शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान और तालिबान को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर हालात नहीं सुधरते हैं तो भविष्य में इसका गंभीर असर पड़ोसी देशों में पड़ेगा जिसमें भारत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान इसी तरह अस्थिर रहता है और कट्टरवाद हावी रहता है तो आतंकवाद को प्रोत्साहन मिलेगा। इस जमीन का इस्तेमाल न केवल आतंकी गतिविधियों बल्कि मानव तस्करी, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए भी किया जा सकता है।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित किया। इससे पहले के सत्र में भी पीएम मोदी ने कट्टरपंथ को लेकर चिंता जताई थी। उस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद थे।

दूसरे सत्र में नई दिल्ली से ही संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘अफ़ग़ानिस्तान में हाल के घटनाक्रम का सबसे अधिक प्रभाव हम जैसे पड़ोसी देशों पर होगा। और इसलिए, इस मुद्दे पर क्षेत्रीय फोकस और सहयोग आवश्यक है।’

उन्होंने कहा, ‘अगर अफ़ग़ानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरवाद बना रहेगा, तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और extremist विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा। अन्य उग्रवादी समूहों को हिंसा के माध्यम से सत्ता पाने का प्रोत्साहन भी मिल सकता है। इस संदर्भ में हमें चार विषयों पर ध्यान देना होगा। पहला मुद्दा यह है कि अफगानिस्तान में सत्ता-परिवर्तन इन्क्लूजिव नहीं है, और बिना बातचीत के हुआ है।’

अफगानिस्तान के लोगों के प्रति जताई चिंता
पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के लोग की दशा पर बात करते हुए कहा कि देश में आर्थिक विवशता बढ़ रही है। वहां अब ड्रग्स, अवैध हथियारों और मानव तस्करी का प्रवाह बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत आज भी अफगान लोगों की मदद करना चाहता है लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि मानवीय सहायता निर्बाध तरीके से पहुंचाई जा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विकास और मानवीय सहायता के लिए भारत बहुत वर्षों से अफ़ग़ानिस्तान का विश्वस्त सहयोगी रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर से ले कर शिक्षा, सेहत और कपैसिटी बिल्डिंग तक हर सेक्टर में, और अफ़ग़ानिस्तान के हर भाग में, हमने अपना योगदान दिया है।’