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दिल्ली में विधायकों की सैलरी में बंपर बढ़ोतरी, 54 की जगह 90 हजार करने का प्रस्ताव

दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने विधायकों की तनख्वाह में बंपर बढ़ोतरी का फैसला लिया है. नए फैसले के मुताबिक, अब दिल्ली के एक विधायक को प्रति माह 90 हज़ार रुपये मिलेंगे, जिसमें सैलरी (Salary) और भत्ता सभी शामिल होंगे.

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दिल्ली सरकार ने लिया है बड़ा फैसला (पीटीआई)
दिल्ली सरकार ने लिया है बड़ा फैसला (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का फैसला
  • अरविंद केजरीवाल कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया
  • आपने देरी की, दोषारोपण करते हैं यह ठीक नहींः बीजेपी

दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने विधायकों की तनख्वाह में बंपर बढ़ोतरी का फैसला लिया है. नए फैसले के मुताबिक, अब दिल्ली के एक विधायक को प्रति माह 90 हज़ार रुपये मिलेंगे, जिसमें सैलरी (Salary) और भत्ता सभी शामिल होंगे. दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है. 

दिल्ली कैबिनेट के मुताबिक, अब विधायक की प्रति माह सैलरी 30 हज़ार रुपये होगी, पहले ये 12 हज़ार रुपये तक थी. वहीं, वेतन-भत्ता मिलाकर ये सैलरी 90 हज़ार रुपये हो जाएगी, जो अभी तक सिर्फ 54 हज़ार रुपये थी. 

सूत्रों के मुताबिक, साल 2015 में दिल्ली सरकार ने विधायकों के वेतन बढ़ाने का कानून दिल्ली विधानसभा से पास करके केंद्र सरकार को भेजा था, जिसको केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया है. तब केंद्र सरकार ने विधायकों के वेतन और भत्ता के मामले में कुछ सुझाव भी दिए थे., अब इन्हीं के आधार पर दिल्ली कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है. 

दिल्ली में विधायकों की सैलरी में पिछले करीब 10 साल यानी 2011 से बढ़ोतरी नहीं हुई थी. दिल्ली कैबिनेट द्वारा पास किया गया नया प्रस्ताव अब केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. केंद्र की मंजूरी के बाद दिल्ली सरकार दोबारा दिल्ली विधानसभा में बिल लेकर आएगी.

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नए सैलरी स्ट्रक्चर के मुताबिक

1.    बेसिक वेतन- 30,000
2.    चुनाव क्षेत्र भत्ता- 25,000
3.    सचिवालय भत्ता- 15,000
4.    वाहन भत्ता- 10,000
5.    टेलीफोन- 10,000
कुल सैलरी- ₹90,000

विधायक आतिशी ने दी वेतन वृद्धि पर सफाई

दिल्ली में विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ोतरी पर आम आदमी पार्टी विधायक आतिशी ने महंगाई का हवाला भी दिया. आतिशी का कहना है कि आज 10 साल के बाद दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह बढ़ाई गई है. पिछली बार 2011 में दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह बढ़ी थी. और अब 10 साल बाद जब महंगाई इतनी बढ़ गई है तब यहां के विधायकों की तनख्वाह बढ़ाई गई है. आज भी विधायकों की तनख्वाह बढ़ाने के बाद पूरे देश में सबसे कम अगर किसी की तनख्वाह है तो वो दिल्ली के चुने हुए विधायकों की है.

विजेंद्र गुप्ता ने विरोध नहीं देरी के लिए कोसा
हालांकि विधायकों के वेतन-भत्ते में भारी बढ़ोतरी पर दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक विजेंद्र गुप्ता विरोध करते तो नजर नहीं आए बल्कि दिल्ली सरकार को देरी के लिए कोसा है. उन्होंने कहा, 'सैलरी बढ़ोतरी मामले में मैं आम आदमी पार्टी के बयान की निंदा करता हूं क्योंकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार को भेजे प्रस्ताव में जो सैलरी 2,10,000 रुपये होनी थी उसे अस्वीकार कर दिया गया है और 90,000 रुपये का सुझाव दिया है. जबकि वास्तविकता यह है कि सैलरी को 54,000 से बढ़ाकर 90,000 रुपये किया गया है जो कि अभी 70% से अधिक की बढ़ोतरी है.'

बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता का ये भी कहना है कि यह बात ठीक है कि 2011 से विधायकों की सैलरी में कोई वृद्धि नहीं हुई है जो प्रस्ताव साल 2015 में दिल्ली विधानसभा में पास किया गया था उसमें नियमों का उल्लंघन किया गया था इसलिए उस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली. फिर दिल्ली सरकार ने पिछले साल ही दोबारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा. दोबारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिले 6 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है इसलिए केंद्र ने फैसला लेने में कोई देरी नहीं की. 6 महीने से अधिक का समय लेने के बाद आप उसे कैबिनेट में लाते हैं और दोषारोपण करते हैं जो ठीक नहीं है.

फैसले पर दिल्ली सरकार ने किया ये दावा

इस फैसले पर दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली अभी भी उन राज्यों में से एक है, जो अपने विधायकों को सबसे कम वेतन और भत्ता देता है. कई भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा शासित राज्य अपने विधायकों को बहुत अधिक वेतन प्रदान करते हैं, जबकि दिल्ली में रहने का खर्च भारत के अधिकांश हिस्सों की तुलना में बहुत अधिक है. 

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इसके अलावा, कई राज्य अपने विधायकों को कई अन्य सुविधाएं और भत्ते प्रदान करते हैं, जो दिल्ली सरकार नहीं प्रदान करती है. जैसे- हाउस किराया भत्ता, कार्यालय किराया और कर्मचारियों के खर्च, कार्यालय उपकरणों को खरीदने के लिए भत्ता, उपयोग के लिए वाहन, चालक भत्ता आदि प्रदान नहीं करती है.

10 अलग-अलग राज्यों में विधायकों का वेतन भत्ता :

1.    उत्तराखंड - 1.98 लाख
2.    हिमाचल प्रदेश - 1.90 लाख
3.    हरियाणा- 1.55 लाख
4.    बिहार - 1.30 लाख
5.    राजस्थान- 1,42,500
6.    तेलंगाना- 2,50,000
7.    आंध्र प्रदेश- 1,25,000
8.    गुजरात- 1,05,000
9.    उत्तर प्रदेश- 95,000
10.   दिल्ली- 90,000 


 

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