साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव के परिवार में खुलकर मतभेद सामने आए थे। अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव आमने-सामने हो गए थे। शिवपाल ने अपनी अलग 'प्रगतिशील समाजवादी पार्टी' का गठन किया था। परिवार के इस झगड़े से राजनीति और लाइमलाइट से दूर रहने वाले मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई अभय राम यादव भी काफी निराश हो गए थे। अखिलेश यादव को बताया था जिम्मेदार: अभय राम यादव ने परिवार के झगड़े के लिए दो लोगों को जिम्मेदार भी ठहराया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'शिवपाल यादव अक्सर गांव आते रहते हैं। हम तो चाहते ही नहीं थे कि घर में झगड़ा रहे। लेकिन अखिलेश और रामगोपाल यादव ही घर में झगड़ा करवाते रहते हैं। कई जगह तो गोली भी चल जाती है और आदमी मारा जाता है तो वहां भी सुलह हो जाती है। लेकिन यहां कुछ भी होने को तैयार ही नहीं है।' शिवपाल सिंह यादव के पार्टी से अलग मोर्चा बनाने के बारे में पूछा गया तो अभय राम यादव ने कहा, 'इसमें शिवपाल की थोड़े कोई गलती है। जब ये लोग शिवपाल को पूछने को ही तैयार नहीं हैं तो उसे अपना अलग मोर्चा बनाना पड़ा। शिवपाल भी अभी गांव आया था तो मैं उनसे मिलने के लिए जाता हूं। 'नेताजी' भी पहले यहां घर में आया करते थे और गाय-भैंस देखा करते थे, लेकिन अब उनमें थोड़ी कमजोरी आ गई है तो कम आते हैं। लेकिन अखिलेश यहां कभी नहीं आए।' पिता से पूछकर फैसले लेते थे अखिलेश यादव: अखिलेश यादव से टीवी शो 'आप की अदालत' में परिवार के झगड़े को लेकर सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा था, 'परिवार में झगड़ा मेरे कारण बिल्कुल नहीं हुआ है। कुछ बिचौलिये लोग इस झगड़े के लिए जिम्मेदार हैं। परिवार या चाचा शिवपाल सिंह से मेरी कोई लड़ाई नहीं है, लेकिन कुछ चीजों पर नाराजगी जरूर हो सकती है। मैं पार्टी और सरकार के ज्यादातर फैसले पिता से पूछकर ही लेता था।' अब एक बार फिर परिवार की कलह खत्म होने के संकेत मिल रहे हैं। एक तरफ, अखिलेश यादव ने कहा कि चाचा शिवपाल के लिए सीट छोड़ दी जाएगी। दूसरी तरफ, शिवपाल से जब अखिलेश को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि वह बड़े हैं और साथ ही सुलह करने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन कोई बात तो करे। फिलहाल अभी दोनों पार्टियों के गठबंधन की कोई ठोस शुरुआत नहीं हुई है।