योगी आदित्यनाथ के फिर से यूपी सीएम बनने पर सूबा छोड़ने की बात कहने वाले शायर पर भाजपा शासित सरकारें खासी तल्ख हो रही हैं। एमपी की शिवराज सरकार ने मुनव्वर राणा के खिलाफ गुना में केस दर्ज किया है। रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को तालिबान के जैसा बताने पर ये एक्शन हुआ है।

मुनव्वर राणा ने हाल ही में विवादित बयान दिया था। उन्होंने एक चैनल से बातचीत में कहा था कि तालिबान उतने ही आतंकी हैं, जितना कि रामायण लिखने वाले वाल्मीकि थे। उनसे पूछा गया था कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं। मशहूर शायर ने इसके जवाब में कहा था कि अगर वाल्‍मीकि रामायण लिखते हैं तो वह देवता हो जाते हैं। उससे पहले वह डाकू थे। उनका कहना था कि किरदार बदलता रहता है।

हालांकि, इस मामले में योगी सरकार उनके खिलाफ पहले ही केस दर्ज कर चुकी है। उनके खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई है। सामाजिक सरोकार फाउंडेशन के उपाध्यक्ष पीएल भारती ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब राणा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, क्योंकि एमपी सरकार भी उनके खिलाफ तीखे तेवर दिखा रही है। गुना में दर्ज मामले में राणा को निशाने पर ले सरकार एक्शन की तैयारी में है।

एमपी बीजेपी की एससी सेल के सचिव सुनील मालवीय का आरोप है कि मुनव्वर राणा ने भगवान वाल्मीकि की तुलना तालिबानियों से कर के दलित समाज का अपमान किया है और हिंदू आस्था को चोट पहुंचाई है। उनका कहना है कि वाल्मीकि उनके लिए भगवान हैं। सारे समुदाय को शायर की टिप्पणी से गहरा आघात पहुंचा है। उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

यह कोई पहली बार नहीं है, जब मुनव्वर राणा पर विवादित बयान देने का आरोप लगा है। इससे पहले भी वह अपने बयानों के जरिए से विवाद खड़ा कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यूपी में तालिबान जैसा काम हो रहा है। योगी सरकार कुछ भी कर सकती है। धर्मांतरण जैसे मसलों से मुल्क बर्बाद होता है।

उनका कहना था कि महात्मा गांधी सीधे थे, नाथूराम गोडसे तालिबानी था। यूपी में भी तालिबान जैसा काम हो रहा है। उन्होंने कहा था कि योगी फिर से सीएम बनते हैं तो मैं समझ जाऊंगा कि यह राज्य मुसलमानों के लिए रहने लायक नहीं है। इसके बाद से बीजेपी उन पर लगातार हमलावर है।