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विवाद: फ्रांस ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुलाया

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ली द्रियान ने शुक्रवार अपने लिखित बयान में कहा, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अपील पर फ्रांस का फैसला ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के द्वारा की गई घोषणाओं की असाधारण गंभीरता के बीच उचित है. उन्होंने कहा, बुधवार को अमेरिका के साथ ऑस्ट्रेलिया के पनडुब्बी सौदे की घोषणा सहयोगियों और भागीदारों के बीच अस्वीकार्य व्यवहार है.

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (फाइल फोटो)
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए नए समझौते से भड़का फ्रांस
  • ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ तोड़ी सबमरीन डील

अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए नए सैन्य समझौते के बाद फ्रांस ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया. फ्रांस ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को बुलाने का फैसला किया है. दरअसल, नए समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया में एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने का भी प्रस्ताव है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ हुए डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन्स अनुबंध से अलग होने का फैसला किया है. 

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ली द्रियान ने शुक्रवार अपने लिखित बयान में कहा, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अपील पर फ्रांस का फैसला ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के द्वारा की गई घोषणाओं की असाधारण गंभीरता के बीच उचित है. उन्होंने कहा, बुधवार को अमेरिका के साथ ऑस्ट्रेलिया के पनडुब्बी सौदे की घोषणा सहयोगियों और भागीदारों के बीच अस्वीकार्य व्यवहार है. 

2016 में हुई फ्रांस और ऑस्टेलिया की डील

2016 में फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया के इस कॉन्ट्रैक्ट को अपने नाम किया था और तब से ऑस्ट्रेलिया इस पर 1.8 अरब डॉलर खर्च कर चुका है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका के साथ समझौते के बाद इस डील से बाहर निकलने का फैसला किया है. 

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'यह पीठ में छुरा भोंकने की तरह'

इससे पहले फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ली द्रियान और रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने संयुक्त बयान में कहा है, 'अमेरिकी विकल्प ने यूरोप के एक सहयोगी को बाहर कर दिया है. ऐसा तब हुआ है जब फ्रांस ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी आकार ले रही थी और हम इंडो-पैसिफिक में तमाम तरह की चुनौतियों से जूझ रहे हैं.  फ्रांस के विदेश मंत्री ने फ्रेंच रेडियो से गुरुवार सुबह कहा कि यह पीठ में छुरा भोंकने की तरह है. उन्होंने कहा कि फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया के साथ भरोसा का संबंध कायम किया था लेकिन उसे धोखा दिया गया है.
 
ऑस्ट्रेलिया ने क्या कहा?

ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन के मुताबिक, उन्होंने मैक्रों से कहा था कि ऑस्ट्रेलिया को इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक सुरक्षा के हिसाब से सौदा चाहिए. मॉरिसन ने कहा, 'जाहिर है कि फ्रांस इससे निराश होगा. वे हमारे अच्छे पार्टनर हैं. लेकिन हमने अपने रणनीतिक हित, रणनीतिक जरूरतों और बदले सामरिक हालातों के चलते यह फैसला लिया है.'

 

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