पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर सोशल मीडिया पर अक्सर उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते दिखते हैं। अपनी ताजा पोस्ट में उन्होंने एक मीटिंग का जिक्र किया है और दावा किया है कि किस तरीके से इस मीटिंग में एक IAS अफसर ने सीएम को ऐसी सलाह दी थी जिस पर वह दंग रह गए थे। ट्विटर पर लिखे इस पोस्ट का कैप्शन है,  “महाराज जी, ऐसा न करें, इससे उन्हें फायदा हो जायेगा” योगी जी के IAS अफसर।’

अमिताभ ठाकुर ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मुझे योगी आदित्यनाथ की सिर्फ एक सरकारी मीटिंग में भाग लेने का अवसर मिला। इस मीटिंग में नागरिक सुरक्षा विभाग, जिनमें मैं तैनात था, उसके विस्तार पर चर्चा हो रही थी।’ पूर्व आईपीएस अमिताभ ने आगे लिखा, ‘मीटिंग में उन्हें ये बताया गया कि विभाग में आबादी के आधार पर डिवीजन बनाए जाते हैं। आज तक 1971 की आबादी के आधार पर ही डिवीजन बने हैं। मतलब 1971 के बाद इस पर दोबारा विचार नहीं हुआ। विभाग चाहता था कि मौजूदा आबादी के अनुसार नए सिरे से डिवीजन तय किए जाएं।’

वे आगे लिखते हैं, ‘इस पर योगी आदित्यनाथ कुछ बोलते उससे पहले उनके एक लाडले प्रमुख सचिव ने कहा- ‘महाराज जी, इसे न किया जाए क्योंकि एक खास समुदाय की ही आबादी अधिक बढ़ रही है। इसलिए इसका लाभ उन्हीं को ही मिलेगा। हैरानी इस बात की कि उनकी बात को तुरंत मान लिया गया।’

अमिताभ ठाकुर आगे लिखते हैं – ‘नेताओं के मुंह से तो ऐसी बातें सुनी थीं लेकिन एक आईएएस के मुंह से ऐसी बात सुन कर मैं सन्न रह गया था। यह अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली का घोर उल्लंघन था। मैंने इस बारे में मुख्यमंत्री जी को पत्र भी भेजा लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा मुझे मेरे विभागीय मंत्री द्वारा बुला कर बताया गया कि सीएम ऑफिस बहुत नाराज है औऱ मैं मामले को आगे न बढ़ाऊं।’

ACR में अंक घटाने का लगाया था आरोप: आपको बता दें कि अमिताभ ठाकुर ने अपनी एक और पोस्ट में सीएम योगी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तुलना की थी। ठाकुर ने लिखा था कि उन्होंने अखिलेश के पिता मुलायम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, इसके बावजूद एसीआर ( एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) में अखिलेश ने उन्हें 10 में से 9 अंक दिए थे। इसके विपरीत सीएम योगी ने से इसे घटाकर पांच या छह कर दिया था।