नरपतदान चारण

आप आगे बढ़ने का प्रयत्न जितने दृढ़ संकल्प के साथ करेंगे सफलता उतनी ही आपके नजदीक आती जाएगी। एक सफल व्यक्ति और सामान्य व्यक्ति के बीच जो फर्क होता है वह शक्ति और ज्ञान का नहीं बल्कि संकल्प शक्ति का है। दरअसल मनुष्य में कमी केवल संकल्प शक्ति की होती है। जिस व्यक्ति ने अपनी संकल्प शक्ति को प्रबल बना लिया समझ लीजिए उसने दुनिया का हर काम संभव कर दिया। किसी ने सही ही कहा है कि अच्छे कामों के लिए ताकत की नहीं बल्कि संकल्प शक्ति की आवश्यकता होती है। आप अपनी गलत आदतों को बदल सकते हैं। जैसे कि गुस्सा करना, हर काम में देरी, नशा या बिल्कुल भी अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखना, वर्कआउट नहीं करना ,तो खुद से संकल्प लीजिए। कहने का अभिप्राय यह है कि आप कोई भी मुकाम पाना चाहते हैं तो संकल्प लीजिए और उसे दृढ़ कीजिए। फिर सतत अभ्यास का क्रम जारी रखें, एक न एक दिन आप अपने काम में सफल अवश्य होंगे।

हमारे भीतर की वह शक्ति जिसके द्वारा असंभव को संभव बनाने के समूचे प्रावधान प्रशस्त होते हैं, वह है संकल्प शक्ति। संकल्पों पर आधारित पुरुषार्थ के द्वारा ही नए भाग्य की रचना होती है और इसके सहारे हम बुरी आदतों से मुक्तिपा सकते हैं। भाग्य और चमत्कार पर आधारित लोग अगर संकल्प आधारित पुरुषार्थ से बचते रहते हैं, तो यह जान लेना चाहिए की वे अपने कर्म के फल को पाने में विफल ही रहेंगे। वहीं जो जीव भाग्य को अस्वीकार करते हुए भी अगर संकल्पों पर आधारित हों, संघर्ष पथ पर आरूढ़ हो जाते हैं, वे इस सृष्टि की उस शक्ति को हस्तगत कर जाते हंै, जो इंसान को श्रेष्ठ बनाती है। संकल्प शक्ति से व्यक्ति के जीवन और ऊर्जा का निर्माण होता है।

इसके बूते व्यक्ति अपने जीवन को बदलकर एक नया मुकाम पा लेता है। हमारे पुरातन शास्त्रों में भी लिखा गया है कि ब्रह्मा ने संकल्पों से सृष्टि की रचना की। इसी तरह हम भी संकल्पशक्ति से सृष्टि के नवनिर्माण में नियमित बन सकते हैं। हमारा संकल्प ही हमारी स्थिति क ा आधार है। यही हमारे जीवन की दिशा और दशा को तय करते हैं। इसके सहारे हम अपनी स्मृतियां जागृत करते हैं। संकल्पों की शक्ति से हम बहुत से कार्य इतनी तीव्र गति से करते हैं जिनके सामने विज्ञान के साधन भी बौने नजर आते हैं। जिसमें पूरी संकल्प शक्ति से काम करने की लगन हैं, उसके मार्ग में चाहे कितना भी प्रबल विरोध का प्रवाह आए वह उसकी गति को अवरुद्ध नहीं कर सकता अथवा पीछे नहीं हटा सकता।

आप आगे बढ़ने का प्रयत्न जितने दृढ़ संकल्प के साथ करेंगे सफलता उतनी ही आपके नजदीक आती जाएगी। एक सफल व्यक्ति और सामान्य व्यक्ति के बीच जो फर्क होता है वह शक्ति और ज्ञान का नहीं बल्कि संकल्प शक्ति का है। दरअसल मनुष्य में कमी केवल संकल्प शक्ति की होती है। जिस व्यक्ति ने अपनी संकल्प शक्ति को प्रबल बना लिया समझ लीजिए उसने दुनिया का हर काम संभव कर दिया। किसी ने सही ही कहा है कि अच्छे कामों के लिए ताकत की नहीं बल्कि संकल्प शक्ति की आवश्यकता होती है। संकल्पशक्ति हमारा मनोबल बढ़ाती है, हमारे अंदर विश्वास की ज्योति जलाती है। संकल्प शक्ति की एक बड़ी खासियत यह भी है कि इससे हम अपनी बुरी आदतों से निजात पा सकते है। इसे एक कहानी से आसानी से समझ सकते है। कहानी इस प्रकार है। एक व्यक्ति था। वह धूम्रपान का बहुत आदी था एक दिन उसने किसी किताब में पढ़ा कि संकल्प में बहुत शक्ति होती है।

इससे हम अपनी बुरी आदतों से मुक्ति पा सकते हैं। अब वह रोज इन वाक्यों पर विचार करने लगा। लेकिन तय नहीं कर पा रहा था कि आखिर इसकी शुरुआत कैसे की जाए। एक दिन शाम को सड़क पर टहलते हुए उसने सोचा कि आज से सड़क पर चलते हुए वह धूम्रपान नहीं करेगा। अब अक्सर वह कई बार लंबी दूरी पैदल तय करने लगा और संकल्प को दृढ़ कर लिया। अब एक कदम आगे बढ़ते वह अपनी दैनिक क्रिया के अलग-अलग अवसरों जैसे खाना खाने के बाद, दोस्तों के साथ या अकेले होने पर हमेशा धूम्रपान ने करने का संकल्प मन में दृढ़ करने लगा और अभ्यास को अनवरत रूप से जारी रखा। धीरे-धीरे उसे अपनी सफलता पर खुशी होने लगी। तब उसने मद्यपान छोड़ने का निश्चय किया।

इस राह में भी कई रुकावटें आई लेकिन वह मजबूती से डटा रहा। आखिरकार उसने इससे भी मुक्ति पा ली।अब वह व्यक्ति संकल्प शक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया। ठीक इसी तरह आप भी अपनी गलत आदतों को बदल सकते हैं। जैसे कि गुस्सा करना, हर काम में देरी, नशा या बिल्कुल भी अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखना, वर्कआउट नहीं करना ,तो खुद से संकल्प लीजिए। कहने का अभिप्राय यह है कि आप कोई भी मुकाम पाना चाहते हैं तो संकल्प लीजिए और उसे दृढ़ कीजिए। फिर सतत अभ्यास का क्रम जारी रखें, एक न एक दिन आप अपने काम में सफल अवश्य होंगे। ध्यान यह भी रखें कि मन और मस्तिष्क को संकल्प से मुक्त ना रखें।