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शिवराज सरकार का फैसला: मध्यप्रदेश में हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई, कांग्रेस ने तरेरी आंखें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Tue, 14 Sep 2021 10:42 PM IST
सार

मंगलवार को हिंदी दिवस के मौके पर यह बड़ी घोषणा की गई। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने यह जानकारी दी। कांग्रेस ने इस फैसले को विद्यार्थियों का भविष्य खराब करने वाला बताया है। 

 

Announcement: MBBS will be taught in Hindi in Madhya Pradesh, Shivraj governments decision, Congress did not like the decision
सांकेतिक चित्र - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्य प्रदेश में अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी होगी। मंगलवार को हिंदी दिवस के मौके पर शिवराज सरकार ने यह निर्णय लिया। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम, नर्सिंग और अन्य पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों को हिंदी माध्यम से कैसे शुरू किया जाए, यह तय करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा। चिकित्सा विषयों की हिंदी में पढ़ाई शुरू करने का चिकित्सा शिक्षा विभाग और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय का संयुक्त प्रयास होगा। 



हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई बंद की थी
बता दें, पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने हिंदी में इंजीनियरिंग और चिकित्सा शिक्षा शुरू करने की घोषणा की थी। विश्वविद्यालय ने तीन धाराओं में इंजीनियरिंग की शुरुआत भी की, लेकिन पहले वर्ष में केवल तीन छात्रों ने प्रवेश लिया। इसके बाद विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम बंद कर दिया। छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में इंजीनियरिंग जारी रखने के लिए निजी कॉलेजों में स्थानांतरित कर दिया गया। इसी तरह विश्वविद्यालय एमबीबीएस पाठ्यक्रम हिंदी में शुरू करने में विफल रहा क्योंकि भारतीय चिकित्सा परिषद से अनुमति नहीं मिली थी। विश्वविद्यालय के कुलपति रामदेव भारद्वाज ने कहा कि अब मप्र सरकार ने पाठ्यक्रम के लिए अनुमति लेने का फैसला किया है। चिकित्सा विषयों की शब्दावली एक जैसी होगी ताकि छात्रों को  दिक्कत न हो।


अब चिकित्सा छात्रों को विकलांग बनाने का प्रयास : कांग्रेस
राज्य सरकार के फैसले का मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हिंदी में इंजीनियरिंग सफल नहीं हुई, पैरा-मेडिकल सफल नहीं हुई और अब राज्य सरकार एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के साथ एक बार और प्रयास करना चाहती है। हिंदी एक अच्छी भाषा है और लोगों को इसे जानना चाहिए, लेकिन मेडिकल कॉलेजों में हिंदी की शुरुआत करके वे विद्यार्थियों को विकलांग बनाना चाहते हैं।
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मातृभाषा में ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा : भाजपा
उधर, भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि यह कदम न केवल एक भाषा को बढ़ावा देने के लिए है बल्कि हिंदी माध्यम के छात्रों को बढ़ावा देने के लिए है, जो भाषा की बाधाओं के कारण चीजों को सीखने में कठिनाइयों का सामना करते हैं। उन्हें अपनी मातृभाषा में ज्ञान प्राप्त करने के साथ अंग्रेजी सीखने और इसे समझने के लिए पांच साल का समय मिलेगा। यह अच्छा कदम है।

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