राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नई रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल चार प्रमुख महानगरों में से दिल्ली में सबसे कम साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए हैं। दिल्ली में सिर्फ 166 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं।

हालांकि रिपोर्ट के अनुसार 2019 की तुलना में दिल्ली में पिछले साल साइबर अपराध के मामले बढ़े हैं। 2019 में जहां 107 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस साल 59 मामले ज्यादा दर्ज किए गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार चार प्रमुख महानगरों से मुंबई में 2 हजार 433 मामले दर्ज किए गए हैं। चेन्नई में 186 और कोलकाता में 172 साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार के अधीन एनसीआरबी ने 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 शहरों – अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत को महानगरों के रूप में बताया गया है।

इनमें से, बेंगलुरु में साइबर अपराध के सर्वाधिक 8,892 मामले पिछले साल दर्ज किए गए, जबकि कोयंबटूर में महज चार ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों में सामने आया कि पिछले साल दिल्ली में दर्ज कुल 166 मामलों में से 12 मामले महिलाओं और बच्चों के साइबर स्टॉकिंग से संबंधित थे। जबकि मुंबई में साइबर स्टॉकिंग और डराने-धमकाने के 105 मामले दर्ज किए गए है। चेन्नई में ऐसे दो मामले दर्ज किए गए हैं और कोलकाता में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। इसके अलावा दिल्ली में ओटीपी फर्जीवाड़ा के दो मामले, धोखाधड़ी के छह मामले और नौ अन्य मामले दर्ज किए गए हैं।

बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार 2019 के मुकाबले 2020 में देश में अपराध का ग्राफ नीचे आया है। 2020 में जब देश पूरी तरह से लॉकडाउन के दौरान बंद था, तब देश में अपराध कम हुआ था। रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के साथ-साथ चोरी, सेंधमारी और डकैती के तहत दर्ज मामलों में गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में क्राइम रेट में गिरावट दर्ज की गई है। जहां बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं, वहीं यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में गिरावट दर्ज की गई है।