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पहले अंबिका सोनी फिर सुखजिंदर रंधावा का नाम, कैसे चरणजीत चन्नी को मिली पंजाब की कमान

अंबिका सोनी और सुनील जाखड़ के नाम से शुरू हुई चर्चा सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर आकर थम गई थी. सुखजिंदर सिंह रंधावा का सीएम बनना लगभग तय माना जा रहा था.

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चरणजीत सिंह चन्नी (फाइल फोटोः फेसबुक)
चरणजीत सिंह चन्नी (फाइल फोटोः फेसबुक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पंजाब में कांग्रेस का दलित चेहरा हैं चरणजीत सिंह चन्नी
  • कैप्टन अमरिंदर के धुर विरोधियों में होती है चन्नी की गिनती

पंजाब की सियासत के लिए पिछले 36 घंटे काफी हलचल समेटे रहे हैं. इन्हीं 36 घंटों के अंदर पंजाब में कांग्रेस का पर्याय माने जाने वाले कैप्टन की सत्ता से विदाई हो गई तो वहीं सूबे को नया मुख्यमंत्री भी मिल गया. पंजाब में कांग्रेस के दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे. कांग्रेस के पंजाब प्रभारी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंजाब के नए सीएम के लिए चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का ऐलान किया.

चरणजीत सिंह चन्नी का नाम आज शाम के समय भी दूर-दूर तक चर्चा में नहीं था. पंजाब के नए सीएम के ऐलान में कांग्रेस ने भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ही तरह चौंकाया और ऐसे नेता को कमान दे दी जिसका नाम कहीं चर्चा में नहीं था. अंबिका सोनी और सुनील जाखड़ के नाम से शुरू हुई चर्चा सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर आकर थम गई थी.

सुखजिंदर सिंह रंधावा का सीएम बनना लगभग तय माना जा रहा था. कहा यहां तक जाने लगा था कि उनके सीएम बनने का औपचारिक ऐलान भर बाकी है. सुखजिंदर के घर नेताओं का जमावड़ा लगा था. बुके भी मंगवाए जाने लगे थे लेकिन इसी बीच सियासत ने करवट ली और एक गुट दलित सीएम की मांग पर अड़ गया. दूसरी तरफ सुखजिंदर नवजोत सिंह सिद्धू के राइट हैंड माने जाते हैं.

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कैप्टन की चेतावनी ने रोकी रंधावा की राह

कैप्टन अमरिंदर पहले ही ये साफ कह दिया था कि यदि पार्टी ने नवजोत सिंह सिद्धू या सिद्धू के किसी करीबी को मुख्यमंत्री बनाया तो उसे फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ेगा. सुखजिंदर सिंह रंधावा को मुख्यमंत्री घोषित करने का सीधा मतलब होता कैप्टन को एक और चुनौती. कैप्टन की मर्जी के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया. कैप्टन ने सीएम की कुर्सी भी छोड़ दी लेकिन रंधावा को सीएम घोषित किए जाने की स्थिति में कैप्टन बगावती तेवर अख्तियार कर सकते थे.

कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी पंजाब में पार्टी के लिए कैप्टन के महत्व की चर्चा करते रहे हैं. इन सबके बीच जब दलित मुख्यमंत्री की मांग उठी तो पार्टी को भी सिद्धू और कैप्टन की सियासी कलह के बीच दोनों को ही नाराज ना करते हुए इस हालात से निकलने का रास्ता मिल गया. कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद के लिए कैप्टन सरकार में मंत्री रहे चमकौर साहिब विधानसभा सीट से विधायक चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का ऐलान कर दिया.

कांग्रेस ने एक तीर से साधा दो निशाना

कांग्रेस ने चन्नी के नाम का ऐलान कर एक तरह से एक तीर से दो निशाने साध लिए हैं. चरणजीत सिंह चन्नी सिद्धू के भी खासमखास की सूची में शामिल नहीं हैं जिसकी वजह से कैप्टन की बात भी रह गई कि सिद्धू या उनके किसी खास का मुख्यमंत्री बनना बर्दाश्त नहीं करेंगे. दूसरे, चरणजीत सिंह चन्नी की गिनती भी उन नेताओं में होती है जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधी हैं. ऐसे में सिद्धू के पास भी इस शिकायत का मौका नहीं होगा कि कैप्टन के किसी चहेते को मुख्यमंत्री बना दिया गया.

अंबिका सोनी ने ठुकराया था ऑफर
   
इससे पहले कैप्टन के इस्तीफे के बाद अगले सीएम के लिए राहुल गांधी के करीबी और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके सुनील जाखड़ के नाम की चर्चा थी. सुनील जाखड़ के साथ ही वरिष्ठ नेता और पार्टी की मजबूत महिला चेहरा अंबिका सोनी का नाम भी रेस में शामिल था. अंबिका सोनी ने आज सुबह खुद ही ये साफ किया था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने का ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. उनका कहना था कि पंजाब का सीएम कोई सिख ही होना चाहिए.

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पंजाब में सत्ता परिवर्तन, यूपी पर डाले डोरे

सिख मुख्यमंत्री के साथ पंजाब की अगली सरकार की संरचना को लेकर जो चर्चा थी, उसमें एक दलित और एक हिंदू डिप्टी सीएम बनाने की बात चल रही थी. अब कांग्रेस आलाकमान ने दलित बिरादरी से आने वाले चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने का ऐलान कर दिया है तो देखना होगा कि सरकार की संरचना क्या रहती है. कांग्रेस ने पंजाब में दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाकर यूपी और अन्य चुनावी राज्यों को एक सियासी संदेश भी दे दिया है.

 

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