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Afghan women narrate horror, trauma of Taliban rule in Afghanistan
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Taliban Rule : अफगान महिलाओं ने सुनाई तालिबान के जुल्मों की दास्तां, बताया कैसे हैं वहां के हालात
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Wed, 15 Sep 2021 11:07 PM IST
सार
अफगान महिलाओं ने बताया कि किस तरह तालिबान महिलाओं पर जुल्म कर रहा है। पहले और अब के हालात बिल्कुल ही अलग हैं। महिलाओं ने पाकिस्तान के साथ चीन और रूस को भी जिम्मेदार माना है।
तालिबान का डर (फाइल फोटो)
- फोटो : PTI
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विस्तार
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अफगानिस्तान में लोगों पर तालिबान के जुल्म का सिलसिला खत्म होता नहीं दिख रहा है। खासकर महिलाएं तालिबान के निशाने पर हैं और वो रोजाना नए फरमान जारी कर रहा है। महिलाओं को देश छोड़कर भागना पड़ रहा है। ऐसी ही एक महिला हैं हुमैरा रिजाई जिन्होंने तालिबान के जुल्म से तंग होकर हजारों और लोगों के साथ देश छोड़ दिया। वह नई दिल्ली पहुंची हैं।
हुमैरा ने कहा कि तालिबान महिलाओं को इंसान ही नहीं समझता। हुमैरा और अफगान सांसद शिनकाई कारोखैल के लिए वो दिन किसी दुस्वप्न से कम नहीं था जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमा लिया था। उसने काबुल सहित सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया।
हुमैरा कहती हैं, तालिबान ने महिलाओं को पीटा और मौत की सजा दी। उसने हमारे सभी अधिकार छीन लिए। अफगान महिलाएं 2000 के बाद से कड़ी मेहनत कर अपने पैरों पर खड़ी हुई थीं, लेकिन वो सब कुछ खो गया है। देश 100 साल पीछे चला गया है।
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इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प्स द्वारा महिला पत्रकारों के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में सांसद कारोखैल ने याद किया कि महिलाओं को तालिबान शासन में किन हालात में जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि वहां के हालात बेहद खराब हैं।
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उन्होंने कहा कि तालिबान महिला कार्यकर्ताओं और राजनीतिज्ञों के घर-घर गया जो किसी वजह से अफगानिस्तान नहीं छोड़ सके थे। ऐसी महिलाएं तालिबान से बचने के लिए लगातार जगह बदल रही थीं। तालिबान ने उनके सुरक्षाकर्मियों के हथियार ले लिए थे। उनकी कार भी जब्त कर ली गई थी।
वहीं, अफगान पत्रकार फातिमा फरामार्ज ने कहा कि वहां महिलाओं को जानवर समझा जाता है और तालिबान ही उनके भाग्य का फैसला करता है। एक हाल ही की घटना का जिक्र करते हुए फातिमा ने कहा कि एक विरोध-प्रदर्शन को कवर करने के उनके सहकर्मियों को तालिबान ने बुरी तरह से पीटा था।
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उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं का भविष्य बेहद अस्पष्ट और अंधकारमय है। सांसद कारोखैल ने कहा कि अब महिलाओं की स्थिति 20 साल पहले जैसी नहीं रही। उन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आर्थिक गतिविधियां बंद होने से उनकी हालत और खराब हुई है।
कारोखैल का कहना है कि तालिबान और उसके पाकिस्तान, चीन, रूस जैसे समर्थक देशों को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। क्योंकि इस स्थिति के लिए ये सभी जिम्मेदार हैं। अमेरिका को भी अफगानिस्तान में अपनी गलती को स्वीकार करना चाहिए।
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