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सिर्फ माला पहनाने से ही शादी नहीं होती, सात फेरे लेना भी जरुरी: कोर्ट

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आर्य समाज मंदिर में शादी के बाद सुरक्षा मांगने की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा- अग्नि के 7 फेरे लेने और विधि-विधान पूरा करने के बाद ही एक विवाह वैध माना जाता है.

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सिर्फ माला पहनाने से ही शादी नहीं होती- कोर्ट ( सांकेतिक फोटो)
सिर्फ माला पहनाने से ही शादी नहीं होती- कोर्ट ( सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिर्फ माला पहनाने से ही शादी नहीं होती- कोर्ट
  • सुरक्षा मांगने को थी याचिका, हुई खारिज

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आर्य समाज मंदिर में शादी के बाद सुरक्षा मांगने की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा- अग्नि के 7 फेरे लेने और विधि-विधान पूरा करने के बाद ही एक विवाह वैध माना जाता है, पर देखने में आ रहा है कि आर्य समाज मंदिर में शादी के बाद जोड़े कोर्ट में सुरक्षा के लिए याचिका दायर कर रहे हैं. ऐसी याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि सिर्फ मंदिर में एक दूसरे को माला पहनाना शादी नहीं है.

कोर्ट ने मुरैना निवासी नवविवाहित प्रेमी जोड़े की ओर से दायर याचिका पर उक्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि याचिका में भी ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे पता लगे कि उन्हें कहीं धमकी मिली है या वह पुलिस के पास गए हों, इसलिए इसे खारिज किया जाता है.

16 अगस्त को प्रेमी जोड़े ने की थी शादी

मुरैना निवासी एक 23 साल के युवक ने 21 साल की युवती के साथ 16 अगस्त 2021 को ग्वालियर के लोहा मंडी किलागेट स्थित आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह किया था. आर्य समाज से विवाह का प्रमाण पत्र भी दिया. इसके बाद दोनों ने हाई कोर्ट में अपनी सुरक्षा को लेकर एक याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि दोनों ने प्रेम विवाह किया है. उनके परिजन और अन्य लोग झूठी शिकायतें कर रहे हैं, उन शिकायतों पर कोई कार्रवाई न की जाए. वैवाहिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए उनको सुरक्षा प्रदान की जाए. उनकी जान को लोगों से खतरा है.

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कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज की याचिका

शासकीय अधिवक्ता दीपक खोत ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं की ओर से किसी भी थाने में सुरक्षा के लिए आवेदन नहीं दिया है. उन्हें किससे खतरा है, किसने धमकी दी है, कौन परेशान कर रहा है? यह भी नहीं बताया है. सीधे कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है, इसलिए यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं लगती. पूरी सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

गौरतलब है कि कई कपल आर्य समाज मंदिर में शादी के बाद हाई कोर्ट से सुरक्षा मांगते हैं. कोर्ट का कहना है कि यदि जान का खतरा है तो पहले पुलिस के पास जाएं. वहां मदद न मिले तो कोर्ट में आएं.

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