गुजरात में जारी सियासी उठापटक के बीच वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने ‘गुजरात मॉडल’ का जिक्र करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है। बाजपेयी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि गुजरात मॉडल वहीं फेल हो गया। उन्होंने टिप्पणी की, ‘गुजरात मॉडल गुजरात में फेल, मनाइये देश का हाल गुजरात सरीखा ना हो… गुजरात बीजेपी में भारी टकराव, सभी मंत्री हटाएं जाएंगे।’

पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कहा- ‘7 साल पहले गुजरात के गांधीनगर से गुजरात मॉडल दिल्ली आया था। दिल्ली ने ये सपना पूरे देश को दिखलाया था कि गुजरात की चकाचौंध जिस तरह से गुजरात मॉडल के जरिए की गई, आने वाले वक्त में पूरा भारत भी उसी चकाचौंध में होगा। लेकिन ये किसे पता था कि गुजरात मॉडल, गुजरात में ही ढह जाएगा।’

कांग्रेस सांसद डॉ. उदित राज ने भी ‘गुजरात मॉडल’ पर कमेंट करते हुए कहा- ‘गुजरात मॉडल एक धोखा था और वे विकास के कारण नहीं बल्कि मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को भड़काने की वजह से सत्ता में थे।’

उधर, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस सेवादल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी एक टिप्पणी आई और गुजरात मॉडल के बहाने पीएम मोदी पर निशाना साधा गया। कांग्रेस सेवादल ने ट्वीट किया ‘गुजरात मॉडल गुजरात के असल हालत बयां करता है। बिलकुल वैसे ही जैसे मोदी जी को ‘हरिश्चंद्र अवॉर्ड’ दिया गया।’

बता दें, गुजरात के सीएम रहे विजय रुपाणी ने पिछले दिनों गुजरात के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भूपेंद्र पटेल सीएम बने थे। पटेल के नेतृत्व वाली सरकार का शपथ ग्रहण बुधवार को होने वाला था। लेकिन उसे गुरुवार के लिए स्थगित कर दिया गया। दरअसल, अब कैबिनेट विस्तार से पहले पार्टी में अंदरूनी कलह की बातें सामने आ रही हैं।

गुजरात में जारी सियासी रस्साकसी पर सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स भी टिप्पणी कर रहे हैं।गोविंद सिंह चुफाल ने लिखा- ‘गुजरात मॉडल ने बड़े-बड़े रागदरबारी पत्रकारों को ज़िंदगी में मेहनत करना सिखा दिया है, फिर फेल कैसे हो गया मॉडल?’ बेद नाम के यूजर ने लिखा- ‘बढ़िया विश्लेषण, अभी तक तो साहेब की कोई स्कीम सफल तो हुई नहीं। अब जबकि गुजरात मॉडल भी फेल है, तो फिर देश के लिए क्या उम्मीद की जाए?’

विवेकानंद मिश्रा ने लिखा- ‘तब मोदी जी को राजधानी दिल्ली से गुजरात में परिवर्तन करना चाहिए।’ संतोष नाम के यूजर ने लिखा- ‘राजस्थान में सबसे ज्यादा रेप केस दर्ज कराए गए हैं- NCRB’। महेंद्र जैन नाम के शख्स ने कहा- ‘लगता है कुछ लोगों की दुकानदारी मोदी विरोध पर ही टिकी है।’