देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को शुरू हुए आठ महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. करोड़ों लोगों को टीका लगाया जा चुका है, लेकिन अब भी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी का इंतजार है. इसके लिए भारत बायोटेक कई महीने पहले ही अप्लाई कर चुका है और जरूरी डॉक्युमेंट्स भी जमा कर दिए हैं. अब माना जा रहा है कि अगले महीने कोवैक्सीन को यह खुशखबरी मिल सकती है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
दरअसल, अक्टूबर में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के सिलसिले में स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स (SAGE) की बैठक होने वाली है. यह मीटिंग पांच अक्टूबर को तय की गई है. इस बैठक में माना जा रहा है कि कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से हरी झंडी दी जा सकती है.
बैठक की शुरुआत दोपहर सवा एक बजे होगी. इसी बैठक में तय हो सकता है कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की हरी झंडी मिलती है या नहीं. बैठक में कोवैक्सीन के क्लीनिकल डेटा 1,2,3 पर और सेफ्टी, एफिकेसी और इफेक्टिवनेस को लेकर चर्चा होगी.
WHO के पास भारत बायोटेक भेज चुका है डेटा
भारत बायोटेक ने शुक्रवार को कहा कि उसने अपनी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन से संबंधित सभी डेटा विश्व स्वास्थ्य संगठन को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) को सौंप दिया है और उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है. डब्ल्यूएचओ वर्तमान में वैक्सीन निर्माता द्वारा प्रस्तुत किए आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है.
भारत बायोटेक ने ट्वीट कर कहा, ''कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा जून महीने में ही पूरी तरह से कंपाइल और उपलब्ध करवाया गया था. सभी डेटा को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के आवेदन के लिए जुलाई की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ को भेज दिया गया था. हमने संगठन द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण का भी जवाब दिया है और आगे की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं.''
कंपनी ने आगे कहा कि एक जिम्मेदार निर्माता के रूप में अप्रूवल प्रक्रिया और इसकी समयसीमा पर अटकलें या टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. कंपनी ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि हम डब्ल्यूएचओ की मंजूरी जल्द से जल्द पाने के लिए पूरी लगन से काम कर रहे हैं.