लंबे समय तक सस्पेंस रखने के बाद पंजाब में कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. राहुल गांधी ने लुधियाना में वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए ख़ुद यह एलान किया है.
कहा गया है, “इस साल की शुरुआत में हम पाकिस्तान में टी20 वर्ल्ड
कप दो अतिरिक्त वॉर्म अप मैच खेलने के लिए राज़ी हुए थे. साथ ही हम महिला टीम के
पाकिस्तान टूर पर भी राज़ी हुए थे.”
बयान के अनुसार, “हमारे खिलाड़ियों की शारीरिक और मानसिक सेहत हमारी प्राथमिकता है. ख़ासकर
मौजूदा गंभीर समय में.''
''हमें मालूम है कि इस समय इलाके में यात्रा करने को लेकर
चिंताएं बढ़ रही हैं और वहाँ जाना हमारे उन खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव बनाएगा जो
पहली ही कोविड-19 के कारण पाबंदी भरे माहौल में खेल रहे हैं.”
ईसीबी ने कहा, “हम जानते हैं कि इस फ़ैसले से पीसीबी को भारी निराशा होगी जो पाकिस्तान में
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी के लिए बिना थके कोशिशें कर रहा है.”
बयान में इस फ़ैसले से पाकिस्तान में क्रिकेट पर पड़ने वाले असर को लेकर खेद भी
जताया गया है.
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पहले न्यूज़ीलैंड ने किया था दौरा रद्द
इंग्लैंड से पहले न्यूज़ीलैंड की पुरुष क्रिकेट ने अपना पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था.
असल में न्यूज़ीलैंड की टीम पाकिस्तान पहुंची थी लेकिन रावलपिंडी स्टेडियम में मैच शुरू होने के चंद मिनट पहले ही सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उन्होंने मैच खेलने से मना कर दिया.
पीसीबी के अनुसार, पाकिस्तान के पास सभी आने वाली टीमों के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था है और उसने न्यूज़ीलैंड क्रिकेट को भी पूरा आश्वासन दिया था.
पीसीबी ने कहा था कि न्यूजीलैंड की टीम अपने पूरे प्रवास के दौरान सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट थी लेकिन अंतिम समय में लिए गए उनके फ़ैसले से हताशा हुई है.
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम 18 साल बाद 11 सितंबर को तीन वनडे और पांच 20-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पाकिस्तान पहुंची थी.
कोरोना: अमेरिका ने ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और कई देशों को दी यात्रा में छूट
कोरोना संक्रमण मामलों में कमी आने
के बाद अमेरिका अब अपने यहाँ यात्रा पर लगी पाबंदियों में ढील दे रहा है.
वाइट हाउस ने बताया है कि नवंबर से
ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के लोग अमेरिका जा सकेंगे बर्शते वो वैक्सीन
की दोनों डोज़ ले चुके हों.
वाइट हाउस के कोविड-19 संयोजक जेफ़
ज़िनेट्स ने इस बारे में जानकारी दी.
जॉन वॉकर लिंद की परवरिश सैन फ्रांसिस्को के मिल वैली शहर के एक मध्य वर्गीय कैथोलिक परिवार में हुई थी. दुनिया इस व्यक्ति को 'अमेरिकी तालिबान' के तौर पर जानती है.
ब्रिटेन सरकार के एक
हालिया फ़ैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. यह फ़ैसला ब्रिटेन की यात्रा और क्वारंटीन के नियमों से जुड़ा है.
ब्रितानी सरकार के नए नियम के
मुताबिक़ भारत, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, थाईलैंड, जॉर्डन और रूस जैसे कुछ
देशों से यात्रा करके ब्रिटेन पहुँचने वाले व्यक्ति को 10 दिन क्वारंटीन में
बिताने ही होंगे और कोविड का टेस्ट भी कराना होगा.
विवाद का कारण यह है कि
इन देशों से ब्रिटेन जाने वाले उन यात्रियों को भी क्वारंटीन नियमों का पालन करना
होगा जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ ले ली है.
यानी अगर आप भारत, तुर्की,
यूएई, थाईलैंड या रूस से हैं तो वैक्सीन लेने के बावजूद आपको 10 दिन क्वारंटीन में
रहना होगा और सभी ज़रूरी टेस्ट कराने होंगे.
उड्डयन विशेषज्ञ एलेक्स
मार्कियस ने इस मुद्दे पर एक ट्वीट किया और लिखा कि कई देश ब्रिटेन के इस फ़ैसले
से नाख़ुश हैं.
उन्होंने लिखा, “यह अजीब है कि ब्रिटेन ने उन देशों
के लिए भी यह नियम लागू किया हैं जहाँ लोगों को वही वैक्सीन लगाई जा रही है जो
ब्रितानी लोगों को. जैसे- फ़ाइज़र, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना वगैरह.”
एलेक्स ने लिखा कि ब्रिटेन की नई ट्रैवेल पॉलिसी ग़ैरज़रूरी ढंग से जटिल बना
दी गई है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, “यही वजह है कि मैंने अपनी किताब ‘बैटल ऑफ़ बिलॉन्गिंग’ के लॉन्च के दौरान कैंब्रिज यूनियन में बहस का यह मुद्दा उठाया था.''
उन्होंने लिखा, "वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद भी भारतीयों को क्वारंटीन में रहने के लिए कहना आपत्तिजनक है. इसकी समीक्षा की जा रही है.”
शशि थरूर पहले भी भारत में ब्रिटेन के औपनिवेशिक शासन और नस्लभेद के ख़िलाफ़ खुलकर अपनी राय रखते रहे हैं.
अब इस पूरे मसले पर ब्रिटेन की
मुश्किलें बढ़ रही हैं.
ब्रिटिश उच्चायुक्त के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम भारत सरकार से इस बारे में बात कर रहे हैं कि वैक्सीन सर्टिफ़िकेट को कैसे
प्रमाणित किया जाए.”
उन्होंने ब्रितानी सरकार के फ़ैसले
का बचाव करते कहा, “ब्रिटेन जल्दी से जल्दी अंतरराष्ट्रीय यात्रा पूरी
तरह बहाल करने पर प्रतिबद्ध है."
प्रवक्ता ने कहा कि यह लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज़ से
उठाया गया एक कदम है ताकि वो सुरक्षित माहौल में खुलकर एक-दूसरे से मिल सकें.”
भारतीय सोशल मीडिया में ब्रिटेन के इस नियम की ख़ूब आलोचना हो रही है. लोग इसे 'अजीब' और 'भेदभाव' करने वाला बता रहे हैं.
एनडीटीवी के पत्रकार विष्णु सोम ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके ब्रिटेन के इस नीति की आलोचना की है.
उन्होंने ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को टैग करते हुए लिखा है कि एक रणनीतिक सहयोगी होने के मद्देनज़र ब्रिटेन को भारत से इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए.
कोरोना महामारी में नस्लभेद की बहस
कोरोना महामारी के दौरान नस्लभेद की बहस भी कई परतों में सामने आई है.
अमेरिका और यूरोपीय देशों में एशियाई मूल के लोगों को नस्लभेदी टिप्पणियों और हमलों का सामना करना पड़ा था.
ऑस्ट्रेलिया ने भी कोरोना के दूसरी लहर के दौरान कुछ समय के लिए भारत से लौटने वाले अपने नागरिकों के पहुँचने पर रोक लगा दी थी जिसे नस्लभेदी बताया गया था और इस पर ख़ूब विवाद हुआ था.
भारत में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को महामारी के दौरान नस्लभेद का सामना करना पड़ा.
पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक जताया है.
उन्होंने ट्वीट किया, “अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र
गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है. आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए
उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई. प्रभु उन्हें
अपने श्री चरणों में स्थान दें. ॐ शांति!!”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नरेंद्र
गिरि के निधन पर शोक जताया है.
उन्होंने कहा, “महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय
क्षति है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा
को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान
करें.”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी नरेंद्र गिरि की मौत पर दुख व्यक्त किया.
उन्होंने ट्वीट किया, “अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरी जी का निधन, अपूरणीय क्षति! ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों
को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें.”
हिंदू महासभा के अध्यक्ष
स्वामी चक्रपाणि ने प्रशासन से मांग है कि उनकी मौत की निष्पक्षता से जांच की जाए.
उन्होंने कहा, “नरेंद्र गिरि जी के निधन की सूचना मिली जो बहुत ही आहत करने वाला है. ये सनातन
धर्म के लिए बहुत बड़ी क्षति है. यह अपूरणीय क्षति है.”
इसरो जासूसी मामला: पूर्व पुलिस अफ़सरों की ज़मानत के ख़िलाफ़ सीबीआई गई सुप्रीम कोर्ट
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इसरो जासूसी मामले की जांच के मामले में सीबीआई ने
गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार और केरल पुलिस के पूर्व अफ़सरों और एक
पूर्व आईबी अफ़सर को मिली अग्रिम ज़मानत को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का
रुख़ किया है.
1994 के इसरो जासूसी मामले की जांच सीबीआई के पास
है. इस साल केरल हाईकोर्ट ने आरबी श्रीकुमार, केरल पुलिस के पूर्व अफ़सर एस विजयन
और थंपी एस दुर्गा दत्त और आईबी के पूर्व अफ़सर पीएस जयप्रकाश को ज़मानत दे दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि
उसने सीबीआई द्वारा दायर की गई रिपोर्ट को देखा है.
यह एफ़आईआर इन पुलिस अफ़सरों पर इसरो के पूर्व
वैज्ञानिक नंबी नारायणन पर जासूसी का मामला दर्ज करने को लेकर दर्ज की गई थी. 1994
के जासूसी मामले में नंबी नारायणन को अभियुक्त बनाया गया था बाद में उन्हें बरी कर
दिया गया था.
ब्रेकिंग न्यूज़पोर्नोग्राफ़ी के केस में राज कुंद्रा को अदालत से राहत, ज़मानत मिली
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मुंबई की एक अदालत ने बिज़नेसमैन राज कुंद्रा को पोर्नोग्राफ़ी के एक मामले में ज़मानत दे दी है. ख़बरों के मुताबिक कुंद्रा को 50 हज़ार के मुचलके पर ज़मानत दी गई है.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के पास फरवरी, 2021 में एक मामला दर्ज हुआ था. इस मामले की जांच के दौरान जुलाई को राज कुंद्रा को जुलाई में गिरफ़्तार किया गया था.
पुलिस ने दावा किया है कि मामले में राज कुंद्रा के शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं.
इसी साल फ़रवरी में मुंबई पुलिस की एक टीम ने मड में ग्रीन पार्क बंगले में छापा मारा था. पुलिस ने ये कार्रवाई वहां पोर्न फ़िल्मों की शूटिंग की सूचना मिलने पर की थी.
इस दौरान पुलिस ने पाँच लोगों को गिरफ्तार किया था और एक लड़की को रिहा भी कराया था. गिरफ़्तार पाँच लोगों में दो अभिनेता और दो युवतियाँ भी शामिल थीं.
राज कुंद्रा फ़िल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति हैं.
इस केस के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब के नए मुख्यमंत्री
चरणजीत सिंह पद संभालने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भावुक हो गए.
अपने पुराने दिनों को याद
करते हुए उनका गला भर आया और बमुश्किल ही वो अपने आँसुओं को रोक पाए.
चन्नी ने कहा, “एक वक़्त था जब हमारे घर में छत
नहीं थी. मेरी माँ दीवारों पर प्लास्टर लगाने के लिए मिट्टी और गारा लाया करती थीं.”
उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस की नीतियों का नतीजा है जिन्होंने मुझ जैसे ग़रीब
को आज मुख्यमंत्री बना दिया.
चन्नी ने कहा, “वो कहते रहते हैं ना आम आदमी, आम आदमी...आम आदमी यहाँ बैठा है. हमारे पास कुछ
नहीं था. घर में ठीक से छत नहीं थी लेकिन आज कांग्रेस पार्टी ने मुझे वहाँ लाकर बैठा
दिया है जहाँ तक आने की मेरी औकात नहीं थी.”
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी एक क्रांतिकारी नेता हैं, वो ग़रीबों को सहारा देने वाले नेता
हैं. मैं उनका अहसान कभी चुका नहीं पाऊंगा.”
जब चरणजीत सिंह चन्नी भावुक होकर ये सब कह रहे थे तब पंजाब में कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और अन्य नेता उनका कंधा थपथपाकर उन्हें संभाल रहे थे.
चन्नी पंजाब के पहले दलित-सिख मुख्यमंत्री हैं.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में किसानों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि वो केंद्र सरकार से कृषि क़ानून वापस लेने की अपील करेंगे.
उन्होंने कहा कि अगर ये क़ानून वापस नहीं लिए गए तो किसानी ख़त्म हो जाएगी और पंजाब के हर परिवार पर इसका असर पड़ेगा.
चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वो किसानों को कमज़ोर नहीं होने देंगे और उन पर किसी तरह की आँच आई तो अपनी गर्दन पेश कर देंगे.
ममता बनर्जी 2024 में पीएम बनने की रेस में सबसे आगे हैं- बाबुल सुप्रियो
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बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि 2024 के चुनावों में प्रधानमंत्री बनने की दौड़ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे आगे हैं.
वे आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले थे.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में सुप्रीयो ने कहा, “ मैं चाहता हूं कि मेरी पार्टी के नेता, 2024 में प्रधानमंत्री बनें. लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष एक अहम भूमिका निभाता है. इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि ममता बनर्जी पीएम बनने की रेस में सबसे आगे हैं.”
बाबुल सुप्रियो केंद्रीय मंत्रिमंडल में पर्यावरण राज्यमंत्री थे. पीएम मोदी ने हाल ही में हुए फेरबदल में उन्हें ड्रॉप कर दिया था.
उसके बाद बाबुल ने कहा था कि वे राजनीति छोड़ रहे हैं और किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे.
लेकिन अब वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने पर सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने पार्टी बदलकर कोई इतिहास नहीं रचा है, विधानसभा चुनाव से पहले कई नेताओं ने बीजेपी का रुख़ किया था.
BCCI ने बढ़ाई घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की मैच फ़ीस
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव जय शाह ने कहा है कि अब घरेलू क्रिकेट के खिलाड़ियों को पहले से अधिक मैच फ़ीस मिलेगी.
जय शाह ने ये जानकारी एक ट्वीट के ज़रिए दी.
नई फ़ीस इस प्रकार है -
सीनियर्स - 60 हज़ार रुपये (40 से अधिक मैच खेले हुए)
धांधली के आरोपों के बीच एक बार फिर जीत की ओर पुतिन की पार्टी
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रूस के संसदीय चुनावों
में राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की पार्टी युनाइटेड रशिया एक बार फिर बड़ी जीत
हासिल करने की ओर है. हालाँकि इस बार पार्टी के वोट प्रतिशत में थोड़ी कमी आई है.
सत्ताधारी पार्टी ने
रविवार शाम को चुनाव ख़त्म होने से कुछ घंटे पहले ही जीत का दावा कर दिया था.
इस चुनाव में पुतिन के प्रमुख और मुखर आलोचकों को हिस्सा लेने से रोक दिया गया
था.
जिन उम्मीदवारों को चुनाव में खड़े होने की अनुमति मिली, उनकी भी कड़ी
जाँच-पड़ताल की गई थी.
पुतिन के आलोचकों ने चुनाव
में जबरन वोट कराए जाने, बैलट से छेड़खानी और फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है.
मगर
रूस के चुनाव आयोग ने मतदान की प्रक्रिया मँ अनियमितताओं के दावों को ख़ारिज कर
दिया है.
80 फ़ीसदी वोटों की गिनती
के बाद शुरुआती नतीजों के मुताबिक़ पुतिन की युनाइटेड रशिया पार्टी को लगभग 50
फ़ीसदी वोट मिले हैं जबकि विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी को लगभग 20 फ़ीसदी.
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रूसी जनता में अब भी लोकप्रिय हैं पुतिन
इन आंशिक नतीजों से पता चलता है कि व्लादीमिर पुतिन की पार्टी इस बार भी संसद में आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी.
हालाँकि यह भी सच है कि पार्टी न कुछ जनाधारा तो ज़रूर खोया है. साल 2016 में युनाइडेट रशिया ने 54 फ़ीसदी वोटों के साथ जीत दर्ज की थी.
वहीं, संसद में आम तौर पर पुतिन की पहल का समर्थन करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में आठ फ़ीसदी का इजाफ़ा देखा गया है.
रूस में लोगों के जीवन स्तर से जुड़ी चिंताएं और उनके विरोधी एलेक्सी नवेलिनी को जेल भेजे जाने को पुतिन की पार्टी के समर्थन में गिरावट की वजह बताई जा रही है.
मगर इन सबके बावजूद व्लादीमिर पुतिन अब भी रूसी जनता के बीच लोकप्रिय हैं. लोग उन्हें ऐसे नेता के रूप में देखते हैं जो पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ डटकर खड़ा होता है.
पुतिन साल 1999 में लगातार रूस की सत्ता में बने हुए हैं.
पिछले साल युनाइटेज रशिया ने देश के संविधान में संशोधन किया था जिसके मुताबिक पुतिन साल 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बने रह सकते हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन के बाद ISKP ने पहली बार उस पर हमले का किया दावा
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अफ़गानिस्तान में इस्लामिक स्टेट की शाखा खुरासान
प्रांत (ISKP) ने दावा किया है कि
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद उसने तालिबान को निशाना बनाकर पहली
बार हमले किए हैं.
19 सितंबर को ISKP ने दावा किया कि
उसने नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में तालिबान को निशाना बनाकर आईईडी
धमाके किए हैं जिसमें 35 तालिबान लड़ाके कथित तौर पर मारे गए हैं या घायल हुए हैं.
आईएस ने अपने दावे में तालिबान
को ‘धर्म भ्रष्ट मिलीशिया’ बताया है जो कि वो हमेशा उसे कहता रहा है.
तालिबान ने अब तक इन कथित हमलों पर कोई टिप्पणी
नहीं की है लेकिन स्थानीय अफ़ग़ान मीडिया समूहों ने नांगरहार में हुए आईईडी धमाकों
में लोगों के मरने को रिपोर्ट किया है.
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आईएस की ‘समाचार एजेंसी’ अमक़ ने इन दावों की पुष्टि के लिए कुछ तस्वीरें भी
जारी की हैं.
इससे पहले आईएस ने दावा किया था कि उसने 26 अगस्त
को काबुल एयरपोर्ट पर जानलेवा हमला किया था और 30 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर
रॉकेट दागे थे लेकिन उन हमलों में तालिबान को निशाना नहीं बनाया गया था और आईएस का
दावा था कि यह अमेरिका और ‘सहयोगियों’ को नुक़सान पहुंचाने के लिए था.
आख़िरी बार आईएस ने
तालिबान पर 14 अगस्त को नांगरहार में हमले का दावा किया था तब तक काबुल तालिबान के
नियंत्रण में नहीं था.
भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर दिन औसतन 328 मौतें
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लॉकडाउन के बावजूद हर दिन औसतन 328 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो हुई है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में एक लाख 20 हज़ार लोगों की मौत हुई, जबकि साल 2019 में ये आंकड़ा 1.36 लाख और साल 2018 में 1.35 लाख था.
लाइव रिपोर्टिंग
रिपोर्टर- मोहम्मद शाहिद, पवन सिंह अतुल और सिंधुवासिनी
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पंजाब चुनाव: चरणजीत सिंह चन्नी होंगे कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार, राहुल गांधी ने सिद्धू के सामने किया एलान
बीबीसी पंजाबी
दिल्ली
लंबे समय तक सस्पेंस रखने के बाद पंजाब में कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. राहुल गांधी ने लुधियाना में वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए ख़ुद यह एलान किया है.
और पढ़ेंब्रेकिंग न्यूज़इंग्लैंड की पुरुष और महिला क्रिकेट टीम का पाकिस्तान दौरा रद्द, सुरक्षा कारणों का हवाला
इंग्लैंड की पुरुष और महिला क्रिकेट टीम का पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया गया है.
इंग्लैड क्रिकेट बोर्ड ने यह जानकारी दी है. ईसीबी ने इस बारे में एक आधिकारिक बयान जारी किया है.
बयान में कहा गया है कि पुरुष और महिला क्रिकेट टीम का अक्टूबर में होने वाला पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया गया है.
बयान के मुताबिक़ टूर रद्द करने का फ़ैसला इलाके में सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के मद्देनज़र किया गया है.
'सुरक्षा कारणों' से रद्द हुआ टूर
कहा गया है, “इस साल की शुरुआत में हम पाकिस्तान में टी20 वर्ल्ड कप दो अतिरिक्त वॉर्म अप मैच खेलने के लिए राज़ी हुए थे. साथ ही हम महिला टीम के पाकिस्तान टूर पर भी राज़ी हुए थे.”
बयान के अनुसार, “हमारे खिलाड़ियों की शारीरिक और मानसिक सेहत हमारी प्राथमिकता है. ख़ासकर मौजूदा गंभीर समय में.''
''हमें मालूम है कि इस समय इलाके में यात्रा करने को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं और वहाँ जाना हमारे उन खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव बनाएगा जो पहली ही कोविड-19 के कारण पाबंदी भरे माहौल में खेल रहे हैं.”
ईसीबी ने कहा, “हम जानते हैं कि इस फ़ैसले से पीसीबी को भारी निराशा होगी जो पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी के लिए बिना थके कोशिशें कर रहा है.”
बयान में इस फ़ैसले से पाकिस्तान में क्रिकेट पर पड़ने वाले असर को लेकर खेद भी जताया गया है.
पहले न्यूज़ीलैंड ने किया था दौरा रद्द
इंग्लैंड से पहले न्यूज़ीलैंड की पुरुष क्रिकेट ने अपना पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था.
असल में न्यूज़ीलैंड की टीम पाकिस्तान पहुंची थी लेकिन रावलपिंडी स्टेडियम में मैच शुरू होने के चंद मिनट पहले ही सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उन्होंने मैच खेलने से मना कर दिया.
पीसीबी के अनुसार, पाकिस्तान के पास सभी आने वाली टीमों के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था है और उसने न्यूज़ीलैंड क्रिकेट को भी पूरा आश्वासन दिया था.
पीसीबी ने कहा था कि न्यूजीलैंड की टीम अपने पूरे प्रवास के दौरान सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट थी लेकिन अंतिम समय में लिए गए उनके फ़ैसले से हताशा हुई है.
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम 18 साल बाद 11 सितंबर को तीन वनडे और पांच 20-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पाकिस्तान पहुंची थी.
कोरोना: अमेरिका ने ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और कई देशों को दी यात्रा में छूट
कोरोना संक्रमण मामलों में कमी आने के बाद अमेरिका अब अपने यहाँ यात्रा पर लगी पाबंदियों में ढील दे रहा है.
वाइट हाउस ने बताया है कि नवंबर से ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के लोग अमेरिका जा सकेंगे बर्शते वो वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके हों.
वाइट हाउस के कोविड-19 संयोजक जेफ़ ज़िनेट्स ने इस बारे में जानकारी दी.
उस 'अमेरिकी तालिबान' की कहानी जिसने लादेन की पनाह ली
जॉन वॉकर लिंद की परवरिश सैन फ्रांसिस्को के मिल वैली शहर के एक मध्य वर्गीय कैथोलिक परिवार में हुई थी. दुनिया इस व्यक्ति को 'अमेरिकी तालिबान' के तौर पर जानती है.
तालिबान की वापसी से अल क़ायदा को मिल सकती है संजीवनी
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के फिर से कब्ज़ा करने और सरकार बनाने के बाद चरमपंथी संगठन अल-क़ायदा को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है.
ब्रिटेन सरकार के इस नियम पर भारत में गहरी नाराज़गी, क्या है मामला?
ब्रिटेन सरकार के एक हालिया फ़ैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. यह फ़ैसला ब्रिटेन की यात्रा और क्वारंटीन के नियमों से जुड़ा है.
ब्रितानी सरकार के नए नियम के मुताबिक़ भारत, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, थाईलैंड, जॉर्डन और रूस जैसे कुछ देशों से यात्रा करके ब्रिटेन पहुँचने वाले व्यक्ति को 10 दिन क्वारंटीन में बिताने ही होंगे और कोविड का टेस्ट भी कराना होगा.
विवाद का कारण यह है कि इन देशों से ब्रिटेन जाने वाले उन यात्रियों को भी क्वारंटीन नियमों का पालन करना होगा जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ ले ली है.
यानी अगर आप भारत, तुर्की, यूएई, थाईलैंड या रूस से हैं तो वैक्सीन लेने के बावजूद आपको 10 दिन क्वारंटीन में रहना होगा और सभी ज़रूरी टेस्ट कराने होंगे.
उड्डयन विशेषज्ञ एलेक्स मार्कियस ने इस मुद्दे पर एक ट्वीट किया और लिखा कि कई देश ब्रिटेन के इस फ़ैसले से नाख़ुश हैं.
उन्होंने लिखा, “यह अजीब है कि ब्रिटेन ने उन देशों के लिए भी यह नियम लागू किया हैं जहाँ लोगों को वही वैक्सीन लगाई जा रही है जो ब्रितानी लोगों को. जैसे- फ़ाइज़र, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना वगैरह.”
एलेक्स ने लिखा कि ब्रिटेन की नई ट्रैवेल पॉलिसी ग़ैरज़रूरी ढंग से जटिल बना दी गई है.
शशि थरूर ने नियम को बताया आपत्तिजनक
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, “यही वजह है कि मैंने अपनी किताब ‘बैटल ऑफ़ बिलॉन्गिंग’ के लॉन्च के दौरान कैंब्रिज यूनियन में बहस का यह मुद्दा उठाया था.''
उन्होंने लिखा, "वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद भी भारतीयों को क्वारंटीन में रहने के लिए कहना आपत्तिजनक है. इसकी समीक्षा की जा रही है.”
शशि थरूर पहले भी भारत में ब्रिटेन के औपनिवेशिक शासन और नस्लभेद के ख़िलाफ़ खुलकर अपनी राय रखते रहे हैं.
भारत मे गहरी नाराज़गी
अब इस पूरे मसले पर ब्रिटेन की मुश्किलें बढ़ रही हैं.
ब्रिटिश उच्चायुक्त के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम भारत सरकार से इस बारे में बात कर रहे हैं कि वैक्सीन सर्टिफ़िकेट को कैसे प्रमाणित किया जाए.”
उन्होंने ब्रितानी सरकार के फ़ैसले का बचाव करते कहा, “ब्रिटेन जल्दी से जल्दी अंतरराष्ट्रीय यात्रा पूरी तरह बहाल करने पर प्रतिबद्ध है."
प्रवक्ता ने कहा कि यह लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज़ से उठाया गया एक कदम है ताकि वो सुरक्षित माहौल में खुलकर एक-दूसरे से मिल सकें.”
भारतीय सोशल मीडिया में ब्रिटेन के इस नियम की ख़ूब आलोचना हो रही है. लोग इसे 'अजीब' और 'भेदभाव' करने वाला बता रहे हैं.
एनडीटीवी के पत्रकार विष्णु सोम ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके ब्रिटेन के इस नीति की आलोचना की है.
उन्होंने ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को टैग करते हुए लिखा है कि एक रणनीतिक सहयोगी होने के मद्देनज़र ब्रिटेन को भारत से इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए.
कोरोना महामारी में नस्लभेद की बहस
कोरोना महामारी के दौरान नस्लभेद की बहस भी कई परतों में सामने आई है.
अमेरिका और यूरोपीय देशों में एशियाई मूल के लोगों को नस्लभेदी टिप्पणियों और हमलों का सामना करना पड़ा था.
ऑस्ट्रेलिया ने भी कोरोना के दूसरी लहर के दौरान कुछ समय के लिए भारत से लौटने वाले अपने नागरिकों के पहुँचने पर रोक लगा दी थी जिसे नस्लभेदी बताया गया था और इस पर ख़ूब विवाद हुआ था.
भारत में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को महामारी के दौरान नस्लभेद का सामना करना पड़ा.
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ब्रेकिंग न्यूज़अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि मृत पाए गए, पीएम मोदी ने जताया शोक
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि प्रयागराज में अपने आवास पर मृत पाए गए हैं.
पिछले दिनों अपने शिष्य से उनका विवाद चल रहा था. हालांकि बाद में दोनों में सुलह हो गई थी.
बाघंबरी मठ स्थित अपने आवास में इनका शव मिला है.
नरेंद्र गिरि फ़र्ज़ी संतों और अखाड़ों के ख़िलाफ़ काफ़ी मुखर थे. इनका नाम भी कई विवादों में जुड़ा था.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार फोरेंसिक विभाग की एक टीम मौके पर पहुँचकर जाँच कर रही है. वहाँ वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं.
पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक जताया है.
उन्होंने ट्वीट किया, “अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है. आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई. प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें. ॐ शांति!!”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक जताया है.
उन्होंने कहा, “महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी नरेंद्र गिरि की मौत पर दुख व्यक्त किया.
उन्होंने ट्वीट किया, “अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरी जी का निधन, अपूरणीय क्षति! ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें.”
हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने प्रशासन से मांग है कि उनकी मौत की निष्पक्षता से जांच की जाए.
उन्होंने कहा, “नरेंद्र गिरि जी के निधन की सूचना मिली जो बहुत ही आहत करने वाला है. ये सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ी क्षति है. यह अपूरणीय क्षति है.”
कार्टून: बधाई तो बनती है
पंजाब में मुख्यमंत्री चुनने को लेकर लगाई गईं अटकलों पर आज का कार्टून.
और पढ़ेंइसरो जासूसी मामला: पूर्व पुलिस अफ़सरों की ज़मानत के ख़िलाफ़ सीबीआई गई सुप्रीम कोर्ट
इसरो जासूसी मामले की जांच के मामले में सीबीआई ने गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार और केरल पुलिस के पूर्व अफ़सरों और एक पूर्व आईबी अफ़सर को मिली अग्रिम ज़मानत को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है.
1994 के इसरो जासूसी मामले की जांच सीबीआई के पास है. इस साल केरल हाईकोर्ट ने आरबी श्रीकुमार, केरल पुलिस के पूर्व अफ़सर एस विजयन और थंपी एस दुर्गा दत्त और आईबी के पूर्व अफ़सर पीएस जयप्रकाश को ज़मानत दे दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि उसने सीबीआई द्वारा दायर की गई रिपोर्ट को देखा है.
यह एफ़आईआर इन पुलिस अफ़सरों पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन पर जासूसी का मामला दर्ज करने को लेकर दर्ज की गई थी. 1994 के जासूसी मामले में नंबी नारायणन को अभियुक्त बनाया गया था बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था.
ब्रेकिंग न्यूज़पोर्नोग्राफ़ी के केस में राज कुंद्रा को अदालत से राहत, ज़मानत मिली
मुंबई की एक अदालत ने बिज़नेसमैन राज कुंद्रा को पोर्नोग्राफ़ी के एक मामले में ज़मानत दे दी है. ख़बरों के मुताबिक कुंद्रा को 50 हज़ार के मुचलके पर ज़मानत दी गई है.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के पास फरवरी, 2021 में एक मामला दर्ज हुआ था. इस मामले की जांच के दौरान जुलाई को राज कुंद्रा को जुलाई में गिरफ़्तार किया गया था.
पुलिस ने दावा किया है कि मामले में राज कुंद्रा के शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं.
इसी साल फ़रवरी में मुंबई पुलिस की एक टीम ने मड में ग्रीन पार्क बंगले में छापा मारा था. पुलिस ने ये कार्रवाई वहां पोर्न फ़िल्मों की शूटिंग की सूचना मिलने पर की थी.
इस दौरान पुलिस ने पाँच लोगों को गिरफ्तार किया था और एक लड़की को रिहा भी कराया था. गिरफ़्तार पाँच लोगों में दो अभिनेता और दो युवतियाँ भी शामिल थीं.
राज कुंद्रा फ़िल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति हैं.
इस केस के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
चरणजीत सिंह चन्नी हुए भावुक, कहा बचपन में जिस के सिर पर छत नहीं थी उसे CM बना दिया
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह पद संभालने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भावुक हो गए.
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उनका गला भर आया और बमुश्किल ही वो अपने आँसुओं को रोक पाए.
चन्नी ने कहा, “एक वक़्त था जब हमारे घर में छत नहीं थी. मेरी माँ दीवारों पर प्लास्टर लगाने के लिए मिट्टी और गारा लाया करती थीं.”
उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस की नीतियों का नतीजा है जिन्होंने मुझ जैसे ग़रीब को आज मुख्यमंत्री बना दिया.
चन्नी ने कहा, “वो कहते रहते हैं ना आम आदमी, आम आदमी...आम आदमी यहाँ बैठा है. हमारे पास कुछ नहीं था. घर में ठीक से छत नहीं थी लेकिन आज कांग्रेस पार्टी ने मुझे वहाँ लाकर बैठा दिया है जहाँ तक आने की मेरी औकात नहीं थी.”
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी एक क्रांतिकारी नेता हैं, वो ग़रीबों को सहारा देने वाले नेता हैं. मैं उनका अहसान कभी चुका नहीं पाऊंगा.”
'किसानों पर आँच आई तो गर्दन पेश कर दूंगा'
जब चरणजीत सिंह चन्नी भावुक होकर ये सब कह रहे थे तब पंजाब में कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और अन्य नेता उनका कंधा थपथपाकर उन्हें संभाल रहे थे.
चन्नी पंजाब के पहले दलित-सिख मुख्यमंत्री हैं.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में किसानों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि वो केंद्र सरकार से कृषि क़ानून वापस लेने की अपील करेंगे.
उन्होंने कहा कि अगर ये क़ानून वापस नहीं लिए गए तो किसानी ख़त्म हो जाएगी और पंजाब के हर परिवार पर इसका असर पड़ेगा.
चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वो किसानों को कमज़ोर नहीं होने देंगे और उन पर किसी तरह की आँच आई तो अपनी गर्दन पेश कर देंगे.
ममता बनर्जी 2024 में पीएम बनने की रेस में सबसे आगे हैं- बाबुल सुप्रियो
बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि 2024 के चुनावों में प्रधानमंत्री बनने की दौड़ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे आगे हैं.
वे आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले थे.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में सुप्रीयो ने कहा, “ मैं चाहता हूं कि मेरी पार्टी के नेता, 2024 में प्रधानमंत्री बनें. लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष एक अहम भूमिका निभाता है. इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि ममता बनर्जी पीएम बनने की रेस में सबसे आगे हैं.”
बाबुल सुप्रियो केंद्रीय मंत्रिमंडल में पर्यावरण राज्यमंत्री थे. पीएम मोदी ने हाल ही में हुए फेरबदल में उन्हें ड्रॉप कर दिया था.
उसके बाद बाबुल ने कहा था कि वे राजनीति छोड़ रहे हैं और किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे.
लेकिन अब वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने पर सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने पार्टी बदलकर कोई इतिहास नहीं रचा है, विधानसभा चुनाव से पहले कई नेताओं ने बीजेपी का रुख़ किया था.
BCCI ने बढ़ाई घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की मैच फ़ीस
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव जय शाह ने कहा है कि अब घरेलू क्रिकेट के खिलाड़ियों को पहले से अधिक मैच फ़ीस मिलेगी.
जय शाह ने ये जानकारी एक ट्वीट के ज़रिए दी.
नई फ़ीस इस प्रकार है -
सीनियर्स - 60 हज़ार रुपये (40 से अधिक मैच खेले हुए)
अंडर 23 - 25 हज़ार रुपये
अंडर 19 - 20 हज़ार रुपये
धांधली के आरोपों के बीच एक बार फिर जीत की ओर पुतिन की पार्टी
रूस के संसदीय चुनावों में राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की पार्टी युनाइटेड रशिया एक बार फिर बड़ी जीत हासिल करने की ओर है. हालाँकि इस बार पार्टी के वोट प्रतिशत में थोड़ी कमी आई है.
सत्ताधारी पार्टी ने रविवार शाम को चुनाव ख़त्म होने से कुछ घंटे पहले ही जीत का दावा कर दिया था.
इस चुनाव में पुतिन के प्रमुख और मुखर आलोचकों को हिस्सा लेने से रोक दिया गया था.
जिन उम्मीदवारों को चुनाव में खड़े होने की अनुमति मिली, उनकी भी कड़ी जाँच-पड़ताल की गई थी.
पुतिन के आलोचकों ने चुनाव में जबरन वोट कराए जाने, बैलट से छेड़खानी और फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है.
मगर रूस के चुनाव आयोग ने मतदान की प्रक्रिया मँ अनियमितताओं के दावों को ख़ारिज कर दिया है.
80 फ़ीसदी वोटों की गिनती के बाद शुरुआती नतीजों के मुताबिक़ पुतिन की युनाइटेड रशिया पार्टी को लगभग 50 फ़ीसदी वोट मिले हैं जबकि विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी को लगभग 20 फ़ीसदी.
रूसी जनता में अब भी लोकप्रिय हैं पुतिन
इन आंशिक नतीजों से पता चलता है कि व्लादीमिर पुतिन की पार्टी इस बार भी संसद में आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी.
हालाँकि यह भी सच है कि पार्टी न कुछ जनाधारा तो ज़रूर खोया है. साल 2016 में युनाइडेट रशिया ने 54 फ़ीसदी वोटों के साथ जीत दर्ज की थी.
वहीं, संसद में आम तौर पर पुतिन की पहल का समर्थन करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में आठ फ़ीसदी का इजाफ़ा देखा गया है.
रूस में लोगों के जीवन स्तर से जुड़ी चिंताएं और उनके विरोधी एलेक्सी नवेलिनी को जेल भेजे जाने को पुतिन की पार्टी के समर्थन में गिरावट की वजह बताई जा रही है.
मगर इन सबके बावजूद व्लादीमिर पुतिन अब भी रूसी जनता के बीच लोकप्रिय हैं. लोग उन्हें ऐसे नेता के रूप में देखते हैं जो पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ डटकर खड़ा होता है.
पुतिन साल 1999 में लगातार रूस की सत्ता में बने हुए हैं.
पिछले साल युनाइटेज रशिया ने देश के संविधान में संशोधन किया था जिसके मुताबिक पुतिन साल 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बने रह सकते हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन के बाद ISKP ने पहली बार उस पर हमले का किया दावा
अफ़गानिस्तान में इस्लामिक स्टेट की शाखा खुरासान प्रांत (ISKP) ने दावा किया है कि अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद उसने तालिबान को निशाना बनाकर पहली बार हमले किए हैं.
19 सितंबर को ISKP ने दावा किया कि उसने नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में तालिबान को निशाना बनाकर आईईडी धमाके किए हैं जिसमें 35 तालिबान लड़ाके कथित तौर पर मारे गए हैं या घायल हुए हैं.
आईएस ने अपने दावे में तालिबान को ‘धर्म भ्रष्ट मिलीशिया’ बताया है जो कि वो हमेशा उसे कहता रहा है.
तालिबान ने अब तक इन कथित हमलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन स्थानीय अफ़ग़ान मीडिया समूहों ने नांगरहार में हुए आईईडी धमाकों में लोगों के मरने को रिपोर्ट किया है.
आईएस की ‘समाचार एजेंसी’ अमक़ ने इन दावों की पुष्टि के लिए कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं.
इससे पहले आईएस ने दावा किया था कि उसने 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर जानलेवा हमला किया था और 30 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट दागे थे लेकिन उन हमलों में तालिबान को निशाना नहीं बनाया गया था और आईएस का दावा था कि यह अमेरिका और ‘सहयोगियों’ को नुक़सान पहुंचाने के लिए था.
आख़िरी बार आईएस ने तालिबान पर 14 अगस्त को नांगरहार में हमले का दावा किया था तब तक काबुल तालिबान के नियंत्रण में नहीं था.
भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर दिन औसतन 328 मौतें
लॉकडाउन के बावजूद हर दिन औसतन 328 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो हुई है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में एक लाख 20 हज़ार लोगों की मौत हुई, जबकि साल 2019 में ये आंकड़ा 1.36 लाख और साल 2018 में 1.35 लाख था.
AUKUS समझौता: परमाणु पनडुब्बी में आख़िर ऐसा क्या ख़ास है
'परमाणु युग' की शुरुआत के साथ ही 1940 के दशक में न्यूक्लियर पावर से चलने वाले समुद्री जहाज़ों पर रिसर्च का काम शुरू हो गया था.
और पढ़ेंफ्रांस ने अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया से राजदूत वापस बुलाने के बाद ब्रिटेन को भी दिया झटका
एलेक्स थेरियन
बीबीसी न्यूज़
ऑस्ट्रेलिया से परमाणु शक्ति संपन्न मिसाइलों के ठेके को लेकर बिफ़रे फ़्रांस ने अब ब्रिटेन सरकार के साथ अपनी बातचीत रद्द कर दी है.
और पढ़ेंपंजाब में नए सीएम के सामने क्या हैं चुनौतियां. ज़्यादा जानकारी के साथ बीबीसी संवाददाता अरविंद छाबड़ा.