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राजस्थान: जयपुर पुलिस ने किया नकलची गैंग का पर्दाफाश, एसआई भर्ती में नकल के लिए 20 लाख में हुआ था सौदा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 18 Sep 2021 03:50 AM IST
सार
पकड़े गए दो दलालों में से एक प्रोफेसर है और दूसरा सरकारी अध्यापक है। राजस्थान पुलिस की एसआई भर्ती परीक्षा के लिए 18 से 20 लाख रुपए में सौदा हुआ था।
पुलिस के शिकंजे में नकलची गैंग...
- फोटो : twitter/Jaipur Police
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विस्तार
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राजस्थान की जयपुर पुलिस ने एक नकलची गैंग का पर्दाफाश किया है जो पैसे लेकर परीक्षा में नकल कराता था। पुलिस ने बताया कि इन्होंने राजस्थान पुलिस की एसआई भर्ती परीक्षा में नकल कराने के लिए बड़ी रकम ली थी।
पुलिस ने गैंग में शामिल तीन फर्जी परीक्षार्थी, चार दलाल व एक असली अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने परीक्षार्थियों के आधार कार्ड, फोटो और अन्य जरूरी फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए थे जो इनके पास से बरामद कर लिए गए हैं। ये गिरोह डमी कैंडिडेट बैठाकर नकल करा रहा था।
पुलिस ने इनको पकड़ा
डीसीपी परिस देशमुख ने बताया कि नेतराम मीणा (32) पुत्र लक्ष्मण मीणा निवासी भोजापुर सपोटरा करौली, भंवरलाल (38) पुत्र विजय सिंह निवासी धोरीमना बाड़मेर,केदार मीणा (40) पुत्र रंगलाल निवासी राजगढ़ अलवर, पुष्पेंद्र मीणा (26) पुत्र हुकमचंद निवासी नादौती करौली, महादेव (26) पुत्र मोहनलाल निवासी जम्बेश्वर कॉलोनी धोरीमना बाड़मेर, हनुमानराम बिश्नोई पुत्र मूलाराम निवासी सेड़वा बाड़मेर और चनणाराम पुत्र खेताराम निवासी खरड़ धोरीमना बाड़मेर, भभूता राम उर्फ रणजीत (28) पुत्र विरूधाराम निवासी सेड़वा बाड़मेर को गिरफ्तार किया है।
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ऐसे होता था पूरा काम
इस नकलची गिरोह सरगना नेतराम मीणा है। वह सवाई माधोपुर में स्कूल प्रोफेसर है और उसका सहयोगी भंवरलाल भी बाड़मेर में सरकारी अध्यापक है। जब एसआई की भर्ती निकली तो दोनों ने परीक्षा में नकल कराने की योजना बनाई। इसके बाद छात्रों से संपर्क किया गया।
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वहीं इन्होंने गिरोह में शामिल अन्य लोगों के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए, साथ ही परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों से आधार कार्ड और फोटो पहले ही ले लिए गए। ताकि इनको काट-छांट कर डमी कैंडिडेट का फर्जी एडमिट कार्ड बन जा सके।
बाद में पेपर होने के बाद डमी कैंडिडेट पेपर बुक व ओएमआर शीट दलाल के जरिए नेतराम को देता था। इसके बाद उन्हें नेतराम मूल परीक्षार्थी को दे देता था। आंसर की आने पर मूल परीक्षार्थी पेपर का मिलान कर पूरे रुपए देता था। इस तरह से ये पूरा खेल चलता था। वहीं पूरा गिरोह पुलिस की हिरासत में है और पूछताछ की जा रही है।
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