका तबादला राजस्थान हाई कोर्ट किए जाने की अनुशंसा की गई है.
मेघालय हाई कोर्ट के जज जस्टिस रंजीत वी मोरे को चीफ़ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की गई है और वे मेघालय में ही बने रहेंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़तालिबान ने कहा - जितना जल्दी संभव हो लड़कियां, वापस स्कूल लौटेंगी
GetCopyright: Get
तालिबान ने कहा है कि वे जितना जल्दी संभव होगा, लड़कियों को पढ़ाई के लिए वापस स्कूल जाने की अनुमति दे देंगे.
तालिबान के प्रवक्ता ज़बील्लाह मुजाहिद ने काबुल में कहा, " हम इसे अंतिम रूप दे रहे हैं. जितना जल्दी संभव होगा, हम ये करेंगे."
ये बयान उस वक्त आया है जब तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल के अध्यापकों और छात्रों को सैकेंडरी स्कूलों में आने का आदेश दिया है. लेकिन उस आदेश में छात्राओं और महिला अध्यापकों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
साथ ही तालिबान प्रवक्ता ने कुछ और मंत्रालयों का भी एलान किया है लेकिन अब भी किसी महिला को मंत्रिमंडल में दाख़िल नहीं किया गया है.
इसके अलावा महिला मामलों के मंत्रालय के बारे में भी प्रवक्ता ने कुछ नहीं कहा है. पिछले हफ़्ते इस मंत्रालय का नाम बदल दिया गया था.
अफ़ग़ानिस्तान में सरकारी कर्मचारियों को तनख़्वाह न मिलने के बारे में मुजाहिद ने कहा कि उनके पास पैसा लेकिन वेतन देने में थोड़ा वक़्त लगेगा.
तालिबान सरकार की अंतरिम नियुक्तियां इस महीने के शुरू में की गई थीं. अब तक के सभी मंत्री तालिबान से जुड़े हैं. ये क़यास लगाए जा रहे थे कि तालिबान की सरकार में ग़ैर-तालिबान लोगों को भी मंत्री पद मिल सकता है लेकिन फ़िलहाल तो ये होता नहीं दिख रहा है.
तालिबान सत्ता संभालने के बाद से ही लोगों पर ज़ुल्म कर रहा है: एमनेस्टी इंटरनेशनल
BBCCopyright: BBC
प्रमुख मानवाधिकार संगठनों ने तालिबान पर देश की बागडोर संभालने के बाद से आम लोगों पर कई तरह के अत्याचार करने का आरोप लगाया है.
मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल और दो अन्य संगठनों ने कहा है कि तालिबान ने मानवाधिकारों को ख़त्म करने में जरा भी देरी नहीं की.
मानवाधिकार हनन के कुछ मामलों का पहले ही जिक्र किया जा चुका है लेकिन मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि बड़े स्तर पर हो रहे उत्पीड़न का ये छोटा सा हिस्सा भर है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने तालिबान पर आरोप लगाया है कि पिछले 20 सालों में जो भी सुधार किए गए थे, उन्हें लगातार ख़त्म किया जा रहा है.
एमनेस्टी ने तालिबान पर आम नागरिकों और आत्मसमर्पण करने वाले सैनिकों की हत्या करने, मानवीय सहायता रोकने और लोगों की, ख़ासतौर पर महिलाओं आज़ादी पर बंदिशें लगाने का इलज़ाम लगाया है.
एमनेस्टी के बयान में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में पत्रकारों, प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हमले किए जा रहे हैं.
तालिबान ने जतलाने की कोशिश की है कि वे पिछली बार से बदल गए हैं लेकिन ये रिपोर्ट उनके दावे के उलट इशारे करती है.
लाइव रिपोर्टिंग
रिपोर्टर- मोहम्मद शाहिद, विभुराज और सिंधुवासिनी
time_stated_uk
तालिबान ने क्रिकेट बोर्ड के सीईओ को हटाया, सिराज के हक्कानी के भाई को बनाया नया चीफ़
समाचार एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने अफ़गानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ हामिद शिनवारी को बर्ख़ास्त कर दिया है.
इतना ही नहीं तालिबान ने उनकी जगह कुख्यात हक्कानी नेटवर्क के ही एक सदस्य अनस हक्कानी को बोर्ड का नया प्रमुख मना दिया है.
अनस हक्कानी तालिबान सरकार के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के छोटे भाई हैं. वो तालिबान के वरिष्ठ अधिकारी भी हैं.
अपने पिछले शासनकाल में तालिबान ने क्रिकेट और अन्य खेलों समेत मनोरंजन के लगभग सभी माध्यमों पर प्रतिबंध लगा दिया था.
उस दौरान स्टेडियम का इस्तेमाल का इस्तेमाल लोगों को सार्वजनिक रूप से सज़ा देने के लिए किया जाता था.
पिछले शासनकाल में महिलाओं को किसी भी तरह के खेल में हिस्सा लेने पर पाबंदी थी.
हालाँकि इस बार महिलाओं के खेल को लेकर तालिबान ने कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़संयुक्त राष्ट्र में बोले बाइडन- एक और शीत युद्ध नहीं चाहते, अपनी नाकामी का नतीजा भुगत चुके
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिकी ऐसे किसी भी देश के साथ काम करने के लिए तैयार है जो शांतिपूर्ण प्रस्तावों का अनुसरण करने के लिए तैयार है.
बाइडन ने यह बात राष्ट्रपति बनने के बाद संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले सम्बोधन में कही.
उन्होंने कहा, “हम एक और शीत युद्ध नहीं चाहते जिसमें दुनिया विभाजित हो क्योंकि हम सभी अपनी असफलताओं के नतीजे भुगत चुके हैं.”
संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने भाषण में बाइडन ने कहा, “आज हम आतंकवाद के ख़तरे का सामना कर रहे हैं,. हमने अफ़गानिस्तान में 20 साल से चल रहे संघर्ष को ख़त्म कर दिया है और हम कूटनीति के दरवाजे खोल रहे हैं.”
अमेरिका अब वही 9/11 वाला अमेरिका नहीं रहा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका अब वही देश नहीं रहा जिस पर 20 साल पहले 9/11 को हमला हुआ था.
उन्होंने कहा, “आज हम ज़्यादा ताकतवर और आतंकवाद की चुनौतियों के लिए तैयार हैं.”
कोरोना महामारी और अफ़गानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा का 76वाँ सम्मेलन न्यूयॉर्क शहर में हो रहा है.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होने 22 सितंबर को न्यूयॉर्क पहुँचेंगे.
एयर मार्शल वीआर चौधरी होंगे एयर स्टाफ़ के अगले प्रमुख
भारत सरकार ने एयर मार्श वीआर चौधरी को एयर स्टाफ़ चीफ़ के तौर पर नियुक्त करने का फ़ैसला लिया है.
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बयान जारी किया है.
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरके भदौरिया इसी महीने की 31 तारीख़ को रिटायर हो रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ ने कहा- यूपी में 'गौमाता को छेड़ने वाला' सुरक्षित महसूस नहीं करेगा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमले बोल रहे हैं.
अपने बयानों में वो उत्तर प्रदेश की सत्ता में रही समाजवादी पार्टी और यादव परिवार को ख़ासकर निशाना बना रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपनी सरकार की तारीफ़ करते हुए संभल में सपा को आड़े हाथों लिया.
उन्होंने कहा, “सपा का चेहरा महिला, दलित और हिंदू विरोधी है. तालिबान किस तरह अफ़ग़ानिस्तान में बर्बरता कर रहा है ये किसी से छुपा हुआ नहीं है लेकिन सपा तालिबान का समर्थन कर रही है.”
योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो भारत और महिला विरोधी गतिविधियों में समर्थन करेगा उसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा, “यह वही प्रदेश है जहाँ 2017 के पहले कोई गौमाता सुरक्षित नहीं रहती थी और आज गौ माता को छेड़ने वाला अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं करता होगा.”
पिछले बयान पर हुआ था विवाद
योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी भरी लहज़े में कहा, “याद रखो, यदि यूपी में निर्दोष व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को जलाओगे तो ऐसा भुगतान करना पड़ेगा कि आने वाली पीढ़ी याद रखेगी.”
कुछ दिनों पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पिछली सरकारें एक समुदाय का तुष्टीकरण किया करती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है.
उन्होंने कहा था, “पहले राशन अब्बाजान कहने वाले निगल जाते थे. गोरखपुर का राशन बांग्लादेश चला जाता था लेकिन अब ग़रीबों का राशन कोई नहीं निगल सकता.”
योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर काफ़ी विवाद हुआ था और इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया गया था.
कार्टून: कोई है खेलने वाला?
नूज़ीलैंड के बाद इंग्लैंड के पाकिस्तान दौरा रद्द करने पर आज का कार्टून.
और पढ़ेंबीबीसी हिंदी का डिजिटल रेडियो बुलेटिन 'दिनभर'
बच्चों को कोरोना वैक्सीन देने पर छिड़ी बहस
बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन ज़रूरी है या नहीं?
'ऑकस तनाव' के बीच पीएम मोदी और इमैनुएल मैक्रों ने की बात, क्या हुई चर्चा?
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करने पर प्रतिबद्धता जताई है.
फ़ोन पर हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने कहा कि वो मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार दोनों ने अफ़गानिस्तान के हालात, आतंकवाद, महिला और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर भी बातचीत की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बारे में ट्वीट करके जानकारी दी.
उन्होंने लिखा, “अपने मित्र इमैनुएल मैक्रों से अफ़गानिस्तान की स्थिति के बारे में बात की. हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और फ़्रांस के साझा प्रयासों पर भी चर्चा की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत हम फ़्रांस के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं.”
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और ब्रिटेन के ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बी तकनीक दिए जाने को लेकर विवाद जारी है.
अमेरिका और ब्रिटेन से तनावपूर्ण फ़्रांस के रिश्ते
इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी को भरोसा दिलाया कि फ़्रांस भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को मज़बूत बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
मैक्रों ने भारतीय प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित फ़्रांस-भारत के साथ करीबी रिश्ते के मद्देनज़र फ़्रांस भारतीय तकनीक और उद्योग को मज़बूती देना भी जारी रखेगा.
इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक़ भारत और फ़्रांस की साझा कोशिशें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और क़ानून के पालन को बढ़ावा देने और एकाधिकार को ख़त्म करने की होंगी.
फ़्रांसीसी राष्ट्रपति की पीएम मोदी की यह बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ तय बातचीत से पहले हुई है.
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन हाल में ऑकस नाम का एक समूह बनाया है जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वालीपनडुब्बी बनाने की तकनीक दी जाएगी.
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ़्रांस के साथ 4,000 डॉलर करोड़ डॉलर की डील निरस्त कर दी.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद फ़्रांस के अमेरिका और ब्रिटेन के साथ रिश्तों में दरार आई है.
वहीं, भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने आज ही एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि अगर यह पनडुब्बी सचमुच सिर्फ़ परमाणु ऊर्जा से चलती है और इसमें परमाणु हथियार नहीं है तो यह परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते का उल्लंघ नहीं है.
दुनिया की सबसे बुजुर्ग जुड़वां बहनों से मिलना चाहेंगे आप
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज़ कराने वाली महिलाओं ने जापान की दो महिलाओं के रिकॉर्ड को तोड़ा.
और पढ़ेंNDA में महिलाओं के प्रवेश की तैयारियां मई 2022 तक पूरी हो जाएंगी - केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि महिलाओं को नेशनल डिफ़ेंस एकेडमी (एनडीए) में दाख़िला लेने के लिए ज़रूरी सभी इंतज़ाम अगले साल मई तक पूरे हो जाएंगे.
रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दायर करके बताया है कि 2022 के बैच के लिए केंद्रीय लोक सेवा आयोग के एनडीए की प्रवेश परीक्षा का नोटिफ़िकेशन जारी से पहले सारी ज़रूरी तैयारियाँ पूरी कर ली जाएंगी.
पत्रकार सुचित्र मोहंती के मुताबिक हलफ़नामे में लिखा है, “अतिरिक्त वॉशरूम, हॉस्टल और केबिन बनाने, नए प्रशिक्षुओं के लिए पाठ्यक्रम और अन्य चीज़ें तैयार करने में कुछ समय लगेगा.”
हलफ़नामे में यह भी बताया गया है कि सरंचनागत ढाँचे और व्यवस्था में बदलाव के लिए विशेषज्ञों का एक समूह भी गठित किया गया है जो महिलाओं के एनडीए में आने को लेकर अपने सुझाव देगा.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में एनडीए में महिलाओं की एंट्री का रास्ता साफ़ किया था.
अब तक एनडीए में सिर्फ़ पुरुष ही प्रशिक्षण लेते रहे हैं और महिलाओं को इसकी प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं थी.
अदालत ने महिलाओं को एनडीए की परीक्षा में नहीं बैठने देने की केंद्र सरकार की "पुरानी मानसिकता" की आलोचना की थी.
कोर्ट ने कहा था कि यह एक नीतिगत फ़ैसला है जो लैंगिक असमानता के आधार पर बना है.
महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की माँग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यह फ़ैसला सुनाया था.
एनडीए में प्रशिक्षण लेने के लिए 12वीं कक्षा के बाद राष्ट्रीय स्तर की एक कठिन परीक्षा होती है जिसमें सफल होने पर कैडेट्स को सेना में अफ़सर रैंक के लिए तैयार किया जाता है.
महिलाएं सेना में डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर, संकेतक, एडमिनिस्ट्रेटर और वकील के तौर पर काम करती रही हैं.
उन्होंने जंग के मैदान में सैनिकों का इलाज किया है, विस्फोटकों को हैंडल किया है. माइन खोजे और निष्क्रिय किये हैं और संचार के लिए लाइने बिछाई हैं.
जानकारों का कहना है कि लड़ाई के अलावा महिलाओं ने लगभग सबकुछ किया है. उन्हें इंफेंटरी और बंख़्तबंद सेवा से दूर रखा गया है.
साल 2019 में सरकार ने महिलाओं को स्थायी कमिशन देने की इजाज़त दी थी लेकिन उम्रदराज़ महिलाओं की शारीरिक परेशानियों को देखते हुए सरकार ने कहा था कि ये केवल उन अफ़सरों पर लागू होगा तो जिन्होंने 14 साल से कम की सेवा दी है.
तालिबान मान्यता पाने के लिए क्या करे? इस पर बोले क़ुरैशी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में नए तालिबान शासन को समझना चाहिए कि अगर वे मान्यता और युद्धग्रस्त देश को फिर से बनाने में मदद चाहते हैं तो उन्हें अधिक संवेदनशील और अंतरराष्ट्रीय नियम क़ायदों को लेकर अधिक संवेदनशील होना होगा.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें अधिवेशन में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क गए क़ुरैशी ने पत्रकारों से ये बातें कही हैं.
उन्होंने मंगलवार को कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता देने से पहले विभिन्न देश ये देख रहे हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में कैसे चीज़ें घट रही हैं.
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता है कि इस स्तर पर कोई मान्यता देने की जल्दी में है और तालिबान को उस पर नज़र रखनी चाहिए.
तालिबान को दिया जवाब
उन्होंने कहा कि अगर तालिबान मान्यता चाहता है तो ‘उसे अंतरराष्ट्रीय राय को लेकर अधिक संवेदनशील और स्वीकार करने वाला बनना होगा.’
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान का अफ़ग़ानिस्तान में उद्देश्य शांति और स्थिरता है और वो लक्ष्य पाना है जो ‘हम अफ़ग़ान लोगों को बताना चाहेंगे कि उनकी एक समावेशी सरकार हो.’
उन्होंने कहा कि तालिबान के शुरुआती बयान बताते हैं कि वे इस विचार के ख़िलाफ़ नहीं हैं तो आगे देखते हैं कि क्या होता है.
क़ुरैशी ने उम्मीद जताई कि अफ़ग़ान तालिबान अपने वादों पर क़ायम रहेंगे और लड़कियों और महिलाओं को स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय जाने की अनुमति देंगे.
इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका और दूसरे देशों से निवेदन किया कि वो पूर्व अफ़ग़ान सरकार को देने वाले पैसे को जारी करें क्योंकि ये अफ़ग़ानिस्तान का पैसा है जो अफ़ग़ानिस्तान के लोगों पर ख़र्च होगा.
योगी आदित्यनाथ का यादव परिवार पर निशाना, बोले- सिर्फ़ अपना और सैफ़ई ख़ानदान का विकास
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों पर लगातार हमला बोल रहे हैं.
अब उन्होंने समाजवादी पार्टी और यादव परिवार को निशाना बनाया है.
मंगलवार को योगी आदित्यनाथ ने तंज़ कसते हुए ट्वीट किया, “विपक्ष के विधायकों को विकास से कोई मतलब ही नहीं है. उनके लिए विकास का मतलब केवल 'स्वयं का विकास' और 'सैफई खानदान' का विकास होता है.
उन्होंने कहा, “अच्छी सरकार विकास की सोच और संकल्प लेकर आती है. इसके विपरीत जब स्वार्थी, दंगा भड़काने वाली भ्रष्ट प्रवृत्ति की सरकार आती है तो आम जनमानस का जीना दुश्वार हो जाता है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की जेलें अवैध वसूली करने वालों का इंतजार करती हैं.
उन्होंने दावा किया, “पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के कारण गोवंश की क्षति के बारे में शिकायत मिलती थी लेकिन आज ऐसा नहीं है.अब जो ऐसा दुस्साहस करेगा, वह ख़ामियाजा भी भुगतने को तैयार रहे.”
पिछले बयान पर हुआ था विवाद
योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी भरी लहज़े में कहा, “याद रखो, यदि यूपी में निर्दोष व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को जलाओगे तो ऐसा भुगतान करना पड़ेगा कि आने वाली पीढ़ी याद रखेगी.”
कुछ दिनों पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पिछली सरकारें एक समुदाय का तुष्टीकरण किया करती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है.
उन्होंने कहा था, “पहले राशन अब्बाजान कहने वाले निगल जाते थे. गोरखपुर का राशन बांग्लादेश चला जाता था लेकिन अब ग़रीबों का राशन कोई नहीं निगल सकता.”
योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर काफ़ी विवाद हुआ था और इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया गया था.
पश्चिम बंगाल में हमारी लड़ाई 'तालिबानीकरण' से है: बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सुकांता मजुमदार
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नए अध्यक्ष सुकांता मजुमदार ने ममता बनर्जी की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर ज़ोरदार हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि टीएमसी राजनीतिक पार्टी की आड़ में एक परिवार की के मालिकाना हक़ वाली संपत्ति बन गई है.
मजुमदार ने कहा, “बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो आम लोगों को ज़िम्मेदारी देती है. मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करता हूँ जो पश्चिम बंगाल को अफ़गानिस्तान बनने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं.”
सुकांता मजुमदार ने कहा कि अगर कुछ लोगों को लगता है कि उनके बीजेपी छोड़ने से पार्टी ख़त्म हो जाएगी, तो ऐसा नहीं होने वाला है.
उनका इशारा गायक और नेता बाबुल सुप्रियो पर था जो हाल ही में बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
मजुमदार ने कहा, “हमारी लड़ाई पश्चिम बंगाल में 'तालिबानीकरण' से है. अगर टीएमसी में हिम्मत है तो वो बिना केंद्रीय बलों के स्थानीय निकाय के चुनाव कराए. फिर हम उन्हें दिखा देंगे कि बीजेपी क्या कर सकती है.”
सुकांता मजुमदार एक ही दिन पहले पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष बने हैं. पार्टी ने राज्य में बड़ा बदलाव करते हुए उन्हें यह ज़िम्मेदारी सौंपी है.
पश्चिम बंगाल के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष को अब पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया है.
यूरोपियन कोर्ट ने कहा - लित्विनेन्को की मौत के लिए रूस ज़िम्मेदार
यूरोपियन कोर्ट ने कहा है कि पोलोनियम ज़हर के कारण लंदन में मरने वाले रूसी जासूस एलेक्ज़ेंडर लित्विनेन्को की मौत के लिए रूस ज़िम्मेदार है.
लित्विनेन्को एफ़एसबी के पूर्व अधिकारी थे और उनका नाम पुतिन के मुखर आलोचकों में शुमार किया जाता था.
साल 2006 में एलेक्ज़ेंडर लित्विनेन्को को लंदन में ज़हर देकर मार दिया गया था. ये ज़हर रेडियोएक्टिव पदार्थ पोलोनियम था. ब्रिटेन ने लितविनेंको को शरण दी थी और रूस में उन्हें गद्दार कहा जाता था.
यूरोपियन कोर्ट ने कहा, "अदालत ने पहली नज़र में पाया कि लित्विनेंको को ज़हर देने में दो रूसी एजेंट लुगोवॉइ और कोवतुन शामिल थे."
अदालत ने कहा कि रूसी सरकार द्वारा इन आरोपों का खंडन नहीं किया जाना इस बात का संकेत है कि वही इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.
लुगोवॉइ और कोवतुन नाम के दोनों रूसी एजेंट इस घटना में शामिल होने से इंकार करते रहे हैं.
ब्रिटेन में भी इसकी आधिकारिक जांच हुई और इसकी रिपोर्ट में कहा गया कि लित्विनेन्को की हत्या को संभवतः पुतिन और एफ़एसबी के तत्कालीन प्रमुख निकोलाई पात्रुशेव ने मंजूरी दी थी.
रूस ने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया और नेशनल हीरो का दर्जा रखने वाले सांसद आंद्रेई लुगोवोई को लितविनेंको की हत्या का प्रमुख संदिग्ध बताया.
एलेक्ज़ेंडर लित्विनेन्को ने एफ़एसबी पर एक खुफिया दस्ता चलाने का आरोप लगाया था जिसका काम दुश्मनों का क़त्ल करना था.
AUKUS समझौते ने फ्रांस के सामने खड़ी कीं चार चुनौतियां
ह्यू स्कोफील्ड
बीबीसी न्यूज़, पेरिस
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच हुए ऑकस समझौते ने इस हक़ीकत को को शीशे की तरह साफ़ कर दिया कि अब अमेरिका की कभी ताक़तवर रहे संगठन नेटो में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं रह गई है.
और पढ़ेंभारतीय सेना का चीता हेलीकाप्टर जम्मू में दुर्घटनाग्रस्त, दोनों पायलटों की मौत
मोहित कंधारी
जम्मू से बीबीसी हिंदी के लिए
जम्मू क्षेत्र में उधमपुर ज़िले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पटनी टॉप के ऊपरी इलाके शिवगढ़ धार के पास भारतीय सेना का चीता हेलीकाप्टर मंगलवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
प्राप्त सूचना के अनुसार, इस दुर्घटना में हेलीकाप्टर के पायलट और को-पायलट गंभीर रूप से घायल हुए थे. बाद में दोनों की मौत हो गई है.
भारतीय सेना की नॉर्दर्न कमांड के प्रमुख जनरल जोशी ने दुर्घटना में मरने वाले पायलटों - मेजर रोहित कुमार और और मेजर अनुज राजपूत - के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.
जम्मू में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने एक आधिकारिक ब्यान जारी कर बताया, "मंगलवार सवेरे एक ट्रेनिंग उड़ान के दौरान सेना का हेलीकाप्टर उधमपुर के शिवगढ़ धार इलाके में क्रैश कर गया."
स्थानीय नागरिकों की मदद से सेना और स्थानीय पुलिस ने गंभीर रूप से घायल पायलटों को दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर से निकाल कर अस्पताल पहुँचाया था, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई है.
घटना का कारण इलाके में भारी बारिश और कोहरा बताया जा रहा है. लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
भारतीय सेना की नॉर्दर्न कमांड ने ट्वीटर पर मरने वाले दोनों पायलटों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.
राज कुंद्रा पॉर्नोग्राफ़ी मामले में ज़मानत के बाद जेल से छूटे
पॉर्नोग्राफ़ी फ़िल्म बनाने के मामले में गिरफ़्तार किए गए कारोबारी राज कुंद्रा को मजिस्ट्रेट कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद मंगलवार को जेल से छोड़ दिया गया है.
दो महीने पहले पॉर्नोग्राफ़ी फ़िल्म बनाने के मामले में उन्हें गिरफ़्तार किया गया था. जेल अधिकारी ने बताया कि राज कुंद्रा को आर्थर रोड जेल से मंगलवार साढ़े 11 बजे छोड़ दिया गया है.
चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपाले ने सोमवार को 50,000 रुपये के बॉण्ड पर राज कुंद्रा की ज़मानत याचिका मंज़ूर कर लिया था.
इसी मामले में राज कुंद्रा के साथ गिरफ़्तार किए गए रेयान थोर्पे को भी कोर्ट ने ज़मानत दे दी है.
उन्हें 19 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया था. 46 वर्षीय कारोबारी राज कुंद्रा आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में रखे गए थे.
राज कुंद्रा पर मुंबई पुलिस ने आईपीसी, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऐक्ट और स्त्री अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम (प्रोहिबिशन ऑफ़ इंडीसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ वीमन ऐक्ट) के तहत केस दर्ज किया है.
हाई कोर्ट जजों के बड़े पैमाने पर फेरबदल की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की सिफ़ारिश
चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुवाई वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने आठ हाई कोर्ट जजों को देश के अलग-अलग उच्च न्यायालयों के चीफ़ जस्टिस पद पर प्रमोट किए जाने की सिफारिश की है.
प्रमोशन के लिए जिन जजों के नामों की सिफ़ारिश की गई है, उनमें कलकत्ता हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ़ जस्टिस राजेश बिंदल भी शामिल हैं.
कॉलेजियम की ये बैठक 16 सितंबर को हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुचित्र मोहंथी ने बताया कि इसके साथ ही पांच उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के तबादले की सिफारिश की गई है.
इनके अलावा हाई कोर्ट के 28 जजों का तबादले की सिफारिश की गई है. इनमें त्रिपुरा हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस अकील क़ुरैशी भी शामिल हैं. उनका तबादला राजस्थान हाई कोर्ट किए जाने की अनुशंसा की गई है.
मेघालय हाई कोर्ट के जज जस्टिस रंजीत वी मोरे को चीफ़ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की गई है और वे मेघालय में ही बने रहेंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़तालिबान ने कहा - जितना जल्दी संभव हो लड़कियां, वापस स्कूल लौटेंगी
तालिबान ने कहा है कि वे जितना जल्दी संभव होगा, लड़कियों को पढ़ाई के लिए वापस स्कूल जाने की अनुमति दे देंगे.
तालिबान के प्रवक्ता ज़बील्लाह मुजाहिद ने काबुल में कहा, " हम इसे अंतिम रूप दे रहे हैं. जितना जल्दी संभव होगा, हम ये करेंगे."
ये बयान उस वक्त आया है जब तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल के अध्यापकों और छात्रों को सैकेंडरी स्कूलों में आने का आदेश दिया है. लेकिन उस आदेश में छात्राओं और महिला अध्यापकों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
साथ ही तालिबान प्रवक्ता ने कुछ और मंत्रालयों का भी एलान किया है लेकिन अब भी किसी महिला को मंत्रिमंडल में दाख़िल नहीं किया गया है.
इसके अलावा महिला मामलों के मंत्रालय के बारे में भी प्रवक्ता ने कुछ नहीं कहा है. पिछले हफ़्ते इस मंत्रालय का नाम बदल दिया गया था.
अफ़ग़ानिस्तान में सरकारी कर्मचारियों को तनख़्वाह न मिलने के बारे में मुजाहिद ने कहा कि उनके पास पैसा लेकिन वेतन देने में थोड़ा वक़्त लगेगा.
तालिबान सरकार की अंतरिम नियुक्तियां इस महीने के शुरू में की गई थीं. अब तक के सभी मंत्री तालिबान से जुड़े हैं. ये क़यास लगाए जा रहे थे कि तालिबान की सरकार में ग़ैर-तालिबान लोगों को भी मंत्री पद मिल सकता है लेकिन फ़िलहाल तो ये होता नहीं दिख रहा है.
तालिबान सत्ता संभालने के बाद से ही लोगों पर ज़ुल्म कर रहा है: एमनेस्टी इंटरनेशनल
प्रमुख मानवाधिकार संगठनों ने तालिबान पर देश की बागडोर संभालने के बाद से आम लोगों पर कई तरह के अत्याचार करने का आरोप लगाया है.
मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल और दो अन्य संगठनों ने कहा है कि तालिबान ने मानवाधिकारों को ख़त्म करने में जरा भी देरी नहीं की.
मानवाधिकार हनन के कुछ मामलों का पहले ही जिक्र किया जा चुका है लेकिन मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि बड़े स्तर पर हो रहे उत्पीड़न का ये छोटा सा हिस्सा भर है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने तालिबान पर आरोप लगाया है कि पिछले 20 सालों में जो भी सुधार किए गए थे, उन्हें लगातार ख़त्म किया जा रहा है.
एमनेस्टी ने तालिबान पर आम नागरिकों और आत्मसमर्पण करने वाले सैनिकों की हत्या करने, मानवीय सहायता रोकने और लोगों की, ख़ासतौर पर महिलाओं आज़ादी पर बंदिशें लगाने का इलज़ाम लगाया है.
एमनेस्टी के बयान में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में पत्रकारों, प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हमले किए जा रहे हैं. तालिबान ने जतलाने की कोशिश की है कि वे पिछली बार से बदल गए हैं लेकिन ये रिपोर्ट उनके दावे के उलट इशारे करती है.