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योगी आदित्यनाथ का दावा, यूपी ने कोरोना प्रबंधन का दुनिया का सबसे अच्छा मॉडल तैयार किया
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने दावा किया है कि कोरोना महामारी के दौरान कोराना प्रबंधन का दुनिया में सबसे अच्छा मॉडल
उत्तर प्रदेश ने तैयार किया.
एक कार्यक्रम में उन्होंने दूसरी लहर के बारे में कहा कि खुद कोरोना से ठीक होने के बाद "मैं हर-गांव
कसबे में जाता था, टीम को प्रोत्साहित करता था, जहां संसाधन की कमी थी, वहां संसाधन
बढ़ाने की व्यवस्था करता था फिर वापस आता था."
उन्होंने कहा, "आपने देखा होगा दुनिया के अंदर
उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबंधन का सबसे अच्छा मॉडल खड़ा किया. मॉडल खड़ा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती
है, टीम वर्क से काम होता है."
बिना राहुल गांधी का नाम लिए उन्होंने कहा, "एक पार्टी को आप देखते होंगे, देश पर कोई आपदा आती है, वो इटली भाग जाते हैं."
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे हिंदू देवी देवताओं का अपमान करते हैं और "राम-कृष्ण को नकार जाना उनकी प्रवृति का हिस्सा है. कोई एक्सीडेंटली हिंदू होगा तो यही तो होगा."
उन्होंने कहा, "जब अयोध्या का फ़ैसला आने वाला था तो लोग कहते थे कि कुछ अप्रिय घटना होगी लेकिन मैंने कहा कि एक मच्छर भी नहीं मरेगा, और सबकुछ शांतिपूर्ण रहा."
अयोध्या में मंदिर निर्माण के बारे में उन्होंंने कहा, "एक ऐसे मंदिर का निर्माण हो रहा है कि एक हज़ार वर्षों तक कुछ भी हो जाए नींव नहीं हिलेगी. दुनिया का सबसे भव्य मंदिर वहां बन रहा है."
विकिपीडिया ने चीन पर अपने संस्थान में घुसपैठ का गंभीर आरोप लगाया है. साथ ही उसने वहां काम कर रहे अपने सात संपादकों पर प्रतिबंध लगा दिया है. विकिपीडिया के अनुसार, उसने इसे लेकर लंबी जांच की है. पढ़ें क्या है पूरा मामला.
झारखंड: विसर्जन में शामिल होने गईं 7 लड़कियों की डूबने से मौत
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रवि प्रकाश
बीबीसी हिन्दी के लिए, राँची से
झारखंड के लातेहार ज़िले में ‘करम डाल’ का विसर्जन करने गई सात लड़कियों की डूबने से मौत हो गई. इनमें से छह एक ही परिवार की हैं.
लातेहार के उपायुक्त (डीसी) अबू इमरान ने इसकी पुष्टि की है.
उन्होंने मीडिया को बताया, "बालूमाथ थाने के बुकरु गाँव में यह हादसा तब हुआ जब 10-20 साल उम्र वर्ग की सातों लड़कियाँ करम पूजा का विसर्जन करने गयी थीं. मैंने इस पूरे मामले की जाँच का ज़िम्मा उप विकास आयुक्त (डीडीसी) को सौंपा है."
इस हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि लड़कियों की मौत एक-दूसरे को बचाने के क्रम में हुई.
उन्होंने बताया, "करम डाल के विसर्जन के दौरान ये लड़कियां फिसल कर एक गहरे तालाब में गिर गईं. इनमें से चार लड़कियों की मौत मौके पर ही हो गई. बाकी तीन की मौत अस्पताल में हुई."
इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बालूमाथ थाना के सामने सड़क जाम कर मृत्तिकाओं के परिजनों के लिए मुआवज़े की माँग की. अधिकारियों के समझाने के बाद यह जाम हटा लिया गया.
लातेहार की इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया है.
उल्लेखनीय है कि करम परब (करमा) झारखंड के आदिवासियों का प्रमुख त्योहार है. इसमें लड़कियाँ अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए करम डाली की पूजा करती हैं. अगली सुबह इस डाली के विसर्जन के साथ पूजा की समाप्ति होती है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़े के बाद क्या है माहौल. पंजाब कांग्रेस भवन से जानकारी दे रहे हैं बीबीसी संवाददाता अरविंद छाबड़ा.
अफ़ग़ानिस्तान
में तालिबान के कब्ज़े के पूरे एक महीने बाद वहां सेकंडरी स्कूल एक बार खोले जा
रहे हैं.
तालिबान सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी पुरुष शिक्षकों को काम पर लौटने का आदेश
दिया था.
मंत्रालय
ने कहा कि सातवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए छात्रों के लिए शुक्रवार
से स्कूल खोले जाएंगे. हालांकि लड़कियों के लिए स्कूल खोने जाने के बारे में अब तक
तालिबान ने कुछ भी नहीं कहा है.
ऐसे में
अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद से घर की चारदीवारी
में बंद महिला टीचर और छात्राओं का क्या होगा.
दो दशक
पहले जब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सरकार थी, उस वक़्त लड़कियों की पढ़ाई और महिलाओं को बग़ैर किसी पुरुष के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई थी.
युनिसेफ़ ने लड़कों के लिए स्कूलों के खुलने के तालिबान के फ़ैसले का स्वागत किया है लेकिन कहा है लड़कियों को शिक्षा से दूर नहीं किया जाना चाहिए.
युनिसेफ़ ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं और बच्चियों का भविष्य 'गंभीर चिंता' का विषय है.
संगठन ने कहा, “ये ज़रूरी है कि सभी लड़कियां बिनी किसी देरी के अपनी शिक्षा जारी रख सकें. इसके लिए ज़रूरी है कि महिला शिक्षिकाएं भी काम पर लौटें.”
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार अमेरिकी सैन्य अभियान के बाद से अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के मामले में काफी तरक्की की थी और यहां महिला में साक्षरता दर बढ़ कर 30 फ़ीसद हो गई थी. हालांकि ये बात भी सच है कि शहरी इलाक़ों के मुक़ाबले ग्रामीण इलाक़ों में साक्षरता दर काफी कम रही थी.
अफ़ग़ानिस्तान में प्राइमरी स्कूल पहले ही खोले जा चुके हैं और यहां लड़कों और लड़कियों को अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया जा रहा है. कई महिला टीचर भी काम पर लौट आई हैं.
तालिबान की नई सत्ता ने प्राइवेट युनिवर्सिटी में छात्राओं को जाने की भी इजाज़त दी है, हालांकि छात्राओं के कपड़ों और परिसर में आने-जाने की जगह को लेकर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं.
अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने कहा था कि उनकी इस बार की सरकार बीती सरकार से अलग होगी और वो महिलाओं के काम करने को लेकर पाबंदी नहीं लगाएंगे.
लेकिन इसी हफ़्ते तालिबान ने महिला मामलों के मंत्रालय को ख़त्म कर दिया. इसकी जगह पर शालीनता बढ़ाने, बुराई कम करने के मंत्रालय आ गए है जो तालिबान के पुराने शासन के दौरान सख़्त इस्लामिक क़ानून लागू करने के लिए जाना जाता था.
पंजाब: सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफ़ा दिया
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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाक़ात कर उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है.
उन्होंने न केवल अपना इस्तीफ़ा सौंपा बल्कि काउंसिल ऑफ़ मिनिस्टर्स यानी कैबिनेट का भी इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
शनिवार शाम पांच बजे पंजाब के सभी कांग्रेस विधायकों की बैठक चंडीगढ़ के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गई थी, लेकिन उससे मिनटों पहले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
इससे पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने ट्वीट करके इसके संकेत भी दे दिए हैं कि कुछ बड़ा बदलाव होने जा रहा है.
उन्होंने ट्वीट किया था, "एक कठिन और जटिल समस्या को सिकंदर वाले समाधान का पंजाबी संस्करण इस्तेमाल करने के लिए श्री राहुल गांधी की प्रशंसा होनी चाहिए. इतना बड़ा साहसिक नेतृत्व निर्णय न केवल पंजाब कांग्रेस की उलझन सुलझाएगा बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी रोमांचित करेगा लेकिन यह अकालियों की रीढ़ में कंपकंपी ज़रूर फैला देगा."
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'जिस पर भरोसा हो उसे सौंपे नेतृत्व'
राजभवन से बाहर निकलने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को सवेरे ही सूचित कर दिया था कि वो अपना इस्तीफ़ा सौंपने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "ये पहली बार नहीं हुआ है, ये तीसरी बार है जब मेरे नेतृत्व पर संदेह किया गया है. मुझे लगता है कि मेरा अपमान हुआ है और इस कारण मैंने इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया है."
"मैंने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है, अब आला कमान जिसे चाहे प्रदेश का नेतृत्व सौंपे."
हालांकि उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कुछ नहीं कहा है. उन्होंने कहा कि मैं अपना सहयोगियों से बात करने के बाद ही इस पर कुछ कह सकूं.
2014 में जब ऐसी धारणा बन रही थी कि कांग्रेस के बड़े नेता लोकसभा चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं, उस समय भी सोनिया गाँधी के कहने पर अमरिंदर ने अरुण जेटली के ख़िलाफ़ अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए हामी भरी और अंततः जेटली को हराया.
ये चुनाव लड़ने के समय अमरिंदर पंजाब विधानसभा में विधायक थे.
2017 के विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने पंजाब में कुल 117 सीटों में से 77 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता में 10 साल बाद वापसी की थी.
अमरिंदर सिंह की यह जीत इस मायने में बेहद अहम थी कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद बीजेपी लगातार कई राज्यों में अपनी सरकार बनाती जा रही थी. इनमें हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, असम, गुजरात, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल थे.
लेकिन पंजाब की सत्ता में कांग्रेस की वापसी कर अमरिंदर सिंह बीजेपी की विजय रथ को रोकने वाले गिनती के नेताओं में शुमार हो गए.
2019 के लोकसभा चुनाव में हर तरफ़ मोदी लहर की ही चर्चा थी. यह नतीजों ने भी साफ़ दिखा और जनादेश स्पष्ट रूप से बीजेपी को मिला. लेकिन मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस ने पंजाब की 13 लोक सभा सीटों में से 8 सीटें जीतीं और इससे अमरिंदर का कद और ऊंचा हो गया.
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सिद्धू के साथ मतभेद
नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद काफ़ी समय से चला आ रहा है. माना जा रहा है कि सिद्धू जब बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे तभी से इसकी शुरुआत हो गई थी.
हालांकि, उनको कैप्टन सरकार में मंत्री का पद भी दिया गया था लेकिन दोनों के बीच तल्ख़ होते रिश्तों के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
इसके बाद कैप्टन की नाख़ुशी के बाद भी कांग्रेस ने सिद्धू को इसी साल जुलाई में प्रदेश अध्यक्ष का पद दे दिया जिसके बाद दोनों के बीच एकबार फिर टकराव देखने को मिलने लगा. दोनों ही एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाज़ियां करते रहे हैं.
सर्बानंद सोनोवाल असम से और एल मुरुगन मध्य प्रदेश से बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी
बीजेपी ने असम और मध्य प्रदेश के राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपने
प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम से और डॉ. एल
मुरुगन मध्य प्रदेश से उम्मीदवार बनाए गए हैं.
दोनों ही नेता हाल ही में केंद्र सरकार में मंत्री बनाए गए
हैं. नियम के मुताबिक छह महीने के अंदर उन्हें सदन में चुन कर आना होगा.
बीजेपी दोनों ही सदनों में बहुमत में है इसलिए संभावना है कि
दोनों उम्मीदवार चुन लिए जाएंगे.
असम की राज्यसभा सीट बिस्वजीत दियामारे के इस्तीफ़े के बाद
खाली हुई थी, जिन्होंने विधानसभा स्पीकर बनने के लिए पद छोड़ा था.
मध्य प्रदेश की सीट थावर चंद गहलोग के इस्तीफ़े
के बाद से खाली है जो कर्नाटक के राज्यपाल बनाए गए हैं.
इमरान ख़ान ने तालिबान से समावेशी सरकार के लिए बातचीत शुरू की
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पाकिस्तान ने तालिबान से समावेशी सरकार बनाने को लेकर बातचीत शुरू की, पाकिस्तान के
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इसकी जानकारी दी.
इमरान ख़ान ने ट्विटर पर लिखा, “दुशांबे में अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों के नेताओं और
विशेष रूप से ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के साथ लंबी चर्चा के बाद मैंने तज़िक, हज़ारा और उज्बेक
को शामिल कर एक समावेशी अफ़ग़ान सरकार के लिए तालिबान के साथ बातचीत शुरू की है.
इमरान ख़ान ने लिखा कि 40 वर्षों के संघर्ष के बाद, इस कदम से अफ़ग़ानिस्तान में शांति और स्थिरता आएगी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने शुक्रवार को ताजिकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान में अस्थिरता दूसरे देशों के लिए परेशानी बन सकती है.
उन्होंने कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान को अकेला छोड़ देने से गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है और इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ोस के देशों पर हो सकता है. उन्होंने कहा कि इससे शरर्णार्थियों की संख्या बढ़ सकती है, ड्रग्स की तस्करी बढ़ सकती है और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध बढ़ सकते हैं.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इसे सुलझाने के लिए बातचीत के अलावा कोई और रास्ता नहीं है.
ब्रेकिंग न्यूज़बीजेपी छोड़ टीएमसी में शामिल हुए बाबुल सुप्रियो
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बीजेपी
के पूर्व नेता और पश्चिम बंगाल की राजनीति का अहम चेहरा रहे बाबुल सुप्रियो ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
कोलकाता
में मौजूद बीबीसी से सहयोगी पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी ने जानकरी दी है कि बाबुल सुप्रियो
ने शनिवार को कोलकाता में एक कार्यक्रम में टीएमसी ज्वॉइन कर ली है.
प्रदेश की
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने गुलदस्ता देकर बाबुल सुप्रियो का
पार्टी में स्वागत किया.
इसी
साल अगस्त में उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया था कि वह जल्द ही लोकसभा सांसद पद से इस्तीफ़ा दे देंगे और अपना सरकारी आवास ख़ाली
कर देंगे. हालांकि उस वक्त उन्होंने किसी अन्य राजनीतिक
दल में शामिल होने की बात से इनकार किया था.
बाबुल सुप्रियो बीते कुछ महीनों से बीजेपी से नाराज चल रहे
थे.
पिछले दो बार से वो पश्चिम बंगाल के आसनसोल से लोकसभा सांसद का चुनाव जीत रहे हैं.
सात जुलाई को जब मोदी सरकार ने दो साल बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो बाबुल
सुप्रियो को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया.
हाल में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा
चुनाव में बाबुल सुप्रियो टीएमसी के उम्मीदवार से हार गए थे. जिसके बाद उनके हाथ
से मंत्री पद भी चला गया.
सुप्रियो ने पिछले महीने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दिया
था और कहा था कि "उनसे इस्तीफ़ा देने के लिए कहा गया" है.
इसी साल अगस्त में उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी.
पाकिस्तान को परमाणु बम देने वाले इमरान ख़ान से ख़फा
पाकिस्तान परमाणु वैज्ञानिक डॉ अब्दुल क़दीर ख़ान पिछले कई दिनों से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं.
डॉ क़दीर ख़ान को पाकिस्तान में 'मोहसिन-ए-पाकिस्तान' यानी पाकिस्तान का रक्षक कहा जाता है. उन्हें पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का जनक भी कहा जाता है.
उन्होंने सोमवार को पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार पर अपने इलाज में उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.
डॉ ख़ान ने पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेज़ी अख़बार डॉन से कहा है, "मैं बहुत निराश हूँ. न तो प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और न ही उनकी कैबिनेट के किसी सदस्य ने मेरी सेहत के बारे में पूछताछ की."
पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में आज विधायक दल की बैठक
पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में आज विधायक दल की बैठक होनी वाली है जिसे काफी अहम माना जा रहा है.
ज़्यादा जानकारी दे रहे हैं बीबीसी संवाददाता सरबजीत धालीवाल.
न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम का पाकिस्तान का दौरा रद्द करने के बाद पीएमल-एन पार्टी की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की निंदा की है.
उन्होंने न्यूज़ीलैंड का दौरा रद्द किए जाने के फ़ैसले की ख़बर को ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का पुराना बयान कैप्शन में लिखा है.
इस कैप्शन में लिखा है, ‘मैं हरे पासपोर्ट की दुनिया में इज़्ज़त कराऊंगा.’
दरअसल यह बयान इमरान ख़ान ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान दिया था. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वह अपने देश और उसके पासपोर्ट का सम्मान पूरी दुनिया में कराएंगे.
मरियम नवाज़ के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया है तो कुछ उनकी आलोचना कर रहे हैं.
पाकिस्तान के ऊर्ज मंत्री हम्माद अज़हर ने मरियम के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “हमसे बेशक नफ़रत करो लेकिन मेरी धरती की कुछ तो नमक हलाली करो जिसकी दौलत से बाहर जायदाद बनाई है.”
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने भी न्यूज़ीलैंड के बिना मैच खेले वापस जाने पर पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार पर निशाना साधा है.
नवाज़ ने एक वीडियो संदेश में कहा, ''पाकिस्तान तनहाई का शिकार हो गया है. कहाँ गई हरे पासपोर्ट की इज़्ज़त. दुनिया का एक नेता फ़ोन नहीं करता और दूनिया का दूसरा नेता सुनता नहीं.''
इमरान ख़ान की सरकार अमेरिका से राष्ट्रपति बाइडन के फ़ोन नहीं करने की शिकायत कई बार कर चुकी है और अभी जब न्यूज़ीलैंड की टीम वापस जाने लगी तो इमरान ख़ान ने न्यूज़ीलैंड की पीएम को फ़ोन कर आश्वस्त किया था कि सुरक्षा को लेकर कोई ख़तरा नहीं है. नवाज़ शरीफ़ इन्हीं दोनों वाक़यों को आधार बनाकर इमरान ख़ान पर हमला बोल रहे थे.
संयुक्त किसान मोर्चा
ने केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
किसान मोर्चा ने
कहा है कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को कोई
असुविधा न हो.
समाचार एजेंसी
पीटीआई की ख़बर के मुताबिक़, "संयुक्त किसान मोर्चा ने समाज के सभी वर्गों से
किसानों के साथ खड़े होने और बंद का प्रचार करने की अपील की है ताकि जनता को होने वाली
असुविधा कम हो सके."
संयुक्त किसान
मोर्चा ने एक बयान में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों, बाजारों, दुकानों, कारखानों,
स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भारत बंद के दौरान काम
करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. भारत बंदसुबह 6 बजे शुरू होगा और शाम 4 बजे तक लागू रहेगा.
इस दौरान सार्वजनिक
और निजी परिवहन के लिए भी अनुमति नहीं होगी. बंद के दौरान किसी भी सार्वजनिक समारोह की अनुमति
नहीं दी जाएगी और केवल एम्बुलेंस और दमकल सेवाओं समेत आपातकालीन सेवाएं ही काम कर सकेंगी.
संयुक्त किसान
मोर्चा ने कहा कि बंद को लेकर आगे की योजना के लिए 20 सितंबर को मुंबई में राज्य स्तरीय बैठकहोगी. उसी दिन उत्तर प्रदेश
के सीतापुर में 'किसान मजदूर महापंचायत'
का आयोजन भी किया जाएगा और इसके बाद 22 सितंबर को उत्तराखंड के रुड़की में 'किसान महापंचायत' का आयोजन किया जाएगा.
न्यूज़ीलैंड के आने और बिना खेले वापस जाने को पाकिस्तान ने कहा साज़िश
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पाकिस्तान के गृह मंत्री
शेख़ राशिद अहमद ने न्यूज़ीलैंड टीम का दौरा रद्द करने को साज़िश करार दिया है.
शुक्रवार को उन्होंने
कहा कि न्यूज़ीलैंड का पाकिस्तान दौरा रद्द करने के पीछे साज़िश थी. बीते 18 साल
में ऐसा पहली बार हुआ है, जब टीम ने अपना दौरा रद्द किया है.
एक सवाल के जवाब में
शेख़ राशिद अहमद ने इसे साज़िश तो बताया लेकिन साजिशकर्ता
का नाम बताने से इनक़ार कर दिया.
उन्होंने इसे
क्षेत्र में शांति के प्रयासों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बताया.
इस्लामाबाद में एक
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि न्यूज़ीलैंड टीम के सुरक्षा
प्रभारी ने सुबह सरकारी अधिकारियों से बात की और उन्हें ख़तरे की आशंका जताई.
उन्होंने कहा कि जब
अधिकारियों ने उनसे और ब्यौरा मांगा तो न्यूज़ीलैंड के सुरक्षा प्रभारी के पास बताने के लिए कुछ
भी नहीं था.
अहमद ने कहा कि पाकिस्तान
ने रावलपिंडी में होने वाले मैचों के लिए पाकिस्तानी सेना के विशेष सेवा समूह (एसएसजी),
सैनिकों और 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया
था.
उन्होंने कहा,
"हमने उन्हें दर्शकों के बिना
मैच खेलने के लिए मनाने की भी कोशिश की, लेकिन वे इसके लिए भी राज़ी नहीं हुए."
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की टीम ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से
भी इस संबंध में संपर्क किया, जो वर्तमान में
20वें शंघाई सहयोग संगठन परिषद में भाग लेने
के लिए दुशांबे में हैं.
गृह मंत्री ने
बताया, "उन्होंने न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री (जैसिंडा अर्डर्न) को फ़ोन किया
और उनके देश की टीम को पूरी सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन भी दिया. न्यूजीलैंड के
प्रधानमंत्री ने कहा कि ख़तरे का कोई मुद्दा नहीं था."
अहमद ने बताया कि
हालांकि, अर्डर्न ने कहा कि न्यूजीलैंड
सरकार को "खुफ़िया जानकारी मिली थी कि जब टीम स्टेडियम जाने के लिए बाहर निकलेगी
तो उस पर हमला किया जा सकता है."
उन्होंने कहा, "यह उनका निर्णय है. हमने टीम के लिए भारी
सुरक्षा तैनात की थी. पाकिस्तान दुनिया में शांति चाहने वाले देशों में से है और यह
दौरा एक साज़िश के माध्यम से रद्द कर दिया गया है."
उन्होंने आगे कहा
कि नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट सेल ने भी उन्हें दौरा रद्द नहीं करने के लिए मनाने
की कोशिश की थी लेकिन वे सहमत नहीं हुए.
'भारतीय मीडिया कर
रहा है पाकिस्तान को बदनाम'
गृह मंत्री ने कहा
कि न्यूज़ीलैंड की सुरक्षा टीम ने चार महीने पहले पाकिस्तान का दौरा किया था. यह दौरा
अफ़ग़ानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सेना की वापसी के लिए तय समय सीमा से कुछ महीने पहले
ही तय हुआ था.
"हमारी किसी
भी ख़ुफ़िया एजेंसी को किसी ख़तरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पाकिस्तान इस क्षेत्र में एक प्रमुख
भूमिका निभा रहा है और वे नहीं चाहते कि हम आगे बढ़ें."
अहमद ने कहा कि भारतीय
मीडिया पाकिस्तान को बदनाम कर रहा है लेकिन उसके मंसूबों को नाक़ाम कर दिया जाएगा.
उन्होंने जोर देकर कहा, "यहां हर क़ीमत पर शांति कायम रहेगी."
इंग्लैंड टीम के आगामी दौरे के बारे में अहमद ने कहा कि वे अपना फ़ैसला खुद करेंगे.
उन्होंने आश्वासन दे हुए कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से सभी तरह की तैयारी है.हमारे देश में, क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है.
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में पाकिस्तान के साथ मैच खेलना था लेकिन पहला मैच शुरू होने से कुछ मिनट पहले सुरक्षा चिंताओं को हवाला देते हुए टीम ने अपना दौरा रद्द कर दिया.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान बोर्ड को सूचित किया कि उन्हें "कुछ सुरक्षा अलर्ट" मिले हैं और इसलिए उन्होंने श्रृंखला को रद्द करने का फैसला किया है.
न्यूज़ीलैंड की टीम अब वहां से लौटने की तैयारी कर रही है. टीम की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान बेहतरीन मेज़बान है, लेकिन टीम की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है.
न्यूज़ीलैंड की टीम 18 साल के बाद पाकिस्तान की धरती पर क्रिकेट खेलने आई है. दोनों टीमों के बीच रावलपिंडी में तीन एक दिवसीय मुक़ाबला खेला जाना था. इसके बाद लाहौर में पांच टी20 मैचों की सिरीज़ खेलने का कार्यक्रम भी था.
बांग्लादेश में आलू किसान परेशान, निर्यात के लिए बाज़ार नहीं
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बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, मौजूदा समय में
बांग्लादेश अपने निर्यात योग्य आलू का मुश्किल से तीन फ़ीसद निर्यात करता
है. सात साल पहले गुणवत्ता से समझौते के कारण बांग्लादेश अपना बाज़ार खोता जा रहा
है.
अनुमान के
मुताबिक़, बांग्लादेश के पास पिछले वित्तीय वर्ष में 20 लाख टन से अधिक आलू
निर्यात योग्य आलू था. लेकिन देश अपनी क्षमता का तीन प्रतिशत से भी कम निर्यात कर
सका.
बांग्लादेश ने साल
2020-21 में मात्र 55,000 टन आलू का निर्यात किया, जिसके बदले उसने 5.1 करोड़ डॉलर कमाए.
इसके परिणामस्वरूप कोल्ड स्टोरेज में कैरीओवर(बच गया) आलू का स्टॉक
उत्पादकों के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. इससे निश्चित तौर पर इस फसल को
लेकर उनका उत्साह भी कम हो रहा है.
देश के प्रमुख आलू
उत्पादक क्षेत्र मुंशीगंज में किसानों और कोल्ड स्टोरेज के मालिकों का कहना है कि पिछला
स्टॉक पूरा नहीं बिकने के कारण आलू की कीमतें कम रहीं. उन्हें डर है कि इस स्थिति के
कारण अगले साल आलू का उत्पादन घट सकता है.
ढाका ट्रिब्यून की ख़बर के अनुसार, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन
ने सरकार से आलू के निर्यात के लिए नए बाज़ारों को खोजने और ग़रीबों के लिए सरकार के
सब्सिडी वाले खाद्य सहायता कार्यक्रमों में आलू को जोड़ने के लिए आग्रह किया है.
कृषि मंत्री डॉ मुहम्मद
अब्दुर रज्ज़ाक़ ने भी स्वीकार किया था कि किसान और कोल्ड स्टोरेज के मालिक आलू की
कम बिक्री से परेशान हैं.
उन्होंने आलू की
नयी फसल के साथ-साथ आलू से बने उत्पादों के निर्यात की आवश्यकता पर ज़ोर देने की
बात की थी. इसके सात ही उन्होंने आलू उत्पादन
में अच्छी कृषि पद्धतियों (जीएपी) को लागू करने में निजी क्षेत्र के सहयोग की भी
बात की थी ताकि निर्यात क्षमता का पूर्ण लाभ लिया जा सके.
पिछले वित्तीय वर्ष
में एक करोड़ टन से अधिक उपज के
साथ बांग्लादेश आलू उत्पादन में दुनिया में सातवें स्थान
पर है. आलू की स्थानीय मांग अधिक से अधिक 80 लाख टन ही है.
वित्त वर्ष 2013-14 में देश का वार्षिक आलू निर्यात 100,000 टन की सीमा को पार कर गया था. यह वह समय था जब
रूस ने बांग्लादेशी आलू के लिए अपने बाज़ार खोले थे.
लेकिन निर्यातकों
की ओर से बेईमानी के कारण अगले ही साल बांग्लादेश ने रूस का बाज़ार खो दिया.
दरअसल, बांग्लादेश
से निर्यात किये जा रहे आलू की खेप की गुणवत्ता कम पाई गई और कहा गया कि वह तब तक
फिर से आलू का आयात नहीं करेगा जब तक कि बांग्लादेश अपनी फाइटोसैनिटरी प्रणाली को अपग्रेड
नहीं करता.
जब से बांग्लादेश
ने रूस में अपना बाजार खोया है उसका आलू निर्यात
घटकर आधा रह गया है.
पाकिस्तान को ब्रिटेन ने दी राहत
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22 सितंबर से ब्रिटेन
की रेड-लिस्ट से पाकिस्तान का नाम हट जाएगा. परिवहन राज्य
सचिव ग्रांट शाप्स ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की.
ब्रिटिश अधिकारी के
अनुसार, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान, बांग्लादेश,
कीनिया, तुर्की, मिस्र और मालदीव उन
आठ देशों में शामिल हैं, जिन्हें रेड लिस्ट
से हटाया जाना तय किया गया है.
अगस्त महीने में ब्रिटेन ने पाकिस्तान को रेड लिस्ट से नहीं हटाया था क्योंकि पाकिस्तान जिनोमिक सर्विलांस, ट्रंसमिशन रिस्क और दूसरे आवश्यक मानकों को पूरा नहीं कर सका था.
यात्रा प्रतिबंधों पर और जानकारी देते हुए ब्रिटिश अधिकारी ने कहा कि सरकार चार अक्टूबर से यात्रा के लिए कोरोना वायरस टेस्ट के नियमों को आसान कर रही है.
उन्होंने कहा, "यदि आपने टीके की पूरी डोज़ ले ली है और आप ऐसे देश हैं जो रेड लिस्ट में नहीं है तो आपको ब्रिटेन आने से पहले प्री-डिपार्चर टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं होगी."
उन्होंने कहा, "हम सोमवार चार अक्टूबर से अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए एक नई और आसान प्रणाली भी शुरू करेंगे."
अप्रैल महीने में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों के कारण ब्रिटिश सरकार ने पाकिस्तान को रेड-लिस्ट में डालने की घोषणा की थी.
डेटा शेयरिंग पर ब्रिटेन, पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा: टर्नर
पाकिस्तान में ब्रिटिश उच्चायुक्त क्रिश्चियन टर्नर ने कहा कि उन्हें पता है कि पिछले पांच महीने कई लोगों के लिए कितने कठिन थे.
उन्होंने बीते पांच महीने सहयोग बनाये रखने के लिए पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री समेत अन्य नेताओं को धन्यवाद कहा.
टर्नर ने कहा कि ब्रिटेन और पाकिस्तान डेटा शेयरिंग और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा- "तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है जब तक कि सभी सुरक्षित न हों."
SCO की बैठक में अफ़ग़ानिस्तान पर पीएम मोदी और इमरान ख़ान की ये टिप्पणी
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा पाकिस्तान एक
शांतिपूर्ण और स्थिर अफ़ग़ानिस्तान चाहता है. उन्होंने अंतराष्ट्रीय समुदाय से युद्ध
की मार झेल चुके देश में एक और मानवीय संकट को टालने में सहयोग का आग्रह किया.
दुशांबे में 20वें शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन को संबोधित
करते हुए प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि यह अफ़ग़ानिस्तान के साथ खड़े होने का समय है.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ान सरकार मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय सहायता
पर निर्भर है, इसलिए देश को तत्काल
तौर पर मानवीय सहायता देना अनिवार्य था.
उन्होंने कहा, "तालिबान को अपने किए गए वादों को पूरा करना चाहिए."
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए
पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान को अपना समर्थन देना जारी रखेगा. साथ ही अफ़ग़ानिस्तान को "बाहर से नियंत्रित"
नहीं किया जा सकता है.
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि दशकों से चले आ
रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ "सकारात्मक जुड़ाव"
"बेहद महत्वपूर्ण" था. उन्होंने कहा कि यह एक मुश्किल से मिला अवसर है, जिसे
गँवाना नहीं चाहिए और इस महत्वपूर्ण मोड़ पर नकारात्मकता फैलाना "मूर्खतापूर्ण"
होगा.
अपने संबोधन के दौरान, पीएम इमरान ने कहा कि वैश्विक राजनीति शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सहयोग
से प्रेरित होनी चाहिए.
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को ईमानदारी से लागू करना एक आवश्यक शर्त है.
तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान नियंत्रण पर इमरान ख़ान ने कहा कि वैश्विक समुदाय को इस बात से राहत महसूस करनी चाहिए कि अधिग्रहण "रक्तहीन" था.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान नियंत्रण के परिणामस्वरूप कोई खूनख़राबा, गृहयुद्ध या शरणार्थियों का सामूहिक पलायन नहीं हुआ. ऐसे में यह स्वीकार करने का समय आ गया है कि अफ़ग़ानिस्तान एक "नई वास्तविकता" स्थापित हो गई है.
एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले सदस्य देशों को संबोधित करते हुए पीएम इमरान ख़ान ने कहा, "अब यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है कि अफ़ग़ानिस्तान में कोई नया संघर्ष न हो और स्थिरता हो."
उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवीय संकट को रोकने के लिए अफ़ग़ानिस्तान का समर्थन करने की आवश्यकता है.
प्रधान मंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि पिछली अफ़ग़ान सरकार विदेशी सहायता पर निर्भर थी और सहायता रोक दिये जाने से आर्थिक मंदी आ सकती है.
लाइव रिपोर्टिंग
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योगी आदित्यनाथ का दावा, यूपी ने कोरोना प्रबंधन का दुनिया का सबसे अच्छा मॉडल तैयार किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि कोरोना महामारी के दौरान कोराना प्रबंधन का दुनिया में सबसे अच्छा मॉडल उत्तर प्रदेश ने तैयार किया.
एक कार्यक्रम में उन्होंने दूसरी लहर के बारे में कहा कि खुद कोरोना से ठीक होने के बाद "मैं हर-गांव कसबे में जाता था, टीम को प्रोत्साहित करता था, जहां संसाधन की कमी थी, वहां संसाधन बढ़ाने की व्यवस्था करता था फिर वापस आता था."
उन्होंने कहा, "आपने देखा होगा दुनिया के अंदर उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबंधन का सबसे अच्छा मॉडल खड़ा किया. मॉडल खड़ा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है, टीम वर्क से काम होता है."
"चाहे कुछ हो जाए नींव नहीं हिलेगी"
बिना राहुल गांधी का नाम लिए उन्होंने कहा, "एक पार्टी को आप देखते होंगे, देश पर कोई आपदा आती है, वो इटली भाग जाते हैं."
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे हिंदू देवी देवताओं का अपमान करते हैं और "राम-कृष्ण को नकार जाना उनकी प्रवृति का हिस्सा है. कोई एक्सीडेंटली हिंदू होगा तो यही तो होगा."
उन्होंने कहा, "जब अयोध्या का फ़ैसला आने वाला था तो लोग कहते थे कि कुछ अप्रिय घटना होगी लेकिन मैंने कहा कि एक मच्छर भी नहीं मरेगा, और सबकुछ शांतिपूर्ण रहा."
अयोध्या में मंदिर निर्माण के बारे में उन्होंंने कहा, "एक ऐसे मंदिर का निर्माण हो रहा है कि एक हज़ार वर्षों तक कुछ भी हो जाए नींव नहीं हिलेगी. दुनिया का सबसे भव्य मंदिर वहां बन रहा है."
चीन पर विकिपीडिया का आरोप: कंटेंट नियंत्रित कर हमारी नींव हिलाने की कोशिश
क्रिस वालेन्स
टेक्नोलॉजी रिपोर्टर
विकिपीडिया ने चीन पर अपने संस्थान में घुसपैठ का गंभीर आरोप लगाया है. साथ ही उसने वहां काम कर रहे अपने सात संपादकों पर प्रतिबंध लगा दिया है. विकिपीडिया के अनुसार, उसने इसे लेकर लंबी जांच की है. पढ़ें क्या है पूरा मामला.
और पढ़ेंझारखंड: विसर्जन में शामिल होने गईं 7 लड़कियों की डूबने से मौत
रवि प्रकाश
बीबीसी हिन्दी के लिए, राँची से
झारखंड के लातेहार ज़िले में ‘करम डाल’ का विसर्जन करने गई सात लड़कियों की डूबने से मौत हो गई. इनमें से छह एक ही परिवार की हैं.
लातेहार के उपायुक्त (डीसी) अबू इमरान ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने मीडिया को बताया, "बालूमाथ थाने के बुकरु गाँव में यह हादसा तब हुआ जब 10-20 साल उम्र वर्ग की सातों लड़कियाँ करम पूजा का विसर्जन करने गयी थीं. मैंने इस पूरे मामले की जाँच का ज़िम्मा उप विकास आयुक्त (डीडीसी) को सौंपा है."
इस हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि लड़कियों की मौत एक-दूसरे को बचाने के क्रम में हुई.
उन्होंने बताया, "करम डाल के विसर्जन के दौरान ये लड़कियां फिसल कर एक गहरे तालाब में गिर गईं. इनमें से चार लड़कियों की मौत मौके पर ही हो गई. बाकी तीन की मौत अस्पताल में हुई."
इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बालूमाथ थाना के सामने सड़क जाम कर मृत्तिकाओं के परिजनों के लिए मुआवज़े की माँग की. अधिकारियों के समझाने के बाद यह जाम हटा लिया गया.
लातेहार की इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया है.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी इस घटना पर दुख जताया है.
उल्लेखनीय है कि करम परब (करमा) झारखंड के आदिवासियों का प्रमुख त्योहार है. इसमें लड़कियाँ अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए करम डाली की पूजा करती हैं. अगली सुबह इस डाली के विसर्जन के साथ पूजा की समाप्ति होती है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़े के बाद क्या है माहौल. पंजाब कांग्रेस भवन से जानकारी दे रहे हैं बीबीसी संवाददाता अरविंद छाबड़ा.
बीबीसी इंडिया बोल, 18 सितंबर 2021, Indian Cricket में हर फ़ॉर्मेट में अलग कप्तान कितना ज़रूरी?
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़े के बाद क्या है माहौल.
अफ़ग़ानिस्तान: खुले सेकंडरी स्कूल, पर लड़कियों पर दरवाज़े रहेंगे बंद
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के पूरे एक महीने बाद वहां सेकंडरी स्कूल एक बार खोले जा रहे हैं.
तालिबान सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी पुरुष शिक्षकों को काम पर लौटने का आदेश दिया था.
मंत्रालय ने कहा कि सातवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए छात्रों के लिए शुक्रवार से स्कूल खोले जाएंगे. हालांकि लड़कियों के लिए स्कूल खोने जाने के बारे में अब तक तालिबान ने कुछ भी नहीं कहा है.
ऐसे में अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद से घर की चारदीवारी में बंद महिला टीचर और छात्राओं का क्या होगा.
दो दशक पहले जब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सरकार थी, उस वक़्त लड़कियों की पढ़ाई और महिलाओं को बग़ैर किसी पुरुष के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई थी.
'बच्चियों का भविष्य गंभीर चिंता का विषय'
युनिसेफ़ ने लड़कों के लिए स्कूलों के खुलने के तालिबान के फ़ैसले का स्वागत किया है लेकिन कहा है लड़कियों को शिक्षा से दूर नहीं किया जाना चाहिए.
युनिसेफ़ ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं और बच्चियों का भविष्य 'गंभीर चिंता' का विषय है.
संगठन ने कहा, “ये ज़रूरी है कि सभी लड़कियां बिनी किसी देरी के अपनी शिक्षा जारी रख सकें. इसके लिए ज़रूरी है कि महिला शिक्षिकाएं भी काम पर लौटें.”
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार अमेरिकी सैन्य अभियान के बाद से अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के मामले में काफी तरक्की की थी और यहां महिला में साक्षरता दर बढ़ कर 30 फ़ीसद हो गई थी. हालांकि ये बात भी सच है कि शहरी इलाक़ों के मुक़ाबले ग्रामीण इलाक़ों में साक्षरता दर काफी कम रही थी.
अफ़ग़ानिस्तान में प्राइमरी स्कूल पहले ही खोले जा चुके हैं और यहां लड़कों और लड़कियों को अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया जा रहा है. कई महिला टीचर भी काम पर लौट आई हैं.
तालिबान की नई सत्ता ने प्राइवेट युनिवर्सिटी में छात्राओं को जाने की भी इजाज़त दी है, हालांकि छात्राओं के कपड़ों और परिसर में आने-जाने की जगह को लेकर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं.
अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने कहा था कि उनकी इस बार की सरकार बीती सरकार से अलग होगी और वो महिलाओं के काम करने को लेकर पाबंदी नहीं लगाएंगे.
लेकिन इसी हफ़्ते तालिबान ने महिला मामलों के मंत्रालय को ख़त्म कर दिया. इसकी जगह पर शालीनता बढ़ाने, बुराई कम करने के मंत्रालय आ गए है जो तालिबान के पुराने शासन के दौरान सख़्त इस्लामिक क़ानून लागू करने के लिए जाना जाता था.
पंजाब: सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफ़ा दिया
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाक़ात कर उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है.
उन्होंने न केवल अपना इस्तीफ़ा सौंपा बल्कि काउंसिल ऑफ़ मिनिस्टर्स यानी कैबिनेट का भी इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
शनिवार शाम पांच बजे पंजाब के सभी कांग्रेस विधायकों की बैठक चंडीगढ़ के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गई थी, लेकिन उससे मिनटों पहले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
इससे पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने ट्वीट करके इसके संकेत भी दे दिए हैं कि कुछ बड़ा बदलाव होने जा रहा है.
उन्होंने ट्वीट किया था, "एक कठिन और जटिल समस्या को सिकंदर वाले समाधान का पंजाबी संस्करण इस्तेमाल करने के लिए श्री राहुल गांधी की प्रशंसा होनी चाहिए. इतना बड़ा साहसिक नेतृत्व निर्णय न केवल पंजाब कांग्रेस की उलझन सुलझाएगा बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी रोमांचित करेगा लेकिन यह अकालियों की रीढ़ में कंपकंपी ज़रूर फैला देगा."
'जिस पर भरोसा हो उसे सौंपे नेतृत्व'
राजभवन से बाहर निकलने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को सवेरे ही सूचित कर दिया था कि वो अपना इस्तीफ़ा सौंपने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "ये पहली बार नहीं हुआ है, ये तीसरी बार है जब मेरे नेतृत्व पर संदेह किया गया है. मुझे लगता है कि मेरा अपमान हुआ है और इस कारण मैंने इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया है."
"मैंने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है, अब आला कमान जिसे चाहे प्रदेश का नेतृत्व सौंपे."
हालांकि उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कुछ नहीं कहा है. उन्होंने कहा कि मैं अपना सहयोगियों से बात करने के बाद ही इस पर कुछ कह सकूं.
अमरिंदर का राजनीतिक कद
2014 में जब ऐसी धारणा बन रही थी कि कांग्रेस के बड़े नेता लोकसभा चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं, उस समय भी सोनिया गाँधी के कहने पर अमरिंदर ने अरुण जेटली के ख़िलाफ़ अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए हामी भरी और अंततः जेटली को हराया.
ये चुनाव लड़ने के समय अमरिंदर पंजाब विधानसभा में विधायक थे.
2017 के विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने पंजाब में कुल 117 सीटों में से 77 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता में 10 साल बाद वापसी की थी.
अमरिंदर सिंह की यह जीत इस मायने में बेहद अहम थी कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद बीजेपी लगातार कई राज्यों में अपनी सरकार बनाती जा रही थी. इनमें हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, असम, गुजरात, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल थे.
लेकिन पंजाब की सत्ता में कांग्रेस की वापसी कर अमरिंदर सिंह बीजेपी की विजय रथ को रोकने वाले गिनती के नेताओं में शुमार हो गए.
2019 के लोकसभा चुनाव में हर तरफ़ मोदी लहर की ही चर्चा थी. यह नतीजों ने भी साफ़ दिखा और जनादेश स्पष्ट रूप से बीजेपी को मिला. लेकिन मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस ने पंजाब की 13 लोक सभा सीटों में से 8 सीटें जीतीं और इससे अमरिंदर का कद और ऊंचा हो गया.
सिद्धू के साथ मतभेद
नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद काफ़ी समय से चला आ रहा है. माना जा रहा है कि सिद्धू जब बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे तभी से इसकी शुरुआत हो गई थी.
हालांकि, उनको कैप्टन सरकार में मंत्री का पद भी दिया गया था लेकिन दोनों के बीच तल्ख़ होते रिश्तों के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
इसके बाद कैप्टन की नाख़ुशी के बाद भी कांग्रेस ने सिद्धू को इसी साल जुलाई में प्रदेश अध्यक्ष का पद दे दिया जिसके बाद दोनों के बीच एकबार फिर टकराव देखने को मिलने लगा. दोनों ही एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाज़ियां करते रहे हैं.
सर्बानंद सोनोवाल असम से और एल मुरुगन मध्य प्रदेश से बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी
बीजेपी ने असम और मध्य प्रदेश के राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम से और डॉ. एल मुरुगन मध्य प्रदेश से उम्मीदवार बनाए गए हैं.
दोनों ही नेता हाल ही में केंद्र सरकार में मंत्री बनाए गए हैं. नियम के मुताबिक छह महीने के अंदर उन्हें सदन में चुन कर आना होगा.
बीजेपी दोनों ही सदनों में बहुमत में है इसलिए संभावना है कि दोनों उम्मीदवार चुन लिए जाएंगे.
असम की राज्यसभा सीट बिस्वजीत दियामारे के इस्तीफ़े के बाद खाली हुई थी, जिन्होंने विधानसभा स्पीकर बनने के लिए पद छोड़ा था.
मध्य प्रदेश की सीट थावर चंद गहलोग के इस्तीफ़े के बाद से खाली है जो कर्नाटक के राज्यपाल बनाए गए हैं.
इमरान ख़ान ने तालिबान से समावेशी सरकार के लिए बातचीत शुरू की
पाकिस्तान ने तालिबान से समावेशी सरकार बनाने को लेकर बातचीत शुरू की, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इसकी जानकारी दी.
इमरान ख़ान ने ट्विटर पर लिखा, “दुशांबे में अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों के नेताओं और विशेष रूप से ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के साथ लंबी चर्चा के बाद मैंने तज़िक, हज़ारा और उज्बेक को शामिल कर एक समावेशी अफ़ग़ान सरकार के लिए तालिबान के साथ बातचीत शुरू की है.
इमरान ख़ान ने लिखा कि 40 वर्षों के संघर्ष के बाद, इस कदम से अफ़ग़ानिस्तान में शांति और स्थिरता आएगी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने शुक्रवार को ताजिकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान में अस्थिरता दूसरे देशों के लिए परेशानी बन सकती है.
उन्होंने कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान को अकेला छोड़ देने से गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है और इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ोस के देशों पर हो सकता है. उन्होंने कहा कि इससे शरर्णार्थियों की संख्या बढ़ सकती है, ड्रग्स की तस्करी बढ़ सकती है और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध बढ़ सकते हैं.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इसे सुलझाने के लिए बातचीत के अलावा कोई और रास्ता नहीं है.
ब्रेकिंग न्यूज़बीजेपी छोड़ टीएमसी में शामिल हुए बाबुल सुप्रियो
बीजेपी के पूर्व नेता और पश्चिम बंगाल की राजनीति का अहम चेहरा रहे बाबुल सुप्रियो ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
कोलकाता में मौजूद बीबीसी से सहयोगी पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी ने जानकरी दी है कि बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को कोलकाता में एक कार्यक्रम में टीएमसी ज्वॉइन कर ली है.
प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने गुलदस्ता देकर बाबुल सुप्रियो का पार्टी में स्वागत किया.
इसी साल अगस्त में उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया था कि वह जल्द ही लोकसभा सांसद पद से इस्तीफ़ा दे देंगे और अपना सरकारी आवास ख़ाली कर देंगे. हालांकि उस वक्त उन्होंने किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने की बात से इनकार किया था.
बाबुल सुप्रियो बीते कुछ महीनों से बीजेपी से नाराज चल रहे थे.
पिछले दो बार से वो पश्चिम बंगाल के आसनसोल से लोकसभा सांसद का चुनाव जीत रहे हैं. सात जुलाई को जब मोदी सरकार ने दो साल बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो बाबुल सुप्रियो को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया.
हाल में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बाबुल सुप्रियो टीएमसी के उम्मीदवार से हार गए थे. जिसके बाद उनके हाथ से मंत्री पद भी चला गया.
सुप्रियो ने पिछले महीने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दिया था और कहा था कि "उनसे इस्तीफ़ा देने के लिए कहा गया" है.
इसी साल अगस्त में उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी.
पाकिस्तान को परमाणु बम देने वाले इमरान ख़ान से ख़फा
पाकिस्तान परमाणु वैज्ञानिक डॉ अब्दुल क़दीर ख़ान पिछले कई दिनों से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं.
डॉ क़दीर ख़ान को पाकिस्तान में 'मोहसिन-ए-पाकिस्तान' यानी पाकिस्तान का रक्षक कहा जाता है. उन्हें पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का जनक भी कहा जाता है.
उन्होंने सोमवार को पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार पर अपने इलाज में उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.
डॉ ख़ान ने पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेज़ी अख़बार डॉन से कहा है, "मैं बहुत निराश हूँ. न तो प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और न ही उनकी कैबिनेट के किसी सदस्य ने मेरी सेहत के बारे में पूछताछ की."
पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में आज विधायक दल की बैठक
पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में आज विधायक दल की बैठक होनी वाली है जिसे काफी अहम माना जा रहा है.
ज़्यादा जानकारी दे रहे हैं बीबीसी संवाददाता सरबजीत धालीवाल.
न्यूज़ीलैंड टीम के वापस जाने पर पाकिस्तान में कलह
न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम का पाकिस्तान का दौरा रद्द करने के बाद पीएमल-एन पार्टी की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की निंदा की है.
उन्होंने न्यूज़ीलैंड का दौरा रद्द किए जाने के फ़ैसले की ख़बर को ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का पुराना बयान कैप्शन में लिखा है.
इस कैप्शन में लिखा है, ‘मैं हरे पासपोर्ट की दुनिया में इज़्ज़त कराऊंगा.’
दरअसल यह बयान इमरान ख़ान ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान दिया था. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वह अपने देश और उसके पासपोर्ट का सम्मान पूरी दुनिया में कराएंगे.
मरियम नवाज़ के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया है तो कुछ उनकी आलोचना कर रहे हैं.
पाकिस्तान के ऊर्ज मंत्री हम्माद अज़हर ने मरियम के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “हमसे बेशक नफ़रत करो लेकिन मेरी धरती की कुछ तो नमक हलाली करो जिसकी दौलत से बाहर जायदाद बनाई है.”
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने भी न्यूज़ीलैंड के बिना मैच खेले वापस जाने पर पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार पर निशाना साधा है.
नवाज़ ने एक वीडियो संदेश में कहा, ''पाकिस्तान तनहाई का शिकार हो गया है. कहाँ गई हरे पासपोर्ट की इज़्ज़त. दुनिया का एक नेता फ़ोन नहीं करता और दूनिया का दूसरा नेता सुनता नहीं.''
इमरान ख़ान की सरकार अमेरिका से राष्ट्रपति बाइडन के फ़ोन नहीं करने की शिकायत कई बार कर चुकी है और अभी जब न्यूज़ीलैंड की टीम वापस जाने लगी तो इमरान ख़ान ने न्यूज़ीलैंड की पीएम को फ़ोन कर आश्वस्त किया था कि सुरक्षा को लेकर कोई ख़तरा नहीं है. नवाज़ शरीफ़ इन्हीं दोनों वाक़यों को आधार बनाकर इमरान ख़ान पर हमला बोल रहे थे.
27 सितंबर को किसानों का ‘भारत बंद’
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
किसान मोर्चा ने कहा है कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को कोई असुविधा न हो.
समाचार एजेंसी पीटीआई की ख़बर के मुताबिक़, "संयुक्त किसान मोर्चा ने समाज के सभी वर्गों से किसानों के साथ खड़े होने और बंद का प्रचार करने की अपील की है ताकि जनता को होने वाली असुविधा कम हो सके."
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों, बाजारों, दुकानों, कारखानों, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भारत बंद के दौरान काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. भारत बंदसुबह 6 बजे शुरू होगा और शाम 4 बजे तक लागू रहेगा.
इस दौरान सार्वजनिक और निजी परिवहन के लिए भी अनुमति नहीं होगी. बंद के दौरान किसी भी सार्वजनिक समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी और केवल एम्बुलेंस और दमकल सेवाओं समेत आपातकालीन सेवाएं ही काम कर सकेंगी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बंद को लेकर आगे की योजना के लिए 20 सितंबर को मुंबई में राज्य स्तरीय बैठकहोगी. उसी दिन उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 'किसान मजदूर महापंचायत' का आयोजन भी किया जाएगा और इसके बाद 22 सितंबर को उत्तराखंड के रुड़की में 'किसान महापंचायत' का आयोजन किया जाएगा.
न्यूज़ीलैंड के आने और बिना खेले वापस जाने को पाकिस्तान ने कहा साज़िश
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख़ राशिद अहमद ने न्यूज़ीलैंड टीम का दौरा रद्द करने को साज़िश करार दिया है.
शुक्रवार को उन्होंने कहा कि न्यूज़ीलैंड का पाकिस्तान दौरा रद्द करने के पीछे साज़िश थी. बीते 18 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब टीम ने अपना दौरा रद्द किया है.
एक सवाल के जवाब में शेख़ राशिद अहमद ने इसे साज़िश तो बताया लेकिन साजिशकर्ता का नाम बताने से इनक़ार कर दिया.
उन्होंने इसे क्षेत्र में शांति के प्रयासों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बताया.
इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि न्यूज़ीलैंड टीम के सुरक्षा प्रभारी ने सुबह सरकारी अधिकारियों से बात की और उन्हें ख़तरे की आशंका जताई.
उन्होंने कहा कि जब अधिकारियों ने उनसे और ब्यौरा मांगा तो न्यूज़ीलैंड के सुरक्षा प्रभारी के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था.
अहमद ने कहा कि पाकिस्तान ने रावलपिंडी में होने वाले मैचों के लिए पाकिस्तानी सेना के विशेष सेवा समूह (एसएसजी), सैनिकों और 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था.
उन्होंने कहा, "हमने उन्हें दर्शकों के बिना मैच खेलने के लिए मनाने की भी कोशिश की, लेकिन वे इसके लिए भी राज़ी नहीं हुए."
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की टीम ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से भी इस संबंध में संपर्क किया, जो वर्तमान में 20वें शंघाई सहयोग संगठन परिषद में भाग लेने के लिए दुशांबे में हैं.
गृह मंत्री ने बताया, "उन्होंने न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री (जैसिंडा अर्डर्न) को फ़ोन किया और उनके देश की टीम को पूरी सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन भी दिया. न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि ख़तरे का कोई मुद्दा नहीं था."
अहमद ने बताया कि हालांकि, अर्डर्न ने कहा कि न्यूजीलैंड सरकार को "खुफ़िया जानकारी मिली थी कि जब टीम स्टेडियम जाने के लिए बाहर निकलेगी तो उस पर हमला किया जा सकता है."
उन्होंने कहा, "यह उनका निर्णय है. हमने टीम के लिए भारी सुरक्षा तैनात की थी. पाकिस्तान दुनिया में शांति चाहने वाले देशों में से है और यह दौरा एक साज़िश के माध्यम से रद्द कर दिया गया है."
उन्होंने आगे कहा कि नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट सेल ने भी उन्हें दौरा रद्द नहीं करने के लिए मनाने की कोशिश की थी लेकिन वे सहमत नहीं हुए.
'भारतीय मीडिया कर रहा है पाकिस्तान को बदनाम'
गृह मंत्री ने कहा कि न्यूज़ीलैंड की सुरक्षा टीम ने चार महीने पहले पाकिस्तान का दौरा किया था. यह दौरा अफ़ग़ानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सेना की वापसी के लिए तय समय सीमा से कुछ महीने पहले ही तय हुआ था.
"हमारी किसी भी ख़ुफ़िया एजेंसी को किसी ख़तरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पाकिस्तान इस क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है और वे नहीं चाहते कि हम आगे बढ़ें."
अहमद ने कहा कि भारतीय मीडिया पाकिस्तान को बदनाम कर रहा है लेकिन उसके मंसूबों को नाक़ाम कर दिया जाएगा.
उन्होंने जोर देकर कहा, "यहां हर क़ीमत पर शांति कायम रहेगी."
इंग्लैंड टीम के आगामी दौरे के बारे में अहमद ने कहा कि वे अपना फ़ैसला खुद करेंगे.
उन्होंने आश्वासन दे हुए कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से सभी तरह की तैयारी है.हमारे देश में, क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है.
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में पाकिस्तान के साथ मैच खेलना था लेकिन पहला मैच शुरू होने से कुछ मिनट पहले सुरक्षा चिंताओं को हवाला देते हुए टीम ने अपना दौरा रद्द कर दिया.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान बोर्ड को सूचित किया कि उन्हें "कुछ सुरक्षा अलर्ट" मिले हैं और इसलिए उन्होंने श्रृंखला को रद्द करने का फैसला किया है.
न्यूज़ीलैंड की टीम अब वहां से लौटने की तैयारी कर रही है. टीम की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान बेहतरीन मेज़बान है, लेकिन टीम की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है.
न्यूज़ीलैंड की टीम 18 साल के बाद पाकिस्तान की धरती पर क्रिकेट खेलने आई है. दोनों टीमों के बीच रावलपिंडी में तीन एक दिवसीय मुक़ाबला खेला जाना था. इसके बाद लाहौर में पांच टी20 मैचों की सिरीज़ खेलने का कार्यक्रम भी था.
बांग्लादेश में आलू किसान परेशान, निर्यात के लिए बाज़ार नहीं
बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, मौजूदा समय में बांग्लादेश अपने निर्यात योग्य आलू का मुश्किल से तीन फ़ीसद निर्यात करता है. सात साल पहले गुणवत्ता से समझौते के कारण बांग्लादेश अपना बाज़ार खोता जा रहा है.
अनुमान के मुताबिक़, बांग्लादेश के पास पिछले वित्तीय वर्ष में 20 लाख टन से अधिक आलू निर्यात योग्य आलू था. लेकिन देश अपनी क्षमता का तीन प्रतिशत से भी कम निर्यात कर सका.
बांग्लादेश ने साल 2020-21 में मात्र 55,000 टन आलू का निर्यात किया, जिसके बदले उसने 5.1 करोड़ डॉलर कमाए.
इसके परिणामस्वरूप कोल्ड स्टोरेज में कैरीओवर(बच गया) आलू का स्टॉक उत्पादकों के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. इससे निश्चित तौर पर इस फसल को लेकर उनका उत्साह भी कम हो रहा है.
देश के प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्र मुंशीगंज में किसानों और कोल्ड स्टोरेज के मालिकों का कहना है कि पिछला स्टॉक पूरा नहीं बिकने के कारण आलू की कीमतें कम रहीं. उन्हें डर है कि इस स्थिति के कारण अगले साल आलू का उत्पादन घट सकता है.
ढाका ट्रिब्यून की ख़बर के अनुसार, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने सरकार से आलू के निर्यात के लिए नए बाज़ारों को खोजने और ग़रीबों के लिए सरकार के सब्सिडी वाले खाद्य सहायता कार्यक्रमों में आलू को जोड़ने के लिए आग्रह किया है.
कृषि मंत्री डॉ मुहम्मद अब्दुर रज्ज़ाक़ ने भी स्वीकार किया था कि किसान और कोल्ड स्टोरेज के मालिक आलू की कम बिक्री से परेशान हैं.
उन्होंने आलू की नयी फसल के साथ-साथ आलू से बने उत्पादों के निर्यात की आवश्यकता पर ज़ोर देने की बात की थी. इसके सात ही उन्होंने आलू उत्पादन में अच्छी कृषि पद्धतियों (जीएपी) को लागू करने में निजी क्षेत्र के सहयोग की भी बात की थी ताकि निर्यात क्षमता का पूर्ण लाभ लिया जा सके.
पिछले वित्तीय वर्ष में एक करोड़ टन से अधिक उपज के साथ बांग्लादेश आलू उत्पादन में दुनिया में सातवें स्थान पर है. आलू की स्थानीय मांग अधिक से अधिक 80 लाख टन ही है.
वित्त वर्ष 2013-14 में देश का वार्षिक आलू निर्यात 100,000 टन की सीमा को पार कर गया था. यह वह समय था जब रूस ने बांग्लादेशी आलू के लिए अपने बाज़ार खोले थे.
लेकिन निर्यातकों की ओर से बेईमानी के कारण अगले ही साल बांग्लादेश ने रूस का बाज़ार खो दिया.
दरअसल, बांग्लादेश से निर्यात किये जा रहे आलू की खेप की गुणवत्ता कम पाई गई और कहा गया कि वह तब तक फिर से आलू का आयात नहीं करेगा जब तक कि बांग्लादेश अपनी फाइटोसैनिटरी प्रणाली को अपग्रेड नहीं करता.
जब से बांग्लादेश ने रूस में अपना बाजार खोया है उसका आलू निर्यात घटकर आधा रह गया है.
पाकिस्तान को ब्रिटेन ने दी राहत
22 सितंबर से ब्रिटेन की रेड-लिस्ट से पाकिस्तान का नाम हट जाएगा. परिवहन राज्य सचिव ग्रांट शाप्स ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की.
ब्रिटिश अधिकारी के अनुसार, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान, बांग्लादेश, कीनिया, तुर्की, मिस्र और मालदीव उन आठ देशों में शामिल हैं, जिन्हें रेड लिस्ट से हटाया जाना तय किया गया है.
अगस्त महीने में ब्रिटेन ने पाकिस्तान को रेड लिस्ट से नहीं हटाया था क्योंकि पाकिस्तान जिनोमिक सर्विलांस, ट्रंसमिशन रिस्क और दूसरे आवश्यक मानकों को पूरा नहीं कर सका था.
यात्रा प्रतिबंधों पर और जानकारी देते हुए ब्रिटिश अधिकारी ने कहा कि सरकार चार अक्टूबर से यात्रा के लिए कोरोना वायरस टेस्ट के नियमों को आसान कर रही है.
उन्होंने कहा, "यदि आपने टीके की पूरी डोज़ ले ली है और आप ऐसे देश हैं जो रेड लिस्ट में नहीं है तो आपको ब्रिटेन आने से पहले प्री-डिपार्चर टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं होगी."
उन्होंने कहा, "हम सोमवार चार अक्टूबर से अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए एक नई और आसान प्रणाली भी शुरू करेंगे."
अप्रैल महीने में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों के कारण ब्रिटिश सरकार ने पाकिस्तान को रेड-लिस्ट में डालने की घोषणा की थी.
डेटा शेयरिंग पर ब्रिटेन, पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा: टर्नर
पाकिस्तान में ब्रिटिश उच्चायुक्त क्रिश्चियन टर्नर ने कहा कि उन्हें पता है कि पिछले पांच महीने कई लोगों के लिए कितने कठिन थे.
उन्होंने बीते पांच महीने सहयोग बनाये रखने के लिए पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री समेत अन्य नेताओं को धन्यवाद कहा.
टर्नर ने कहा कि ब्रिटेन और पाकिस्तान डेटा शेयरिंग और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा- "तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है जब तक कि सभी सुरक्षित न हों."
SCO की बैठक में अफ़ग़ानिस्तान पर पीएम मोदी और इमरान ख़ान की ये टिप्पणी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण और स्थिर अफ़ग़ानिस्तान चाहता है. उन्होंने अंतराष्ट्रीय समुदाय से युद्ध की मार झेल चुके देश में एक और मानवीय संकट को टालने में सहयोग का आग्रह किया.
दुशांबे में 20वें शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि यह अफ़ग़ानिस्तान के साथ खड़े होने का समय है.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ान सरकार मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है, इसलिए देश को तत्काल तौर पर मानवीय सहायता देना अनिवार्य था.
उन्होंने कहा, "तालिबान को अपने किए गए वादों को पूरा करना चाहिए."
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान को अपना समर्थन देना जारी रखेगा. साथ ही अफ़ग़ानिस्तान को "बाहर से नियंत्रित" नहीं किया जा सकता है.
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि दशकों से चले आ रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ "सकारात्मक जुड़ाव" "बेहद महत्वपूर्ण" था. उन्होंने कहा कि यह एक मुश्किल से मिला अवसर है, जिसे गँवाना नहीं चाहिए और इस महत्वपूर्ण मोड़ पर नकारात्मकता फैलाना "मूर्खतापूर्ण" होगा.
अपने संबोधन के दौरान, पीएम इमरान ने कहा कि वैश्विक राजनीति शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सहयोग से प्रेरित होनी चाहिए.
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को ईमानदारी से लागू करना एक आवश्यक शर्त है.
तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान नियंत्रण पर इमरान ख़ान ने कहा कि वैश्विक समुदाय को इस बात से राहत महसूस करनी चाहिए कि अधिग्रहण "रक्तहीन" था.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान नियंत्रण के परिणामस्वरूप कोई खूनख़राबा, गृहयुद्ध या शरणार्थियों का सामूहिक पलायन नहीं हुआ. ऐसे में यह स्वीकार करने का समय आ गया है कि अफ़ग़ानिस्तान एक "नई वास्तविकता" स्थापित हो गई है.
एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले सदस्य देशों को संबोधित करते हुए पीएम इमरान ख़ान ने कहा, "अब यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है कि अफ़ग़ानिस्तान में कोई नया संघर्ष न हो और स्थिरता हो."
उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवीय संकट को रोकने के लिए अफ़ग़ानिस्तान का समर्थन करने की आवश्यकता है.
प्रधान मंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि पिछली अफ़ग़ान सरकार विदेशी सहायता पर निर्भर थी और सहायता रोक दिये जाने से आर्थिक मंदी आ सकती है.